Moral Stories in Hindi For Children | हिंदी नैतिक कहानियाँ | Bird Stories Collection in Hindi
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पक्षियों का राजा पंचतंत्र की कहानी | pakshiyon ka raja Panchtantra ki kahani in Hindi
एक बार जंगल के पक्षियों ने नया राजा चुनने के लिए सभा बुलाई।
एक पक्षी बोला, “गरुड़ तो भगवान विष्णु की सेवा में दिन-रात व्यस्त रहता है। हमें आपस में ही नया राजा चुनना होगा।”
सभी इस प्रस्ताव को मान गए। काफी सलाह मशवरे के बाद सभी इस फैसले पर पहुंचे की उल्लू को नया राजा बनाना चाहिए। उल्लू रात में भली प्रकार देख सकता है तो वह सभी को सुरक्षित रखेगा।
तभी वहां कौवा आया और सबसे सभा बैठने का कारण पूछा। पक्षियों ने उसे पूरी बात बताई और उल्लू को अपना राजा बनाने का फैसला बताया।
इस पर कौवा बोला, “पर तुम लोगों ने राजा के लिए उल्लू को क्यों चुना? वह दिन में अंधा होता है। वह देखने में कितना बतसूरत है। वह दूसरे पक्षियों का शिकार भी करता है। इससे तो बेहतर होता कि तुम मोर या हंस को राजा बना देते।”
पक्षियों को उसका तर्क पसंद आया। उन लोगों ने उल्लू को राजा बनाने का फैसला स्थगित कर दिया। सभा के ही एक सदस्यों ने जाकर उल्लू को सारी बात बता दी।
उल्लू को कौवे की इस हरकत पर बड़ा गुस्सा आया। वह कौवे के पास गया और बोला, “तुमने मेरे खिलाफ बोलकर मुझे राजा बनने से वंचित कर दिया। आज के बाद कौवा और उल्लू हमेशा–हमेशा के लिए दुश्मन होंगे।”
कौवे को पछतावा हो रहा था पर अब कुछ नहीं कर सकता था।
नैतिक शिक्षा :– कुछ भी करने या बोलने से पहले भली-भांति सोच ले।
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