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बीरबल की स्वर्ग यात्रा | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | Birbal ki swarg yatra akbar birbal ki kahani
एक बार कुछ दरबारियों बीरबल की बुद्धिमानी से तंग आकर बीरबल को जान से मारने की साजिश रची। इसका कारण यह था कि बीरबल को अकबर के दरबार से हटाने का कोई उपाय कामयाब नहीं हो पा रहा था।
अगले दिन एक दरबारी अकबर के नाई के पास गया और उसे रिश्वत देकर अपने साथ मिला लिया। उसने नाई से कहा, “जब तुम अगली बार बादशाह की हजामत बनाने जाओ, तो उन्हें शहर में आए हुए साधु के बारे में बताना।
उनसे कहना कि वह साधु किसी भी आदमी को स्वर्ग भेज सकता है, ताकि मृत रिश्तेदारों का हाल-चाल मालूम हो सके।”
क्योंकि वे जानते थे कि बादशाह को अपने पूर्वजों से बड़ा प्यार है और वे उनका हाल-चाल जानने के लिए किसी भी तरह की पूजा या हवन आदि करवाने से भी पीछे नहीं हटते।
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नाई ने रिश्वत ले ली और वैसा ही किया,जैसा उससे कहा गया था। अकबर ने उत्साहित होकर उस साधु को दरबार में बुलवा लिया।
साधु ने कहा, “महाराज! किसी समझदार व्यक्ति को ही स्वर्ग भेजा जा सकता है। उस समय वहां उस व्यक्ति के अलावा कोई नहीं होगा। यह विधि श्मशान घाट में पूरी होगी।”
‘समझदार’ शब्द सुनते ही अकबर ने बीरबल को साधु के पास जाने का हुक्म दे दिया। उनके दरबार में बीरबल ही सबसे ज्यादा समझदार थे।
वे चाहते थे कि बीरबल उनके पिता और दादा आदि संबंधियों का समाचार स्वर्ग से ले आएं, जो इस दुनिया में नहीं रहे।
बीरबल यह समझ चुके थे कि यह जलनखोर दरबारियों द्वारा उन्हें फंसाने की साजिश है। लेकिन वे भी कुछ कम न थे। उन्होंने अपने परिवार से मिलने के लिए बादशाह अकबर से एक दिन का समय मांगा।
इस दौरान वे अपने कुछ सहायकों से मिले और श्मशान घाट में नीचे-ही-नीचे एक सुरंग तैयार करवा ली। जब साधु पूजा-पाठ कर रहा था, तो बीरबल ने मरने का ढोंग किया।
फिर वे उस सुरंग से निकलकर गायब हो गए। दरबारियों ने यह मान लिया कि उनके रास्ते का कांटा बीरबल अब नहीं रहा। उसे साधु ने मार डाला है। लेकिन कुछ दिनों बाद जब बीरबल दरबार में आकर खड़ हुए, तो उन दरबारियों के होश उड़ गए।
बीरबल बोले, “महाराज! आपके सभी पूर्वज बहुत आराम से हैं। लेकिन उन्हें वहां एक नाई की जरूरत है। आप अपने नाई को यहां से भेज दें। ” यह सुनते ही नाई की जान पर बन आई। उसने उसी समय दरबार में जलनखोर दरबारियों की पोल खोल दी।
यह सुनकर बादशाह अकबर को बहुत दुख हुआ कि उन्होंने झूठे दरबारियों की बातों में आकर अपने प्यारे बीरबल की जान खतरे में डाल दी थी। उन्होंने उस नाई तथा जलनखोर दरबारियों को जेल में बंद कर दिया।
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