- Kanhayia kumar biography | कन्हैया कुमार की जीवनी
- कन्हैया कुमार की पूरी जीवनी | Biography of Kanhaiya Kumar In Hindi Urdu | kanhaiya kumar biography
- kanhaiya kumar ki jivni | कन्हैया कुमार का शुरुआती जीवन
- Kanhaiya kumar education | कन्हैया कुमार की शिक्षा
- kanhaiya kumar jnu
- kanhaiya kumar politician | कन्हैया कुमार का राजनीतिक जीवन
- kanhaiya kumar elections 2019 | लोकसभा चुनावों में कन्हैया कुमार
- kanhaiya kumar jnu protest
- kanhaiya kumar controversies | विवादों में कन्हैया कुमार
- kanhaiya kumar book – bihar to tihar: my political journey
अक्सर कहा जाता है कि सियासत की कुर्सी पर काबिज होने के लिए मजबूत राजनीतिक विरासत खासी मायने रखती है। बवाजूद इसके देश की कई राजनीतिक शख्सियां ऐसी हैं, जिन्होंने न सिर्फ सत्ता की गलियों में कदम रखा बल्कि बहुत कम उम्र में काफी प्रसिद्धि भी हासिल की। इसी कड़ी में एक नाम jnu में सूर्खियों से लेकर बिहार की राजनीति से रूबरू होने वाले कम्युनिस्ट पार्टी के मशहूर शख्स कन्हैया कुमार का भी शामिल है। kanhaiya kumar biography in hindi
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Kanhayia kumar biography | कन्हैया कुमार की जीवनी
नाम | कन्हैया कुमार |
जन्म तिथि | जनवरी 1987 |
जन्म स्थान | बेगुसराय, बिहार |
आयु | 34 |
माता | मीना देवी |
पिता | जयशंकर सिंह |
भाई | मणिकांत |
राजनीतिक पार्टी | communist party of india (CPI) |
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कन्हैया कुमार की पूरी जीवनी | Biography of Kanhaiya Kumar In Hindi Urdu | kanhaiya kumar biography
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kanhaiya kumar ki jivni | कन्हैया कुमार का शुरुआती जीवन
कन्हैया कुमार का जन्म जनवरी 1987 को बिहार के बेगुसराय kanhaiya kumar begusarai जिले के बिहाट गांव में हुआ था। कन्हैया के पिता जयशंकर सिंह बिहार के ही रहने वाले हैं, वहीं उनकी माता मीना देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। इसके अलावा कन्हैया कुमार के बड़े भाई नणिकांत असम की एक कंपनी में बतौर सुपरवाइजर काम करते हैं।
दरअसल तेघरा संसदीय क्षेत्र में आने वाला बिघाट गांव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़ क्षेत्रों में से एक हैं। यही कारण है कि कन्हैया कुमार के अलावा उनका परिवार भी हमेशा से कम्युनिस्ट पार्टी और उनकी विचारधाराओं का समर्थक रहा है।
Kanhaiya kumar education | कन्हैया कुमार की शिक्षा
कन्हैया कुमार ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा मसनादपुर स्थित मध्य विद्यालय से पूरी की। यहां से छठवीं कक्षा पूरी करने के बाद कन्हैया ने बरैनी के R.K.C हाई स्कूल में सातंवी कक्षा में दाखिला लिया। अपने स्कूल के दिनों से ही कन्हैया ने IPTA (Indian People’s Theatre Association) की गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरु कर दिया था।
वहीं 2002 में प्रथम श्रेणी में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद कन्हैया ने मोकामा के राम रतन सिंह कॉलेज से बारवीं पास की। जिसके बाद उन्होंने 2007 में पटना स्थित विश्वविद्यालय से भूगोल विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की। वहीं बाद में उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय से नागरिक शास्त्र में मास्टर्स किया।
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kanhaiya kumar jnu
पटना में अपनी स्नातक की पढ़ाई के दिनों से ही कन्हैया छात्र राजनीति का हिस्सा बन गए थे। हालांकि नालंदा विश्वविद्यालय से मास्टर्स की शिक्षा हासिल करने के बाद कन्हैया कुमार राजधानी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
दरअसल 2011 में कन्हैया ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय jawaharlal nehru university में प्रथम श्रेणी से एंट्रेंस परीक्षा पास कर ली थी। जिसके चलते उन्होंने 2011 में jnu में अफ्रीकन स्टीज विषय में पीएचडी करने के लिए दाखिला लिया।
कन्हैया कुमार ने 2019 में the process of decolonisation and social traformation in south africa, 1994-2015 पर अपनी पीएचडी पूरी की। jnu में पढ़ाई के दौरान सितम्बर 2015 में कन्हैया कुमार jnu छात्र संघ के अध्यक्ष बी चुने गए।
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kanhaiya kumar politician | कन्हैया कुमार का राजनीतिक जीवन
