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अकबर और तीन सवाल | अकबर बीरबल की कहानियाँ | Akbar Birbal Story in Hindi | Akbar aur teen saval akbar birbal ki kahani
अकबर के दरबार में प्राय: शाम को महफिल लगा करती थी। उस समय अकबर दरबारियों से कई तरह के सवाल पूछते। बादशाह को जिस दरबारी का उत्तर सबसे अच्छा लगता, उसे वे इनाम देते और अक्सर बीरबल ही बाजी मार ले जाते। दरबारियों को इस बात से बहुत कुढ़न होती थी।
वे सोचते थे कि हर बार बीरबल को ही इनाम क्यों मिल जाता है। वे अपनी ओर से प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करते, परंतु उनके पास बीरबल के समान बुद्धि नहीं थी।
एक दिन शाम को बादशाह अकबर ने अपने दरबारियों से कहा कि वे सबसे तीन सवाल पूछेंगे। जो भी दरबारी उन सवालों के सही जवाब देगा, उसे वे मुंहमांगा इनाम देंगे।
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“पहला सवाल: सच और झूठ में क्या अंतर है? लेकिन इस सवाल का जवाब केवल तीन शब्दों में देना होगा।” बादशाह अकबर ने दरबारियों से कहा।
अकबर इंतजार करने लगे, लेकिन कोई भी जवाब देने नहीं आया। सभी दरबारियों ने बहुत दिमाग लगाया, परंतु उन्हें कोई जवाब सूझ ही नहीं रहा था।
भला सच और झूठ के अंतर को तीन शब्दों में कैसे बताया जा सकता है? बादशाह अकबर हैरान थे कि बीरबल भी चुपचाप हैं।वे बोले, “बीरबल! कम से कम तुम तो जवाब दो तुम भी चुपचाप बैठे हो।” बीरबल ने उत्तर दिया, ” मैं दूसरे दरबारियों को उत्तर देने का मौका दे रहा हूं।”
इसके बाद बीरबल अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए और बोले, “महाराज! इसका जवाब है-चार उंगलियों का फासला।” अकबर कुछ नहीं समझ पाए। उन्होंने बीरबल से कहा कि वे अपनी बात को साफ शब्दों में समझाएं।
बीरबल बोले, “महाराज! आंखें सच को देखती हैं, परंतु कान जो सुनते हैं, वह झूठ भी हो सकता है। इसलिए यह चार उंगलियों का फासला ही सच और झूठ का अंतर है।”
सभी दरबारी ‘वाह-वाह करने लगे। अकबर ने भी बीरबल की समझदारी की प्रशंसा की।
दूसरा सवाल: दूसरे सवाल के रूप में उन्होंने फर्श पर एक रेखा खींच दी और सभी दरबारियों से कहा कि वे उस रेखा को छुए बिना, छोटा करके दिखाएं।
बादशाह अकबर के सवाल का जवाब देने के लिए कोई भी दरबारी आगे नहीं आया। वे अपना दिमाग लड़ा रहे थे, परंतु उनको समझ में कुछ नहीं आ रहा था। तब बीरबल आगे आए। उन्होंने बादशाह अकबर द्वारा खींची गई रेखा के पास ही एक बड़ी रेखा खींच दी। इस तरह अकबर की रेखा छोटी दिखाई देने लगी। ऐसी स्थिति में सभी लोग ‘वाह-वाह कर उठे।
तीसरा सवाल: “इस संसार में कोई चीज ऐसी है, जिसे आप देख सकते हैं, सारे जीव-जंतु देख सकते हैं, लेकिन चांद और सूरज नहीं देख सकते। उसका नाम बताएं।”
कुछ दरबारी बादशाह अकबर के इस सवाल का जवाब देने के लिए आगे आए, लेकिन उनके जवाब गलत निकले। इसके बाद सबकी आंखें बीरबल पर जा टिकीं। उन्हें पूरा यकीन था कि बीरबल के पास बादशाह अकबर के इस सवाल का सही जवाब जरूर होगा।
बीरबल बोले, “हुजूर! इस सवाल का जवाब है- अंधेरा। इसे चांद और सूरज के सिवा बाकी सभी लोग देख सकते हैं। उन दोनों के आगे अंधेरा नहीं टिक पाता। ” सही उत्तर पाकर बादशाह अकबर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने बीरबल को मुंहमांगा इनाम दिया।
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