शिवजी की आरती video,Image|Shivji ki aarti lyrics PDF Download|ॐ जय शिव ओंकारा | Om Jai Shiv Omkara

Om Jai Shiv Omkara Lord Shiva Aarti ANURADHA PAUDWAL I Aarti I Full Audio Song I Art Track

Shivji ki aarti Lyrics In Hindi

॥ शिवजी की आरती ॥

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।
मधु-कैटभ दो‌उ मारे,सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥

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Shiva Aarti - shivji aarti lyrics | शिवजी की आरती
शिवजी की आरती

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भगवान शिव कथा | Story Of Lord Shiva | Bhagwan Shiv Katha | Devotional Stories | कथा शिव जी की

भगवान शिव शंकर, भोले नाथ देवों के देव महादेव, त्रिदेवो मे से एक देव हैं। इन्हे शंकर, महेश, रूद्र, नीलकंठ, गंगाधर आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना की बात करें तो इन्हे भैरव भी कहा जाता है।

भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं। वेदों मे शिव जी का 

नाम रूद्र है। शिव जी भगवान की पत्नी इनकी अर्धांगनी का नाम पार्वती है वे जगत की माता हैं। शिव भगवान और माता पार्वती के पुत्रों का नाम कार्तिकेय और गणेश जी हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं।गणेश भगवान सर्व प्रथम पूजनीय हैं। भगवान भोलेनाथ की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनो रूप मे की जाती है। शिव भगवान के गले में सर्पों की माला तथा हाथ मे त्रिशूल तथा डमरु रहता है, सर पर चंद्रमा तथा जटा में गंगा विराजती है। शिवजी का वास कैलाश पर्वत मे है वह हमेशा ध्यान मग्न रहते हैं।

शंकर भगवान श्रृष्टि के संहार के देवता हैं, सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति तथा संहार के अधिपति शिव हैं। शिव भगवान के लिए सृष्टि का हर जीव एक समान है इसलिए वे महादेव कहलाते हैं। संपूर्ण सृष्टि शिवमय है, तथा मनुष्यों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है, भगवान शिव दया के सागर हैं। उनकी कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

Aarti

माता की आरतीदेवताओं की आरती
Vindhyeshwari Mata Ki Aartibanke bihari aarti 
Sheetla Mata Ki AartiGiriraj ki aarti
Sharda Mata Ki Aarti Balaji aarti
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Saraswati Mata Ki AartiBhairav aarti
Santoshi Mata Ki Aartibrahma aarti
Radha Mata Ki AartiChitragupta Aarti
Parvati Mata Ki AartiGopal Aarti
Narmada Mata Ki AartiJagdish Aarti lyrics
Mahakali Mata Ki AartiKuber Aarti 
Lalita Mata Ki AartiNarsingh Aarti 
Laxmi Mata Ki AartiParshuram Aarti
Gayatri Mata Ki AartiPurushottam Aarti
Gau Mata Ki AartiAarti Shri Raghuvar Ji Ki 
Ganga Mata Ki AartiShri Satyanarayana Aarti 
Ekadashi Mata Ki AartiShanidev ki aarti
Vaishno Devi Ki AartiShivji ki aarti 
Tulsi Mata Ki AartiSurya Aarti 
Durga Mata Ki Aartivishwakarma ji ki aarti
Baglamukhi Mata Ki AartiShiv Shankar aarti
Annapurna Ji Mata Ki AartiNarsingh Kunwar aarti 
Ambe Mata Ki AartiRamdev aarti 
Ahoi Mata Ki Aartihanuman ji ki aarti
aarti kunj bihari ki
ramchandra ji ki aarti 
Govardhan maharaj ji ki aarti 
Ramayan ji ki aarti 
Aarti Sangrah

I am a technology enthusiast and write about everything technical. However, I am a SAN storage specialist with 15 years of experience in this field. I am also co-founder of Hindiswaraj and contribute actively on this blog.

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