- Lata Mangeshkar Biography in Hindi – lata mangeshkar ka biodata
- lata mangeshkar life story in hindi – lata mangeshkar bio in hindi
- शुरुआती जीवन – life history of lata mangeshkar in hindi
- लता मंगेशकर का असली नाम – lata mangeshkar history hindi
- पिता ने तराशी लता मंगेशकर की आवाज
- लता मंगेशकर के सिंगिंग करियर की शुरुआत (latamangeshkar singing career)
- मुंबई पहुंची लता मंगेशकर
- गुलाम हैदर की शाहगिर्द बनीं लता मंगेशकर
- 50 के दशक में लता मंगेशकर (lata mangeshkar golden era)
- स्वर्ण युग और लता मंगेशकर (lata mangeshkar classical music)
- जब लता मंगेशकर ने प्रधानमंत्री नेहरू को रुलाया (lata mangeshkar patriotic songs)
- मेलोडि क्वीन लता मंगेशकर (lata mangeshkar melody queen)
- 70 के दशक में भी सुपरहिट रहीं लता मंगेशकर (lata mangeshkar old songs)
- 80 के दशक में लता मंगेशकर (lata mangeshkar most famous songs)
- 90 के दशक में लता मंगेशकर (lata mangeshkar purane gane)
- राज्यसभी सदस्य बनी लता मंगेशकर (lata mangeshkar rajya sabha mp)
- भारत रत्न लता मंगेशकर (lata mangeshkar bharat ratna)
- लता मंगेशकर के खिताब(lata mangeshkar awards)
- फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल पुरुस्कार(lata mangeshkar film fare awards)
50 को दशक को फिल्म इंडस्ट्री का स्वर्ण काल कहा जाता है। जहां एक तरफ बड़े पर्दे पर कई अनोखे बदलावों का आगाज हो रहा था, वहीं इसी दौरान फिल्म जगत से एक ऐसी आवाज रुबरु हो रही थी, जिसके तरानों ने सीधा लोगों के दिलों पर दस्तक दी। नतीजतन बेहद कम समय में यही आवाज समूचे हिन्दुस्तान की शान बन गई और वो आवाज थी, पिछले 71 सालों में 27,000 से ज्यादा सुपरहिट गाने देकर संगीत जगत पर राज करने वाली मेलोडि क्वीन लता मंगेशकर की। (lata mangeshkar biography)
Lata Mangeshkar Biography in Hindi – lata mangeshkar ka biodata
नाम | लता मंगेशकर |
जन्मतिथि | 28 सितम्बर 1929 |
जन्म स्थान | इंदौर, मध्यप्रदेश |
आयु | 91 |
माता | शिवांती मंगेशकर |
पिता | दीनानाथ मंगेशकर |
पुरस्कार | राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, BFJA Awards Filmfare Award for Best Female Playback Singer फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार फिल्मफेयर आजीवन लब्धि पुरस्कार |
अन्य नाम | स्वर-साम्राज्ञी” ; “राष्ट्र की आवाज” ; “सहराब्दी की आवाज” ; “भारत कोकिला” |
व्यवसाय | पार्श्वगायिका, संगीत निदेशक, निर्माता |
lata mangeshkar life story in hindi – lata mangeshkar bio in hindi
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शुरुआती जीवन – life history of lata mangeshkar in hindi
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 (lata mangeshkar birthday)को मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में हुआ था।लता के पिता दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी गायक थे, वहीं लता की माता शिवांती मंगेशकर गुजराती परिवार से ताल्लुक रखती थीं।
दरअसल मंगेशकर परिवार का उपनाम हरदिकार था, वहीं गोवा के मंगेशी गांव में रहने के चलते उन्होंने अपने परिवार का उपनाम बदल कर मंगेशकर कर लिया।
लता अपने पांच भाई-बहनों मीना, आशा, ऊषा और हृदयनाथ में सबसे बड़ी बहन हैं। वहीं लता सहित उनके सभी भाई-बहन संगीत जगत की जानी-मानी शख्सियत हैं।
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लता मंगेशकर का असली नाम – lata mangeshkar history hindi
