जीवन में श्रम का महत्व पर निबंध | Importance of Labour Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Jeevan main Shram ka Mahatva in Hindi

जीवन में श्रम का महत्व | Importance of Labour Essay in Hindi

भगवान कृष्ण ने भी गीता में ज्ञान योग एवं कर्म योग में कर्म योग को ज्यादा महत्त्वपूर्ण माना है। कहा जाता है कि कर्म ही जीवन है। कर्म के अभाव में जीवन का कोई अर्थ नहीं रह जाता। मनुष्य को जीवनपर्यन्त कोई-न-कोई कर्म करते रहना पड़ता है और कर्म का आधार है-श्रम। यही कारण है कि प्राचीन ही नहीं आधुनिक विश्व साहित्य में भी श्रम की महिमा का बखान किया गया है। 

जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए श्रम अनिवार्य है। इसलिए कहा गया है–“परिश्रम ही सफलताकी कुंजी है।” उन्हीं लोगों का जीवन सफल होता है, वे ही लोग अमर ही पाते हैं, जो जीवन को परिश्रम की आग में कर उसे सोने की भाँति चमकदार बना लेते हैं। परिश्रमी व्यक्ति हमेशा अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है। इसके संकल्प कभी अपरे नहीं रहते एवं मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को पार करते हुए यह सफलता के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहता है। कहा भी गया है-“उद्यमेन की सियन्ति कार्याणि न मनोरथै ” अर्थात् कार्य की सिद्धि केवल इच्छा से नहीं, वरनु कठिन परिश्रम से होती है। 

श्रम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। बिना श्रम के शरीर अकर्मण्य हो जाता है एवं आलस्य घेर लेता है। परिश्रम करने के बाद शरीर थक जाता है, जिससे नींद अच्छी आती है। नींद में परिश्रम के दौरान हुई शारीरिक टूट-फूट की तेजी से मरम्मत होती है। श्रम का अर्थ लोग केवल शारीरिक श्रम समझते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। शारीरिक श्रम के साथ-साथ मन-मस्तिष्क के प्रयोग को मानसिक श्रम की संज्ञा दी गई है। 

शारीरिक श्रम ही नहीं, बल्कि मानसिक श्रम से भी शरीर थक सकता है। कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को जहाँ शारीरिक श्रम करने की आवश्यकता होती है, वहीं शिक्षक, वैज्ञानिक, डॉक्टर, शोधकर्ता इत्यादि को मानसिक श्रम से अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करनी पड़ती है। यदि आदिमानव श्रम नहीं करता, तो आधुनिक मानव को इतनी सुख-शान्ति कहाँ से मिलती। गहरी एवं चौड़ी नदियों के आर-पार आवागमन के लिए मजबूत पुल, लम्बी-लम्बी सड़कें, महानगर की अट्टालिकाएं बड़े-बड़े कारखाने, बड़े समुद्री पोत, हवाई जहाज, रॉकेट, मानव की अन्तरिक्ष यात्रा इत्यादि सभी मानव के अथक श्रम के ही परिणाम हैं। 

Importance of Labour Essay in Hindi
Importance of Labour Essay in Hindi

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अपने कठोर श्रम के ही परिणामस्वरूप मानय आज आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक रूप से अभूतपूर्व प्रगति प्राप्त करने में सक्षम हो सका है। विलियम एडवर्ड हिक्सन ने कहा है–‘”उद्यम ऐसी शिक्षा है, जिस पर तुम्हें ध्यान देना चाहिए प्रयत्न करो, प्रयत्न करो, पुनः प्रयत्न करो। यदि पहली बार तुम सफल नहीं होते, तो प्रत्यत्न करो, प्रयत्न करो, पुनः प्रयत्न करो।”

प्रायः देखा जाता है कि असफलता मिलने के बाद लोग आगे सफलता के लिए प्रयास करना बन्द कर देते हैं, किन्तु सफलता उन्हें मिलती है, जो निरन्तर प्रयासरत रहते हैं। आलसी एवं अकर्मण्य व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं कर पाता। वह पशु के समान अपना जीवन व्यतीत कर इस संसार से विदा हो जाता है। 

जीवन गति का नाम है। जहाँ गति है, यहाँ जीवन है, जहाँ जड़ता है वहाँ मृत्यु अर्थात् जीवित रहते हुए भी यदि कोई बिना श्रम किए निष्क्रिय होकर अपना जीवन व्यतीत करता है, तो उस व्यक्ति को मानव के स्थान पर मानव रूपी पशु ही कहना बेहतर होगा जिस प्रकार एक स्थान पर ठहरा हुआ जल बहुत समय तक स्वच्छ और निर्मल नहीं रह सकता और यह दुर्गन्धयुक्त हो जाता है, उसी प्रकार श्रम के बिना मनुष्य का जीवन व्यर्थ हो जाता है। अकर्मण्यता शरीर को आलसी एवं बेकार बना देती है, इसलिए जीवन में सफलता के लिए निरन्तर परिश्रम करते रहना चाहिए। चार्जिल ने कहा है- ‘उधम सब पर विजय प्राप्त करता है।’

