- Aarti Shri Ramayan Ji Ki with Hindi, English Lyrics I ANURADHA PAUDWAL I Full Video Song I Lyrical (Video)
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- Ramayan ji ki aarti lyrics In Hindi PDF Download – रामायण जी की आरती
- Sampurna Ramayan Katha | Musical Story of Shri Ram | Ayodhya Kand | Sunder Kand | Lanka Kand
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Aarti Shri Ramayan Ji Ki with Hindi, English Lyrics I ANURADHA PAUDWAL I Full Video Song I Lyrical (Video)
Ramayan ji ki aarti lyrics In Hindi
॥ श्री रामायणजी की आरती ॥
आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥
गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद।बालमीक विज्ञान विशारद।
शुक सनकादि शेष अरु शारद।बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥
गावत वेद पुरान अष्टदस।छओं शास्त्र सब ग्रन्थन को रस।
मुनि-मन धन सन्तन को सरबस।सार अंश सम्मत सबही की॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥
गावत सन्तत शम्भू भवानी।अरु घट सम्भव मुनि विज्ञानी।
व्यास आदि कविबर्ज बखानी।कागभुषुण्डि गरुड़ के ही की॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥
कलिमल हरनि विषय रस फीकी।सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की।
दलन रोग भव मूरि अमी की।तात मात सब विधि तुलसी की॥
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥
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Ramayan ji ki aarti lyrics Image
Ramayan ji ki aarti lyrics In Hindi PDF Download – रामायण जी की आरती
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Sampurna Ramayan Katha | Musical Story of Shri Ram | Ayodhya Kand | Sunder Kand | Lanka Kand
अयोध्या के राजा दशरथ के यहां गुरु वशिष्ठ की कृपा से उनकी तीन रानियों के चार पुत्र हुए। जिनमे राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। गुरु विष्मामित्र के साथ श्री राम और लक्ष्मण सीता स्वंयवर मे पहुँचे। धनुष तोड़ने पर उनका विवाह सीता के साथ हुआ।
कैकयी के वचन के कारण श्री राम जी को 14 वर्ष का वनवास भोगना पड़ा उनके साथ उनकी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण थे। वन मे रहते- रहते लंका पति रावण द्वारा सीता का हरण हो जाता है और फिर हनुमान जी सारी लंका मे आग लगाकर उसे भस्म कर देते हैं।
लंका जाने के लिए समुंद्र मे पुल बना कर सभी लंका पहुँचे और वहां पर रावण सेना का राम जी के सेना के साथ युद्ध होता है। कई दिनों तक युद्ध चलने के बाद श्री राम चंद्र जी ने लंका के रावण का वध किया और सीता माता को मुक्त कराया।
अयोध्या वापिस लौटने पर सभी का भव्य सुआगत किया जाता है इस दिन सभी ने दीपक जलाकर रोशनी करके स्वागत किया। तभी श्री राम चंद्र जी का राज्याभिषेक किया जाता है।