भूमिका- Essay on Cancer in Hindi | कैंसर पर निबंध | Nibandh | Cancer Essay in Hindi
मनुष्य जीवन का आनंद तभी ले सकता है, जब उनका तन और मन स्वस्थ हो । जैसे-जैसे विज्ञान प्रगति कर रहा है, भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो रही है, लोगों का जीवन शैली बदल रहा है । खान-पान, रहन-सहन असंयमित हो गया है । यही कारण के आज अनेक रोग मानव जीवन के खतरा बन बैठा है । अनेक रोगों का इलाज है किन्तु कुछ रोग लाइलाज जिनके कहा जाता है जानकारी ही बचाव है । ऐसे एक रोग है कैंसर, जो तेज गति से पूरे विश्व मेें अपना पॉव फैला रहा है ।
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कैंसर क्या है?
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है । इस बीमारी का ठीक-ठीक इलाज अभी तक नहीं मिला है । अगर इस बीमारी का पहचान प्रारंभिक अवस्था हो जाये तो इसे क्योर किया जा सकता है किन्तु काफी बढ़ जाने के बाद इसका इलाज नामुमकिन सा हो जाता है । कैंसर में शरीर की कोशिकाओं का असामान्य विकास होता है जो शरीर के विभिन्न भागों में फैल कर घातक हो जाता है ।
कैंसर की भयावता-
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 2 करोड लोग कैंसर ग्रस्त हैं । 90 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है । लगभग पूरे विशव में 40 लाख कैंसर रोगी दम तोड़ देते हैं ।भारत में एक लाख की जनसंख्या पर 70 से 80 व्यक्ति कैंसर से पीडित हो रहे हैं । इस प्रकार हमारे देश में ही लगभग एक लाख लोग हर वर्ष कैंसर पीडित हो रहे हैं।
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कैंसर के प्रारंभिक लक्षण-
कैंसर को यदि प्रारंभिक अवस्था में पहचाना जा सके तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है । इसलिए इसके प्रारंभिक लक्षणों को जानना आवश्यक है । यदि ये लक्षण दिखें तो तत्काल कैंसर स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए । कैंसर के प्रारंभिक लक्षण इस प्रकार हैं-
- शरीर में किसी भी अंग में लंबे समय से कोई घाव हो जो ठीक न होना ।
- शरीर के किसी भी अंग में लम्बे समय सेदर्दरहित गॉंठ या सूजन होना ।
- मल, मूत्र, उल्टी और थूंक में खून का आना।
- आवाज में बदलाव होना ।
- निगलने में दिक्कत होना ।
- मल-मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन होना ।
- लम्बे समय तक लगातार खॉंसी का बने रहेना ।
- पहले से बनी गॉंठ, मस्सों व तिल का अचानक तेजी से बढना और उस गॉाइ के रंग में बदलाव होना ।
- पुरानी गॉंठ के आस-पास नयी गांठो का उभरना।
- बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी होना ।
- औरतों में- स्तन में गॉंठ, योनी से अस्वाभाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच व यौन सम्बन्धों के तुरन्त बाद तथा 40-45 वर्ष की उर्म में महावारी बन्द हो जाने के बाद खून बहना।
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कैंसर होने के संभावित कारण
कैंसर से बचने के लिए इनके संभावित कारणों को जानना जरूरी है जिससे हम इन कारणाें से अपने आप को अलग कर सकें और कैंसर होने की संभावना को ही समाप्त कर दें । कैंसर होने के संभावित कारणों में प्रमुख है-
- धूम्रपान-सिगरेट या बीडी का लंबे समय तक सेवन करना ।
- तम्बाकू, पान, सुपारी, पान मसालों, एवं गुटकों का लंबे समय तक सेवन करना ।
- शराब का सेवन करना ।
- स्मोक्ड और रिफाइन्ड खाद्य पदार्थो का सेवन करना ।
- अनावश्यक रूप से रासायनिक दवाई का सेवन करना ।
- कम उम्र में यौन संबंध बनाना और एक से अधिक पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाना ।
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कैंसर बचने के उपाय-
कहा जाता है -‘कारण में ही उपचार है ।’ इसलिए कैंसर हाेने के कारणों को पहले जाने फिर यह प्रयास करे कि ये कारण ही उत्पन्न न हो । कैंसर से बचने के लिए हमें निम्न उपाय करना चाहिए-
- किसी प्रकार के नशे के आदि होने से बचना चाहिए । तम्बाकू युक्त धूम्रपान, पान मसाला गुटका, शराब आदि किसी भी प्रकार नशा नहीं करना चाहिए ।
- स्मोक्ड ,रिफाइन्ड, अधिक तैलीय एवं अधिक मसाला युक्त भोजन नहीं खाना चाहिए ।
- विवाह पूर्व यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए । विवाह के बाद केवल अपने पति या पत्नी से ही यौन संबंध बनाना चाहिए ।
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उपसंहार-
कैंसर रोग इतना घातक है कि यदि फर्स्ट स्टेज में इसका पता नहीं चला तो इसका इलाज लगभग नामुमकिन हो जाता है । जानकारी ही बचाव है यह मानकर हमें कैंसर से बचने के उपाय नियमित रूप से करना चाहिए । यदि हममें या परिवार वालों में इसके प्रारंभिक लक्षण दिखे तो तत्काल कैंसर विशेषज्ञों की सलाह पर उपचार करना चाहिए ।
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reference
Essay on Cancer in Hindi