sauda Panchtantra ki kahani in Hindi
एक दिन एक गरीब ब्राह्मण ने अपनी पत्नी शानदीली को बोला कि वह घर में मेहमान को बुलाकर उन्हें खाना खिलाए।
शानदीली ने सोचा कि, “मेरे पास सस्ते तिल के बीज है। मैं मेहमानों के लिए उसी से कुछ बना देती हूं।”

ऐसा सोच कर उसने उन टीलो को साफ किया और उनके छिलके उतार दिए। उसके बाद वह घर के दूसरे काम करने चली गई। उसी वक्त एक कुत्ता आया और उसने सारे बीजों पर अपना थूक गिरा दिया।
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शानदीली ने बीजों को देखकर अफसोस किया और सोचा, “मेरे पास तो बस यही बीच थे। ऐसा करती हूं अपनी पड़ोसन से इन बीजों के बदले दूसरे बीज मांग लेती हूं।”
वह अपनी पड़ोसन के पास जाकर बोली, “सखी क्या तुम मुझे इन साफ तिल के बीजों के बदले अपने छिलके वाले तिल के बीच दोगी।”
पड़ोसन मान गई पर उसके बेटे ने उसे रोक दिया और कहा, “इन बीजों में कोई गड़बड़ी होगी। छिलके वाले बीज लेकर बिना छिलके वाले बीज कौन देता है?”
पड़ोसन अपने बेटे की बात मानती है और शानदीली को खाली हाथ घर आना पड़ा।
नैतिक शिक्षा :– हर प्रस्ताव का भली प्रकार आंकलन करें।
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