कंजूस सेठ और नौकर | Hindi Kahaniya | Baccho Ki Kahani | Dadimaa Ki Kahaniya | New Story 2019
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राजा व्यापारी और नौकर का सम्मान पंचतंत्र की कहानी | raja vyapari aur naukar Panchtantra ki kahani in Hindi
वर्धमान नामक एक राज्य में एक व्यापारी रहता था। राज्य में उसका इतना मान सम्मान था कि राजा ने उसे राज्य अधिकारी भी बना दिया। अपनी पुत्री की शादी में व्यापारी ने राजा और सभी मंत्रियों को बुलाया और उनकी खास आव भगत की।
जब वह मेहमानों की देख-रेख में व्यस्त था, तब एक शाही नौकर राज्य परिवार के लिए रखी कुर्सी पर बैठ गया। व्यापारी को बहुत गुस्सा आया। उसने नौकर का बहुत अपमान किया। नौकर रात भर इस अपमान का बदला लेने की सोचता रहा।
अगले दिन जब वह राजा के कमरे की सफाई कर रहा था तब उसने ध्यान दिया कि राजा आधी नींद में है। तब वो बुदबुदाया, “ व्यापारी की हिम्मत कितनी बढ़ गई है। बिना आज्ञा, पूरे महल में घूमता रहता है और सब पर रौब जमाता है। ”
यह सुनकर राजा चौक कर उठ गया और उसने नौकर से कहा, “ यह क्या कह रहे हो। ”
नौकर बोला, “ राजा साहब, मैं रात भर नहीं सोया। पता नहीं नींद की खुमारी मैं क्या बोल गया। आप मेरी बात पर ध्यान मत दीजिए। ”
पर राजा को यकीन हो गया कि उस नौकर ने जरूर कुछ देखा है। अगली बार जब व्यापारी महल में आया तो राजा के आदेश अनुसार सिपाहियों ने उसे अंदर जाने से मना कर दिया।
इस पर नौकर ने व्यंग किया, “ अरे सिपाहियों, यह बहुत बड़े व्यापारी है। इन्हें मत रोको वरना तुम्हें कारावास भिजवा देंगे। ”
व्यापारी समझ गया कि यह सब उस नौकर की चाल है और वह अपने अपमान का बदला ले रहा है।
व्यापारी ने नौकर को अपने घर खाने पर बुलाया। उसकी खूब आव भगत की ओर ढेरों उपहार दिए। साथ ही अपनी गलती की माफी भी मांगी।
अगले दिन जब नौकर सुबह राजा का कमरा साफ कर रहा था तो फिर बुदबुदाया, “ राजा भी पागल है। खीरे का चूरन खाता है। ”
राजा फिर चौक कर उठा और नौकर से पूछा, “ यह तुम क्या कह रहे हो। तुमने कब मुझे ऐसा करते देखा। ”
नौकर ने जवाब में बोला, “ महाराज में रात में सो नहीं पाता। इसलिए नींद की खुमारी मैं जाने क्या बोल देता हूँ। आप मेरी बातों पर ध्यान मत दीजिए। ”
राजा समझ गया कि वह नौकर की किसी भी बात का भरोसा नहीं कर सकता। व्यापारी को आदर के साथ फिर से दरबार में बुला लिया।
नैतिक शिक्षा :– किसी को भी छोटा और कमजोर नहीं समझना चाहिए।
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