अंधा गिद्ध और दुष्ट बिल्ली | Blind Vulture Story | Panchatantra Kahaniya | Ancient Hindi Kahaniya
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अंधा गिद्ध और दुष्ट बिल्ली पंचतंत्र की कहानी | andha gidh aur billi Panchtantra ki kahani in Hindi
एक बार एक अंधे गिद्ध ने एक विशाल पेड़ की कोटर में आश्रय लिया उसी पेड़ पर रहने वाले दूसरे पक्षी, प्रतिदिन उसे खाना देते और लौट जाते जब सारे पक्षी भोजन की खोज में उड़ जाते, वह गिद्ध उनके नन्हे बच्चों की रक्षा करता था।
एक दिन, एक बिल्ली गिद्ध के पास आई और गिद्ध से बोली,“मैंने आपके बारे में बहुत सुना है। मैं आपकी शिष्या बनना चाहती हूं।”
बिल्ली ने गिद्ध की तारीफ और चापलूसी की। गिद्ध ने बिल्ली को अपनी शिष्या बना लिया। बिल्ली गिद्ध के साथ ही उस कोटर में रहने लगी।
एक दिन जब गिद्ध सो रहा था, बिल्ली पेड़ पर चढ़ी और पक्षियों के सारे बच्चों को खा गई। उसने उनकी हड्डियां कोटर में फेंक दी और वहां से भाग गई।
क्रोधित पक्षियों ने कोटर में अपने बच्चों की हड्डियां देखी। उन्होंने सोचा कि गिद्ध उनके बच्चों को खा गया है। सारे पक्षियों ने गिद्ध पर हमला कर उसकी जान ले ली।
नैतिक शिक्षा :– दुष्ट व्यक्तियों द्वारा की गई प्रशंसा और चापलूसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
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