लालची सियार की कल्पना – कहानी – story for children #जीवन जीने की कला
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lalchi siyar Panchtantra ki kahani in Hindi
एक सियार जंगल की पहाड़ियों से गुजर रहा था। उसने कुछ दूरी पर एक सूअर और एक शिकारी को लड़ते हुए देखा। शिकारी ने सुअर पर निशाना साधा पर वह चूक गया। जंगली सूअर को गुस्सा आ गया और उसने शिकारी पर हमला कर दिया।

इससे पहले कि सूअर शिकारी तक पहुंच पाता, शिकारी ने दूसरा तीर छोड़ दिया। तीर ने सूअर को घायल कर दिया। फिर भी सूअर ने शिकारी को मार दिया। घायल होने की वजह से कुछ समय बाद सूअर की भी मृत्यु हो गई।
यह सब कुछ देख कर सियार ने सोचा, “आज तो मेरी दावत हो गई। मैं इन दोनों को कई दिनों तक खा सकता हूं।
सियार लालची होने के कारण वह शिकारी के धनुष की ज्या मे लागा का खून भी चाटने लगा जिसपर मांस का एक टुकड़ा भी लगा हुआ था। जैसे ही उसने मांस खाने की कोशिश की धनुष टूट गया और उसके टीखी धार ने सियार के मुंह और माथे को भेद दिया। जिससे लालची सियार की मृत्यु हो गई।
नैतिक शिक्षा :– लालच बुरी बला है
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