चींटी और कबूतर की कहानी I Hindi Kahaniya I Moral Stories I Panchtantra Ki Kahaniyan I Fairy Tales
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Ant And Dove Panchtantra ki kahani in Hindi
एक चींटी नदी से पानी पीने की कोशिश कर रही थी। वह नदी में गिर गई और डूबने लगी। एक कबूतर दूर से यह सब देख रहा था। उसने धीरे से एक पत्ता पानी में डाल दिया।
चींटी उस पते पर चढ़ गई। तब कबूतर ने उस पत्ते को अपनी चोंच में दबाकर किनारे पर रख दिया। चींटी ने कबूतर का आभार व्यक्त किया और कहां, “आपका यह एहसान में हमेशा याद रखूंगी।”
कुछ दिनों बाद चींटी ने देखा कि एक शिकारी कबूतर पर निशाना साधे खड़ा है। चींटी घबराकर जल्दी से शिकारी के पास गई और उसके पैर पर काट लिया।
शिकारी दारू से चिल्लाया, “आह!”
आवाज सुनकर कबूतर सतर्क हो गया और उड़ गया। शिकारी का निशाना चूक गया। कबूतर ने चींटी का धन्यवाद किया।
नैतिक शिक्षा :– भलाई करने पर भलाई ही मिलती है।
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