- Bhagwan Brahma Chalisa – Aarti by Surinder | Hindi Devotional Song | YNR Videos
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- Bramha Aarti Lyrics In Hindi PDF Download – श्री ब्रह्मा जी आरती
- क्यों नहीं है ब्रह्मदेव का कोई भी मंदिर? जाने पूरी कथा! | Why are there no temples of Brahma ji?
- ब्रह्मा जी का मंदिर
- Aarti
Bhagwan Brahma Chalisa – Aarti by Surinder | Hindi Devotional Song | YNR Videos
Brahma aarti lyrics in Hindi
॥ आरती श्री ब्रह्मा जी ॥
पितु मातु सहायक स्वामी सखा,तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कुछ और आधार नहीं,तिनके तुम ही रखवारे हो।
सब भाँति सदा सुखदायक हो,दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।
प्रतिपाल करो सिगरे जग को,अतिशय करुणा उर धारे हो।
भुलि हैं हम तो तुमको,तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अन्त नहीं,छिन ही छिन जो विस्तारे हो।
महाराज महा महिमा तुम्हरी,मुझसे बिरले बुधवारे हो।
शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि,मन मन्दिर के उजियारे हो।
इस जीवन के तुम जीवन हो,इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
तुम सों प्रभु पाय ‘प्रताप’ हरि,केहि के अब और सहारे हो।
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Brahma aarti lyrics Image
Bramha Aarti Lyrics In Hindi PDF Download – श्री ब्रह्मा जी आरती
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क्यों नहीं है ब्रह्मदेव का कोई भी मंदिर? जाने पूरी कथा! | Why are there no temples of Brahma ji?
ऋष्टि के निर्माता, पालन हारा और विनाश कर्ता के रूप मे ब्रह्मा, विष्णु और महेश भगवान हैं। ब्रह्मा जी इन तीनो मे से ही एक भगवान हैं जो ऋष्टि के निर्माता के रूप मे जाने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऋष्टि की रचना ब्रह्मा जी ने ही की है। इसके लिए ही ब्रह्मा जी को पिता माह भी कहा जाता है।
ब्रह्मा जी का मंदिर
भगवान शिव जी और विष्णु जी के संसार मे कई मंदिर हैं भगवान हर कहीं पूजे जाते हैं लेकिन ब्रह्मा जी का केवल एक ही मंदिर है। क्या आप जानते हैं कि ये कहा हैं? ब्रह्मा जी का मंदिर पूरे विश्व मे केवल राजस्थान के पुष्कर जिले मे स्थित है।
ब्रह्मा जी का पूरे विश्व मे केवल एक मंदिर होने का यह कारण बताया गया है कि ब्रह्मा जी की पत्नी ने उन्हे श्राप दिया था।
क्या आप जानते हैं कि ब्रह्मा जी ने अपनी ही पुत्री से भी शादी की थी, उनकी पुत्री का नाम सरस्वती था। आज सभी सरस्वती जी को विधा की देवी के नाम से जानते हैं। ब्रह्मा जी ने अपनी पुत्री से ही शादी की थी ऐसा सरस्वती पुराण और मत्स्य पुराण मे कहा गया है।
सरस्वती पुराण के अनुसार सरस्वती को विधा की देवी कहा गया है। मां सरस्वती जी इतनी सुंदर थी की ब्रह्मा जी भी काबू नही कर सके। एक दिन सरस्वती छिप गई थी लेकिन ब्रह्मा जी ने उन्हे ढूंढ लिया और उनसे इस ऋष्टि की रचना करने में सहयोग मागा उसके बाद सरस्वती विवाह करने के लिए राजी हो गई और उनका विवाह हो गया फिर एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम मनु था मनु इस ऋष्टि के पहले मनुष्य थे ऐसा कहा जाता है।