तेनालीराम की चतुराई और काशी का विद्वान् – तेनालीराम की कहानी | kashi ke vidwan Tenali rama ki kahani | Debate Of Scholar Tenali Raman Story in Hindi

यहाँ पढ़ें: hindi kahaniyan hindi kahani

तेनालीराम की चतुराई और काशी का विद्वान् – तेनालीराम की कहानी | kashi ke vidwan Tenali rama ki kahani

एक  समय की बात है, राजा कृष्णदेव राय के दरबार में काशी के एक प्रसिद्ध विद्वान् आए। उन्होंने भारत भ्रमण किया हुआ था और कई विषयों में पारंगत थे। उन्हें दूसरे विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ में बहुत आनंद आता था। साथ ही उन्हें इस बात का घमंड भी था कि कोई उन्हें हरा नहीं सकता।

राजा ने उनका भव्य स्वागत किया और आदरपूर्वक अपने महल में रुकने का अनुरोध किया। राजा का अनुरोध स्वीकार कर वे एक महीने तक महल में रुके। पर शीघ्र ही बिना किसी चर्चा के वे ऊबने लगे और उन्होंने राजा से कहा, “महाराज, मैंने सुना है कि आपके दरबार में बहुत सारे विद्वान् है।

“मैं उनके साथ शास्त्रार्थ करना चाहता हूं। यदि मैं हारूंगा तो अपनी सारी उपाधि दे दूंगा और अगर जीतूंगा तो उन लोगों को मुझे अपना गुरु मानना पड़ेगा।”

राजा हैरान थे। उन्होंने अपने अष्ट दिग्गजों को बुलवाया। उनमें से सात आए पर वे भी विद्वान् के प्रस्ताव से परेशान थे। कोई भी इस चुनौती को स्वीकार नहीं करना चाहता था।

राजा ने तेनालीराम को बुलवाया। और जब तेनालीराम से शास्त्रार्थ में शामिल होने के लिए कहा, तो तेनाली ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

काशी के विद्वान् अगले दिन सफेद सिल्क की धोती पहने अपने पदकों से सजकर दरबार में पहुंचे। प्रतियोगिता की सारी तैयारी हो चुकी थी। उन्होंने अपनी पैनी नजर अपने प्रतियोगियों पर डाली।

kashi ke vidwan Tenali rama ki kahani
kashi ke vidwan Tenali rama ki kahani

सातों विद्वानों ने तेनालीराम का यश गीत गाते हुए दरबार में प्रवेश किया। उनके पीछे तेनालीराम था। उसने सिल्क की सफेद धोती तथा जरी वाला शॉल ओढ़ रखा था। गले में कीमती रत्न जड़ित पदक, माथे पर लाल तिलक तथा हाथ में सुंदर कपड़े में मढ़ा हुआ एक मोटा सा ग्रंथ था। उसके कदम जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। सेवक सोने की ईंट रखता था फिर तेनालीराम उस पर अपने पैर रखता था।

काशी का विद्वान् इस दृश्य को देखता ही रह गया। तेनालीराम ने अपना आसन ग्रहण किया. ग्रंथ खोला और गर्वोले स्वर में पूछा. “वह कौन विद्वान् है जो मुझसे शास्त्रार्थ करना चाहता है?”

यहाँ पढ़ें: सबसे बड़ा मूर्ख – तेनालीराम की कहानी

काशी के विद्वान् को तेनालीराम का रूप देखकर एक झटका सा लगा, पर ऊपर से शांत भाव से खड़े होकर बोला, “मैं हूं वह विद्वान् । “

राजा ने शास्त्रार्थ प्रारम्भ करने का आदेश दिया। तेनालीराम ने अपने साथ लाए ग्रंथ पर काशी के विद्वान् को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित किया। विद्वान् ने पूछा, “क्या मैं जान सकता हूं यह कौन सा ग्रंथ है?”