लता मंगेशकर के नाम से समूची दुनिया में मशहूर लता के बचपन का नाम हेमा मंगेशकर था। बेहद कम उम्र में ही लता का नाता संगीत और अभिनय की दुनिया से जुड़ गया। लता ने पांच साल की उम्र में अपने पिता के निर्देशन में बने नाटक ‘भावबंधन’ में लतिका नामक अभिनेत्री का मुख्य किरदार निभाया था। जिसके चलते लता के पिता ने उनका नाम हेमा से बदलकर लता रख दिया।
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पिता ने तराशी लता मंगेशकर की आवाज
संगीत के क्षेत्र से रुबरु होने का जिक्र करते हुए लता मंगेशकर अपने एक इंटरव्यू में बताती हैं कि, एक दफा पिता जी अपने एक शाहगिर्द को राग पर अभ्यास करने का निर्देश देकर किसी काम में व्यस्त हो गए। मैं वहीं पास में ही खेल रही थी। तभी मैंने शाहगिर्द को गलत अभ्यास करते देखा और मैंने उसे सुधारने की कोशिश की। जब पिता जी लौटे तो वो मुझे राग बनाते देखकर हैरान रह गए और उसी वक्त उन्होंने अपनी बेटी में ही एक शाहगिर्द को पाया।
लता बताती हैं कि, उस रोज जब पिता जी घर पहुंचे तो उन्होंने मां से अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि –‘हमारे घर में ही एक बेहतरीन गायक मौजूद हैं और हम इस बात से अब तक अनजान थे।’
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लता मंगेशकर के सिंगिंग करियर की शुरुआत (latamangeshkar singing career)
संगीत के क्षेत्र में अपनी आवाज को आकार देने की जद्दोजहद में जुटीं लता को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब 1942 में उनके पिता ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
13 वर्षीय लता के सर से पिता का साया हटने के बाद मंगेशकर परिवार के करीबी विनायक दामोदर कर्नाटकी (मास्टर विनायक) ने लता के परिवार का हाथ थामा। नवयुग चित्रापट फिल्म कपंनी के मालिक मास्टर विनायक ने संगीत और अभिनय के क्षेत्र से लता का परिचय कराया।
लता मंगेशकर ने 1942 में नवयुग चित्रापट की फिल्म ‘पहिली मंगाला गौर’ में एक छोटी सी भूमिका अदा की। इस फिल्म में उन्होंने ‘नताली चित्राची नवालाई’ नाम के मराठी गाने में अपनी आवाज दी।
हालांकि लता ने अपना पहला हिन्दी गाना ‘माता एक सपूत की किस्मत बदल तू’ साल 1943 में रिलीज हुई मराठी फिल्म गाजाभाऊ में गाया था।
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मुंबई पहुंची लता मंगेशकर
साल 1945 में मास्टर विनायक की कंपनी का मुख्यालय मुंबई स्थांतारित होने के कारण लता ने मायानगरी का रुख करने का फैसला किया। मुंबई में लता मंगेशकर भिंडी बाजार से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद अमन अली खान से संगीत के गुर सीखने के लिएहिन्दुस्तान क्लासिकल म्यूजिक का हिस्सा बनीं।
इसी कड़ी में लता ने 1946 में रिलीज हुई फिल्म ‘आपकी सेवा में’ के गाने ‘पा लगूं कर जोरी’ गाया। वहीं लता ने ‘माता तेरे चरणों में’ नाम के पहले भजन में भी अपनी आवाज दी।
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गुलाम हैदर की शाहगिर्द बनीं लता मंगेशकर
साल 1948 में लता के बेहद करीब रहे मास्टर विनायक की मृत्यु हो गई। जिसके बाद गुलाम हैदर ने लता के मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। उस दौर का जिक्र करते हुए लता बताती हैं कि, गुलाम साहब ने मुझे निर्माता शशाधार मुखर्जी से मिलवाया और उनकी आगामी फिल्म शहीद में मेरी आवाज देने की बात कही।
हालांकि मुखर्जी ने बहुत पतली आवाज होने के कारण इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया। जिसके बाद गुलाम साहब गुस्सा हो गए और उन्होंने कहा कि ‘एक दिन सभी निर्माता निर्देशक लता की आवाज के कायल होंगे।’
