अकबर का कला प्रेम भाग 1 | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | akbar ka kala prem part 1 akbar birbal ki kahani

यहाँ पढ़ें : Best Akbar Birbal ki Kahani Hindi

अकबर का कला प्रेम भाग 1 | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | akbar ka kala prem part 1 akbar birbal ki kahani

बादशाहा अकबर को तरह-तरह की कलाओं से बड़ा प्यार था। उन्हें संगीत में बहुत आनंद आता था। एक बार उन्होंने संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया, हिंदुस्तान के बेहतरीन संगीतकारों को बुलाया गया। सभी संगीतकार बड़े प्रसन्न हुए कि उन्हें हिंदुस्तान के बादशाह की ओर से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है।

 प्रतियोगिता वाले दिन, संगीतकार आगरा के शाही दरबार में एकत्र हो गए। बादशाह अकबर के दरबार में प्रवेश किया और बोले, “ मैं हिंदुस्तान का बादशाह अपनी राजधानी में आपका स्वागत करता हूं। मैं आशा करता हूं कि आपको यहां  किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। आप सब जानते हैं कि आप लोगों को एक संगीत प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किया गया है। मैं आप सब को इस प्रतियोगिता के सारे नियमों के बारे में बताना चाहता हूं। यह कोई सामान्य प्रतियोगिता नहीं है।”

akbar ka kala prem part 1
akbar ka kala prem part 1

यहाँ पढ़ें : मुंशी प्रेमचंद सम्पूर्ण हिन्दी कहानियाँ
पंचतंत्र की 101 कहानियां – विष्णु शर्मा
विक्रम बेताल की संपूर्ण 25 कहानियां
तेनालीराम की कहानियां
सम्पूर्ण जातक कथाएँ हिन्दी कहानियाँ
300 + हिंदी कहानी

 सभी प्रतियोगी एक दूसरे का मुंह देखने लगे। बादशाह अकबर प्रतियोगिता के विशेष नियम बताने जा रहे थे और वे सब सुनने के लिए उत्सुक थे। बादशाह अकबर ने अपनी बात आगे बढ़ाई, “आप लोगों को इस प्रतियोगिता में मुझे या अन्य श्रोताओं को  प्रसन्न नहीं करना है। आप सबको एक बैल को प्रसन्न करना है, जिसे कुछ ही देर बाद दरबार में लाया जाएगा। जो संगीतकार अपने संगीत से बैल का दिल जीतने में कामयाब होगा, वही प्रतियोगिता का विजेता माना जायेगा।   अब आप लोग अपनी प्रतिभा  से बैल का दिल जीत कर दिखाएं।”

 जैसे ही बादशाह अकबर ने अपनी बात समाप्त की, वैसे ही दरबार में एक बैल ने कदम रखता। सारे प्रतियोगी ऐसा नियम सुनकर चकित रह गए थे। यह उनके जीवन का पहला अवसर था, जब उन्हें अपने संगीत के बल पर एक पशु का दिल जीतना था। यह कोई आसान काम नहीं था। कुछ ही क्षणों में अकबर ने प्रतियोगिता आरंभ कर दी।

सारे संगीतज्ञ एक-एक करके आगे आने लगे और अपनी सबसे बेहतरीन धुन से सबका मनोरंजन करने लगे। लेकिन वे लोग बैल का मन नहीं बहला पा रहे थे। बादशाह अकबर को कुछ धूनें  बहुत पसंद आई, लेकिन बैल को कुछ अच्छा नहीं लग रहा था, इसलिए उन धुनों को अच्छा नहीं माना जा सकता था। सभी प्रतियोगी बैल के सामने आकर अपना संगीत प्रस्तुत करते रहे, परंतु वे जो का त्यों रहा। उसे तो जैसे इन धुनों सेकोई अंतर नहीं नहीं पढ़ रहा था।

 अंत में बीरबल की बारी आई। बादशाह अकबर को पूरा यकीन था कि वे बैल को अपने संगीत से प्रभावित कर लेंगे। लेकिन मामला थोड़ा गंभीर था, क्योंकि बड़े से बड़े संगीतकारों ने हार मान ली थी। इसके अलावा बीरबल संगीत में निपुण भी नहीं थे। अकबर बोले, “ प्रिय बीरबल देखें,  क्या तुम हमारे बैल का मन बहला सकते हो?”