“तिलाकाष्ठमहिषबंधन”, तेनालीराम ने कहा। काशी के विद्वान् ने इस ग्रंथ के बारे में पहले कभी नहीं सुना था। उसने सोचा, “मैंने इस ग्रंथ के बारे में कभी सुना ही नहीं है, इसलिए मुझे इस शास्त्रार्थ से दूर ही रहना चाहिए।

वैसे भी इस व्यक्ति को देखकर लगता है कि यह मुझे आसानी से हरा देगा।” आदरपूर्वक राजा का अभिवादन कर उसने कहा,”महाराज, मुझे अच्छी तरह से याद है, मैंने काफी समय पहले इस ग्रंथ का अध्ययन किया था। कृपया मुझे शास्त्रार्थ के लिए एक दिन का समय दीजिए ताकि मैं अपनी धूल झाड़ सकू।”

राजा ने अपनी स्वीकृति दे दी।

काशी के विद्वान् ने शीघ्रतापूर्वक अपना सामान समेटा और रातों रात अपने शिष्यों के साथ चुपचाप महल छोड़कर चलते बने।

अगले दिन यह समाचार सुनकर राजा आश्चर्य मिश्रित हंसी हसने लगे। उन्होंने तेनालीराम को इस शुभ समाचार को देने के लिए बुलवाया। तेनालीराम के आने पर राजा ने पूछा, “वह कौन सा ग्रंथ था. जिसने विद्वान् को इतना भयभीत कर दिया?”

तेनालीराम ने कहा, “महाराज कोई ग्रंथ नहीं था। एक खाली पुस्तिका (नोटबुक) थी। जिस पर मैंने सिल्क की जिल्द लगा दी थी। “

राजा ने कहा, “अच्छा तो तुमने विद्वान् से झूठ कहा। तुम्हारे जैसे विद्वान् को यह शोभा नहीं देता है। “

“महाराज, मैंने कोई झूठ नहीं कहा है। देखिए, यह तिल के पौधे की शाखा है इस पर मैंने भैंस के गले में बांधने वाली

रस्सी बांध रखी है, “अपने पुस्तक से एक बंधी हुई शाखा निकालकर दिखाते हुए तेनालीराम ने आगे कहा, “संस्कृत में ‘तिला’ का अर्थ होता है तिल, ‘काष्ठा’ अर्थात् लकड़ी, ‘महिष’अर्थात् भैंस और ‘बंधन’ जो उसे बांधता है, इसीलिए मैंने इसे तिलाकाष्ठमहिषबंधन कहा था। ” 

राजा जोर-जोर से हंसने लगे। हंसते-हंसते वे बोले, “उस विद्वान् को तुमने अच्छा पाठ पढ़ाया है।” तेनालीराम को उसकी चतुराई के लिए राजा ने पुरस्कृत किया।

कहानी से सीख

हमे कभी भी किसी को खुद से कम नही समझना चाहिए।

Tenali Raman Stories in Hindi For Kids | तेनालीराम की कहानियां Best 5 Moral Stories of Tenali Raman video

kashi ke vidwan Tenali rama ki kahani

यहाँ पढ़ें: तेनालीरामा की सबसे अच्छी मनोरंजक कहानियां

सच बोलने वाला सलाहकार – तेनालीराम की कहानीकुएं का विवाह – तेनालीराम की कहानी
तेनालीराम और सोने के आम – तेनालीराम की कहानीसबसे ईमानदार कौन? – तेनालीराम की कहानी
तेनाली ने अपना सिर छुपाया – तेनालीराम की कहानीसबसे बड़ा मूर्ख – तेनालीराम की कहानी
नाई का ईनाम – तेनालीराम की कहानीतेनालीराम की चतुराई और काशी का विद्वान् – तेनालीराम की कहानी
तेनालीराम और चोर – तेनालीराम की कहानीस्वर्ग की कुंजी – तेनालीराम की कहानी
तेनालीराम की चित्रकारी – तेनालीराम की कहानीतेनाली और सुलतान आदिलशाह – तेनालीराम की कहानी
तेनालीराम और लाल मोर – तेनालीराम की कहानीअदृश्य वस्त्र – तेनालीराम की कहानी
चतुर व्यापारी – तेनालीराम की कहानीरामायण का पाठ – तेनालीराम की कहानी
सपनों का महल – तेनालीराम की कहानी

यहाँ पढ़ें: अन्य मजेदार रोचक कहानियाँ

acchi acchi kahaniyanjungle ki kahani
bhoot wali kahaniraja ki kahani in hindi
chhote bacchon ki kahaniyanDadi Ki Kahaniya
jadui kahaniyanani ki kahani
chhoti chhoti kahaniyan bacchon ke liyemaa ki kahani
350 Best moral stories in hindikisan ki kahani
Pauranik Kathayen in Hindisaap ki kahani
sher ki kahanichidiya ki kahani
billi ki kahaniMunshi Premchand ki kahani
Gautam budh ki kahaniya in hindiJatak Kathayen in Hindi
101 panchtantra kahaniyan in hindivikram betal ki kahaniyaan
akbar birbal ki kahaniPariyon Ki Kahani acchi acchi
20+ Best Tenali Raman Stories In Hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment