- हरिवंश राय बच्चन जीवनी | harivansh rai bachchan Biography in Hindi | harivansh rai bachchan jivani in hindi | हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय, कविताएं
- हरिवंश राय बच्चन – Biography | अग्निपथ से मधुशाला तक जीवन परिचय
- हरिवंश राय बच्चन का शुरुआती जीवन
- हरिवंश राय बच्चन की शिक्षा (harivansh rai bachchan education)
- हरिवंश राय बच्चन का परिवारिक जीवन (harivansh rai bachchan family)
- लेखक और कवि के रूप में हरिवंश राय बच्चन (harivansh rai bachchan ki jivni)
- हरिवंश राय बच्चन की मशहूर ‘मधुशाला’(harivansh rai bachchan madhushala)
- भारतीय सिनेमा में हरिवंश राय बच्चन (harivansh rai bachchan films)
- हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कविताएं (harivansh rai bachchan famous poems)
- हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा (harivansh rai bachchan auto biography)
- हरिवंश राय बच्चन रचनाएं (harivansh rai bachchan books)
- हरिवंश राय बच्चन के पुरुस्कार (harivansh rai bachchan awards and honours)
- हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु (harivansh rai bachchan death)
मैं दिवानों का वेश लिए फिरता हूँ,
मैं मदकता निःशेष लिए फिरता हूँ,
जिसको सुनकर जग झूमे, झुके, लहराए,
मैं मस्ती का संदेश लिए फिरता हूँ.
21वीं सदी की शुरुआत से हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में बुलंद रहने वाली आवाज… जिसके अल्फाज सीधा दिल पर दस्तक देते हैं, तो वहीं उस कलम के दिवाने आज भी हिन्दुस्तान की हर गलियों में मिल जाते हैं। अग्निपथ से लेकर मधुशाला तक हर किसी को अपनी कलम का कायल करने वाली ऐसी ही एक शख्सियत हैं हिन्दी साहित्य के मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन। (harivansh rai bachchan biography in Hindi)
हरिवंश राय बच्चन जीवनी | harivansh rai bachchan Biography in Hindi | harivansh rai bachchan jivani in hindi | हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय, कविताएं
नाम | हरिवंश राय बच्चन |
जन्म तिथि | 27 नवम्बर 1907 |
जन्म स्थान | आगरा, उत्तर प्रदेश |
आयु | 95 |
माता | सरस्वती देवी श्रीवास्तव |
पिता | प्रताप नारायण श्रीवास्तव |
पत्नी | तेजी बच्चन |
संतान | अमिताभ बच्चन ; अजीताभ बच्चन |
व्यवसाय | कवि, लेखक |
मृत्यु | 18 जनवरी 2003 |
यहाँ पढ़ें : munshi premchand Biography in Hindi
यहाँ पढ़ें : Mukesh Ambani Biography in Hindi
हरिवंश राय बच्चन – Biography | अग्निपथ से मधुशाला तक जीवन परिचय
यहाँ पढ़ें : Dr. A.P.J. Abdul Kalam jivni in Hindi
यहाँ पढ़ें : surdas ka jivan parichay
हरिवंश राय बच्चन का शुरुआती जीवन
हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवम्बर को 1907 (harivansh rai bachchan date of birth) उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित बाबूपट्टी गांव (harivansh rai bachchan birth place) में हुआ था। उनके पिता प्रताप नारायण मिश्रा (harivansh rai bachchan father) और माता सरस्वती मिश्रा,हरिवंश राय बच्चन के जन्म के बाद इलाहाबाद में बस गए और हरिवंश राय बच्चन ने अपना बचपन संगमनगरी में ही बिताया।
उसके नयनों का जल खारा
है गंगा की निर्मल धारा
पावन कर देगी तन-मन को क्षण भर साथ हो
दुखी – मन से कुछ भी न कहो
बचपन में हरिवंश राय को सभी बच्चन कहकर पुकारते थे, जिसका अर्थ बच्चा होता है। वहीं अपनी पहली कविता लिखने के बाद हरिवंश राय ने अपना उपनाम श्रीवास्तव से बदलकर बच्चन रख लिया।
यहाँ पढ़ें : lata mangeshkar ki jivani in hindi
यहाँ पढ़ें : वेंकैया नायडू जीवनी
हरिवंश राय बच्चन की शिक्षा (harivansh rai bachchan education)

हरिवंश राय बच्चन ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा उर्दू और हिन्दी भाषा में पूरी की। जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विषय में मास्टर्स किया और फिर अंग्रेजी साहित्य के मशहूर कवि W.B.Yeats की कविताओं पर शोध कर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पी.एच.डी की डिग्री हासिल की।(harivansh rai bachchan can bridge university)
