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बीरबल और चोर का रहस्य | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | chor ka rahasya akbar birbal ki kahani
बादशाह अकबर अपनी न्यायप्रियता के लिए जाने जाते थे उनके राज्य में सभी उनसे बहुत खुश थे। एक सुबह रोज़ की तरह दरबार लगा था तभी एक दरबारी लुटा- पिटा-सा दरबार में आया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा।
“जहांपनाह! मैं बरबाद हो गया। मैं तो लुट गया। मेरा तो सब कुछ चला गया। कृपया मेरी सहायता करें। ” दरबारी को चीखता-चिल्लाता देखकर बादशाह अकबर अचानक चौंक गए। उनकी समझ में नहीं आया कि वह दरबारी क्या कहना चाहता है।
बादशाह अकबर बोले, “शांत हो जाओ और आराम से बताओ कि तुम्हारे साथ क्या हुआ?” ।
दरबारी ने कहा, “जहांपनाह! कल रात एक चोर मेरे घर में घुसा और मेरा सारा कीमती सामान तथा नकदी चुरा ले गया। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि अब मैं क्या करूं।
वह मेरे सारे जीवन की जमा-पूंजी थी। आप मेहरबानी करके मेरी मदद करें और चोर का पता लगवाएं।”
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“ऐसा कैसे हो सकता है? तुम तो महल की चारदीवारी के भीतर रहते हो, जो सबसे सुरक्षित स्थान है। महल में तो कोई बाहरी आदमी आ ही नहीं सकता। हो सकता है कि चोर काफी चालाक हो और वह महल की सुरक्षा भेदकर अंदर आ गया हो।” बादशाह अकबर चिंतित स्वर में बोले।
तभी बादशाह अकबर को बीरबल का ध्यान आया। वे बोले, “बीरबल! यह काम किसी बाहर के आदमी का नहीं हो सकता। आखिर चोर ने यह चोरी किस तरह की। यह चोरी बहुत रहस्यपूर्ण लगती है। मैं चाहता हूं कि तुम्हीं इस रहस्य का पर्दाफाश करो। “
बीरबल, बादशाह अकबर की बात से पूरी तरह सहमत थे। वे भी सोच रहे थे कि चोर उनके ही बीच है। वह कहीं बाहर से नहीं आया है।
बीरबल ने बादशाह अकबर से कहा कि वे सभी दरबारियों को कुछ समय तक दरबार में ही रुकने का आदेश दें। बादशाह अकबर ने बीरबल की सलाह के अनुसार ऐसा ही आदेश दिया।
तत्पश्चात बीरबल कुछ समय के लिए बाहर चले गए।कुछ देर बाद बीरबल अपने साथ एक गधा लेकर लौटे। दरवारी गधे को देखकर हैरान रह गए- भला एक गधा चोर को पकड़वाने में क्या मदद कर सकता है।
बीरबल ने कहा, “आप सबको एक-एक करके गधे के पास आना है और इसकी पूंछ उठाकर धीरे से कहना है कि मैं चोर नहीं हूं।” यह सुनकर सभी दरबारी हंसने लगे। लेकिन उन्होंने वैसा ही किया, जैसा बीरबल ने कहा था।
बीरबल ने सभी दरबारियों से कहा कि वे अपने हाथ दिखाएं, उन सबने देखा कि गधे की पूंछ पर लगे काले रंग के कारण उनके हाथों पर काला रंग लग गया था।
लेकिन एक दरबारी का हाथ बिलकुल साफ था। उस दरबारी ने गधे की पूंछ को इस डर से नहीं पकड़ा कि कहीं उसके चोर होने का भेद न खुल जाए। वह अपनी इसी गलती के कारण पकड़ा गया।।
सभी दरबारियों और मंत्रियों ने बीरबल की बुद्धिमत्ता की सराहना की। बीरबल ने भरे दरबार में चोर को पकड़वा दिया। बादशाह अकबर भी बीरबल की चतुराई देखकर बहुत अधिक प्रसन्न हुए।
बीरबल ने चोर को कैसे पकड़ा |अकबर बीरबल की कहानी_kahaniyan_Hindi Story_By Ajay Nagar Hindi kahaniyan video
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