यहाँ पढ़ें : Best Akbar Birbal ki Kahani Hindi
धरती का चक्कर | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | dharti ka chakkar akbar birbal ki kahani
एक बार बादशाह अकबर के दरबार में एक ज्योतिषी आया। वह अपने ज्ञान की बड़ी-बड़ी बातें करने लगा। उसका कहना था कि उसे धरती के बारे में बहुत गहरी जानकारी है।
अकबर को देश और दुनिया के बारे में नई-नई बातें जानने का बहुत शौक था। जब वे किसी ज्ञानी व्यक्ति के बारे में सुनते, तो उसे दरबार में अवश्य बुलाते और तरह-तरह के सवाल पूछकर अपनी जानकारी बढ़ाते अकबर बहुत उत्सुकता से उसकी बातों का आनंद ले रहे थे।
उन्होंने ज्योतिषी से कहा, “तुमने अभी बताया कि हमारी धरती गोल है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति एक बिंदु से यात्रा करे, तो वह वहीं पहुंच जाएगा, जहां से उसने अपनी यात्रा आरंभ की थी । “
ज्योतिषी ने नम्रतापूर्वक उत्तर दिया, “महाराज! जहां तक सिद्धांतों का सवाल है, आप बिलकुल ठीक कह रहे हैं। अंत में हम वहाँ पहुंच जाते हैं, जहां से चलना आरंभ करते हैं। “
अकबर बोले, “सिद्धांत? क्या ये बातें असलियत में सच नहीं होतीं?”
ज्योतिषी ने बादशाह अकबर से कहा, “महाराज! इस तरह यात्रा करना मुमकिन नहीं है, क्योंकि इसके लिए आपको असंख्य सागर, बड़े-बड़े पर्वत और घने जंगल पार करने होंगे।”
यहाँ पढ़ें : मुंशी प्रेमचंद सम्पूर्ण हिन्दी कहानियाँ
पंचतंत्र की 101 कहानियां – विष्णु शर्मा
विक्रम बेताल की संपूर्ण 25 कहानियां
तेनालीराम की कहानियां
सम्पूर्ण जातक कथाएँ हिन्दी कहानियाँ
300 + हिंदी कहानी
“मुझे तो नहीं लगता कि यह कोई बड़ी बात है। इन सब मुश्किलों का हल निकाला जा सकता है। समुद्रों को नौकाओं से पार कर सकते हैं, पर्वतों में सुरंग बना सकते हैं और घने वनों को हाथियों पर बैठकर पार किया जा सकता है।” अकबर ने सुझाव दिया। ”
ज्योतिषी बोला, परंतु महाराज! पृथ्वी की यह यात्रा पूरी होने में तो बहुत समय लग जाएगा।”
अकबर की उत्सुकता काफी अधिक बढ़ गई, “ऐसा क्यों होगा? जरा गिनकर बताएं कि कितने वर्ष का समय लग सकता है?” “मैं समय का अंदाजा नहीं लगा सकता, क्योंकि यह एक लंबी यात्रा होगी। महाराज! आप यह न भूलें कि धरती बहुत बड़ा ग्रह है।
इस यात्रा के पूरा होने में लगभग सौ साल से भी अधिक समय लग सकता है।” ज्योतिषी ने अपनी बात समझाई।
“पक्का? सौ साल? खैर, आप वर्षों की गिनती का काम तो मेरे दरबारियों पर छोड़ दें। मेरे दरबारी बड़ी आसानी से अनुमान लगाकर मुझे इस बारे में बता देंगे।” बादशाह अकबर ने कहा। अब सारे दरबारी हिसाब लगाने लगे।
अकबर को पूरा यकीन था कि उनके दरबारियों के पास हर बात का जवाब होता है। लेकिन इस संबंध में कुछ दरबारियों ने माफी मांग ली और कहा कि वे ऐसा अंदाजा नहीं लगा सकते।
एक ने कहा कि इस यात्रा पूरा होने में पच्चीस वर्ष लगेंगे। फिर किसी ने पचास साल, किसी ने कहा एक हजार दिन और किसी ने दो हजार दिन उत्तर दिए। परंतु बीरबल शांत बैठे रहे।
अकबर बोले, “क्या तुम इस प्रश्न का उत्तर नहीं दोगे?”
बीरबल ने गंभीरतापूर्वक जवाब दिया, “महाराज! मैं नहीं चाहता कि कोई उलटा-सीधा उत्तर देकर आपको परेशान करूं। मैं सही उत्तर के विषय में सोच रहा था।” “अच्छा, तो क्या जवाब है तुम्हारा?” अकबर ने पूछा।
“एक दिन।” बीरबल ने कहा। यह सुनकर सभी लोग चकित हो उठे। बीरबल बोले, “महाराज! आप एक ही दिन में पूरी पृथ्वी का चक्कर लगा सकते हैं, लेकिन आपको सूर्य की गति से यात्रा करनी पड़ेगी।”
बीरबल का जवाब सुनकर उलझन में फंसे दरबारियों ने चैन की सांस ली। क्योंकि अकबर ने उनसे ऐसा अजीब सवाल पूछा था, जिसका जवाब वे कभी नहीं दे सकते थे। बीरबल के जवाब से अकबर बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने बीरबल को पुरस्कृत किया।
अकबर बीरबल की कहानियाँ – Episode 06 | Akbar Birbal Animated Moral Stories | बहुभाषी video
संबंधित : अकबर बीरबल की सर्वश्रेष्ट कहानियां