भारत लौटने के बाद हरिवंश राय बच्चन ने अंग्रेजी के अध्यापक के तौर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अपने करियर की शुरुआत की। वहीं कुछ समय तक उन्होंने इलाहाबाद स्थित ऑल इंडिया रेडियो में भी काम किया।
यहाँ पढ़ें : Rajnath Singh biography in hindi
यहाँ पढ़ें : ज्योतिरादित्य सिंधिया जीवनी
हरिवंश राय बच्चन का परिवारिक जीवन (harivansh rai bachchan family)

हरिवंश राय बच्चन साल 1926 में श्यामा बच्चन के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। हालांकि श्यामा बच्चन को टी.बी का रोग होने के कारण उन्होंने विवाह के 10 साल बाद 1936 में आखिरी सांस ली।(harivansh rai bachchan first wife)
जिसके बाद हरिवंश राय बच्चन ने 1941 में तेजी बच्चन के साथ सात फेरे लिए। तेजी बच्चन पंजाबी वर्ग से ताल्लुक रखतीं थीं। हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन की दो संतानें, अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन हैं।(harivansh rai bachchan wife)
यहाँ पढ़ें : biography in hindi of Great personalities
यहाँ पढ़ें : भारत के महान व्यक्तियों की जीवनी हिंदी में
लेखक और कवि के रूप में हरिवंश राय बच्चन (harivansh rai bachchan ki jivni)
प्रयाग नगरी में पल-बढ़े हरिवंश राय बच्चन को हिन्दी और अवधी भाषा में महारथ हासिल थी। वहीं बच्चन साहब फारसी और उर्दू भाषा के प्रख्यात कवि उमर ख्य्याम से खासा प्रभावित रहते थे।
शायद यही कारण था कि हरिवंश राय बच्चन ने अपनी कविताओं और रचनाओं को देवनागरी लिपि में पिरोया, जिसके चलते उनकी कविताओं ने बेहद कम समय में आम लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली।
यही नहीं आम भाषा में जिंदगी की दास्तां बयां करती हरिवंश राय बच्चन की कविताएं आज भी लोगों की जुबां पर कायम हैं।
यहाँ पढ़ें : कबीर दास जीवनी
यहाँ पढ़ें : योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय
हरिवंश राय बच्चन की मशहूर ‘मधुशाला’(harivansh rai bachchan madhushala)
वैसे तो हरिवंश राय बच्चन ने कई मशहूर कविताएं और रचनाओं को अपनी कलम से संवारा है, लेकिन बावजूद इसके उनकी रचना मधुशाला हिन्दी साहित्य की उन चुनिंदा पुस्तकों में से एक है, जिनकी रुबाइयों के बिना हिन्दी साहित्य का इतिहास अधूरा नजर आता है। (harivansh rai bachchan famous poem)
हाथों में आने से पहले, नाज दिखाएगा प्याला
अधरों पर आने से पहले, अदा दिखाएगी हाला
बहुतेरे इनकार करेगा, साकी आने से पहले
पथिक, न घबरा जाना, पहले मान करेगी मधुशाला।।
एक बरस में एक बार ही जलती होली की ज्वाला,
एक बार ही लगती बाजी जलती दीपों की माला,
दुनियावालों किन्तु किसी दिन आकर मदिरालय में देखो
दिन को होली रात दिवाली रोज मनाती मधुशाला।।
मुस्लमान और हिन्दू हैं दो, एक, मगर, उनका प्याला,
एक, मगर, उनका मदिरालय, एक, मगर, उनकी हाला,
दोनों रहते एक न जब तक मस्जिद मन्दिर में जाते,
बैर बढ़ाते मस्जिद मन्दिर मेल कराती मधुशाला
भारतीय सिनेमा में हरिवंश राय बच्चन (harivansh rai bachchan films)
हरिवंश राय बच्चन की कविताएं और रचनाएं हिन्दी साहित्य की शान होने के साथ-साथ हिन्दी सिनेमा की भी पहचान हैं। KBC के सेटसे लेकर अग्निपथ को सपरहिट होने तक, हरिवंश राय बच्चन की रचनाओं की झलक मौजूद है।
दरअसल 1990 में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म अग्निपथ हरिवंश राय बच्चन की रचना ‘अग्निपथ’ पर ही आधारित है। वहीं साल 2012 में बड़े पर्दे पर जमकर सूर्खियां बटोरने वाली रिमेक अग्निपथ भी इसी कड़ी का हिस्सा है। इस फिल्म में अभिनेता ऋतिक रोशन मुख्य किरदार निभाते नजर आए थे।(harivansh rai bachchan agnipath)
वहीं सोनी टीवी के मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर अमिताभ बच्चन अक्सर हरिवंश राय बच्चन की कविताओं के अल्फाज बोलकर दर्शकों को अपना दिवाना बना लेते हैं। (harivansh rai bachchan kbc)
मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं ।
दिल में है अरमान यही, कुछ कर जाएं… कुछ कर जाएं… । ।
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे..
