असली सुंदरता कहां | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | asli sundarta kahan akbar birbal ki kahani

यहाँ पढ़ें : अकबर बीरबल की अनूठी कहानियाँ

असली सुंदरता कहां | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | asli sundarta kahan akbar birbal ki kahani

एक दिन अकबर बहुत थके हुए थे और वे अपने काम से कुछ समय निकालकर कहीं विश्राम करना चाहते थे। वे बीरबल को अपने साथ बाग की सैर के लिए ले जाना चाहते थे। उन्होंने कहा, “ बीरबल मैं शाही बाग में कुछ समय बिताना चाहता हूं मेरी इच्छा है कि तुम भी मेरे साथ चलो। आपस में बातचीत करने से मन को अच्छा महसूस होगा।” बीरबल बोले, “ आपने ठीक कहा, जहांपना ताजी हवा और आपसी बातचीत से आपको आराम मिलेगा।” 

एक खुशनुमा दिन था। मौसम सुहावना होने के कारण ठंडी हवा चल रही थी। अकबर के बाग में बहुत सुंदर फूलों के हुए थे, जिन्हें देखकर मन प्रसन्न हो जाता था। जब बादशाह अकबर और बीरबल बाग में शेयर कर रहे थे, तभी अकबर अचानक कमल के एक फूल के पास  ठिठककर  बोले, “ बीरबल इस सुंदर फूल को तो देखो। यह प्रकृति माता की अनुपम देन है। क्या यह सबसे सुंदर नहीं है? धरातल प्रकृति के हाथों बनी हर चीज सुंदर होती है। तुम्हें क्या लगता है?”

asli sundarta kahan
asli sundarta kahan

यहाँ पढ़ें : मुंशी प्रेमचंद सम्पूर्ण हिन्दी कहानियाँ
पंचतंत्र की 101 कहानियां – विष्णु शर्मा
विक्रम बेताल की संपूर्ण 25 कहानियां
तेनालीराम की कहानियां
सम्पूर्ण जातक कथाएँ हिन्दी कहानियाँ
300 + हिंदी कहानी

 बीरबल बोले, “ जहांपना यह आवश्यक नहीं है कि केवल प्रकृति की रचना ही सबसे सुंदर हो। मनुष्य के हाथों बनी वस्तुएं भी सुंदर होती है। वे भी प्रशंसा के योग्य होती है।”अकबर, बीरबल की बात मानने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि कुदरत की कारीगरी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। बीरबल से बोले, “ ठीक है, मैं तुम्हें एक चुनौती देता हूं मुझे मनुष्य के हाथों बनी कोई ऐसी वस्तु दिखाओ, जिसकी मैं इस फूल की तरह पर चर्चा कर सकूं।” बीरबल ने चुनौती स्वीकार कर ली और 1 दिन का समय मांगा।

 अगले दिन  बीरबल एक व्यक्ति को लेकर दरबार में आए, जो मूर्तियां बनाता था। मूर्तिकार को अकबर से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई। वह अपने साथ पत्थर पर  तराशे गए फूलों का एक गुलदस्ता भी लाया था।

उसने बादशाह को गुलदस्ता भेंट किया। गुलदस्ते में कई तरह के फूलों को बहुत खूबसुरती से तराशा गया था। चंपा, गुलाब,चमेली और गेंदे के फूलों की सुंदरता तो असली फूलों की भी मात दे रही थी।

गुलदस्ता देखकर अकबर हैरान रह गए कि मनुष्य के हाथों बनी कोई वस्तु इतनी सुंदर हो सकती है। सुंदर गुलदस्ते को देखकर बहुत प्रसन्न हुए और मूर्तिकार की प्रशंसा की।  अकबर ने मूर्तिकार को सोने के सिक्के इनाम में दिए।

उसी शाम, जब माली के बेटे ने अकबर और बीरबल कोबाग में सैर करते हुए देखा, तो वह बादशाह के पास पहुंचा और उन्हें एक सुंदर सा  फूल उपहार स्वरूप दिया। बादशाह अकबर ने बड़ी खुशी से उसका उपहार ले लिया और उसे एक चांदी के 5 सिक्के इनाम में दिए। बीरबल पास ही खड़े सब देख रहे थे।

उन्होंने कहा, “ जहांपना क्या आपको नहीं लगता कि कुदरत और मनुष्य दोनों के हाथों बनी चीजें सुंदर होती हैं?” मैंने देखा कि आपने दोनों चीज़ों को सराहा है।वैसे मेरा मानना है कि इस समय आपके हाथ में जो फूल है, मूर्तिकार के गुलदस्ते में तराशे गए फूल इससे कहीं अधिक सुंदर और आकर्षक थे।”

 बादशाह अकबर बीरबल की बात से पूरी तरह सहमत हुए और उनकी स्पष्ट सोच के लिए काफी प्रशंसा की।

संबंधित : अकबर बीरबल की अनूठी कहानियाँ

1आम के बाग की सैर | अकबर बीरबल की कहानियाँ21अकबर-बीरबल की दूसरी मुलाकात
2अकबर का सपना | अकबर बीरबल की कहानियाँ22बीरबल की खिचड़ी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
3अकबर और बीरबल की ईरान यात्रा भाग 1 | अकबर बीरबल की कहानियाँ23बीरबल और फारस का राजा | अकबर बीरबल की कहानियाँ
4अकबर और बीरबल की ईरान यात्रा भाग 2 | अकबर बीरबल की कहानियाँ24अकबर और तीन सवाल | अकबर बीरबल की कहानियाँ
5उलझन सुलझ गई | अकबर बीरबल की कहानियाँ25चार मूर्ख | अकबर बीरबल की कहानियाँ
6अकबर ने की परख | अकबर बीरबल की कहानियाँ26अंधों की नगरी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
7अंधे साधु का राज | अकबर बीरबल की कहानियाँ27हाथी के पांव की छाप | अकबर बीरबल की कहानियाँ
8अकबर का कला प्रेम भाग 1 | अकबर बीरबल की कहानियाँ28बीरबल की बुद्धिमानी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
9अकबर का कला प्रेम भाग 2 | अकबर बीरबल की कहानियाँ29जलनखोर दरबारी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
10चूड़ियों की गिनती | अकबर बीरबल की कहानियाँ30धरती का चक्कर | अकबर बीरबल की कहानियाँ
11असली सुंदरता कहां | अकबर बीरबल की कहानियाँ31बीरबल की स्वर्ग यात्रा | अकबर बीरबल की कहानियाँ
12सबसे खूबसूरत बच्चा | अकबर बीरबल की कहानियाँ32अकबर की मूंछें | अकबर बीरबल की कहानियाँ
13व्यापारी की उलझन | अकबर बीरबल की कहानियाँ33चारपाई का राज | अकबर बीरबल की कहानियाँ
14अकबर के दांत | अकबर बीरबल की कहानियाँ34सबसे प्रिय कौन | अकबर बीरबल की कहानियाँ
15अकबर का गुस्सा | अकबर बीरबल की कहानियाँ35बीरबल और चोर का रहस्य | अकबर बीरबल की कहानियाँ
16दरबारी की भूल | अकबर बीरबल की कहानियाँ36बीरबल का घोड़ा | अकबर बीरबल की कहानियाँ
17तीन शाही सलाहकार | अकबर बीरबल की कहानियाँ37यह कैसी उलझन | अकबर बीरबल की कहानियाँ
18तोते की मौत | अकबर बीरबल की कहानियाँ
19तीन सवाल | अकबर बीरबल की कहानियाँ
20कैसे हुई अकबर-बीरबल की पहली मुलाकात

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment