श्री नरसिंह की आरती video,Image|Narsingh Aarti lyrics PDF Download|ॐ जय नरसिंह हरे | Om Jai narsingh Hare

नरसिंह जयंती | Shri Narasingh Aarti | Shri Narsingh Chalisa

Shri Narasingh Aarti

Narsingh Aarti Lyrics In Hindi

॥ श्री नरसिंह भगवान की आरती ॥

ॐ जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,जन का ताप हरे॥

ॐ जय नरसिंह हरे॥

तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी,प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर,
अद्भुत रूप बनाकर,प्रकटे भय हारी॥

ॐ जय नरसिंह हरे॥

सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो,
दास जान अपनायो,जन पर कृपा करी॥

ॐ जय नरसिंह हरे॥

ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे,प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर,पुष्पन बरसावे॥

ॐ जय नरसिंह हरे॥

यहाँ पढ़ें: 50+ देवी देवताओं की आरती

Narsingh Aarti Lyrics Image

नरसिंह की आरती - Narsingh Aarti lyrics
नरसिंह की आरती

Narsingh Aarti Lyrics In Hindi PDF Download – श्री नरसिंह की आरती

श्री नरसिंह की आरती का पीडिएफ डाउनलॉड (PDF Download) करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।

भगवान नरसिंह अवतार कथा | Narasimha Avataar | The Lion Man incarnation of Lord Vishnu Hindu Rituals

भगवान श्री नरसिंह भगवान की कथा एक बालक जिसका नाम प्रहलाद था, कि सच्ची भक्ति से जुड़ी हुई है। प्रहलाद हिरण्यकश्यप का पुत्र था। जो बहुत बलशाली था और भगवान मे विश्वास नही रखता था। हिरण्यकश्यप कश्यप ऋषि के पुत्र थे।

हिरण्यकश्यप के भाई हरिण्याक्ष को भगवान विष्णु द्वारा पृथ्वी की रक्षा के लिए वराह रूप धर कर मार दिया गया था। भाई की मृत्यु का बदला लेने के लिए हिरण्यकश्यप ने अजय होने के लिए कई वर्षो तक तप किया और फिर ब्रह्मा जी ने उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हे अजय होने का वर दिया। 

हिरण्यकश्यप ने वरदान पाने के बाद स्वर्ग पर अपना अधिपत्य स्थापित कर लिया वहां से देवतों को भगा दिया और संपूर्ण लोकों पर अपना अधिपत्य जमा लिया। क्योंकि हिरण्यकश्यप को अजय होने का वरदान मिला था इसलिए इसे पराजित नही किया जा सकता था।

हिरण्यकश्यप ने ब्रह्मा जी से वरदान मांगा कि “मुझे न कोई घर मे मार सके न बाहर, न अस्त्र से न शस्त्र से, न दिन में और न ही रात में, न मनुष्य से और न ही पशु से, न आकाश मे न पाताल मे”।

 भक्त प्रहलाद

हिरण्यकश्यप के एक संतान हुई जिसका नाम प्रहलाद था वह बालक विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। जिसके कारण हिरण्यकश्यप बहुत भयभीत हो गया था। इसी कारण हिरण्यकश्यप ने निश्चय किया कि वह अपने पुत्र को मार देगा।

जब हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने का प्रयास किया तो भगवान विष्णु जी नरसिंह अवतार का रूप धारण करते हैं और हिरण्यकश्यप का वध कर देते हैं।

Aarti

माता की आरतीदेवताओं की आरती
Vindhyeshwari Mata Ki Aartibanke bihari aarti 
Sheetla Mata Ki AartiGiriraj ki aarti
Sharda Mata Ki Aarti Balaji aarti
Shakambhari Mata Ki AartiBatuk Bhairav aarti 
Saraswati Mata Ki AartiBhairav aarti
Santoshi Mata Ki Aartibrahma aarti
Radha Mata Ki AartiChitragupta Aarti
Parvati Mata Ki AartiGopal Aarti
Narmada Mata Ki AartiJagdish Aarti lyrics
Mahakali Mata Ki AartiKuber Aarti 
Lalita Mata Ki AartiNarsingh Aarti 
Laxmi Mata Ki AartiParshuram Aarti
Gayatri Mata Ki AartiPurushottam Aarti
Gau Mata Ki AartiAarti Shri Raghuvar Ji Ki 
Ganga Mata Ki AartiShri Satyanarayana Aarti 
Ekadashi Mata Ki AartiShanidev ki aarti
Vaishno Devi Ki AartiShivji ki aarti 
Tulsi Mata Ki AartiSurya Aarti 
Durga Mata Ki Aartivishwakarma ji ki aarti
Baglamukhi Mata Ki AartiShiv Shankar aarti
Annapurna Ji Mata Ki AartiNarsingh Kunwar aarti 
Ambe Mata Ki AartiRamdev aarti 
Ahoi Mata Ki Aartihanuman ji ki aarti
aarti kunj bihari ki
ramchandra ji ki aarti 
Govardhan maharaj ji ki aarti 
Ramayan ji ki aarti 
Aarti Sangrah

I am a technology enthusiast and write about everything technical. However, I am a SAN storage specialist with 15 years of experience in this field. I am also co-founder of Hindiswaraj and contribute actively on this blog.

Leave a Comment