बिल गेट्स पर निबन्ध | Bill Gates Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Bill Gates in Hindi

आज दूरसंचार के क्षेत्र में जो क्रान्ति आई है, उसमें कम्प्यूटर का योगदान सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है और जिस व्यक्तिगत कम्प्यूटर के फलस्वरूप इस क्रान्ति का सूत्रपात हुआ है, उसके निर्माण का श्रेय दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों में से एक बिल गेट्स को जाता है। ये कम्प्यूटर उद्योग में सर्वाधिक विख्यात ब्राण्डो में से एक माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक हैं। जिसका कोई-न-कोई सॉफ्टवेयर दुनिया के सभी डेस्कटॉप कम्प्यूटरों में अवश्य प्रयुक्त होता है।

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जीवन परिचय एवं शिक्षा | Bill Gates Essay in Hindi

बिल गेट्स, जिनका पूरा नाम भिलयम हेनरी गेट्स तृतीय है, का जन्म संयुक्त राज्य अमेरिका में वाशिंगटन के सिएटल नामक स्थान पर 28 अक्टूबर, 1956 को हुआ था। उनके पिता विलियम एच गेट्स द्वितीय सिएटल में एटॉर्नीीं थे। एवं उनकी माता मेरी मैक्सवेल एक स्कूल टीचर थी। गेट्स एवं उनकी दो बहनों की प्रारम्भिक शिक्षा सिएटल के लेकसाइड स्कूल में हुई थी।

स्कूली शिक्षा के दौरान उनका रुझान कम्प्यूटर की ओर होने लगा था और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में उनकी रुचि एवं प्रतिभा को देखते हुए उनके गणित के शिक्षक ने उन्हें कम्प्यूटर पर कार्य करने की छूट दे दी। स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए बिल गेट्स ने वर्ष 1973 में हॉबई यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। यहाँ वे पॉल एलेन (जो बाद में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बने) के साथ समय व्यतीत करते थे।

गेट्स एवं एलेन ने बेसिक (BASIC), जो पहले माइक्रोकम्प्यूटर का एकमात्र उपलब्ध आधार था, नामक प्रोग्रामिंग भाषा पर कार्य करना शुरू किया। इसी बीच उन्होंने अपनी कम्पनी के लिए कार्य करना प्रारम्भ कर दिया था, इसलिए अधिक कार्य हो जाने के कारण उन्होंने स्नातक के द्वितीय वर्ष के दौरान पढ़ाई छोड़कर पूर्णत: अपने कार्य को समय देने का निर्णय किया।

Bill Gates Essay in Hindi
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माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना एवं संघर्ष

हॉवर्ड छोड़ने के बाद बिल गेट्स एवं पॉल एलेन ने कम्प्यूटर उद्योग में एक प्रकार की क्रान्ति का सूत्रपात करने के उद्देश्य से वर्ष 1975 में ‘माइक्रोसॉफ्ट कॉपोरेशन’ नामक कम्पनी की स्थापना की तथा अल्बुकर्क में प्रथम कार्यालय खोला। 1 जनवरी, 1979 को इस कम्पनी के कार्यालय को बेलेव्यू, वाशिंगटन में स्थानान्तरित किया गया। 25 जून, 1981 को माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी का पुनर्गठन किया गया, जिसमें गेट्स चेयरमैन तथा निदेशक मण्डल के अध्यक्ष बने।

इस कम्पनी ने अपना पहला माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज 20 नवम्बर, 1995 को प्रस्तुत किया। वर्ष 1989 में उन्होंने एक डिजिटल इमेजिंग कम्पनी कोर्बिस (Corbin) की स्थापना की। ‘माइक्रोसॉफ्ट’ माइक्रोकम्प्यूटर एवं सॉफ्टवेयर दो शब्दों का संक्षिप्त रूप है। मात्र 17 वर्ष की आयु में गेट्स ने एलेन के साथ मिलकर इण्टेल 8008 प्रोसेसर (ट्राफ-ओ-डाटा) पर ● आधारित ट्रैफिक काउण्टर नाम से एक उपक्रम बनाया।