प्रयास एवं परिश्रम से ही मनुष्य को किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त होती है। कहते हैं कि शेर को भी मृग का शिकार करना ही पड़ता है। मृग स्वयं शेर के मुख में नहीं आ जाता। निरुपमी मनुष्य माम्यवादी हो जाते हैं और सब कुछ भाग्य के सहार छोड़कर जीवन के दिन यूँ ही पूरे करते हैं, किन्तु अपने परिश्रम पर भरोसा करने वाले लोग सफलता के लिए अन्तिम क्षण तक प्रयासरत् रहते हैं।

“महादेवी वर्मा’ ने कहा है

“अब तक धरती अचल रही पैरों के नीचे, फूलों की दे ओट सुरभि के घेरे खींचे,
पर पहुँचेगा पन्थी दूसरे तट पर उस दिन, जब चरणों के नीचे सागर लहराएगा।”

अर्थात् लक्ष्य तक पहुँचने के लिए लहरों के समान प्रवाहमान रहने की आवश्यकता है। यदि एक स्थान पर खड़े रहकर हम आगे बढ़ने की मात्र कल्पना करते रहे और स्वयं को कष्ट देने से कतराते रहें, तो हम भवसागर को सरलता से पार नहीं। कर पाएँगे। भवसागर को पार करने के लिए श्रम एवं उग्रम दोनों ही आवश्यक हैं। ईश्वर भी उन्हीं की मदद करते हैं, जोस्वयं अपनी मदद करते हैं। परिश्रम करने से ही मनुष्य को अपरिमित लाभ मिलता है। उसे सुख की तो प्राप्ति होती ही है, साथ ही आत्मिक शान्ति भी मिलती है और यह आत्मिक सुख हृदय को पवित्रता प्रदान करता है।

जीवन की उन्नति के लिए मनुष्य हर काम करने के लिए तैयार हो जाता है, किन्तु वास्तविक सफलता प्राप्त करने के लिए उसका हर कदम ईमानदारी से भरा होना चाहिए। बेईमानी से प्राप्त की गई कोई भी सफलता न तो स्थायी होती है, और न ही यह आत्मिक शान्ति देती है।

भारतवर्ष की दासता और पतन का मुख्य कारण 

यहाँ के निवासी अकर्मण्य हो गए थे। वह समय ऐसा था, जब लोग न तो युद्ध करना चाहते थे और न ही संघर्षपूर्ण जीवन जीने में विश्वास करते थे। उनकी बिलासिता और आरामतलबी ने देश को पराधीन बना दिया। यदि भारतीय उस युग में भी परिश्रमी होते, जागरूक होते, सतर्क रहते, तो भारत कभी गुलाम न होता।

 किसी भी दूसरे देश का भारत पर विजय प्राप्त करने का साहस न होता। सच तो यह है कि उस समय भारत में न तो कोई ऐसा आध्यात्मिक गुरु था, जो भारतवासियों को उद्यमी एवं परिश्रमी बनने की प्रेरणा देता और न तो कोई ऐसा शासक ही था, जिसका ध्यान देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने की ओर था। यही कारण है कि विदेशी आक्रान्ता जब भारत की सीमाओं में घुसे तो निर्बाध आगे बढ़ते ही चले गए। विश्व विजयी बनने का स्वप्न लेकर सिकन्दर भी भारत आया था, किन्तु चाणक्य जैसे कूटनीतिज्ञ के कारण चन्द्रगुप्त, सिकन्दर के विजय अभियान को रोकने में सफल रहे। 

इस प्रकार, राष्ट्र की रक्षा तब ही सम्भव है, जब उसके नागरिक परिश्रमी हो, उद्यमी हो। इसलिए श्रम की महिमा बताते हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है

“श्रम होता सबसे अमूल्य धन, सब जन खूब कमाते, सब अशंक रहते अभाव से, सब इच्छित सुख पाते। राजा प्रजा नहीं कुछ होता होते मात्र मनुज ही, भाग्य-लेखा होता न मनुज का, होता कर्मठ भुज ही।”

इस प्रकार, जीवन में श्रम का अत्यधिक महत्व है। परिश्रमी मनुष्य को धन और यश दोनों ही मिलते हैं तथा मरणोपरान्त भी वह अपने कर्मों के लिए आदरपूर्वक याद किया जाता है।

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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