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चारपाई का राज | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | charpai ka raaj akbar birbal ki kahani
एक बार बादशाह अकबर की किसी बात से नाराज होकर बीरबल महल से कुछ दिनो के लिए दूर चले गए, अचानक बीरबल को रास्ते में एक आदमी मिला।
उस आदमी ने प्रणाम करते हुए कहा, “आप ही बादशाह अकबर के प्रिय मंत्री बीरबल हैं?”
बीरबल के हामी भरने पर उसने कहा, “मुझे आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई। मैंने सुना है कि आप किसी भी समस्या का हल चुटकियों में निकाल देते हैं और सभी लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। “
बीरबल समझ गए कि वह उनसे कुछ पैसे ऐंठना चाहता है। वे बोले, “क्या तुम इसी रास्ते से वापस जाओगे, जिस रास्ते से आए हो?” जब उस व्यक्ति ने हामी भरी, तो बीरबल बोले, “रास्ते में जो भी मिले, उससे कह देना कि बीरबल की दयालुता की समस्त कहानियां झूठी हैं।
वे किसी के लिए कुछ नहीं करते।” वह आदमी समझ गया कि बीरबल ने उसके मन की बात भांप ली है। उसने बीरबल से माफी मांगी और उन्हें अपने घर भोजन करने का निमंत्रण दिया।
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बीरबल बोले, “मैं कुछ दिनों के लिए इस जगह से दूर रहना चाहता हूं। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो “
उस आदमी ने कहा, “आप मेरे यहां रह सकते हैं, मैं किसी को पता नहीं चलने दूंगा कि आप मेरे यहां ठहरे हैं।” फिर बीरबल उस आदमी के साथ उसके गांव चले गए।
इधर बादशाह अकबर के लिए बीरबल से दूरी बनाए रखना बहुत मुश्किल हो गया था। उन्हें दरबार में बीरबल की कमी खलने लगी। अतः एक दिन उन्होंने बीरबल को बुलाने के लिए एक योजना बनाई।
बादशाह अकबर जानते थे कि अगर वे कोई अजीब-सी प्रतियोगिता रख दें, तो बीरबल ही उसका उत्तर बता सकते हैं। इस तरह बादशाह अकबर को उन्हें खोजने में बड़ी आसानी होगी।
अगले ही दिन राज्य में एक प्रतियोगिता आयोजन की घोषणा करवा दी गई जिसमे जीतने वाले विजेता को सोने की सौ मोहरें इनाम में दी जाएंगी।
चुनौती यह रखी गई कि प्रतियोगी बिना छतरी के धूप में चले, लेकिन इसके बावजूद उसके सिर पर छाया अवश्य होनी चाहिए। यह बड़ी अजीब-सी शर्त थी।
उस आदमी ने भी इस प्रतियोगिता के बारे में सुना। उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। जब उसने बीरबल से मदद मांगी, तो उन्होंने उसे वह प्रतियोगिता जीतने का उपाय बता दिया।
अगले दिन वह आदमी सिर पर चारपाई रखकर दरबार में चला गया। वह छतरी के बिना धूप में चल रहा था, लेकिन चारपाई के कारण उसके सिर पर छाया बनी हुई थी।
बादशाह अकबर उस आदमी को देखते ही समझ गए कि ऐसी तरकीब केवल बीरबल ही बता सकते हैं।
उन्होंने उससे पूछा, “तुम्हें यह उपाय किसने बताया?” वह आदमी बादशाह अकबर से झूठ कैसे बोलता । परंतु उसने बीरबल से वादा किया था कि वह किसी को उनके बारे में नहीं बताएगा। इसलिए वह बोला, “मेरे घर एक मेहमान ठहरे हुए हैं। यह उपाय उन्होंने ही बताया था।” जब अकबर उसके घर गए, तो प्यारे बीरबल से उनकी भेंट हो गई। अकबर को बीरबल मिल गए और उस आदमी ने अपना इनाम पाया।
अकबर बीरबल की कहानियाँ – Episode 02 | Akbar Birbal Animated Moral Stories | स्वर्ग की यात्रा (HD) video
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