साल 2013 में अपने 84वें जन्मदिन के मौके पर गुलाम साहब के बारे में बात करते हुए लता कहती हैं कि, “गुलाम हैदर सचमुच मेरे भगवान हैं, वह पहले ऐसे संगीत निर्देशक हैं जिन्हें मेरी आवाज पर मुझसे भी ज्यादा भरोसा था।”
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लता मंगेशकर का पहला हिट गाना – lata mangeshkar first song, lata mangeshkar age song
आखिरकार गुलाम हैदर का विश्वास सच साबित हुआ और 1949 में रिलीज हुई फिल्म महल में लता की आवाज ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
खेमचंद प्रकाश और मधुबाला की जोड़ी और लताकी आवाज ने फिल्म महल के गाने ‘आएगा आनेवाला’ को सुपरहिट कर दिया और इसी के साथ संगीत जगत में लता मंगेशकर एक नया चेहरा बन कर उभरीं।
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50 के दशक में लता मंगेशकर (lata mangeshkar golden era)
50 के दशक में लता मंगेशकर ने बड़ी बहन (1950), मीना बाजार (1950), अफसाना (1951), उड़न खटोला (1955), श्री 420 (1955), देवदास (1955), मदर टेरेसा (1957), अदालत (1958) सहित कई सुपरहिट फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी।
1958 में रिलीज हुई फिल्म ‘मधुमती’ के गाने ‘आजा रे परदेसी’ के लिए लता मंगेशकर को फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
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स्वर्ण युग और लता मंगेशकर (lata mangeshkar classical music)
60 के दशक को फिल्म इंडस्ट्री का स्वर्ण काल (golden era)माना जाता है। जहां एक तरफ बॉलीवुड में कई फिल्में लगातार बड़े पर्दे पर हिट हो रहीं थीं, वहीं ज्यादातर फिल्मों की सफलता में लता की आवाज ने चार-चांद लगा दिए थे।
दशक की शुरुआत ब्लॉकबस्टर फिल्म मुगल-ए-आजम (1960) के साथ हुई। इस फिल्म में लता की आवाज ‘जब प्यार किया तो डरना क्या’और मधाबाला की अदाकारी ने सीधा दर्शकों के दिल पर दस्तक दी।
वहीं इसी साल रिलीज हुई फिल्म हवांईयां में मीना कुमारी पर फिल्माया गाना ‘अजीब दास्तां है ये’ न सिर्फ सुपरहिट हुआ बल्कि इस गाने का नाम लता मंगेशकर के एवरग्रीन गानों (latamangeshkar evergreen songs) की फेहरिस्त में भी शुमार हो गया।
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जब लता मंगेशकर ने प्रधानमंत्री नेहरू को रुलाया (lata mangeshkar patriotic songs)
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60 का दशक न सिर्फ लता के लिए बल्कि देश के लिए खासा अहम रहा। एक तरफ जहां लता सफलता की ऊंचाइयां छूने की कोशिशों में मशगूल थीं, वहीं देश को दशक की शुरुआत में ही सरहद पर शिकस्त का सामना करना पड़ा।
दरअसल 1962 में भारत-चीन युद्ध में चीन का पलड़ा भारी था। इसी कड़ी में भारत न सिर्फ ये युद्ध हार गया बल्कि देश ने अपने कई शौर्यवीरों को भी हमेशा के लिए खो दिया था।
इसी दौरान देश में फैली शोक की लहर के बीच लता के द्वारा गाया गाना ‘ए मेरे वतन के लोगों’ ने मरहम का काम किया। यही नहीं तात्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने अपने एक साक्षात्कार में बताया कि उस दौरान लता की आवाज सुनकर उनकी आंखों से आंसू बहने लगे।
मेलोडि क्वीन लता मंगेशकर (lata mangeshkar melody queen)
महज एक दशक पहले बॉलीवुड में अपनी पहचान तराश रहीं लता मंगेशकर 60 के दशक के अंत तक फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर हस्ती बन गई थीं।
1962 में लता मंगेशकर को फिल्म ‘बीस साल बाद’ के गाने ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ के लिए उन्हें दूसरे फिल्म फेयर आवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वहीं लता बैक टू बैक सुपरहिट गाने देकर बी-टाउन की मेलोडि क्वीन बन गईं।
