बैल और लालची सियार पंचतंत्र की कहानी | bell aur lalchi siyar Panchtantra ki kahani in Hindi
एक बार एक बैल जंगल में भटक रहा था। एक दिन सियार और उसकी पत्नी ने उसे नदी पर पानी पीते हुए देखा। सियार की पत्नी उससे बोली, “ उस बैल को देखो। कितना हष्ट–पुष्ट है।
कोई बाघ या शेर उसे मार देगा, और वह जो भी छोड़ेगा उसे हम खा सकते हैं। हमें इस बैल का पीछा करना चाहिए।”
नर सियार ने जवाब दिया, “जरूरी नहीं कि कोई बड़ा जानवर इसका शिकार करें। अगर हम अन्य जानवर का शिकार नहीं करेंगे तो भूखे रह जाएंगे।”
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परंतु मादा सियार अपनी बात पर अड़ी रही और आखिर में नर् सियार उसकी बात मान गया। उन्होंने पूरे एक हफ्ते बैल का पीछा किया पर किसी ने उसे नहीं मारा।
आखिर में दोनों ने उम्मीद छोड़ दी और छोटे जानवरों का शिकार करने चले गए।
नैतिक शिक्षा :– लालच व्यक्ति को मूर्ख और अंधा बना देता है।
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