वसंत ऋतु पर निबंध | Spring Season Essay in Hindi Language | Essay on Spring Season in Hindi

धरती पर मुख्य रुप से छह ऋतुएं बेहद अहम मानी जाती हैं – ग्रीष्म काल, शीत काल, वसंत ऋतु, हेमंत ऋतु, वर्षा ऋतु और शरद ऋतु। जहां ग्रीष्म काल को गर्म मौसम और तपती धूप के लिए जाना जाता है, वहीं शीत काल ठंडी हवाओं, धुंध, कोहरा और कुछ जगहों पर बर्फबारी के लिए मशहूर है। इसके अलावा वसंत ऋतु और शरद ऋतु, जिसे पतझड़ भी कहा जाता है, गर्मी और सर्दी के मध्य की ऋतुएं होती हैं, जिनमें गर्म और सर्द हवाओं का मिलाजुला रुप देखने को मिलता है। वहीं हेमंत ऋतु सर्दी के आगमन का संकेत देती है, तो वर्षा ऋतु मूलसलाधार बारिश के लिए जानी जाती है।

वसंत ऋतु की बात करें तो वसंत शब्द का उद्भव संस्कृत भाषा से हुआ है। दरअसल इस ऋतु का नाम मशहूर त्योहार वसंत पंचमी के नाम पर पड़ा है। हिन्दू पंचाग के अनुसार वसन्त ऋतु चैत्र और वैसाख के महीने में पड़ती है, वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक फरवरी और मार्च के महीने को वसंत ऋतु के नाम से जाना जाता है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपनी कविता में वसंत ऋतु को बंया करते हुए कहते हैं-

टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर

पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर

झरे सब पीले पात

कोयल की कुहुक रात

प्राची में अरुणिम की रेख देख पता हूँ

गीत नया गाता हूँ।

वसंत ऋतु शीत ऋतु के खत्म होने और ग्रीष्म ऋतु के आगाज की ओर संकेत करती है। इस दौरान माघ महीने में पड़ने वाली मकर संक्राति के बाद सूर्य दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की तरफ बढ़ना शुरु करता है और मार्च में सूर्य पूरी तरह भूमध्य रेखा पार करके उत्तरी ध्रुव में प्रवेश करता है। इस दिन को पूरे भारत में नवरात्री के पर्व के तौर पर मनाया जाता है। यही प्रक्रिया दक्षिणी ध्रुव में सितंबर और अक्टूबर के महीने में होती है, जिस दौरान आस्ट्रेलिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों में वसंत ऋतु का आगाज होता है।

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वसंत ऋतु के धरती का सूर्य की ओर बढ़ने का संकेत देती है। इसी के साथ शीत ऋतु के विपरीत दिन बड़े और रात छोटी होना शुरु हो जाती है।

हिन्दू मान्यता के अनुसार वसन्त को देवी सरस्वती का महीना भी कहा जाता है। यही कारण है कि वसंत ऋतु के पांचवे दिन को वसंत पंचमी के त्योहार के रुप में भी मनाया जाता है। हिन्दू धर्म ग्रंथों मसलन वेदों और पुराणों में भी वसंत पंचमी के महत्व को बखूबी दर्शाया गया है।

वसंत पंचमी के दिन न सिर्फ देश में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है बल्कि उत्तर भारत और पूर्वी भारत में वसंत पंचमी को बेहद धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी विद्यार्थी माता सरस्वती की पूजा करते हुए उनसे विद्या का वरदान मांगते हैं। वहीं कई शिक्षण संस्थान भी वंसत पंचमी का महोत्सव मनाते हुए रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।

यह तो हम सभी को पता है कि, भारत विविधताओं का देश है। जाहिर है, भारत की विविधताएं देश के त्योहारों में बखूबी देखने को मिलती है। वसंत पंचमी के अलावा देश की राजधानी दिल्ली में उद्यानोत्सव, मध्य प्रदेश में खुजराहो डांस महोत्सव, गोवा कार्निवाल, उगाड़ी, घनघोड़, बोहाग बिहू, होली और नवरात्री जैसे त्योहार बेहद धूम-धाम के साथ मनाए जाते हैं।

त्योहारों के दौरान वसंत ऋतु में सरसों का साग और मक्के की रोटी लजीज पकवानों में से एक है। वहीं कुछ जगहों पर मीठे में गुड़ की गजक, तिल के लड्डू, सेव जैसी स्वादिष्ट मिठाईयों का स्वाद चखा जाता है।

इसके अलावा मुस्लिम समुदाय में वसंत ऋतु के दौरान ही सूफी महोत्सव भी काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सूफी महोत्सव मनाने की पंरपरा का आगाज मुगलकाल से किया गया था। इस दौरान ख्वाजा बख्तियार काकी, निजामुद्दीन औलिया, अमीर खुसरों जैसे मशहूर सूफी संतो को याद किया जाता है। कवि केदानाथ अग्रवाल ने वसंत की हवाओं को कविता के अंदाज में कुछ इस कदर व्यक्त किया है-

Essay on Spring Season in Hindi
Essay on Spring Season in Hindi

बड़ी बावली हूँ, बड़ी मस्तमौला

नहीं कुछ फिकर है, बड़ी ही निडर हूँ।

जिधर चाहती हूँ, उधर घूमती हूँ,

मुसाफिर अजब हूँ।

हवा हूँ, हवा मैं

बसंती हवा हूँ।

वहीं भारत के अलावा वसंत ऋतु का त्योहार पड़ोसी देशों मसलन पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में भी मनाया जाता है। वसंत के मौसम को पाकिस्तान में जश्न-ए-बहारा कहा जाता है। इस दौरान पाकिस्तान के लाहौर में वसंत मेले का आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा बांग्लादेश में वसंत ऋतु को फाल्गुन मास कहा जाता है। वहीं वसंत ऋतु के समय ही पंजाब का सबसे मशहूर त्योहार लोहड़ी मनाने का रिवाज है। इसके अलावा वसंत ऋतु के दौरान भारत और पाकिस्तान में पंतग उड़ाने का प्रचलन भी है। वसंत के मौसम में सभी बच्चे, बड़े और बूढ़े अपनी छतों से पतंगबाजी का लुत्फ उठाते नजर आते हैं।

भारतीय उपमहाद्वीप में वसंत ऋतु के दौरान फसलों की खेती बेहद सीमित मात्रा में होती है। इस दौरान सब्जियों की फसल उगाई जाती है। हालांकि वंसत ऋतु के अंत तक कई जगहों पर गेंहू के फसलों की कटाई शुरु कर दी जाती है।

चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसे में किसालों की फसलों को सफल बनाने में ऋतुओं का महत्वपूर्ण योगदान है। इसी कड़ी में वसंत ऋतु भी गेंहू की फसलों को पकाने अहम भूमिका निभाती है। यही कारण है आज दुनिया में भारत गेंहू का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इसी कड़ी में वसंत ऋतु और वर्षा ऋतु के मेल को अपनी कविता में पिरोते हुए कविराज रामधारी सिंह दिनकर लिखते हैं-

राजा वसन्त वर्षा ऋतुओं की रानी

लेकिन दोनों की कितनी भिन्न कहानी

राजा के मुख में हँसी कण्ठ में माला

रानी का अन्तर द्रवित दृगों में पानी

अमूमन वसंत ऋतु को ऋतुराज कहा जाता है। माना जाता है कि वसंत ऋतु सभी ऋतुओं में सबसे खूबसूरत ऋतु होती है। पतझड़ का मौसम, गांवो में सरसों के लहलहाते खेत, खेतों में इठलाते अलसी के पेड़ और हर तरफ सुनहरी हवाओं का बसेरा सीधा लोगों के दिल पर दस्तक देता है।

शायद ही किसी को वसंत ऋतु का भरपूर लुत्फ उठाना पसंद न हो। भारत में कुछ लोग अपने परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के साथ वसंत ऋतु का आनन्द लेते हैं, तो कुछ देश की अलग-अलग जगहों का दीदार कर रोमांचित हो उठते हैं। कवि सोहनलाल द्विवेदी के शब्दों में-

आया वसंत आया वसंत

छाई जग में शोभा अनंत।

सरसों खेतों में उठी फूल

बौरें आमों में उठीं झूल

बेलों में फूले नये फूल

वसंत ऋतु के आगमन के साथ हिमालय बर्फ की चादर उतारना शुरु कर देता है, जिसके चलते पहाड़ों की वादियां खुद-ब-खुद खिल उठतीं हैं। इसी कड़ी में देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में मशहूर फूलों की घाटी का मजा उठाने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।

इसके अलावा प्राकृतिक प्रेमियों के लिए केरल के वायनाड में स्थित ब्रह्मगिरी के जंगल एक बेहतरीन जगह है। वहीं वसंत ऋतु के दौरान पश्चिम बंगाल के दार्जिलंग, अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली, गोवा, हिल स्टेशन का अनुभव लेने के लिए हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र के महाबलेश्वर, उत्तराखंड में फूलों की घाटी, मैदानी इलाकों में मथुरा, आगरा, दिल्ली और मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों की पहली पसंद होते हैं।

वसंत ऋतु में राजस्थान के किलों की सैर और अरावली की ऊचाईयों से रेगिस्तान का सुनहरा नजारा हर किसी को रोमांचित कर देता है। साथ ही समुद्र की लहरों में सूकून ढूंढ़ने वाले सैलानी गोवा, मुम्बई के अलावा अंडमान निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप और मालदीव का लुत्फ उठाना बेहद पसंद करते हैं। मशहूर शायर ख्वाजा मीर के शब्दों में-

सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां

ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां

Essay on Spring Season in Hindi FAQ


वसंत ऋतु किस महीने में आती है

फरवरी और मार्च के महीने (चैत और वैशाख ) को वसंत ऋतु कहते हैं।

वसंत ऋतु में क्या होता है?

वसंत ऋतु को पतझड़ का मौसम भी कहा जाता है। इस ऋतु में सभी पेड़-पौधे पुरानी पत्तियों को छोड़कर नए कलियां लेते हैं।

वसंत का मौसम क्या है

वसंत ऋतु गर्मी और सर्दी का मिला-जुला रुप होती है। इस दौरान दिन में सुनहरी धूप के चलते तापमान बढ़ जाता है,तो सुबह शाम ठंडे मौसम की वजह से पारा में गिरावट दर्ज की जाती है।

वसंत ऋतु पर निबंध/लेख| Vasant ritu par paragraph|essay on spring season in hindi – video

Essay on Spring Season in Hindi

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