जहांपना मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा।” बीरबल बोले। सब ने यह सोचा कि  अब बीरबल एक मधुर धुन सुनाएंगे। परंतु यह क्या, वह तो अपने वादे यंत्र से गाय के रंभा ने और मच्छरों के भिन्न-भिन्नाने के सुर निकालने लगे। जैसे ही बीरबल ने ऐसा करना आरंभ किया बैल के कान खड़े हो गए और वह अपनी दुम हिलाने लगा,  मानो उसे इस संगीत में बड़ा आनंद आ रहा हो।

इस तरह बीरबल ने महान संगीतज्ञ के बावजूद संगीत प्रतियोगिता में जीत हासिल की और अकबर का  सर गर्व से ऊंचा हो गया।

संबंधित : अकबर बीरबल की अनूठी कहानियाँ

1आम के बाग की सैर | अकबर बीरबल की कहानियाँ21अकबर-बीरबल की दूसरी मुलाकात
2अकबर का सपना | अकबर बीरबल की कहानियाँ22बीरबल की खिचड़ी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
3अकबर और बीरबल की ईरान यात्रा भाग 1 | अकबर बीरबल की कहानियाँ23बीरबल और फारस का राजा | अकबर बीरबल की कहानियाँ
4अकबर और बीरबल की ईरान यात्रा भाग 2 | अकबर बीरबल की कहानियाँ24अकबर और तीन सवाल | अकबर बीरबल की कहानियाँ
5उलझन सुलझ गई | अकबर बीरबल की कहानियाँ25चार मूर्ख | अकबर बीरबल की कहानियाँ
6अकबर ने की परख | अकबर बीरबल की कहानियाँ26अंधों की नगरी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
7अंधे साधु का राज | अकबर बीरबल की कहानियाँ27हाथी के पांव की छाप | अकबर बीरबल की कहानियाँ
8अकबर का कला प्रेम भाग 1 | अकबर बीरबल की कहानियाँ28बीरबल की बुद्धिमानी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
9अकबर का कला प्रेम भाग 2 | अकबर बीरबल की कहानियाँ29जलनखोर दरबारी | अकबर बीरबल की कहानियाँ
10चूड़ियों की गिनती | अकबर बीरबल की कहानियाँ30धरती का चक्कर | अकबर बीरबल की कहानियाँ
11असली सुंदरता कहां | अकबर बीरबल की कहानियाँ31बीरबल की स्वर्ग यात्रा | अकबर बीरबल की कहानियाँ
12सबसे खूबसूरत बच्चा | अकबर बीरबल की कहानियाँ32अकबर की मूंछें | अकबर बीरबल की कहानियाँ
13व्यापारी की उलझन | अकबर बीरबल की कहानियाँ33चारपाई का राज | अकबर बीरबल की कहानियाँ
14अकबर के दांत | अकबर बीरबल की कहानियाँ34सबसे प्रिय कौन | अकबर बीरबल की कहानियाँ
15अकबर का गुस्सा | अकबर बीरबल की कहानियाँ35बीरबल और चोर का रहस्य | अकबर बीरबल की कहानियाँ
16दरबारी की भूल | अकबर बीरबल की कहानियाँ36बीरबल का घोड़ा | अकबर बीरबल की कहानियाँ
17तीन शाही सलाहकार | अकबर बीरबल की कहानियाँ37यह कैसी उलझन | अकबर बीरबल की कहानियाँ
18तोते की मौत | अकबर बीरबल की कहानियाँ
19तीन सवाल | अकबर बीरबल की कहानियाँ
20कैसे हुई अकबर-बीरबल की पहली मुलाकात

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment