Shakambhari Mata Ki Aarti video – शाकम्भरी माता आरती
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shakumbhari mata ki aarti lyrics – शाकम्भरी देवी आरती
हरि ॐ श्री शाकम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो।
ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो, शताक्षी दयालु की आरती कीजो।
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी माँ।
श्री शाकम्भरी अम्बा जी की आरती कीजो।
तुम्हीं हो शाकम्भरी, तुम ही हो शताक्षी माँ।
शिव मूर्ति माया, तुम ही हो प्रकाशी माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
नित जो नर-नारीअम्बे आरती गावे माँ,
इच्छा पूरण कीजो,शाकम्भरी दर्शन पावे माँ।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ, जो नर आरती सुने सुनावे माँ।
बसे बैकुण्ठ शाकम्भर दर्शन पावे।
श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो।
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shakumbhari devi ki aarti lyrics PDF Download in Hindi – Shakumbhari Devi Aarti, मां शाकम्भरी देवी
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Shakumbhari maa ki katha PDF Download – शाकम्भरी मां देवी
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मां शाकम्भरी देवी आदि शक्ति का एक सौम्य अवतार हैं। माँ ही वैष्णो, चामुंडा, कांगड़ा वाली, ज्वाला, चिंतापुरणी, कामाख्या, चंडी, बाला सुंदरी, मनसा, नैना शताब्क्षी देवी कहलाती हैं। माँ शाकम्भरी ही रक्तदंतिका, छिन्नमस्तिका, भीमा, भ्रामरी और श्री कनक दुर्गा है। वस्तुत मां शाकम्भरी ही सबसे बड़ी माता है, माँ श्री शाकंभरी के देश में अनेक सिध्दपीठ है।
माँ शाकम्भरी के तीनो पीठो का संबंध शिवालिक पर्वतमाला पर विराजमान शाकम्भरी देवी से है। इनके प्रसाद में कोई भी हरी वनस्पति दी जाती है। यह मंदिर बहुत प्रसिध्द है। शाकम्भरी देवी का प्रसिध्द तीर्थस्थल सहारनपुर की शिवालिक पर्वमाला के जंगलों मे स्थित है देवी यहां प्राचीनकाल से विराजमान है।
शाकम्भरी पीठ का महत्व इतिहास मे भी मिलता है। आचार्य सत्यकेतु विधालंकर की पुस्तक आचार्य विष्णु गुप्त चाणक्य में भी इसका उल्लेख है। चंद्रगुप्त के समय मे माँ शाकम्भरी पीठ देश का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल था। माँ शाकम्भरी के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ सिध्दपीठ में पहुँचती थी।
भारत मे माँ शाकम्भरी देवी का स्थल और प्राचीन शक्ति पीठ यही है। साम्भर की शाकम्भरी देवी का मंदिर चौहानों ने बनवाया था जोकि माँ शाकम्भरी को अपनी कुलदेवी मानते थे।
Aarti
Reference-
21 February 2021, Shakambhari Mata Ki Aarti, wikipedia