- Shani Dev Aarti With Lyrics | शनिदेव आरती | Jai Jai Shani Dev Bhaktan Hitkari | Devotional Aarti (Video)
- Shanidev ki aarti Lyrics In Hindi
- Shanidev ki aarti Lyrics Image
- Shanidev ki aarti Lyrics In Hindi PDF Download – शनिदेव की आरती
- शनि गाथा ORIGINAL – SHANI DEV GATHA WITH LYRICS : सम्पूर्ण शनि कथा – SHIV NIGAM |FULL HD | SUPERTONE
- Aarti
Shani Dev Aarti With Lyrics | शनिदेव आरती | Jai Jai Shani Dev Bhaktan Hitkari | Devotional Aarti (Video)
Shanidev ki aarti Lyrics In Hindi
॥ शनिदेव की आरती ॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
श्याम अंग वक्र-दृष्टिचतुर्भुजा धारी।
निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
क्रीट मुकुट शीश सहजदिपत है लिलारी।
मुक्तन की माल गलेशोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
मोदक और मिष्ठान चढ़े,चढ़ती पान सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़दमहिषी है अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
देव दनुज ऋषि मुनिसुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान हमहैं शरण तुम्हारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
यहाँ पढ़ें: 50+ देवी देवताओं की आरती
Shanidev ki aarti Lyrics Image

Shanidev ki aarti Lyrics In Hindi PDF Download – शनिदेव की आरती
शनिदेव की आरती का पीडिएफ डाउनलॉड (PDF Download) करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।
शनि गाथा ORIGINAL – SHANI DEV GATHA WITH LYRICS : सम्पूर्ण शनि कथा – SHIV NIGAM |FULL HD | SUPERTONE
शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं। वे बचपन से बहुत सुंदर और तेजस्वी थे। इसलिए गंधर्व ने अपनी पुत्री कंकाली से शनि देव का विवाह करा दिया। इंद्र की सभा मे अक्सर कई सुंदरियाँ इन्हे देखा करती थी और इस पर कई बार शनि देव उन पर मोहित हो जाया करते थे। लेकिन उनकी पत्नी को यह बात अच्छी नही लगती थी। एक बार इसी बात से क्रोधित होकर गंधर्व पुत्री कंकाली ने अपने पति को बदसूरत होने का श्राप दे दिया और साथ में ये भी कहा कि आपकी दृष्टि हमेशा नीचे ही रहे अगर आपकी किसी पर भी सीधी दृष्टि पड़े तो उस पर साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ जाए।
इस बात से परेशान होकर शनि देन वे शिव भगवान की घोर तपस्या की और भगवान को प्रसन्न किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव भगवान ने उन्हे वरदान दिया। शनि देव ने भगवान शिव से सीधे देखने का वर मांगा। भगवान शिव ने उन्हे कहा जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के नीचे तेल चढ़ाएगा उस पर तुम्हारी पढ़ने वाली दृष्टि शुभ दृष्टि मे बदल जाएगी। इसलिए ही शनिवार के दिन शनि देव को पूजा जाता है उन पर तेल चढ़ता है और पीपल के नीचे शनि देव की पूजा की जाता है।