बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध | Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ एक ऐसी योजना है, जिसका अर्थ ‘कन्या शिशु को बचाओ और इन्हें शिक्षित करो’ है। इस योजना को भारत सरकार के द्वारा कन्या शिशु के लिए जागरूकता का निर्माण करने के लिए और महिला कल्याण में सुधार करने के लिए शुरू किया गया था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय, स्वास्थ्य मन्त्रालय और परिवार कल्याण मन्त्रालय एवं मानव संसाधन विकास मन्त्रालय की एक संयुक्त पहल है।

लड़कियों की सामाजिक स्थिति में भारतीय समाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने हेतु इस योजना का प्रारम्भ किया गया है। इस योजना का उद्घाटन प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत जिले से किया गया था।

गिरते लिंगानुपात की भूमिका और भ्रूण हत्या | Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi

लगातार गिरता लिंगानुपात देश के लिए चिन्ता का विषय बन गया है। वर्ष 2011 की जनगणना के बाल लिंगानुपात आँकड़ों के अनुसार प्रति 1000 लड़कों पर 919 लड़कियाँ हैं अर्थात् प्रति हजार 81 महिलाओं की कमी। यद्यपि यह राष्ट्रीय औसत है, लेकिन हरियाणा जैसे कई राज्यों में यह अनुपात और भी कम है। वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार 6 वर्ष की आयु तक के 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 962 थी, लेकिन वर्ष 1991 की जनगणना में यह मात्र 945 रह गई।

वर्ष 2001 में तो यह आँकड़ा प्रति 1000 लड़कों पर 927 लड़कियों तक सिमटकर रह गया था। देश के 328 जिलों में 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 950 से कम है। इसकी सबसे बड़ी बजह भारत का पिठ्सत्तात्मक समाज और बेटियों पर बेटों को महत्त्व देने की पुरानी परम्परा है। इसकी वजह से गर्भ में कन्याओं की हत्या तक की जाती रही है। एक सर्वे के आँकड़ों के अनुसार देश में प्रति वर्ष 6 लाख से अधिक कन्याएँ गर्भ में ही मार दी जाती हैं।

यूनिसेफ (UNICEF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सुनियोजित लिंगभेद के कारण भारत की जनसंख्या से लगभग 5 करोड़ लड़कियाँ गायब हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि भारत में अवैध रूप से अनुमानित तौर पर प्रतिदिन 2000 अजन्मी कन्याओं का गर्भपात किया जाता है। अतः संयुक्त राष्ट्र ने यह चेताया है कि भारत में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या जनसंख्या से जुड़े संकट उत्पन्न कर सकती है, जिससे लिगानुपात के और भी असमान होने की सम्भावना बनेगी।

Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi
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योजना का उद्देश्य एवं विस्तार

कन्याओं को बचाने और गर्भ में मारे जाने पर प्रभावी नियन्त्रण लगाने तथा उन्हें शिक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘ नाम से लड़कियों के लिए एक योजना की शुरुआत की। इसका आरम्भ हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी, 2015 को किया गया। पूरे देश में हरियाणा में बाल लिंगानुपात 834 लड़कियों पर 1000 लड़कों का है। इसी बजह से इसकी शुरुआत हरियाणा राज्य से की गई है।

लड़कियों की दशा में सुधार लाने के लिए देश के 100 जिलों में इसे प्रभावशाली ढंग से लागू किया गया था। आगे चलकर 10 फरवरी, 2016 को महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय द्वारा इस योजना को विस्तारित कर 61 अतिरिक्त जिलों में लागू कर दिया गया। वर्तमान में यह योजना पूरे देश में लागू की जा चुकी है।

सबसे कम लिंगानुपात होने की वजह से हरियाणा के 12 जिले-अम्बाला, कैथल, पानीपत, यमुनानगर, सोनीपत, रेवाडी, भिवानी, रोहतक, करनाल, झज्जर, महेन्द्रगढ़ और कुरुक्षेत्र चुने गए। जिन 100 जिलों को बेटी बचाओ, बेटीयोजना के अन्तर्गत चुना गया है, उनमें वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 23 राज्यों के 87 जिलों में बाल प्रशानुपात राष्ट्रीय औसत (918/1000) से कम है।

इसी तरह आठ राज्यों में आठ जिले ऐसे हैं, जिनका बाल लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत के अनुसार तो है, लेकिन उनके यहाँ लड़कियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। इसी तरह पाँच जिले देले हैं, जहाँ बाल लिंगानुपात राष्ट्रीय औसत (918/1000) से अच्छा है। अब प्रश्न यह उठता है कि इस अभियान के लिए इन 5 जिलों को क्यों चुना गया? इसकी बजह यह है कि इन जिलों में बेहतर लिंगानुपात से शेष अन्य जिले प्रेरित हो।

हिन्दू परम्परा में पितृऋण से मुक्त होने के लिए बेटे के होने की प्रभावी धारणा रही है। इस वजह से यहाँ या तो गर्भ में कन्याओं को मार दिया जाता है या फिर जन्म के बाद से ही उन्हें कई तरह के भेदभाव से गुजरना पड़ता है। साधारण परिवारों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, खानपान, अधिकार आदि दूसरी चीजों को लेकर लड़कियों की अनदेखी होती रही है। कहा जा सकता है कि सामाजिक और पारिवारिक तौर पर महिलाओं को सशक्त करने के बजाय अशक्त किया जाता रहा है। यद्यपि इसी देश में अपाला, योषा, गार्गी, बिद्योत्मा जैसी विदुषी महिलाओं की परम्परा रही है।