इस दौरान उन्होंने ‘आपकी नजरों ने समझा’, ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’, ‘गाता रहे मेरा दिल’, ‘पिया तोसे’, ‘होठों पे ऐसी बात’, ‘नेना बरसे रिमझिम’, ‘लग जा गले’ सहित कई ब्लॉकबस्टर गानों में अपनी आवाज दी।
इसी कड़ी में लता ने फिल्म इंडस्ट्री के कई मशहूर सिंगरों मसलन मोहम्मद रफी(lata mangeshkar and mohammadrafi), किशोर कुमार, मंहेद्र कपूर और मुकेश के साथ भी गाने रिकॉर्ड किए। वहीं उन्होंने कई मराठी और बंगाली गानों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा।
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70 के दशक में भी सुपरहिट रहीं लता मंगेशकर (lata mangeshkar old songs)
70 के दशक तक लता की आवाज का जादू इस कदर परवान चढ़ चुका था कि उनका गाना हर सुपरहिट फिल्म की पहचान बन गया। 1972 में रिलीज हुई फिल्म पाकीजा मशहूर अदाकारा मीना कुमारी की आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म में मीना कुमारी के किरदार पर लता की आवाज में गाया गाना ‘चलते-चलते’ और ‘इन्हीं लोगों ने’दर्शकों की जमकर सराहना बटोरी।
इसके अलावा लता मंगेशकर ने प्रेम पुजारी (1970), अभिमान (1973), दस्तक (1970), हीर रांझा (1970), दिल की राहें (1973), हिंन्दुस्तान की कसम (1973), हसंते जखम (1973), मौसम (1975), लैला मजनू (1976), कारवाँ (1971), कटी पतंग (1971), आंधी (1975) जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में अपने हुनर का जादू बिखेरा।
इसी सिलसिले में 1973 में लता मंगेशकर को फिल्म ‘परिचय’ के गाने ‘बेटी न बिताई’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म फेयर के खिताब से नवाजा गया। वहीं लता को फिल्म ‘कोरा कागज’ के गाने ‘रुठे-रुठे पिया’ के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
वहीं 1978 में राज कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म सत्यम् शिवम् सुंदरम् के टाइटल सांग में लता की अवाज को लोगों का भरपूर प्यार मिला। नतीजतन ये साल का सबसे हिट गाना साबित हुआ।
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80 के दशक में लता मंगेशकर (lata mangeshkar most famous songs)
80 के दशक तक लता मंगेशकर की आवाज लगभग हर सुपरहिट फिल्म की मांग बन चुकी थी। इस दौर में लता ने सिलसिला (1981), चांदनी (1989), बेजुबान (1982), मैंने प्यार किया (1989), कर्ज (1980), एक दूजे के लिए (1981), प्रेम रोग (1982), राम तेरी गंगा मैली (1985), नगीना (1986), राम लखन (1989), संजोग (1985) जैसी दशक की ज्यादातर सुपरहिट हिन्दी फिल्मों में अपनी आवाज दी।
इसके अलावा लता के द्वारा गाया गाना आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। मसलन इस फेहरिस्त में ‘शीशा हो या दिल हो’, ‘मेरे नसीब में’, ‘जिंदगी कीन टूटे’, ‘सोलह बरस की’, ‘ये गलियां ये चौबारा’, ‘दिन महीने साल’, ‘यशोदा का नन्दलाला’, ‘उंगली में अंगूठी’, ‘ओ राम जी तेरे लखन ने’, ‘बिंदिया तरसे’, ‘क्या यही प्यार है’, ‘देखा मैंने देखा’, ‘तुझ संग प्रीत’, ‘थोड़ा रेशम लगता है’, ‘नेनों में सपना’, ‘जिंदगी प्यार का’, ‘साजन मेरा उस पार है’ जैसे एवरग्रीन गाने शामिल हैं।
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90 के दशक में लता मंगेशकर (lata mangeshkar purane gane)
90 के दशक में लता मंगेशकर ने आनन्द मिलिंद, अनु मलिक, उत्तम सिंह, जतिन ललित, नदीम श्रवण जैसे कई मशहूर संगीत निर्माताओं के साथ काम किया। वहीं लता ने जगजीत सिंह के साथ कई गजलें भी गायीं।(lata mangesh karghazal)
