सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर निबन्ध | social networking sites Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on social networking sites in Hindi

सोशल नेटवर्किंग साइट्स आज एक स्टेट्स सिम्बल का प्रतीक बन चुका है, जिसकी अच्छाइयां भी है और बुराइयां  भी। यह निर्भर करता है, व्यक्ति की अपेक्षा पर। आज के वैश्वीकरण में सोशल मीडिया ने विश्व के लोगों को जोड़कर नागरिक को जन्म दिया है, जो स्वयं तो जागरूक है ही दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं। इसलिए 21वीं सदी बेब मीडिया के युग की शताब्दी मानी जा रही है।

इस सन्दर्भ में सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ सैम पित्रोदा ने ठीक कहा है, कि सूचना के आदान-प्रदान, जनमत तैयार करने, विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृतियों को आपस में जोड़ने, भार्गव बनाने में यह साइट्स एक सशक्त और बेजोड़ उपकरण के रूप में तेजी से उभरी है। वर्तमान समय में सोशल मीडिया के सोशल साइट्स ने ही आधार प्रदान किया है जिसका अध्ययन महत्त्वपूर्ण है।

सोशल नेटवर्किंग साइट्स | Social Networking Sites Essay in Hindi

सोशल नेटवर्किंग साइट्स इण्टरनेट का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका उपयोग विश्व के अरबों लोगों द्वारा किए जाता है। यह एक ऑनलाइन मंच है, जो सार्वजनिक प्रोफाइल बनाने एवं बेबसाइट पर अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ सहभागी करने की अनुमति देता है। फेसबुक, वाट्सअप, ट्विटर, गूगल प्लस, लिंक्डइन, माय स्पेस, प्रिंटररेस्ट, इंस्ट्लान (Facebook, Whatsapp, Twitter, Googleplus, Linkedin, Myspace, Pinterest, Instagrani जैसी अन्य कई सोशल नेटवर्किंग साइट्स हैं, जिन्होंने विश्व को बाँध कर रखा हुआ है।

फेसबुक विश्व में सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट है, जिसका उपयोग अरबों जनसंख्या करती है। इसकी स्थात मार्क जुकरबर्ग ने वर्ष 2004 में की थी। ट्विटर भी लोकप्रिय साइट्स है, जिस पर भेजे गए सन्देश ट्वीट कहलाते हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 2006 में हुई थी। गूगल इंक ने भी वीडियो शेयरिंग वेबसाइट के रूप में अधिक लोकप्रियता प्राप्त की है। इस प्रकार से बैब जाल का एक बड़ा नेटवर्क बन चुका है।

भारत में फेसबुक, ट्विटर जैसी साइटों पर अधिक उपयोगकर्ता हैं। आँकड़ों के अनुसार भारत में करीब 350 मिलियन सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं, जिनकी संख्या वर्ष 2023 में बढ़कर 447 मिलियन होने की सम्भावना है। वर्ष 2019 में रिपोर्ट के अनुसार भारतीय उपयोगकर्ता औसतन 2.4 घण्टे सोशल मीडिया पर बिताते हैं, जबकि जापान में लोग ब कम 45 मिनट ही सोशल मीडिया पर बिताते हैं।

social networking sites Essay in Hindi
social networking sites Essay in Hindi

#सम्बंधित : Hindi Essay, हिंदी निबंध।

सम्राट अशोक पर निबन्ध
एलन मस्क पर निबन्ध

सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रभाव

सोशल मीडिया ने विभिन्न क्षेत्रों में लाभकारी सिद्ध होकर लोगों के मन मस्तिष्क पर व्यापक प्रभाव छोड़ा है। इसने न केवल बच्चे बल्कि शिक्षक, व्यवसायी, न्यूज पेपर, मीडिया चैनल आदि को प्रभावित किया है, जिसका परिणाम यह हुआ है, कि समाज में इसके सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव दोनों पड़े हैं, जिनका उल्लेख इस प्रकार है।

सकारात्मक प्रभाव

•सोशल मीडिया एक विशाल नेटवर्क है, जो पूरे विश्व को जोड़कर रखने में सक्षम है।

● संचार का अच्छा माध्यम होने के साथ ही यह काफी तेजगति से सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। इसके माध्यम से जनजागरूकता को बढ़ावा मिलता है।

•सोशल मीडिया के साथ ही कई प्रकार के रोजगार भी पैदा हुए है। सोशल मीडिया उन लोगों की आवाज बन सकता है जो समाज की मुख्य धारा से अलग है तथा जिनकी आवाज को दबाया जा रहा है।

लोगों को जोड़ने के साथ ही सोशल मीडिया शिक्षा एवं ज्ञान का भंडार भी है। – ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स समाचार पत्रों और टी.वी. चैनल्स की न्यूज साइट्स को भी बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही है।

● वर्तमान समय में अनेक वैश्विक महामारियों विशेष रूप से कौसेना के प्रसार को रोकने तथा इससे संबंध में विभिन्न बचाव फार्यक्रमों के संबंध में सोशल मीडिया को भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है।

• विभिन्न देशों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करने में भी सोशल मीडिया की प्रमुख भूमिका है जैसे भारत-चीन के बीच गलवान घाटी के मुद्दे को सोशल मीडिया द्वारा प्रचार-प्रसार करके चीन पर अन्तर्राष्ट्रीय दबाव बनाया गया।

