Lalchi Kutta – Dadimaa Ki Kahaniya | Moral Stories In Hindi | Panchtantra Ki Kahaniya In Hindi
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लालची कुत्ता पंचतंत्र की कहानी | Lalchi Kutta Panchtantra ki kahani in Hindi
एक लालची कुत्ते ने एक कसाई की दुकान में घुसकर, एक बड़ी हड्डी का टुकड़ा चुरा लिया।
कुत्ता हड्डी चबाने ही वाला था कि उसके मन में विचार आया, “अगर किसी ने मुझे इस हड्डी के साथ देख लिया तो मुझे यह हड्डी उसके साथ बाटनी पड़ेगी। मुझे कोई शांत जगह ढूंढनी होगी जहां मैं शांति के साथ यह हड्डी चबा सकूं। ”
वह मुंह में हड्डी दबाए एक शांत जगह की खोज करने लगा। कुछ ही समय बाद वह नदी के पास पहुंचा। वहां उसे एक पुल दिखाई दिया। कुत्ते ने उस पुल को पार करने का निर्णय लिया।
लकड़ी के पुल को पार करते हुए कुत्ते ने नीचे पानी की ओर देखा।
उसे पानी में अपना प्रतिबिंब दिखाई दिया। उसने सोचा, “यहां तो एक और कुत्ता भी है जिसके पास हड्डी है अगर मैं उससे उसकी हड्डी भी छीन लूं तो मेरे पास खाने के लिए दो हड्डी हो जाएंगी।”
लालची कुत्ता अपने ही प्रतिबिंब पर भौंका। भौंकते ही उसके मुंह में थमी हड्डी नदी में जा गिरी। कुत्ते को निराश होकर घर लौटना पड़ा।
नैतिक शिक्षा :– लालच करने से सदैव हानि होती है।
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