Jackal & Dead Elephant | सियार और मृत हाथी |पंचतंत्र की कहानीिया | बच्चों के लिए हिंदि मे
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jackal and dead elephant Panchtantra ki kahani in Hindi
एक बार एक चतुर सियार जंगल में भटक रहा था। तभी उसे एक मृत हाथी मिला। उसने हाथी को खाने की कोशिश की पर वह उसे चीर नहीं पाया।
उसने सोचा, “मुझे कोई ऐसी चाल सोचनी पड़ेगी जिससे मुझे यह पूरा हाथी ही खाने को मिल जाए। और मुझे इसे चीरना भी ना पड़े।”
उसने एक शेर को वहां से गुजरते हुए देखा और उसे हाथी की दावत पर आमंत्रित किया। शेर ने जवाब दिया, “मैं सिर्फ वही जानवर खाता हूं जिसका मैंने खुद शिकार किया हो।”
शेयर वहां से चला गया। कुछ देर के बाद एक बाघ वहां से गुजरा। सियार जानता था कि बाघ हाथी को खाने से मना नहीं करेगा। उसने बाघ से कहा, “यह शेर का शिकार है। अगर तुम इसे खाओगे तो शेर तुम्हें नहीं छोड़ेगा।”
बाघ को शेर से डर लगता था इसलिए वह शेर का नाम सुनते ही वहां से भाग खड़ा हुआ।
तभी वहां एक तेंदुआ आया। सियार जानता था कि तेंदुए के तीखे दांत होते हैं। इसलिए उसने तेंदुए से कहा, “तेंदुए अगर तुम चाहते तो इस हाथी को खा सकते हो। यह शेर का शिकार है जैसे ही वह आएगा, मैं तुम्हें आगाह कर दूंगा।”
तेंदुए ने सियार का धन्यवाद दिया। तेंदुए ने अपने तीखे दातों से हाथी का सख्त मांस चीरा। उसके बाद जैसे ही वह हाथी को खाने लगा, सिया चिल्लाया, “शेर वापस आ गया।”
शेर के डर से तेंदुआ बिना हाथी को चखे, सरपट दौड़ा। उसके बाद वहां दूसरा सियार आ गया। सियार ने उस दूसरे सियार को पीट कर भगा दिया।
चालाक सियार की चाल कामयाब हो गई और उसे पूरा एक हाथी खाने को मिला।
नैतिक शिक्षा:– अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर युक्ति का उपयोग करना चाहिए।
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