ब्राह्मण और राक्षस | Brahmin and Rakshas | Hindi Kahaniyan || Panchtantra Ki kahani | Hindi stories
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Brahmin and Rakshas Panchtantra ki kahani in Hindi
बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में एक क्रूर दानव रहता था। एक दिन उसने एक ब्राह्मण को देखा। वह दाना उछल कर ब्राह्मण के कंधों पर चढ़ गया और बोला, “मुझे पास की नदी तक ले चलो। मुझे स्नान करना है।”
ब्राह्मण के पास कोई चारा नहीं था। इसलिए वह राजी हो गया। नदी के रास्ते में बढ़ते हुए ब्राह्मण ने दानव के पैरों को गौर से देखते हुए कहा, “तुम्हारे पास इतनी कोमल और साफ सूत्र कैसे हैं?”
दानव ने जवाब दिया, “मैं कभी भी अपने पांव को साफ किए बिना जमीन पर कदम नहीं रखता।”
जल्द ही वे नदी के पास पहुंच गए और दानव नदी के अंदर नहाने चला गया। ब्राह्मण समझ गया था कि नहाने के बाद राक्षस उसे मार डालेगा।
वह यह भी समझ गया था की बिना अपने पांव को साफ किए दानव उसका पीछा नहीं करेगा। इसलिए वह फौरन भाग खड़ा हुआ। दानव ने उसका पीछा नहीं किया।
नैतिक शिक्षा :– मुसीबत का सामना सूझ–बूझ से करें।
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