अपनी हद रौशन करने से,तुम मुझको कब तक रोकोगे… । ।
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है…
बंजर माटी में पलकर मैंने…मृत्यु से जीवन खींचा है… ।
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ… शीशे से कब तक तोड़ोगे..
मिटने वाला मैं नाम नहीं…तुम मुझको कब तक रोकोगे…।।
हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कविताएं (harivansh rai bachchan famous poems)
कविता | साल |
तेरा हाल | 1932 |
मधुशाला | 1935 |
मधुबाला | 1936 |
मधुकलश | 1937 |
निशा नियत्रंण | 1938 |
एकांत संगीत | 1939 |
आकुल अंतर | 1943 |
सतरंगिनी | 1945 |
हलाहल | 1946 |
बंगाल का काव्य | 1946 |
खादी के फूल | 1948 |
सूत की माला | 1948 |
लन यामिनी | 1950 |
प्रणय पत्रिका | 1955 |
धार के इधर उधर | 1957 |
आरती और अंगारे | 1958 |
बुद्ध और नाचघर | 1958 |
त्रिभंगिमा | 1961 |
निर्माण आत्मपरिचय एक गीत अग्निपथ |
हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा (harivansh rai bachchan auto biography)
आत्मकथा | साल |
क्या भूलूँ क्या याद करूँ | 1969 |
नीड़ का निर्माण फिर | 1970 |
बसेरे से दूर | 1977 |
दशद्वार से सोपान तक | 1985 |
हरिवंश राय बच्चन रचनाएं (harivansh rai bachchan books)
रचना | साल |
बच्चन के साथ क्षण भर | 1934 |
खय्याम की मधुशाला | 1938 |
सोपान | 1953 |
मैकबेथ | 1957 |
जनगीता | 1958 |
ओथेलो | 1959 |
उमर खय्याम की रुबाइयाँ | 1959 |
आधुनिक कवि | 1961 |
नेहरूः राजनैतिक जीवनचरित | 1961 |
नये पुराने झरोखे | 1962 |
अभिनव सोपान | 1964 |
चौंसठ रूसी कविताएँ | 1964 |
नागर गीता | 1966 |
बच्चन के लोकप्रिय गीत | 1967 |
मरकत द्वीप का स्वर | 1968 |
हैमलेट | 1969 |
पंत के सौ पत्र | 1970 |
प्रवास की डायरी | 1971 |
किंग लियर | 1972 |
टूटी छूटी कड़ियाँ | 1973 |
हरिवंश राय बच्चन के पुरुस्कार (harivansh rai bachchan awards and honours)
हरिवंश राय बच्चन को 1968 में उनकी रचना ‘दो चट्टानें’ के लिए साहित्य अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं इसी साल उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरुस्कार और कमर पुरुस्कार भी मिला।
इसके अलावा बिड़ला फाउण्डेशन हरिवंश राय बच्चन को उनकी आत्मकथा के लिए सरस्वती सम्मान दिया गया। वहीं हिन्दी साहित्य में अपना अनोखा योगदान देने के चलते साल 1976 में भारत सरकार द्वारा हरिवंश राय बच्चन को पद्म भूषण से नवाजा गया।
यहाँ पढ़ें : तेजस्वी यादव की जीवनी
यहाँ पढ़ें : Uddhav Thackeray Biography in Hindi
हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु (harivansh rai bachchan death)
दिसम्बर 2002 में सर्दियों के चलते हरिवंश राय बच्चन के बिगड़ते स्वास्थय को देखकर शायद ही किसी ने कयास लगाया हो कि हिन्दी साहित्य का यह चमकता सितारा जल्द की टूटने वाला है।
दरअसल महज एक महीने बाद जनवरी 2003 में हरिवंश राय बच्चन को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और आखिरकार 18 जनवरी 2003 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। (harivansh rai bachchan death reason)
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में एक सितारा था,
माना वह बेहद प्यारा
वह डूब गया तो डूब गया,
अम्बर के आनन को देखो।
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फिर कहाँ मिले।
पर बोलो टूटे तारों पर,
अम्बर कब शोक मनाता है।
जो बीत गई सो बात गई।
यहाँ पढ़ें: अन्य महान व्यक्तियों की जीवनी
Reference-
April 2021, harivansh rai bachchan Biography, wikipedia