भारतीय लोकतन्त्र समन्वित संस्कृति का वाहक है। यहाँ कोई भी व्यक्ति चाहे वो किसी भी धर्म व जाति से सम्बन्धित हो, अपनी योग्यता के बल पर उच्च पद धारण कर सकता है। इसका एक उदाहरण 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविन्द का भारत का राष्ट्रपति बनना है। दलित समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले रामनाथ कोविन्द ने 25 जुलाई, 2017 को अपने पद की शपथ ली थी। इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाले वे दूसरे दलित हैं। इससे पूर्व के आर नारायणन वर्ष 1997 में राष्ट्रपति बने थे।
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रामनाथ कोविन्द की शिक्षा व करियर | Ram Nath Kovind Essay in Hindi
रामनाथ कोबिन्द का जन्म 1 अक्टूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की डेरापुर तहसील में हुआ था। इनके पिता का नाम स्वर्गीय माइको लाल तथा माता का नाम कलावती था। इनकी पत्नी का नाम सविता कोविन्द है। इनके पुत्रका नाम प्रशान्त तथा पूर्वी का नाम स्वाति है। रामनाथ कोविन्द ने बीकॉम और एलएलबी की डिग्री कानपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
रामनाथ कोविन्द ने 1.LB की डिग्री प्राप्त करने के बाद में अपना करियर बनाया और एक द कति हुए। करते हुए उन्होंने दिल्ली हाइकोर्ट में प्रैक्टिस की। यहाँ पर इन्होंने सरकारी के रूप में काम किया। दिल्ली हाइकोर्ट में इनका कार्यकाल वर्ष 1977 से वर्ष 1979 तक रहा. इस दौरान दिल्ली हाइकोर्ट में केंद्र वकील रहे।
यह 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामन्त्री भी रहे हैं। फिर वर्ष 1980 मे 1908 के दौरान इन्होंने केन्द्रीय सरकार की स्टैण्डिन काउन्सिल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। राज्यपाल के दौरान इन्होंने विश्वविद्यालयों में आयरोगा व्यक्तियों के चयन, वित्तीय सुप्रबन्धन तथा अयोग्य शिक्षकों की प्रान्नति के अनियमितताओं की जाँच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसकी सभी जगह प्रशंसा हुई।
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राजनीति में प्रवेश
वर्ष 1991 में रामनाथ कोमिन्द्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए तथा अप्रैल, 1994 में इन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद नियुक्त किया गया। अपनी कुशल कार्यक्षमता के बल पर इन्होंने लगातार दो बार राज्यसभा सद चुने गए। राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विशिष्ट पदों पर भी कार्य किया, जैसे- अनुसुचिर जाति और जनजाति पार्लियामेण्ट कमेटी, रोम अफेयर्स पार्लियामेष्टी कमेटी, पेट्रोलियम और नेचुरार गैस पार्लियाम कमेटी, सोशल जस्टिस और एम्पोमेण्ट पार्लियामेण्ट्री कमेटी, सा जस्टिस पार्लियामेंट्री कमेटी एवं राज्यसभा य श्री रामनाथ कोविन्द जी को विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य करने का अवसर मिला।
इन्होंने डॉक्टर भीमराय अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में मैनेजमेण्ट बोर्ड के सदस्य के तौर पर भी काम किया। कोलकाता के इण्डियन झटीट्यूट ऑफ मैंनेजमेण्ट के मेम्बर ऑफ बोर्ड के पद पर भी इन्होंने अपनी कार्यक्षमता का परिचय दिया तथा साथ ही इन्होंने वर्ष 2012 “यूनाइटेड नेशन जनरल असेम्बली में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।
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राज्यपाल के रूप में रामनाथ कोविन्द
वर्ष 20014 में लोकसभा चुनाव में रामनाथ कोबिन्द्र को उत्तर प्रदेश के अई (सुरक्षित क्षेत्र) से टिकट नहीं मिला। रामनाथ कोविन्द ने आगे राजनीति से किनारा कर लिया था, किन्तु 8 अगस्त, 2015 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें बिहार के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया। शपथ लेने के साथ ही कोविन्द बिहार के उसके राज्यपान बन गए।
राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविन्द
रामनाथ कोबिन्द का एक सामान्य पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रपति पद तक पहुँचना लोकतन्त्र की शक्ति का प्रतीक है। श्री कोविन्द्र माजण अर्थात राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन के राष्ट्रपति के रूप में उम्मीदवार घोषित किए गए। उन्होंने अपने विपक्षी उम्मीदवार लोकसभा की पूर्व अध्यक्षा मीरा कुमार को कुल बोटो का 65.65% प्राप्त कहा। कोविन्द को क्रॉस वोटिंग का लाभ भी मिला। उन्हें तय मतो से 34 अधिक मत प्राप्त हुए भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचक मण्डल द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य राज्य की विधानसभाओं और दिल्ली व पुदुचेरी के संघ शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।
भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी समय उपाध्यक्ष को अपना त्यागपत्र दे सकते हैं और संविधान का उल्लंघन करने के लिए संसद द्वारा उन पर महाभियोग भी चलाया जा सकता है। राष्ट्रपति को प्रतिमाह लाख रुपये येतन मिलता है। इसके अतिरिक्त इन्हें अन्य सुविधाएँ भी प्रदान की जाती है। इन्होंने वर्ष 2017 में जिबूती, इथोपिया तथा 2018 में मॉरिशस, मेडागास्कल क्यूबा आदि देशों का दौरा किया। अगस्त, 2019 में गिनी (अफ्रीकी देश की सरकार ने रामनाथ कोविन्द को ‘नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट’ पुरस्कार से नवाजा ह सम्मान इन्हें भारत गिनी के समग्र सम्बन्धों की प्रगति तथा मिंत्रा को बढ़ावा देने में योगदान के लिए दिया गया।
समनाथ कोविन्द ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में सफलतापूर्वक अपने कार्यों का निर्वहन किया है। उनके समकक्ष जितन भी मुद्दे लाए गए. उनका राष्ट्रपति महोदय ने उचित निराकरण प्रस्तुत किया है। श्री कोबिन्द मेशे से वकील होने के कारण भारतीय संविधान के अच्छे ज्ञाता माने जाते हैं, यहाँ कारण है कि वे एक सफल राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर निबंध | Essay on Ram Nath Kovind in Hindi | Ramnath Kovind Essay video
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Ram Nath Kovind Essay in Hindi