लता ने उस दौर के जाने-माने गायकों कुमार सानू, एस.पी.बालसुब्रमण्यम्, उदित नारायण(lata mangeshkar uditnarayan), मोहम्मद अजीज, अभिजीत भट्टाचार्य, रूप कुमार राठौड़, विनेद राठौड़, सोनू निगम के साथ भी मंच साझ किया।
वहीं 90 के दशक में यशराज फिल्म के बैनर तले बनी चांदनी (1989), लम्हे (1991), डर (1993), ये दिल्लगी (1994), दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे (1995), दिल तो पागल है (1997), मोहब्बतें (2000), मुझसे दोस्ती करोगी (2002), वीर जारा (2004) जैसी ज्यादातर ब्लॉकबस्टर फिल्मों में कई सुपरहिट गाने दिए।
इसके अलावा लता ने इस दशक की फिल्में मसलन पत्थर के फूल (1991), महबूब मेरे (1992), सातवां आसमान (1992), दिल की बाजी (1993), अंतिम न्याय(1993), हम आपके हैं कौन (1994), मेघा (1996), रंग दे बसंती सहित कई फिल्मों में गीत गाए। Lata Mangeshkar Biography in Hindi
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राज्यसभी सदस्य बनी लता मंगेशकर (lata mangeshkar rajya sabha mp)
90 के दशक के अंत तक लता ने संगीत से सियासत तक का सफर तय कर लिया था। दरअसल साल 1999 में लता को राज्यसभा सदस्य चुना गया।
हालांकि इस दौरान संसद के किसी सत्र में हिस्सा न लेने के चलते ससंद के सदस्यों नजमा, प्रणब मुखर्जी और शबाना आजमीं ने लता की जमकर आलोचना भी की।
वहीं लता ने सत्र में हिस्सा न लेने की वजह अपनी खराब सेहत को बताया और इसी के साथ लता ने संसद का सदस्य होने के नाते दिल्ली में सरकार की तरफ से मिले घर और तनख्वा को भी लेने से इंकार कर दिया।
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भारत रत्न लता मंगेशकर (lata mangeshkar bharat ratna)
पिछले कई दशकों से संगीत जगत में अपने सुरों का जादू बिखेर देश –विदेश की मशहूर शख्सियत बन चुकीं लता मंगेशकर को साल 2000 में भारत सरकार द्वारा देश के सबसे अहम सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
71 सालों तक सुरों की मलिका के रूप में संगीत जगत पर राज करने वाली लता मंगेशकर वर्तमान में भी सिंगिग के क्षेत्र में एक्टिव हैं। 27,000 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दे चुकीं लता ने अपना आखिरी गाना ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की’ साल 2019 में रिलीज किया था।(lata mangeshkar latest songs) इसके अलावा लता मंगेशकर बतौर निर्माता चार फिल्मों – वाडाल (मराठी), कंचन गंगा (हिन्दी), लेकिन (हिन्दी), झांझर (हिन्दी) से जुड़ी रहीं। Lata Mangeshkar Biography in Hindi
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लता मंगेशकर के खिताब(lata mangeshkar awards)
पद्म भूषण | 1969 |
पद्म विभूषण | 1999 |
जी सीने पुरुस्कार | 1999 |
दादा सहेब फालके पुरुस्कार | 1989 |
महाराष्ट्र भूषण पुरुस्कार | 1997 |
NTR राष्ट्रीय पुरुस्कार | 1999 |
भारत रत्न | 2001 |
ANR राष्ट्रीय पुरुस्कार | 2009 |
लीजेन ऑफ ऑनर (फ्रांस) | 2009 |
राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार |
फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल पुरुस्कार(lata mangeshkar film fare awards)
इसके अलावा ऑउटलुक इंडिया नामक पत्रिका ने लता मंगेशकर को महान भारतीयों की सूची में 10वां स्थान दिया था। वहीं मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार भी लता की कला के कुछ इस कदर कायल हुए कि उन्होंने लता के हुनर को कुदरत का करिशमा करार दिया।
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Reference-
3 March 2021, Lata Mangeshkar Biography in Hindi, wikipedia