जवाहरलाल नेहरू, एक बैरिस्टर , स्वतंत्रता सैनानी और भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। वे भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्ति रहे। वे भारत के सबसे लंबे कार्यकाल तक चलने वाले प्रधान मंत्री रहे। वे बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय थे और बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू भी कहते थे। यही नहीं, उनके जन्म दिवस , 14 नवंबर को हम बाल दिवस के रूप में भी मनाते हैं। जवाहरलाल नेहरू, कश्मीरी पंडितों के परिवार से ताल्लुक़ रखते थे इसलिए उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी जाना जाता था। जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस, देश की सबसे बड़ी पार्टी बनी।
पिता / father | मोतीलाल नेहरू |
पत्नी /wife | कमला नेहरू |
बेटी / Daughter | इंदिरा गाँधी |
नाती/ Grand son | राजीव गाँधी , संजय गाँधी |
परनाती/ Great grand sons | राहुल गाँधी, वरुण गाँधी |
यहाँ पढ़ें : biography in hindi of Great personalities
यहाँ पढ़ें : भारत के महान व्यक्तियों की जीवनी हिंदी में
Early Life – शुरुवाती जीवन
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, सन् 1889 को अलाहबाद में हुआ। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू, एक जाने माने बैरिस्टर थे और भारतीय राजनीति से भी जुड़े थे। जवाहरलाल नेहरू का कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उनकी माँ का नाम स्वरुप रानी नेहरू था। वो मोतीलाल नेहरू की दूसरी पत्नी थीं।
जवाहरलाल नेहरू बीच के बेटे थे। उनसे बड़ी उनकी दो और बहने थीं, विजय लक्ष्मी पंडित और कृष्णा हुतेसिंग था। विजय लक्ष्मी पंडित , पहली महिला बनी जिन्होंने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की अध्यक्षता संभाली। कृष्णा हुतेसिंग, भारत की जानी मानी लेखिका बनीं और उन्होंने कई किताबें जवाहर लाल नेहरू पर भी लिखीं।
नेहरू का बचपन काफी सुरक्षित बीता। क्योंकि वह एक बड़े परिवार से आते थे, तो उनकी शुरूवाती पढ़ाई घर में ही हुई। उनके ट्यूटर, फर्डिनैंड टी. ब्रुक्स ने उनका रुझान साइंस और थिओसोफी। उन्होंने तेरह साल की उम्र में थियोसोफिकल सोसाइटी भी ज्वाइन करि लेकिन वह इसका हिस्सा ज्यादा लम्बे समय तक नहीं बने रह पाए। अपने ट्यूटर के जाते ही उन्होंने थियोसोफिकल सोसाइटी छोड़ दी। इसी थियोसोफिकल सोसाइटी ने उन्हें बुद्ध और हिन्दू के शास्त्रों को पढ़ने का मौका दिया।
जवाहरलाल नेहरू अपनी जवानी के दिनों से ही नेशनलिस्ट रहे। दुनिया भर में जो भी क्रांतिकारी जंगें छिड़ी हुई थी उसपर वे अपनी नज़र रखते थे। यही नहीं जो कुछ भी पूरी दुनिया में उस वक़्त घट रहा था उससे वे काफी नज़दीक से देख रहे थे और अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे थे। ये उनमें उत्साव भरता था और उनमें भी अपने देश में रह कर कर उसके लिए कुछ अच्छा करने की सोच पैदा कर रहा था।
यहाँ पढ़ें : मेनका गाँधी की जीवनी
Education of Jawaharlal Nehru – जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा
जवाहरलाल नेहरू की जीवनी – जवाहरलाल नेहरू की शुरूवाती शिक्षा घर में ही हुई थी। लेकिन अपनी आगे की पढ़ाई के लिए वे ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन गए। वहाँ उन्होंने नेचुरल साइंस में होनर्स की डिग्री प्राप्त की। यहीं नहीं, उन्होंने सामाजिक विज्ञान, इकोनॉमिक्स जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों का भी अध्ययन किया। बेर्नर्ड शॉ, कीन्स, रुषेल जैसे कई विद्वानों को पढ़ा। जवाहरलाल नेहरू के लिए इनको पढ़ना काफी जानकारी से भरा था। इन लोगों की कृतियों ने ही जवाहरलाल नेहरू की इकनोमिक और पोलिटिकल समझ को बढ़ावा देने में मदद की।
सन् 1910 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करके वे अपनी आगे की पढ़ाई करने के ” इनर टेम्पल ” चले गए। इनर टेम्पल वही स्कूल था जहां से महात्मा गाँधी ने भी अपनी लॉ की पढ़ाई की थी। जवाहर लाल नेहरू भी यहां लॉ की पढ़ाई करने के लिए 1910 में आये। सन् 1912 में वे बैरिस्टर बने। और बार कौंसिल के मेंबर बांके उन्होंने अपनी वकालत शुरू की।
