Essay on Music in Hindi | संगीत पर निबंध हिंदी में | sangeet par nibandh

Essay on Music in Hindi | संगीत पर निबंध हिंदी में | sangeet par nibandh

प्रस्तावना

जब हम कोई गीत-संगीत सुनते हैं तो आप ही आप कभी हमारे पैर थिरकने लगते हैं तो कभी हमारे सिर हिलने लगते हैं। यह संगीत का स्वाभाविक और प्रत्यक्ष प्रभाव है। गीत-संगीत सुनना किसे पसंद नहीं होता ये अलग बात है कोई किसी प्रकार का गीत सुनता है तो कोई किसी प्रकार का लेकिन प्राय: सभी व्‍यक्ति गीत-संगीत सुनना जरूर पसंद करते हैं।

यहाँ पढ़ें: Essay on Honesty in Hindi
यहाँ पढ़ें: 10 Lines on Honesty in Hindi

संगीत की परिभाषा-

संस्‍कृत साहित्‍य में संगीत को इस प्रकार परिभाषित किया गया है- ”गीतं वाद्यं तथा नृत्यं त्रयं संगतमुच्यते” अर्थात गायन, वादन व नृत्य तीनों के समावेश को संगीत कहते हैं। सुव्यवस्थित ध्वनि, जो सुर, लय और ताल से बद्ध होकर रस की सृष्टि करती है, वह संगीत कहलाती है। संगीत वह सुव्यवस्थित ध्वनि है, जो हमें सुकून देती मन में हर्ष और उल्लास भरती है।

संगीत का इतिहास-

संगीत का इतिहास उतना ही पुराना जितना मानव इतिहास। मनुष्य की उत्पत्ति और विकास के साथ ही संगीत की उत्पत्ति मानी जा सकती है। प्राच्य शास्त्रों में संगीत की उत्पत्ति को लेकर अनेक रोचक कथाएँ हैं। देवराज इन्द्र की सभा में गायक, वादक व नर्तक हुआ करते थे। गन्धर्व गाते थे, अप्सराएँ नृत्य करती थीं और किन्नर वाद्य बजाते थे। पौराणिक कथाओं हर्षोल्लास के प्रसंग पर दुंदुभी बजाने का वर्णन निश्चित मिलता है । इन कथाओं से संगीत की प्राचीनता स्पष्ट होती है।

Essay on Music in Hindi
Essay on Music in Hindi

यहाँ पढ़ें: Essay on My City in Hindi
यहाँ पढ़ें: 10 Lines on My City in Hindi

संगीत की उत्पत्ति-

‘संगीत’ शब्द ‘सम्+ग्र’ धातु से बना है। सर्वप्रथम ‘संगीत रत्नाकर’ ग्रन्थ में गायन, वादन और नृत्य के मेल को ही ‘संगीत’ कहा गया है। वस्तुतः ‘गीत’ शब्द में ‘सम्’ जोड़कर ‘संगीत’ शब्द बना, जिसका अर्थ है ‘गान सहित’। नृत्य और वादन के साथ किया गया गान ‘संगीत’ है। शास्त्रों में संगीत को साधना भी माना गया है।

संगीत एक योग है-

संगीत के वादक, गायक और नर्तक तीनों ही अपने अभ्यास को साधना कहते हैं । वास्तव में संगीत कठोर साधना, सतत अभ्यास का ही प्रतिफल होता है । संगीत के अभ्यास में मन और चित्त को साधा जाता है यही कारण है कि संगीत के अभ्यास को एक प्रकार का योग कहा जाता है । शास्त्रीय संगीत में संगीत योग को मुक्ति का साधन भी कहा गया है । 

यहाँ पढ़ें: essay on my favourite personality in hindi
यहाँ पढ़ें:
10 Lines on my favourite personality In Hindi

संगीत सुनने के साधन-

 विज्ञान के इस युग में संगीत सुनने के लिए संगीतकारों या गायकों के सीधी प्रस्तुति ही देखना आवश्यक नहीं है । संगीत सुनने के आज कल अनेक साधन उपलब्ध है जैसे मोबाइल, रेडियो टी वी आदि। आजकल मोबाइल संगीत सुनने का सबसे बड़ा साधन बन गया है। मोबाइल की सहायता से अपनी रूचि के अनुसार लोग संगीत सुन रहे हैं।

संगीत का मानव जीवन में महत्व-

संगीत हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं अपितु यह हमारे जीवन का अभिन्‍न हिस्‍सा है। हर प्रकार के त्योहार, पर्व और उत्सव बिना संगीत के होते ही नहीं यहां तक की मनुष्य की मृत्यु होने पर शोक धुन बजाया जाता है । मंदिर आदि पूजा घरों में भजन के रूप प्रतिदिन संगीत का उपयोग होता है। लोग आज कल खुशी मनाने के लिए पार्टी का आयोजन करते हैं, इसमें प्रमुख स्‍थान संगीत का ही होता है। वैवाहिक समारोह एक दिन विशेष रूप से संगीत का ही होता। वैज्ञानिक रूप से यह प्रमाणित हो गया है की संगीत की ध्वनि तरंगें मनुष्‍यों में सकारात्मक ऊर्जा भरती है। संगीत के प्रयोग से आजकल विभिन्न रोगों का उपचार भी हो रहा है।