नकारात्मक प्रभाव

• सोशल साइटों का ज्यादा प्रयोग मानव मस्तिष्क को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति की डिप्रेशन में जाने की सम्भावना हो सकती है।

• सोशल मीडिया साइबरबुलिंग को बढ़ावा देता है।

यह फेक न्यूज तथा हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है. साथ ही व्यक्ति का निजी डाटा चोरी होने का खतरा रहता है।

● साइबर अपराध जैसे हैकिंग या फिशिंग में भी इन साइटों का योगदान पाया जाता है, जिससे खतरा बढ़ता है।

• पर्तमान समय में इसके माध्यम से धोखाधड़ी का चलन भी काफी बढ़ा है, जैसे- सोशल मीडिया उपयोगकर्ता की तलाश कर फँसाना।

● सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।। यह प्राप्त जानकारी में बहुत बहुत सी जानकारियाँ भ्रामक भी होती है।

किसी भी जानकारी का स्वरूप बदलकर वह उकसावे बाली बनाई जा सकती है जिसका बास्तविकता से कोई लेना-देना। नहीं होता है।

साइबर अपराध सोशल मीडिया से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है। यह व्यक्ति की स्मरण शक्ति, सोचने की शक्ति, विश्वास की प्रवृत्ति आदि को कमजोर कर देता है।

• सोशल मीडिया के अनियन्त्रित प्रयोग से सम्बन्धों में दूरियाँ बन रही है।

• राजनीतिक पार्टियाँ सोशल मीडिया का गलत प्रयोग करती है।

• यह अफवाह को फैलाकर, सामाजिक भाईचारा को कमजोर करता है तथा धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देता है।

• इससे समाज में हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है साथ ही व्यक्ति की सोच को भी नियन्त्रित किया जा रहा है।

• वर्ष 2017-18 में फेसबुक, ट्विटर समेत कई साइटों पर 2245 आपत्तिजनक सामग्रियाँ पाई गई थी, जिनमें से जून, 2018 तक 1662 सामग्रियों को हटा दिया गया था।

• फेसबुक सबसे ज्यादा धार्मिक भावनाएँ और राष्ट्रीय प्रतीकों को अपमान का निषेध करने वाले कानूनों का उल्लंघन करता है।

वर्तमान में सामाजिक सौहार्द के सामने सोशल मीडिया एक चुनौती बनकर खड़ा है, जो अनेक भ्रांतियाँ फैलाता रहता है।

•विश्व आर्थिक मंच ने भी अपनी जोखिम रिपोर्ट में माना है, कि सोशल मीडिया के जरिए झूठी सूचना का प्रसार उमरने जोखिमों में से एक है। ऐसे में इस पर रोक लगाने का प्रयास करना भी महत्त्वपूर्ण हो गया है।

• आधुनिक समय में अश्लीलता एवं अभद्रता जैसी टिप्पणियों में सामग्रियों ने सोशल मीडिया की उपयोगिता पर ही सवाल खड़ा कर दिया है, जिसका प्रभाव युवा वर्ग पर पड़ रहा है।

|| सोशल नेटवर्किंग साईट्स निबंध || Social Networking Sites Essay In Hindi || video

social networking sites Essay in Hindi

निष्कर्ष

इस प्रकार सोशल मीडिया अर्थात् सोशल नेटवर्किंग साइटों की अनेक उपयोगिता है, जिसने अपनी उपयोगिता को साबित भी किया है। वहीं इसके नुकसान व दुरुपयोग इसकी विश्वसनीयता पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा करते रहते हैं। सोशल मीडिया ने अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अधिकार को नया आयाम दिया है, जिसका प्रयोग कर व्यक्ति बिना डरे अपनी बात को रख पाता है। इसके बावजूद इसके दुरुपयोग ने इसे विनियमन की आवश्यकता पर भी बल दिया है। अतः आवश्यक है, कि निजता के अधिकार का उल्लंघन किए बिना सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी को मिलकर नए विकल्पों की खोज करनी चाहिए, ताकि भविष्य में भी इसके सम्भावित नुकसान व दुष्प्रभावों से बचा जा सके

सामाजिक मुद्दों पर निबंध | Samajik nyay

भारत पर निबन्धप्रदूषण पर निबंध
पर्यावरण पर निबंधभ्रष्टाचार पर निबंध
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर निबंधतीन तलाक पर निबन्ध
समान नागरिक संहिता पर निबन्ध103 वां संविधान संशोधन अधिनियम पर निबन्ध
इंटरनेट का अधिकार एक मौलिक अधिकार पर निबन्धपक्षपातपूर्ण मीडिया पर निबंध
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंधनिजता का अधिकार पर निबंध
भारत में साम्प्रदायिकता पर निबंधजाति प्रथा पर निबंध
दहेज प्रथा पर निबंधमहिला आरक्षण पर निबंध
भारत में धर्मनिरपेक्षता पर निबंधराष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान पर निबंध
भारतीय समाज पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव पर निबंधविविधता में एकता पर निबंध
समाज पर सिनेमा का प्रभाव पर निबंधभ्रष्टाचार पर निबंध
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर निबंधक्षेत्रवाद पर निबंध
आतंकवाद पर निबंधजनसंख्या वृद्धि पर निबंध
वरिष्ठ नागरिकों पर निबंधनक्सलवाद पर निबंध
भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंधदिव्यांगता:सशक्तिकरण का समावेशी आयाम पर निबंध
मानवाधिकार संरक्षण की आवश्यकता पर निबंध

reference
social networking sites Essay in Hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment