मूर्ख साधु और ठग की कहानी। हिंदी कहानियाँ | Hindi story
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murkh sadhu aur thag Panchtantra ki kahani in Hindi
एक गांव में देव शर्मा नाम का एक साधु रहता था। मैं अपने पैसों को एक पोटली में छुपाकर रखता था। साधु उस पोटली को हमेशा अपने पास रखता था। एक दिन एक ठग की नजर उस पोटली पर पड़ गई। वह साधु के पास गया और बोला, “ॐ नमः शिवाय! गुरुजी मुझे अपनी शरण में ले लीजिए और मेरा उद्धार कीजिए।”
साधु देव शर्मा ने उसे अपना शिष्य तो बना लिया पर अपनी पोटली को लेकर वो उसपर भरोसा नहीं करता था। परंतु जल्द हगने अपनी चापलूसी और चिकनी चुपड़ी बातों से साधु का विश्वास जीत लिया।
एक दिन साधु नहाने के लिए नदी के पास रुका। उसने अपने कपड़े और पोटली शिष्य को दिए। जब वह नहा कर वापस आया तो देखा उसके कपड़े जमीन पर पड़े हैं। पर उस की पोटली और शिष्य दोनों वहां नहीं है। साधु समझ गया कि शिष्य उसके पैसे लेकर भाग गया है।
नैतिक शिक्षा :– चापलूसो से सावधान रहना चाहिए।
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