संगीत सुनने के लाभ-

संगीत सुनने से लोगों में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, यही कारण के लोग अपने शारीरिक और मानसिक थकान दूर करने के लिए संगीत का सहारा लेते हैं। संगीत सुनने क अनेक लाभ हैं-

‌‌‌ तनाव कम होता है

आज कल दौड़ धूप की जिंदगी में प्राय: लोग तनावग्रस्त रहने लगे है।  इसी तनाव को डिप्रेशन कहते हैं । जब संगीत सुनते हैं तो हमारा दिमाग रिलेक्स मोड के अंदर आता है। हमारे दिमाग मे नई एनर्जी का संचार होता है। व हम अच्छा फील करते हैं। संगीत हमारे मूड को बदल देता है। ‌‌‌संगीत दिमाग में कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है। जिससे दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है और डिप्रेशन कम होता है ।

‌‌‌दर्द कम करने मे लाभप्रद

कुछ वैज्ञानिक शोध यह बताते हैं कि जब इंसान किसी तरह के दर्द से पीड़ित होता है तो उसे उसका मन पसंद संगीत सुनाया जाना चाहिए । जिससे उसका ध्यान दर्द से हट जाता है। और उसे दर्द का एहसास कम होता है। संगीत सुनने से दिमाग में डोपामाइन का स्तर अधिक होता है। जो खुशी पैदा ‌‌‌करता है।

सांस से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए

अमेरिका के वैज्ञानिक शोध के अनुसार संगीत थेरेपी फेफड़ों के लिए काफी अच्छी रहती है। सांस से संबंधित रोगी को संगीत थेरेपी से इलाज करने से फायदा मिलता है। लेकिन गंभीर सांस के रोग इससे सही नहीं हो पाते हैं।

‌‌‌ स्मृति ह्रास (मेमोरी लॉस) को कम करता है

संगीत सुनने से मेमोरी लॉस में कमी आती है ।जिन लोगों की याददाश्त अच्छी नहीं है, उन्‍हें रोजाना संगीत सुनना चाहिए । मेमोरी लॉस कम करने के लिए शास्‍त्रीय संगीत या गायन प्रधान संगीत अधिक उपयोगी होता है ।

हृदय के लिए भी संगीत अच्छा है

वैज्ञानिक शोध के अनुसार रोजाना 30 मिनट संगीत सुनने से दिल के काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। संगीत सुनने से दिमाग के अंदर एंडोर्फिन हार्मोन का स्त्राव होता है । एक्सरसाइज के साथ संगीत सुनने से  दिल की कार्यक्षमता बढ़ोत्‍तरी देखा गया है।

उपसंहार

संगीत अकेले एक ऐसा साधन है जिससे केवल लाभ ही लाभ हैं नुकसान नहीं हैं । संगीत नुकसान तभी करता है जब आवश्यकता से अधिक तेज आवाज से इसे सुना जाए । अधिक तेज आवाज में संगीत सुनने से सुनने की क्षमता में कमी आ जाती है । इस स्थिति को छोड़कर संगीत मनुष्य के शारीरिक और मानसिक दोनों की क्षमता बढ़ाती है ।

essay on music in Hindi।।संगीत पर हिंदी में निबंध video

Essay on Music in Hindi

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध

सैनिक का जीवन पर निबंधमैं कौन हूँ पर निबंध
महात्मा गौतम बुद्ध पर निबंधकैंसर पर निबंध
रेल यात्रा पर निबंधसंगीत पर निबंध
ईंधन संरक्षण पर निबंधधन पर निबंध
लॉकडाउन पर निबंधईमानदारी पर निबंध
मेरे शहर पर निबंधमेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध
मेरा पसंदीदा व्यक्ति पर निबंधस्वयं पर निबंध
गांव का जीवन पर निबंधइंटरनेट पर निबंध
माता पिता पर निबंधकंप्यूटर पर निबंध
राष्ट्रीय पक्षी: मोर पर निबंधमेरा प्रिय खेल : क्रिकेट
मेरी माँ पर निबंधगाय पर निबंध
भगवान गणेश पर निबंधभगवान श्री राम पर निबंध
श्री हनुमान पर निबंधमोर पर अनुच्छेद
मेरी रुचि पर निबंधयुवा पर निबंध
लीडरशिप पर निबंधजनरेशन गैप पर निबंध

reference
Essay on Music in Hindi

A Hindi content writer. Article writer, scriptwriter, lyrics or songwriter, Hindi poet and Hindi editor. Specially Indian Chand navgeet rhyming and non-rhyming poem in poetry. Articles on various topics especially on Ayurveda astrology and Indian culture. Educated best on Guru shishya tradition on Ayurveda astrology and Indian culture.

Leave a Comment