एक लड़का रोज़ जंगल में भेड़ें चराने के लिए लाता था। वह बड़ा शैतान था।
अपनी शैतानियों द्वारा दूसरों को परेशान करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। मगर जंगल मे अकेला होने के कारण वह उकता जाता था। यहां किसे और कैसे परेशान करे, वह यही सोचता रहता था।
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जंगल से ही लगते हुए कुछ किसानों के खेत थे। वे सुबह – सुबह आकर अपने खेतों में काम करने में जुट जाते थे।
एक दिन उसे किसानों के साथ शैतानी करने की सूझी।
वह सोचने लगा कि ऐसा क्या किया जाए जिससे सारे किसान परेशान हो जाएं।
अचानक उसके दिमाग में एक खुराफात आ ही गई।
Bhediya Aaya Bhediya Aaya
वह जोर – जोर से चिल्लाने लगा, “बचाओ, बचाओ ! भेड़िया आया, भेड़िया आया” !
किसानों ने लड़के की आवाज़ सुनी तो वे अपना – अपना काम छोड़कर लड़के की मदद के लिए दौड़ पड़े। जो भी हाथ लगा साथ ले आए। कोई फानड़ा ले आया, कोई दरांती, तो कोई हंसिया। मगर जब वे लड़के के पास पहुँचे, तो उन्हे कहीं भेड़िया दिखाई नहीं दिया।
किसानों ने लड़के से पूछा, “कहां है भेड़िया” ?
उनका सवाल सुनकर लड़का हंस पड़ा और बोला – “मैं तो मज़ाक कर रहा था। भेड़िया आया ही नही था। जाओ… तुम लोग जाओ”।
किसान लड़के को ड़ांट – फटकार कर लौट गए।
उनके जाने के बाद वह अपने आप से बोला – ‘वाह ! कैसा बेवकूफ बनाया। मजा आ गया’ ।
कुछ दिनों बाद लड़के ने फिर ऐसा ही किया। आस – पास के किसान फिर मदद के लिए दौड़ आए। लड़का फिर हंसकर बोला – “मैं तो मज़ाक कर रहा था। आप लोगों के पास कोई और काम नहीं है जो मामूली – सी चीख- पुकार सुनकर दौड़े चले आते हो”।
किसानों को बड़ा गुस्सा आया और एक बार फिर उन्होंने उसे डांट – फटकार लगाई।
मगर ढीठ लड़का हंसता रहा।
अब किसानों ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि इस लड़के की मदद को कभी नही आएंगे।
कुछ समय बाद एक दिन सचमुच ही भेड़िया आ पहुँचा। लड़का दौड़ कर एक पेड़ पर चढ़ गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा। पर इस बार उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया।
सभी ने यही सोचा कि वह बदमाश लड़का पहले की तरह ही मज़ाक कर रहा है।
भेड़िए ने कई भेड़ों को मार डाला। इससे लड़के को अपने किए पर बड़ा दुख हुआ।
शिक्षा – इस कहानी से हमे ये शिक्षा मिलती है कि हमे कभी झूठ नही बोलना चाहिए क्योंकि झूठ बोलने वालों पर कोई विश्वास नहीं करता है।
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