मार्च 2016 में अपने राजनीतिक करियर का आगाज का जिक्र करते हुए कन्हैया कुमार ने एक साक्षात्कार में बताया कि, “मैं हमेशा से भगत सिंह को काफी पसंद करता था। यही कारण है कि मेरी बचपन से ही सियासत में दिलचस्पी भी दिन-ब-दिन बढ़ती गयी। बदलते वक्त और बढ़ती उम्र के साथ धीरे-धीरे मैं भीवराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, कार्ल मार्क्स, बिरसा मुंडा और ज्योतिराव फूले जैसी शख्सियतों से भी खासा प्रभावित हुआ“kanhaiya kumar speech
इसके अलावा कन्हैया कुमार ने अपनी आत्मकथा बिहार से तिहाड़ः मेरा राजनीतिक सफर (Bihar to Tihar: My Political Journey) में अपने बचपन से लेकर सियासी सफर तक की दास्तां को बखूबी बयां किया है।
महज कुछ ही सालों में न jnu की पॉलिटिक्स से समूचे देश की सियासत में मशहूर हो चुके कन्हैया कुमार को 29 अप्रैल 2018 को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद का हिस्सा बना लिया गया। जिसके बाद 2019 में उन्हें CPI का राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में भी चुन लिया गया।
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kanhaiya kumar elections 2019 | लोकसभा चुनावों में कन्हैया कुमार
2019 में लोकसभा चुनावों के शंखनाद के साथ ही कन्हैया कुमार ने औरपचारिक तौर पर राजनीति के अखाड़े में उतरने का एलान करते हुए CPI का हाथ थाम लिया। इसी कड़ी में कन्हैया ने बतौर CPI उम्मीदवार बिहार की बेगुसराय सीट kanhaiya kumar constituency को अपना संसदीय क्षेत्र घोषित कर दिया। kanhaiya kumar cpi
हालांकि कन्हैया कुमार अपने विचारों को जनता तक पहुंचाने में नाकामयाब रहे। नतीजतन इस चुनावों में कन्हैया को महज 422,217 ( 22.03%) मतों के अतंर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गिरीराज सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा। kanhaiya kumar election result 2019
आम चुनावों में अपनी हार का जिक्र करते हुए कन्हैया बताते हैं कि, इन चुनावों में मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं थी। लेकिन मुझे उन सभी लोगों का समर्थन मिला, जो आज भी कई बड़े, अमीर और चुंनिदा प्रभावशाली हस्तियों से परेशान है। साथ ही इससे यब भी साबित हो गया कि एक लोकतांत्रिक देश में किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का बेटा भी आज भी चुनाव लड़ने का हक रखता है। kanhaiya kumar bihar elections
kanhaiya kumar jnu protest
फरवरी 2016 को कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस द्वारा jnu परिसर में हुए देशद्रोह के मामले के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। दरअसल फरवरी में संसद भवन हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी, जिसके विरोध स्वरुप jnu परिसर कुछ आपत्तिजनक नारों से गूंज उठा।
हालांकि कन्हैया कुमार ने देश की अखण्डता के विरुद्ध कोई भी नारा देने की बात को सिरे से खारिज कर दिया लेकिन परिसर में मौजूद तमाम छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, प्रोफेसरों के बयानों पर कन्हैया को हिरासत में लिया गया था। kanhaiya kumar slogan
नतीजतन कन्हैया की गिरफ्तारी के चलते jnu में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए और देखते ही देखते चंद घंटों में jnu खबरों की सूर्खियों में छा गया। 2 मार्च 2016 को कन्हैया को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कुछ शर्तों के साथ 6 महीने की जमानत पर रिहा किया गया।
वहीं jnu मामले की सुनवाई कर रहीं जज प्रतिभा राय और दिल्ली पुलिस के मुताबिक jnu से जुड़े किसी भी जांच में कन्हैया के खिलाफ राष्ट्रद्रोह से संबंधित कोई भी सबूत नहीं मिला है।
kanhaiya kumar controversies | विवादों में कन्हैया कुमार
छात्र नेता से लेकर राजनीतिक नुमाइंदा बनने तक के सफर में कन्हैया कुमार कई बार सवालों के कठघरे में खड़े हो चुके हैं। jnu मामले के बाद कन्हैया कुमार 8 मार्च 2016 को महिला दिवस के मौके पर फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए।
दरअसल इस दौ रान उन्होंने कशमीर में हुए एक रेप केस का जिक्र करते हुए भारतीय सेना पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा ने कन्हैया को राष्ट्रद्रोही करार दिया था।
इसके बाद 10 मार्च 2016 के दिन कन्हैया कुमार पर jnu की एक छात्रा के साथ गलत व्यवहार करने का दोषी होने का आरोप लगाया गया। हालांकि AISF ने इन सभी आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए इसे कन्हैया को बदनाम करने की कोशिश बताया।
kanhaiya kumar book – bihar to tihar: my political journey
kanhaiya kumar research paper – the process of decolinisation and social transformation in south Africa, 1994 – 2015
biography in hindi of Great personalities
refrence
10 July 2021, Kanhayia kumar Biography, wikipedia