दक्षिण एशिया के बीच में बसे भारत देश का अस्तित्व सदियों पुराना है। जहां राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा, वहीं कालातंर में उत्तर-पश्चिम से आने वाले इंडो-ग्रीक ने सिंधु नदी केकिनारे बसे इस देश को हिन्दुस्तान का नाम दिया।
तीन रंग का नहीं वस्त्र,
ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलों का स्वाभिमान है,
यहीं है गंगा, यहां है हिमालय
यही हिंद की जान है,
और तीन रंगों में रंगा हुआ
ये अपना हिन्दुस्तान है।

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मेरा देश निबंध – हिंदी | Mera Desh Nibandh in Hindi | essay on mera bharat mahan in hindi
भारत का इतिहास – प्राचीन काल
हिन्दुस्तान का इतिहास लगभग पांच हजार साल पुराना है। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर वैदिक काल तक भारत का जिक्र इतिहास के पन्नों में सुनहरो अक्षरों से दर्ज है। वहीं देश का प्राचीन काल मुख्य रुप से जनपद काल से शुरु होता है। जहां 16 महाजनपद नगरीकरण का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं, जिनमें मगध एक महाजनपद के रुप में उभरता है और उसकी राजधानी बनती है पाटलीपुत्र, जिसके वर्तमान में पटना के नाम से जानी जाती है।
मगध महाजनपद के उदय के साथ ही देश में बौद्ध धर्म और जैन धर्म का भी आगाज होता है। वहीं मगध के कई शूरवीर शासक मसलन बिंबसार, आजातशत्रु, कालाशोक, चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक बौद्ध और जैन धर्म को दुनिया के अलग-अलग कोनों में पहुंचाने का काम किया।
वहीं मगध महाजनपद के विघटन के साथ ही दक्कन में सातवाहन, चोल, चेर, पांड्या जैसे समृद्ध साम्राज्यों का उदय हुआ तो उत्तर भारत में गुप्ता काल की शुरुआत हुई, जिसे प्राचीन भारतीय इतिहास का स्वर्ण काल भी कहा जाता है। वहीं कालातंर में वर्धान वंश के राजा हर्षवर्धन ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाई साथ ही, बौद्ध धर्म का भी बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया। इसी काल में दुनिया की पहले सबसे बड़े विश्वविद्यालय के रुप में नालंदा यूनिवर्सिटी भी अपने शिखर पर रही, जिसमें दाखिला लेने के लिए देश-विदेश से कई छात्र भारत का रुख करते थे।
मध्यकालीन इतिहास
भारत में मध्यकाल की शुरुआत इस्लाम धर्म के दस्तक देने के साथ ही मानी जाती है। इसी दौरान उत्तर भारत में दिल्ली सल्तनत के अस्तित्व में आने के साथ ही कुतुब मिनार का निर्माण हुआ तो दूसरी तरफ सल्तनत काल के समय ही गुला वंश से ताल्लुक रखने वाली रजिया सुल्तान देश की पहली महिला शासक भी बनीं।
वहीं दक्षिण भारत में विजयनगर और बहामनी जैसे समृद्ध साम्राज्यों का उदय हुआ। लगभग 13वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य अपने शिखर पर था और तुंगभद्रा नदी के किनारे बसी राजधानी हम्पी देश-विदेश के समृद्ध राजधानियों की फेहरित में शुमार थी।
वहीं बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुए पानीपत के पहले युद्ध ने मुगल सल्तनत की नींव रखी। मुगल काल को भारत के मध्यकालीन इतिहास का स्वर्णिम काल करार दिया जाता है, जिस दौरान बादशाह अकबर, जहांगीर और शाहजहां ने मुगल सल्तनत को अपने शीर्ष पर पहुंचाया। लाल किले से लेकर ताजमहल तक मुगक काल में बनीं इमारतें आज भी भारतीय इतिहास की सुनहरी तस्वीर प्रस्तुत करतीं हैं।
आधुनिक इतिहास
देश के आधुनिक इतिहास की शुरुआत 1707 में मुगल शासक औरंगजेब की मृत्यु और अंग्रेजों के भारत आगमन के साथ होती है। व्यापारी के रुप में भारत ब्रितानी महज कुछ ही समय में देश को गुलामी की बेड़ियों में बांध देते हैं और जहां से आगाज होता है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का। कई स्वतंत्रता सेनानी मसलन रानी लक्ष्मी बाई, नाना साहेब , बेगम हजरत महल एकजुट होकर पहली बार अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंकते हैं, जिसे1857 की क्रांति का नाम दिया जाता है।
बुंदेलों हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी।
इसी कड़ी में 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नींव रखी जाती है और दादाभाई नैरोजी, मोतीलाल नेहरु, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, जवाहर लाल नेहरु, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भरत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे कई क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
