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आरती श्री अन्नपूर्णा माता जी की – Annpurna Mata ki aarti video
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अन्नपूर्णा आरती लिरिक्स – annapurna mata ki aarti lyrics
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारे,लेते होत सब काम॥
मैया बारम्बार प्रणाम।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,कालान्तर तक नाम।
सुर सुरों की रचना करती,कहाँ कृष्ण कहाँ राम॥
मैया बारम्बार प्रणाम।
चूमहि चरण चतुर चतुरानन,चारु चक्रधरश्याम।
चन्द्र चूड़ चन्द्रानन चाकर,शोभा लखहि ललाम॥
मैया बारम्बार प्रणाम।
देवी देव दयनीय दशा में,दया दया तव नाम।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,शरण रूप तव धाम॥
मैया बारम्बार प्रणाम।
श्रीं, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या,श्रीं क्लीं कमल काम।
कान्तिभ्रांतिमयी कांति शांतिमयी वर देतु निष्काम॥
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।
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माँ अन्नपूर्णा की कृपा पाने को सुने अन्नपूर्णा व्रत कथा / annapurna vrat katha video/ अन्नपूर्णा व्रत कथा
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विवरण- मां अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। जो धन धान्य की देवी है। अन्नपूर्णा देवी की पूजा करने से कभी भी किसी चीज़ की कमी नही होती तथा अन्न के भंडार भरे रहते हैं।
अन्नपूर्णा जंयती का पर्व

मां अन्नपूर्णा जयंती का पर्व मार्गशीष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। मां अन्नपूर्ण की पूजा करने से घर में कभी धन और धान्य की कमी नही होती। अन्नपूर्ण जयंती के दिन अन्न का दान करने से भी विशेष लाभ मिलता है।
अन्नपूर्णा जयन्ती का महत्व
अन्नपूर्णा जयंती मागर्शीष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस पर्व का बड़ा महत्व होता है। जब पृथ्वी पर लोगों के पास खाने के लिए कुछ नही था तो मां पार्वती ने अन्नपूर्णा का रुप रखकर पृथ्वी को इस संकट से निकाला था। अन्नपूर्णा जयंती का दिन मनुष्य के जीवन में अन्न के महत्व को दर्शाता है।
इस दिन रसोई की सफाई और अन्न का सदुपयोग बहुत जरूरी होता है। इससे घर मे शुधी आती है। माना जाता है कि इस दिन रसोई की सफाई करने और अन्न का सदुपयोग करने से मनुष्य के जीवन में कभी भी धन धान्य की कमी नही होती।
Aarti
Reference-
24 January 2021, Maa Annapurna Ji Ki Aarti, wikipedia