अमूमन कहा जाता है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता उत्तर भारत से होकर गुजरता है। लेकिन भारतीय राजनीति में दक्षिण भारत का योगदान भी कुछ कम महत्व नहीं रखता है। एम करूणानिधि से लेकर जयललिता, पी.वी.नरसिम्हा राव, सी. राजगोपालाचारी और पी चिदम्बरमसहित कई सियासी शख्सियतों ने देश की राजनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी फेहरिस्त में एक नाम देश के उपराष्ट्रपति मुप्पावरपु वेंकैया नायडू का भी शामिल है।(venkaiah naidu biography)
वेंकैया नायडू जीवनी | venkaiah naidu biography in hindi, History, Caste
नाम | मुप्पावरपु वेंकैया नायडू |
जन्मतिथि | 1 जुलाई 1949 |
जन्म स्थान | नेल्लूर, आंध्रप्रदेश |
आयु | 71 |
माता | रामानम्मा |
पिता | रंगैया नायडू |
पत्नी | ऊषा नायडू |
बेटा | मुप्पावरपु हर्षवर्धन |
बेटी | दीपा वेंकट |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
शुरुआती जीवन – venkaiah naidu jivani
वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 (venkaiah naidu born) को नेल्लूर जिले में हुआ था। हालांकि उनके जन्म के समय नेल्लूर मद्रास राज्य का हिस्सा था। वहीं साल 1956 में आंद्र प्रदेश के गठन के बाद नेल्लूर आंध्र राज्य (venkaiah naidu birth place) की सरहदों के भीतर आ गया।
वेंकैया नायडू ने अपनी शुरुआती पढ़ाई नेल्लूर के ही जिला प्रसाद स्कूल से की। जिसके बाद उन्होंने नेल्लूर के वी.आर. विश्वविद्यालय से राजनीति में स्नातक और विशाखापट्टनम स्थित आंध्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। (venkaiah naidu education)
जे.पी आंदोलन से प्रभावित वेंकैया नायडू (venkaiah naidu and jai prakash narayan)

वेंकैया नायडू का सत्ता के गलियारों से सरोकार 70 के दशक में ही हो गया था। इसी दौरान 1972 में आंध्र प्रदेश में आंध्र आंदोलन अपने चरम था और इस आंदोलन में वेंकैया नायडू ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इसी कड़ी में महज दो साल बाद 1974 में मशहूर राजनेता जयप्रकाश नारायण ने एक जनआंदोलन का आगाज कर दिया। जे.पी की अगुवाई में सत्तासीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ बिहार की सरजमीं पर बजा विरोध का यह बिगुल बेहद कम समय में देश के अन्य राज्यों में भी फैसल गया।
गुजरात सहित आंध्र प्रदेश भी बगावत की इस आग से अछूता न रह सका। वहीं वेंकैया नायडू ने भी भ्रष्टाचार विरोधी जय प्रकाश नारायण छात्र संघर्ष समिति के संयोजक के रूप में आंदोलन में एक्टिव रहे।
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आपातकाल में बंदी बने वेंकैया नायडू (venkaiah naidu emergency)

जे.पी आंदोलन के चलते देश में मची उथल-पुथल और केंद्र में डगमगाती कांग्रेस सरकार ने आपातकाल के रूप में समस्या का समाधान निकाला और आखिरकार 25 जून 1975 को तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी।
वहीं सरकार के इस फैसले ने देश में कई विरोध प्रदर्शनों को हवा दे दी। आपातकाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों में एक नाम वेंकैया नायडू का भी शामिल था, जिसके चलते तमाम नेताओं के साथ वेंकैया नायडू को भी जेल भेज दिया गया और 21 मार्च 1977 को आपातकाल खत्म होने के बाद सब को रिहा किया गया।
राजनीतिक शख्सियत के रूप में वेंकैया नायडू (venkaiah naidu political career)

सियासी गलियारों में हमेशा एक्टिव रहने वाले वेंकैया नायडू एक प्रखर वक्ता होने के साथ-साथ बेहद कम समय में मशहूर राजनीतिक हस्ती बन गए। बेहतरीन भाषणशैली के चलते वेंकैया नायडू ने किसानों और पिछड़े वर्गों के समर्थन में कई मोर्चे खोले और साथ ही वो शासन की गलत नीतियों का खुलकर विरोध करने से भी कभी नहीं चूके।
विधायक बने वेंकैया नायडू (venkaiah naidu mla)