यहाँ पढ़ें : मोतीलाल नेहरू की जीवनी
Family of Jawaharlal Nehru – जवाहरलाल नेहरू का परिवार
जवाहरलाल नेहरू की शादी सन् 1916 मे कमला नेहरू से हुआ था। कमला नेहरू भी स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्होंने अपने पहली बेटी को सन् 1917 में जन्म दिया। इनका नाम इंदिरा नेहरु रखा गया। कमला नेहरू ने अपने दूसरे बेटे को भी जन्म दिया लेकिन वे कुछ ही दिन जीवित रह पाया और इसी कारण इंदिरा का बचपन काफी अकेला बीता। कमला नेहरू अक्सर बीमार रहा करती थीं। इनके कई मित्रों में कस्तूरबा गाँधी , महात्मा गाँधी की पत्नी, भी थीं। कमला नेहरू उनसे मिलने आश्रम भी जाया करती थीं।
यहाँ पढ़ें : इंदिरा गाँधी ki Jeevani
कमला नेहरू की मृत्यु सन् 1936 में स्विट्ज़रलैंड में हुई थी। उस वक़्त इंदिरा उनके पास ही थीं।
Career of Jawaharlal Nehru – जवाहरलाल नेहरू का कैरियर
साल 1912 में बैरिस्टर की डिग्री लेने के बाद, जवाहरलाल नेहरू वापिस भारत आ जाते हैं और अलाहबाद हाई कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू करते हैं। लेकिन जवाहरलाल नेहरू का ज़रा सा भी रुची नहीं थी। लॉ की प्रैक्टिस को बढ़ावा नहीं दे पाए। आने वाले सालों में उनका मन भारतीय राजनीति में लगने लगा और उन्होंने अपनी लॉ की प्रैक्टिस को छोड़ कर राजनीती से जुड़ने का फैसला किया।
Political career of Jawaharlal Nehru – जवाहरलाल नेहरू का पोलिटिकल कैरियर
जवाहरलाल नेहरू हमेशा से ही महात्मा गाँधी के विचारों से जुड़े हुए थे। महात्मा गाँधी की सोच जवाहर लाल नेहरू को खूब प्रेरित किया करती थी। सन् 1919 में जालियाँ वाला बाग़ काण्ड के बाद उन्होंने अपनी लॉ की प्रैक्टिस को छोड़ने का निर्णय लिया। पूरी तरह से गांधीजी के असहयोग आंदोलन में आगये।
जवाहर लाल नेहरू ने सन् 1912 में लंदन से लौट ते ही कांग्रेस ज्वाइन करली थी। उन्होंने इस आंदोलन को यूनाइटेड प्रॉविन्सेस में बढ़ावा दिया। वे कई बार जेल भी गए. और जब गाँधी जी ने चौरी चौरा काण्ड के बाद असहयोग आंदोलन को समाप्त किया तो वे उन्ही के साथ रहे और अपने पिताजी द्वारा बनाई गयी स्वराज पार्टी को ज्वाइन नहीं किया।
नेहरू ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में बहुत अहम भूमिका निभायी। वे अन्य देशों के राज्य व्यवस्था और डेमोक्रेसी के लिए हो रहे आंदोलनों से भी जुड़े रहे। उनके इन्ही प्रयत्नों की बदौलत ही भारत की राष्ट्रीय कांग्रेस को बेल्जियम बुलाया गया। धीरे धीरे, इस आन्दोलन और जवाहरलाल नेहरू जी के साथ बरतितश कॉलोनीज आने लगीं, जो स्वतंत्रता की मांग कर रहीं थी।
जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद बोस के साथ जुड़ कर कई काम किये। उन्होंने भारत के सम्बन्ध अन्य आज़ाद देशों से मजबूत किये। हांलाकि दोनों के सम्बंद साल 1930 में खराब हो गए, जब सुभाष चंद बोस ने फ़ासीवादी आर्मी का इस्तेमाल भारत से अंग्रेज़ों को खदेड़ने में करने का निर्णय लिया। उस दौरान नेहरू स्पेन पहुंचे और उन्होंने स्पेन के रिपब्लिकन्स को समर्थन देने का निर्णय लिया। लेकिन उन्होंने मुसोलिनी से मिलने के लिए साफ़ इनकार कर दिया।
जवाहरलाल नेहरू, कांग्रेस के पहले ऐसे नेता बनें जिन्होने ब्रिटिश सरकार से कांग्रेस के सारे रिश्ते रिश्ते खत्म करने की मांग की। गांधी की आलोचनाओं के बाद भी उनका ये रेसोलुशन कांग्रेस के मद्रास सेशन में पास हो गया। सन् 1929 में जब ब्रिटिशर्स ने भारत का डोमिनियन स्टेटस मान ने से इंकार करदिया उसके बाद, नेहरू ने कांग्रेस की कमान संभाली और वे कांग्रेस के प्रेजिडेंट बनें। इसके बाद उन्होंने ब्रिटीश्वेरस के खिलाफ पूर्ण स्वराज की मांग रख दी।
biography in hindi of Great personalities
References
2020, Jawaharlal Nehru, Wikipedia
2020, The Biography Of Jawaharlal Nehru