चार दोस्त और शिकारी | Hindi Kahaniya for Kids | Moral Stories for Kids | Story with Anvi
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char dost aur shikari Panchtantra ki kahani in Hindi
एक जंगल में एक कौवा, चूहा, कछुआ और हिरण रहते थे। हर दोपहर वह चारों झील के पास इकट्ठा होते और एक दूसरे को किस्से सुनाते। एक दोपहर हिरण नहीं आया। उसके दोस्त समझ गए कि वह किसी मुसीबत में है।
कौवा जंगल के ऊपर उड़कर हिरण की तलाश करने लगा। वह परेशान होकर वापस आया और बोला, “हमारे दोस्त को एक शिकारी ने पकड़ लिया है। हमें उसकी मदद करनी होगी। चूहा, तुम जाल कुतर कर हिरण को आजाद कर दो।”
कौवा चूहे को अपनी चोंच में उठाकर उस जगह ले गया जहां हिरण बंदी था। चूहे ने जाल कुतर दिया और हिरण आजाद हो गया। उन्हें हैरानी हुई कि कछुआ धीरे धीरे चलते हुए उनकी तरफ आ रहा था।
तभी शिकारी वापस आ गया चूहा भागकर बिल में छुप गया, कौवा उड़ गया और हिरण दौड़ कर दूर चला गया। शिकारी को कछुआ दिखा और उसने कछुए को पकड़ लिया।
कौवे ने कछुए को बचाने की योजना बनाई। तीनों दोस्तों ने जंगल में शिकारी को तलाश किया।
हिरण निर्जीव सा होकर एक जगह लेट गया और कवर उसके ऊपर बैठ गया। जब शिकारी ने उन दोनों को देखा तो उसे लगा कि हिरण मर गया है। उसने कछुए का जाल वही छोड़ा और हिरण की तरफ भागा।
चूहे ने धीरे से जाकर कछुए का जाल काट दिया। कछुआ जाल से निकलकर तालाब में जाकर छुप गया। चूहा बिल में छुप गया।
कौवा ने हिरण को इशारा किया। हिरण उठ कर भाग गया और कौवा भी उड़ गया। यह देखकर शिकारी हैरान रह गया।
फिर वह वापस कछुए के पास आया तो देखा कि उसका जाल कटा हुआ है और कछुआ भी गायब है। निराश होकर शिकारी घर वापस चला गया। कछुआ और हिरण ने अपने दोस्तों का धन्यवाद दिया।
नैतिक शिक्षा :– सच्चे दोस्त मुसीबत का सामना मिलकर करते हैं।
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