तमाम सियासी दांव-पेंच खेलने के बाद आखिरकार 1978 में वेंकैया नायडू ने औपचारिक तौर पर राजनीति के अखाड़े में उतरने का फैसला किया। दरअसल 1978 में आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों का आगाज हुआ और वेंकैया नायडू ने नेल्लूर की उदयगिरी सीट (venkaiah naidu constituency) को अपना चुनावी क्षेत्र घोषित कर दिया। वहीं चुनावी नतीजे के साथ जनता ने भी वेंकैया नायडू को अपना प्रतिनिधि चुनते हुअ उनके नाम पर नुहर लगा दी।
राज्यसभा सासंद बने वेंकैया नायडू (venkaiah naidu rajya sabha member)
चुनावी नतीजों में जीत का परचम फहराने के साथ ही वेंकैया नायडू का नाम भारतीय जनता पार्टी के कई मशहूर नेताओं में शुमार हो गया। इसी कड़ी में 1998 में वेंकैया नायडू कर्नाटक (venkaiahnaidu constituency) से बतौर राज्यसभा सासंद संसद पहुंचे।
बीजेपी पार्टी प्रवक्ता के रूप में वेंकैया नायडू(venkaiah naidu bjp spokes person)
90 का दशक न सिर्फ देश की राजनीति के लिए बल्कि बीजेपी के लिए भी खासा उतार-चढ़ाव वाला दौर था। इसी दशक के आखिर में बीजेपी लगातार तीन बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई और प्रधानमंत्री बने अटल बिहारी वाजपेयी। (venkaiahnaidu and atalbiharivajapyee)
पहले कार्यकाल में 13 दिन और दूसरे कार्यकाल में 13 महीने की सरकार के आखिरकार 1999 में बीजेपी पूरे बहुमत के साथ केंद्र में काबिज हुई और इसी के साथ बीजेपी अपना कार्यकाल पूरा करने वाली देश की पहली गैर कांग्रेसी पार्टी बन गई।
वहीं वेंकैया नायडू को 1996 पार्टी का प्रवक्ता नियुक्त कर दिया गया। इस दौरान नायडू ने उत्तर भारत से सीधा संपर्क साधने के लिए हिन्दी सीखना शुरु कर दिया और कुछ ही समय में वेंकैया नायडू का नाम दक्षिण भारत के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हो गया जिन्होंने उत्तर भारत में पार्टी की रैलियों को हिंदी में संबोधित कर जनता का दिल जीत लिया।(venkaiahnaiduhindi)
वेंकैया नायडू चार साल तक यानी 1996 से 2000 तक बतौर पार्टी प्रवक्ता सियासत में एक्टिव रहे।
केंद्रय मंत्री बने वेंकैया नायडू (venkaiah naidu cabinet minister)
साल 1999 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद वेंकैया नायडू बाजपेयी मंत्रिमंडल का हिस्सा बने और उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय का दारोमदार सौंपा गया।
बतौर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने गांवों के विकास के लिए कई एतिहासिक कदम उठाए। इसी कड़ी में गांवों में बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की भी नींव रखी गई।
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बीजेपी अध्यक्ष बने वेंकैया नायडू (venkaiah naidu bjp president)
2003 में वेंकैया नायडू को सर्वसम्मति से पूरे तीन साल के लिए बीजेपी का अध्यक्ष चुन लिया गया। हालांकि 2004 के आम चुनावों में पार्टी की हार के चलते वेंकैया नायडू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद 18 अक्टूबर 2004 को बीजेपी के कद्दावर नेता लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी की कमान संभाली।
मोदी मंत्रिमडंल में शामिल हुए वेंकैया नायडू (venkaiah naidu and modi)
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की और प्रधानमंत्री बने नरेंद्र दामोदर दास मोदी। इसी कड़ी में वेंकैया नायडू भी नवगठित मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बने और उन्होंने 26 मई 2014 को शहरी विकास और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
इसके अलावा 5 जुलाई 2016 को वेंकैया नायडू को सूचना प्रसारण मंत्रालय का पदभार सौंपा गया। वहीं 29 मई 2016 को वेंकैया नायडू राजस्थान से (venkaiah naidu constituency) बतौर राज्यसभा सासंद ससंद के सदन में पहुंचे।
उपराष्ट्रति वेंकैया नायडू (venkaiah naidu vice president of india)
साल 2017 में देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों का आगाज हुआ। जहां NDA से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुना गया वहीं वेंकैया नायडू ने 556 मतों के साथ जीत हासिल कर UPA उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को मात दे दी और उन्होंने देश के 13वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की। (venkaiah naidu chairman of rajya sabha)
3 अगस्त 2019 को पूर्वी अफ्रीकी देश कोमोरोस ने वेंकैया नायडू को‘द कमांड ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ग्रीन क्रिसेंट’ के खिताब से नवाजा। वहीं 8 मार्च 2019 को संयुक्त राष्ट्र की संस्था पीस विश्विद्यालय ने वेंकैया नायडू को मानद डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। (venkaiah naidu award)
वेंकैया नायडू का पूरा राजनीतिक सफर (venkaiah naidu position held)
1973–74: अध्यक्ष, छात्र संघ, आंध्र विश्वविद्यालय
1974: संयोजक, लोकनायक जयप्रकाश नारायण युवाजन छात्र संघर्ष समिति, आंध्र प्रदेश
1977–80: अध्यक्ष, यूथ विंग, जनता पार्टी, आंध्र प्रदेश
1978–85: विधायक, आंध्र प्रदेश विधानसभा (2बार)
1980–85: नेता, बीजेपी विधायक दल, आंध्र प्रदेश
1985–88: प्रदेश महासचिव, बीजेपी, आंध्र प्रदेश
1988–93: प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी, आध्र प्रदेश
1993 – 2000: राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय जनता पार्टी
सचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड
सचिव, भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति
भाजपा के प्रवक्ता
1998 तक: राज्यसभा सदस्य, कर्नाटक (3 बार)
2000 – 2002: ग्रामीण विकास मंत्री
2002 – 2004: राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा
2005 तक: राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा
2014–2017: शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और संसदीय मामलों के मंत्री
2016–2017: सूचना और प्रसारण मंत्री
2017–वर्तमान: भारत के उपराष्ट्रपति
वेंकैया नायडू का निजी जीवन (venkaiah naidu family)
14 जुलाई 1971 को वेंकैया नायडू ने ऊषा नायडू (venkaiah naidu wife) के साथ सात फेरे लिए। 71 वर्षीय (venkaiah naidu age) वेंकैया नायडू के बेटे का नाम मुप्पावरपु हर्षवर्धन (venkaiah naidu son) और बेटी का नाम दीपा वेंकेट (venkaiah naidu daughter) है।
References-
13 February 2021 venkaiah naidu, wikipedia