वर्तमान भारत
15 अगस्त 1947 को आजादी के शंखनाद के साथ 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया, जिसके साथ ही भारत एक गंणतांत्रिक लोकतंत्र बन गया। इसी के साथ डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति और पंडित जवाहरलाल नेहरु देश के पहले प्रधानमंत्री बने।
देश का संसद भवन राजधानी दिल्ली में स्थित है, जिसे राजपथ नामक सड़क राष्ट्रपति भवन से जोड़ती है। वहीं देश का सर्वोच्च न्यायालय भी दिल्ली में ही स्थित है। इसी के साथ भारत में कुल 28 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेश हैं।
भारत का भूगोल
अगर भारत के भूगोल की बात करें तो, भारत दक्षिण एशिया के काफी रणनीतिक भाग में उपस्थित है। जहां उत्तर में आसामान छूते हिमालय इसकी रक्षा करते हैं, तो वहीं दक्षिण में यह हिंद महासागर से घिरा हुआ है।
भारत कुल सात देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है। जिनमें पश्चिम में पाकिस्तान और अफ्गानिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल, भूटान और पूर्व में म्यांमार और बांग्लादेश उपस्थित है। वहीं श्रीलंका और मालदीव भारत के साथ समूद्री सीमा साझा करते हैं।
है शान निराली इस देश की,
पहचान निराली इस देश की।
भारत माँ की रक्षा करता,
हिमालय इसका दुर्ग है।
है भारत माँ का मस्तक,
कश्मीर इसका स्वर्ग है।
गंगा-जमुना सी नदियाँ यहाँ,
कल-कल करती रहती है।
तन-मन को पावन करती,
धरती को अमृत देती हैं।
त्यौहारों के इस देश में,
रंग-रंग के नज़ारें हैं।
कभी दीवाली, कभी ईद,
कभी होली में रंगों की बहारें हैं।
भारत को नदियों का देश भी कहा जाता है। जहां एक तरफ गंगा नदी देश की लाइफलाइन मानी जाती है, जिसपर देश की 40 फीसदी आबादी निर्भर है, वहीं ब्रह्मपुत्रा दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में गिनी जाती है। गोदावरी, कृष्णा और तुंगभद्रा का नाम देश की बड़ी नदियों में शुमार है, तो कावेरी को दक्षिण भारत की गंगा कहा जाता है।
इसके अलावा हमारा संविधान भारत को एक धर्मनिर्पेक्ष देश की श्रेणी में रखता है। जहां हिन्दू धर्म के अलावा मुस्लिम, ईसाई, पारसी, बोद्ध और जैन धर्म को मानने वाले लोग भी मिल जुलकर रहते हैं। ऐसे में जाहिर है भारत में साल भर तीज-त्योहारों की भरमार रहते हैं। साल की शुरुआत के साथ मकर संक्रांति से लेकर वैसाखी, होली, रक्षा बंधन, ईद, नवरात्री, दशहरा और दिवाली बेहद धूमधाम से मनाई जाती है।
हमने सुना था एक है भारत,
सब मुल्कों से नेक है भारत
लेकिन जब नजदीक से देखा
सोच समझ कर ठीक से देखा
हमने नक्शे और ही पाए
एक से एक की बात जुदा है
धर्म जुदा है जात जुदा है
अपने वतन में…
वहीं हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। हालांकि विविधताओं से भरपूर इस देश में हिन्दी के अलावा बीस हजार से भी ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं। अमूमन भारत के बारे में कहा जाता है कि-
कोस-कोस पर पानी बदले, सवा कोस पर वाणी
इसके अलावा देश में विभिन्न वर्ग अपनी परंपराओं और संस्कृति के अनुसार पोशाक पहनते हैं। वहीं देश के अलग-अलग कोनों में मिलने वाले स्वादिष्ट जायकेदार व्यंजन सभी को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। कश्मीर की खीर से लेकर, पंजाब के पराठे, बिहार का बाटी चोखा, बंगाल के रसगुल्ले, गुजरात के ढ़ोकले, महाराष्ट्र की पाव भाजी और दक्षिण भारत में नारियल की चटनी के साथ इडली, डोसा, सांभर की लजीज खूशबू के दिवाने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में मिलते हैं।
“कमल उर्दू के खिलते हैं, यहां हिन्दी की झीलों में
गजल को बांटना मुश्किल है, भाषाई कबीलों में”
वहीं पयर्टन स्थलों की बात करें तो अमूमन देश के हर राज्य में कई मशहूर पयर्टन स्थल उपस्थित हैं, लेकिन इस फेहरिस्त में मुख्य रुप से ताज महल, लाल किला, कुतुब मिनार, स्वर्ण मंदिर, राजस्थान के किले, मुंबई का मरीन डाइव, गोवा के बीच का नाम शुमार है। इसके अलावा दक्षिण भारत सहित देश के कई कोनों में बने भव्य मंदिरों में हर साल भारी मात्रा में भक्तों का जमावड़ा लगता है।
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