• बिल गेट्स ने एक ऐसे कम्प्यूटर का स्वप्न देखा था, जो प्रत्येक घर में एवं प्रत्येक ऑफिस डेस्क पर हो। माइक्रोसॉफ्ट ने स्वयं विकसित सॉफ्टवेयरों की सहायता से कम्प्यूटर का उपयोग अधिक सरल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई।इस कम्पनी की सफलता आईबीएम के लिए विकसित एमएस डॉस कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम से प्रारम्भ हुई। ने सॉफ्टवेयर पाइरेसी के विरुद्ध एक अभियान छेड़ते हुए सॉफ्टवेयर डेवलपरों के लिए रॉयल्टी की सुरक्षा की बात की जिससे सॉफ्टवेयर को खुदरा बाज़ार में जगह मिली।

यह उस समय बड़ा विवादास्पद कार्य था क्योंकि इसमें उत्पादित सॉफ्टवेयर को साझा करने की स्वतन्त्रता थी. किन्तु सॉफ्टवेयर पाइरेसी के विरुद्ध अभियान के बल पर माइक्रोसॉफ्ट ने अभूतपूर्ण व्यावसायिक सफलता अर्जित की। वे माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना के बाद इसके सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) एक बीफ सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट बने। उन्होंने वर्ष 2000 में इसके सीईओ का पद छोड़ दिया। वर्ष 2006 में उन्होंने घोषणा की कि में माइक्रोसॉफ्ट में पूर्णकालिक कल्यचघि में परिवर्तन कर, बिल एण्ड मिलिण्डा नेट्स फाउण्डेशन में पूर्णकालिक रूप से कार्य करेंगे। 27 जून, 2008 से से माइक्रोसॉफ्ट में अंशकालिक गैर-कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना के समय से ही उन्हें एप्पल कम्प्यूटर नेटस्केप, अपरा, बर्ड परफेक्ट एवं सन माइक्रोसिस्टम जैसी बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनियों से अनेक कानूनी लड़ाइयाँ भी खड़नी पड़ीं। इसके बावजूद सस्ते एवं छोटे कम्प्यूटरों को बाज़ार में लाने एवं उसे घर-घर में उपलब्ध कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस दौरान ये अत्यधिक धन अर्जित कर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनकर उभरे तथा वर्ष 1987 से फोर्स की सूची में शामिल होने लगे। इस क्रम में वर्ष 1996 से 2017 तफ से फोर्स की विश्व की घनपानों की सूची (मार्च, 2017 से जुलाई, 2017 तक) में विश्व के सबसे धनी व्यक्ति रहे।

अक्टूबर, 2017 में जारी रिपोर्ट के अनुसार बिल गेट्स 899 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति के साथ, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की सम्पत्ति 90.6 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति के पश्चात् विश्व में दूसरे स्थान पर रहे। इस प्रकार वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार बिल गेट्स विश्व के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति है। इनकी रुचि मानवता एवं जनकल्याण के ढक्षेत्र में भी अधिक उल्लेखनीय रही है। 10 जुलाई 2020 को जारी फोर्स सूची के अनुसार बिल गेट्स विश्व के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं जिनकी कुल सम्पत्ति 110.7 अरब डॉलर है।

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विभिन्न क्षेत्रों में योगदान

-मानवता की भलाई में योगदान देने के र उन्होंने वर्ष 2000 में बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन की स्थापना की। यह संस्था एड्स, पोलियो एवं मलेरिया जैसी बीमारियों से प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रयासरत है।

इसका उद्देश्य विश्व में स्वास्थ्य एवं शिक्षा को बढ़ावा देना है। उन्होंने दुनिया के सर्वाधिक अमीर निवेशक बारेन बफेट के साथ मिलकर, मानवता की भलाई, गरीबी के उन्मूलन, शिक्षा एवं वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने जैसे कार्यों हेतु अरबपतियों को अपनी आधी सम्पत्ति दान करने के लिए प्रेरित करने का कार्य करते हैं।

शुरूआत में उन्होंने अपनी आधी सम्पत्ति 28 बिलियन डॉलर बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन को दान कर दी। -वर्ष 2005 में बिल गेट्स फाउण्डेशन ने वैश्विक स्वच्छता के समाधान के लिए विशेष कदम उठाया। नवम्बर 2017 में बिल गेट्स ने 50 मिलियन डॉलर अल्जाइमर रोग के उपचार हेतु ‘डिमांसिया डिस्कवरी फण्ड’ को दान दिया। इसके अतिरिक्त स्टार्ट अप उद्यमियों को प्रेरित करने हेतु कुछ फण्ड दिया। वर्ष 2018 में केरल में बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु 160,0,000 अमेरिकी डॉलर इन्होंने दान दिया।

बिल गेट्स को उनकी उपलब्धियों के लिए वर्ष 2000 में द नीदरलैण्ड्स के निएनरोड बिजनेस यूनिवर्सटिइट चूकलीन, वर्ष 2002 में द रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी स्टॉकहोम, वर्ष 2005 में बसेदा यूनिवर्सिटीज टोकियो, वर्ष 2007 में हॉवर्ड यूनिवर्सिटी तथा वर्ष 2008 में कोरोलिन्स्का इंस्टीट्यूट स्टॉकहोम ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया।

मार्च, 2005 में इंग्लैण्ड की महारानी ने दुनियाभर में निर्धनता को घटाने एवं लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें नाइटहुड (नाइट कमाण्डर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेण्ट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर) का सम्मान प्रदान किया।इसके अतिरिक्त भी इनको विभिन्न क्षेत्रों में योगदान हेतु अन्य अवार्ड भी दिए गए हैं, जैसे वर्ष 2006 का जेम्स सी मार्गन ग्लोबल ह्यूमेनिटेरियन अवार्ड आदि। इनके परोपकारी प्रयास के कारण वर्ष 2016 में इन्हें राष्ट्रपति बाराक ओबामा प्रेसिडेन्सियल मेडल प्रदान किया गया। वर्ष 2017 में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रास्यॉ ओलाण्ड ने इन्हें फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया।

भारत सरकार ने स्वास्थ्य एवं विकास, विशेषकर एच आई वी एवं एड्स के क्षेत्र में कार्य करने के लिए बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन को वर्ष 2007 में इन्दिरा गाँधी शान्ति पुरस्कार प्रदान किया। बिल गेट्स को वर्ष 2010 में फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट द्वारा बोअर अवार्ड फॉर बिजनेस लीडरशिप तथा उसी वर्ष ब्वॉयज स्काउट्स ऑफ अमेरिका द्वारा सिल्बर बफैलो अवार्ड से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2015 में बिल गेट्स व उनकी पत्नी को भारत ने देश में सामाजिक कार्य के लिए देश के तीसरे सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया। बिल एण्ड मिलिंडा गेट्स फाउण्डेशन ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए सितम्बर, 2019 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को ग्लोबल गोल कीपर अवॉर्ड दिया।

आज बिल गेट्स के बनाए व्यक्तिगत कम्प्यूटरों (पीसी) से विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2 अरब लोग इण्टरनेट से जुड़े हुए हैं। गेट्स कई पुस्तकों के लेखक भी हैं। ‘द रोड़ अहीड’ तथा ‘बिजनेस@द स्पीड ऑफ ‘थॉट’ उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें हैं। मानवता की सेवा, विश्व में शिक्षा एवं विज्ञान के प्रसार तथा लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के कार्यक्रमों के लिए आज वे अपना अधिकतर समय बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन को देते हैं एवं आवश्यकता पड़ने पर विश्व के कई देशों का भ्रमण कर इसके कार्यों का अंकेक्षण भी करते हैं। उनका जीवन नव-उद्यमियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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