यहाँ पढ़ें: hindi mein kahaniya
अदृश्य वस्त्र – तेनालीराम की कहानी अद्भुत कपड़ा | Adbhut Kapada Tenali rama ki kahani | The Secret of Weaving Invisible Fabric Tenali Raman Story in Hindi
विजयनगर में राजा कृष्णदेव राय के दरबार में एक दिन बहुत ही खूबसूरत महिला आई उसकी सुंदरता को देखकर जो जहां था वहीं गूंगा होकर मूर्ति की तरह खड़ा रह गया। महिला राजा के पास पहुंचकर सादर अभिवादन कर बोली, “महाराज मैं एक बुनकर हूं।
हम लोग बुनने की जादुई कला में पारंगत है। मैं आपके लिए एक नमूना लाई हूँ… ” यह कहकर उसने माचिस की डिबिया से एक सिल्क की साड़ी निकाली। साड़ी का मुलायम और हल्का कपड़ा देखकर राजा हैरान रह गया। राजा ने खुश होकर कहा, “यह तो हवा की तरह है।
“वह बोली जी महाराज, एक विशेष तकनीक से इस नायाब वस्त्र को बनाया गया है। हम लोग एक नई योजना पर काम कर रहे हैं। हम लोग एक ऐसा वस्त्र चुन रहे हैं, जो इससे भी हल्का और मुलायम होगा।
हम लोग इसे ईश्वरी वस्त्र कहते हैं। क्योंकि अभी तक उसे देवताओं ने ही पहना है। राजा और सभी दरबारी बड़े ही ध्यान से महिला की बात सुन रहे थे।
राजा ने कहा “ठीक है, मैं इसके लिए धन दूंगा, पर योजना पूरी होने पर वस्त्र का नमूना आप मुझे उपहार स्वरूप देंगी।” महिला राजी हो गई। राजा ने उसे स्वर्ण मुद्राओं से भरा एक: बड़ा सा थैला दे दिया। थैले को लेकर वह प्रसन्नतापूर्वक चली गई।
बहुत महीने बीत गए, पर महिला का कुछ पता नहीं था। राजा परेशान होने लगे। राजा ने अपने कुछ मंत्रियों और सेवकों को काम की प्रगति को देखने भेजा। उसकी कार्यशाला में जाकर सभी चकित रह गए।
यहाँ पढ़ें: तेनाली और सुलतान आदिलशाह – तेनालीराम की कहानी
वहा लूम पर सात व्यक्ति पूरी तन्मयता से वस्त्र बुन रहे थे। वे इतने तन्मय थे कि उन्हें इनके आने का पता भी नहीं चला। लूम तो था पर धागा कहीं दिखाई नहीं दिया और न ही कोई बुना हुआ वस्त्र।
हैरान परेशान मंत्री और सेवक लौट आए और यह आश्चर्यजनक बात उन्होंने राजा को बताई। क्रोधित राजा ने तुरंत महिला को बुलवाया।
महिला के साथ कई लड़कियां खाली थाल लेकर आई। राजा का अभिवादन कर महिला ने कहा, “महाराज मैं आपके लिए वस्त्रों का नमूना लाई हूं।” यह कहकर उसने सेविकाओं से थाल राजा को देने का इशारा किया और बोली, “महाराज, यह ईश्वरीय वस्त्र का नमूना है।
यह आम आदमी के लिए अदृश्य है पर जो बुद्धिमान और चतुर है वही इसकी सुंदरता और भव्यता को समझ सकते हैं।”
महिला की बातें सुनकर मंत्री और सेवक सभी हैरान रह गए। उन्होंने अपने मन में सोचा कि इस समय यदि उन्होंने कुछ भी कहा तो वे चतुर नहीं बल्कि मूर्ख कहलाएंगे।
उन्होंने मूर्ख कहलाने से बचने के लिए एक चाल चली। वे राजा के पास जाकर बोले. “महाराज, यह कपड़ा कितना बडिया और कीमती है। इसकी कढ़ाई तो कमाल की है। इतनी नायाब चीज तो बस एक राजा को ही शोभा देती है। “
राजा यह सुनकर परेशानी में पड़ गए। यदि वह कहते कि उन्हें वस्त्र दिख नहीं रहा है तो वे मूर्ख कहलाते। यदि वे कहते है कि उन्हें वस्त्र दिख रहा है, तो महिला उन्हें मूर्ख बनाकर सारे पैसे हड़प कर जाती।
राजा ने तेनालीराम से सलाह करने का सोचा। उन्होंने इशारे से तेनालीराम को पास बुलाया और सारी बात बताकर उसकी सलाह मांगी।
तेनालीराम मुस्कराए और उन्होंने महिला से कहा, “मोहतरमा, हम आपकी कला की कद्र करते हैं। उपहार रूपी इस ईश्वरीय वस्त्र को स्वीकार करके हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है। पर महाराज की इच्छा है कि आप इसे दरबार में पहनकर दिखाए।
जिससे सभी इसकी सुदरत को देखकर इसकी प्रशंसा कर सके महिला समझ गई कि उसकी चाल उसी पर उल्टी पड़ गई है। अब उसके सामने दो ही उपाय थे-या तो वह अपनी गलती स्वीकार करें या फिर निर्वस्त्र होकर लोगों के सामने आए वह राजा के पैरों पर गिर पड़ी और माफी मांगने लगी।
दयालु राजा ने उस महिला को क्षमा कर दिया। पर उसे स्वर्ण मुद्राओं वाला थैला वापस लौटाना ही पड़ा जो उसने राजा से लिया था।
||अद्भुत कपड़ा|| Tenali rama story in hindi | KAHANiYo ki duniya | video
यहाँ पढ़ें: तेनालीरामा की सबसे अच्छी मनोरंजक कहानियां
यहाँ पढ़ें: अन्य मजेदार रोचक कहानियाँ