प्रस्तावना | Essay on Life of Soldiers in Hindi | सैनिक का जीवन पर निबंध
सभी धर्मों में सबसे बड़ा धर्म, राष्ट्र धर्म होता है और बलिदान में सबसे बड़ा धर्म आत्म बलिदान होता है । एक सैनिक का जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित होता है । सैनिकों इस समर्पण के बल पर ही हम अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं । यही कारण है कि सेना और सैनिक को हमारे देश में बहुत सम्मान दिया जाता है । लोगों का सैनिक होना एक गर्व का विषय है।
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सैनिक किसे कहते हैं ?
ऐसे तो देश की सीमाओं के रक्षा करने के लिए सरकार की नौकरी करने वाले व्यक्ति को सैनिक कह दिया जाता है किन्तु वास्तव में सैनिक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो तन और मन से राष्ट्र को ही अपना सर्वस्व मानता है, जिसका जीवन केवल राष्ट्र के लिए समर्पित होता है । सैनिक का दायित्व अन्य नौकरीपेशा जैसे केवल रोजी-रोटी प्राप्त करने का एक माध्यम न होकर एक जज़्बात होता है जो देश के लिए जीने मरने के लिए प्रेरित करता है ।
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सैनिक का जीवन अनुशासन की प्रतिमूर्ति
सैनिक का जीवन इतना अनुशासित होता है कि उनके जीवन शैली को हम अनुशासन की प्रतिमूर्ति कह सकते हैं । सैनिक के जीवन का हर पल अनुशासन के डोर से बंधा हुआ होता है । कभी-कभी उनके जीवन को देखकर ऐसे लगने लगता है मानों वे रोबोर्ट की भांति एक मशीन की तरह आदेश का पालन करते रहते हैं ।
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कठोर साधना से सैनिक का जन्म
सैनिक बनने के लिए कठोर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है । सेना भर्ती प्रक्रिया में सबसे पहले लोगों का शारीरिक और बौद्धिक परीक्षण किया जाता है । इस परीक्षण में बहुत से लोग फेल हो जाते हैं । इस परीक्षा में उत्तीर्ण लोगों को कठिन से कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है । सुबह सूर्योदय से पहले उठना, विभिन्न प्रकार से बाधा दौड़ दौड़ना, ऊंचाई पर चढ़ना, भार लेकर दौड़़ना आदि ऐसे-ऐसे काम करने होते हैं जिसे एक आम आदमी कदापि नहीं कर सकता । जिस प्रकार सोना तप कर कुंदन बनता है ठीक उसी प्रकार इस कठोर प्रशिक्षण से ही एक व्यक्ति एक सैनिक बनता है । इस प्रकार कठोर साधना से ही सैनिक का जन्म होता है ।
मातृभूमि ही सर्वोपरि
सैनिकों के जीवन में मातृभूमि ही सर्वोपरि होता है । मातृभूमि के लिए जीना और मातृभूमि के लिए मरना । श्वास-श्वास में देश सेवा, राष्ट्र सेवा का चिंतन मनन और कर्म करते हैं । देश की सीमा में बाहरी सुरक्षा में तैनात रहता है वहीं समय आने पर देश के अंदर आंतरिक सुरक्षा के लिए डट जाते हैं । एक सैनिक के जीवन में व्यक्तिगत कुछ नहीं होता । जो भी करना है केवल और केवल मातृभूमि के लिए।
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उपसंहार
जिस सैनिक के बदौलत हम अपने घर, गाँव, शहर, देश में स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हुए निर्द्वन्द अपने आप में मगन रहते हैं । ऐसे सैनिक हम हृदय से सम्मान करते हैं उनकी सेवा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं । सैनिक का जीवन कंटीले रास्ते पर जानबूझ कर चलने के समान है । ऐसे वीर सपूतों को सादर नमन।
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reference
Essay on Life of Soldiers in Hindi