- arti kije Narsingh Ji Ki || आरती कीजे नरसिंह कुंवर की || By sant rajuram ji नरसिंह जयंती (Video)
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- Aarti Narsingh Kunwar ki lyrics In Hindi PDF Download – आरती श्री नरसिंह कुँवर की
- Narasimha Jayanti; नरसिंह अवतार की कथा/ कहानी; Narsimha Avatar Ki Katha
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arti kije Narsingh Ji Ki || आरती कीजे नरसिंह कुंवर की || By sant rajuram ji नरसिंह जयंती (Video)
Narsingh Kunwar Aarti Lyrics In Hindi
॥ आरती श्री नरसिंह भगवान जी की ॥
आरती कीजै नरसिंह कुँवर की।वेद विमल यश गाऊँ मेरे प्रभुजी॥
पहली आरती प्रह्लाद उबारे।हिरणाकुश नख उदर विदारे॥
दूसरी आरती वामन सेवा।बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।सहसबाहु के भुजा उखारे॥
चौथी आरती असुर संहारे।भक्त विभीषण लंक पधारे॥
पाँचवीं आरती कंस पछारे।गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥
तुलसी को पत्र कण्ठ मणि हीरा।हरषि-निरखि गावें दास कबीरा॥
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Aarti Narsingh Kunwar ki lyrics In Hindi PDF Download – आरती श्री नरसिंह कुँवर की
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Narasimha Jayanti; नरसिंह अवतार की कथा/ कहानी; Narsimha Avatar Ki Katha
नरसिंह भगवान को, भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है, जो खंबे से आधे मानव तथा आधे सिंह के रूप मे प्रकट होते हैं, इनके उपर का हिस्सा यानी सिर और धड़ तो मानव रूपी था लेकिन चेहरा व पंजे सिंह के थे। उन्होने ये अवतार हिरण्य कश्यप की मृत्यु के लिए अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए लिया था।
हिरण्यकश्यप के वरदान के अनुसार जो ब्रह्मा जी ने दिया था उसे कोई भी मानव या जानवर नही मार सकता था, और इसी कारण उसका अत्याचार बढ़ता जा रहा था। इसलिए विष्णु भगवान ने नरसिंह अवतार लिया था जो आधे मानव और आधे जानवर दोनो रुपो मे थे। प्रहलाद हिरण्यकश्यप का पुत्र था।
वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था इसी बात का भय हिरण्यकश्यप को था इसलिए जब हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने की कोशिश की तो भगवान विष्णु ने अपने भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार धारण किया।
नरसिंह अवतार इतना भयावह था कि हिरण्यकश्यप को मारने के बाद भी शांत नही हुआ और संपूर्ण पृथ्वी को उनसे भय उत्पन्न हो गया। तब उन्हे शांत करने के लिए भगवान शिव ने एक विकराल ऋषभ का रूप धारण किया जिससे नरसिंह नही जीत पाए और शांत हो गए।