बावजूद इसके देश में वर्षों से नारियाँ पारिबारिक और सामाजिक उपेक्षा का शिकार रही हैं। इसी प्रवृत्ति को बदलने हेतु नरेन्द्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरुआत की। इसके माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और जन्म से अधिकार देने की कोशिश की जा रही है।

इस योजना के अन्तर्गत बालिकाओं को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए सामाजिक तौर पर प्रयास किया जा रहा है। बालिकाओं के शैक्षिक विकास के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत आम लोगों के बीच बच्चों के लैंगिक अनुपात में गिरावट और उससे पड़ने वाले प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। बेहतर शासन की दिशा में लैंगिक अनुपात कितना प्रभावी होगा, इसकी भी जानकारी दी जा रही है। समन्चित अभियान और कार्यक्रमों के माध्यम से लैंगिक अनुपात में पिछड़े शहरों और जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

योजना हेतु सरकार के प्रयास

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के अन्तर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मन्त्रालय भ्रूण के लिंग परीक्षण को रोकने के लिए बने पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट), 1994 को लागू करने और उस पर निगाह रखने का काम कर रहा है। इसके साथ ही मन्त्रालय स्थानिक कार्यों की गति बढ़ाने, जन्म का रजिस्ट्रेशन कराने के साथ इन पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग समितियाँ बनाई गई।

इसी अभियान में मानव संसाधन विकास मन्त्रालय बालिकाओं के स्कूल में नामांकन, बालिकाओं के स्कूल छोड़ने में गिरावट लाने, स्कूलों में बालिकाओं और बालकों के बीच सहज और समानता का सम्बन्ध बनाने, शिक्षा के अधिकार कानून को कड़ाई से लागू करने और बालिकाओं के लिए बुनियादी शौचालय बनाने का काम कर रहा है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत लड़कियों की शिक्षा को सुदृढ़ बनाने हेतु सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक जिले को ₹ 5 लाख दिए गए हैं। इसमें लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने वाले 5 स्कूलों को पुरस्कृत किया जाता है। इसी प्रकार इस अभियान के साथ ही माता-पिता द्वारा लड़कियों को बोझ न समझने अर्थात् उसके भार को कम करने तथा लड़कियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की गई है। यह एक छोटी बचत योजना है, जो लड़कियों की शिक्षा तथा शादी में होने वाले खर्चों को आसानी से जुटाने में सहायक है।

बर्तमान में, इस (बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ) अभियान का व्यापक प्रभाव हुआ है। इससे समाज में लड़कियों के जन्म और उनकी शिक्षा को लेकर सोच में बदलाव आया है। अत: यही कारण है कि अब महिलाओं में साक्षरता की दर भी बढ़ रही है। इस योजना का ही प्रभाव है कि अब स्कूलों में बालिकाओं के नामांकन में बढ़ोतरी देखी जा रही है। लड़के तथा लड़कियों में भेदभाव कम होते दिख रहे हैं। साथ ही लड़कियों की भ्रूण हत्या में भी पूर्व की तुलना में कमी पाई गई है।

योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु अपनाई जाने वाली रणनीति

 • अपनी बेटियों पर गर्व करना तथा बेटियों के बारे में पराया धन की मानसिकता का विरोध करना।

• बालिका जन्म पर खुशी व उत्सव मनाना ।

• लड़के और लड़कियों के बीच समानता को बढ़ावा देना।

• बाल विवाह व दहेज प्रथा का दृढ़ता से विरोध करना।

• बच्ची का स्कूल में दाखिला करवाना और उसकी पढ़ाई को सुचारू रखना। पुरुषों और लड़कों की रूढ़िवादी सोच को चुनौती देना।

• लिंग चयन की किसी भी घटना की सूचना देना।

•अपने आस-पड़ोस को महिलाओं व लड़कियों के लिए सुरक्षित व हिंसामुक्त रखना और उसके विरुद्ध आवाज उठाना।

• महिलाओं के सम्पत्ति के अधिकार को समर्थन देना आदि।

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Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi

निष्कर्ष

यह कहा जा सकता है कि बेटी को बचाने एवं उसे पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाने के लिए जब तक हम संवेदनशील नहीं होंगे, तब तक हम अपना ही नहीं, बल्कि आने वाली सदियों तक पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक भयानक संकट को निमन्त्रण देंगे। बेटियाँ देश का भविष्य हैं। इतिहास साक्षी है कि जब भी स्त्रियों को अवसर मिले हैं, उन्होंने अपनी उपलब्धियों के कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

आज शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी, रक्षा, राजनीति आदि क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण व बड़ी संख्या में अपनी भूमिका निभा रही हैं। भारतीय मूल की प्रथम महिला अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला हो या सुनीता विलियम्स, इन्दिरा नूई हो या साइना नेहवाल, सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में भारत का नाम गौरवान्वित किया है, लेकिन यह सब तभी सम्भव हो सका, जब उन्हें बचाया एवं पढ़ाया गया।

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Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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