गांधीजी की 150 वीं जयंती पर निबंध | Gandhi Jayanti Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on Gandhi Jayanti in Hindi

महात्मा गाँधी के सन्दर्भ में महान वैज्ञानिक आइन्स्टीन ने कहा था कि “भविष्य की पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मास से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी कभी धरती पर आया था।” वस्तुतः महात्मा गाँधी का व्यक्तित्व इतना व्यापक था कि गाँधीबाद एक विचार बन गया, जिसकी प्रासंगिकता हमेशा बनी रहेगी। गाँधीजी ने सम्पूर्ण विश्व को अपनी विचारधारा से प्रभावित किया। 

गाँधीजी द्वारा प्रयोग में लाए गए सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह की बुनियाद इतनी मजबूत थी कि आज भारत सहित विश्व के अनेक देश इसे अपनाकर अपने लोकतान्त्रिक मूल्यों को प्रमाद कर रहे है। गाँधीजी के विचारों की प्रासंगिकता ही है कि पूरा विश्व गाँधीजी की 150वीं जयन्ती श्रद्धा एवं सम्मान से मना रहा है।

जीवन परिचय | Gandhi Jayanti Essay in Hindi

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था। महात्मा की उपाधि उन्हें रवीन्द्रनाथ टैगोर ने प्रदान की थी। गाँधीजी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचन्द गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। उनका विवाह कस्तूरबाई (कस्तूरबा गाँधी) से हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा राजकोट में हुई। बाद में वे बकालत की पढ़ाई करने के लिए लन्दन चले गए। 

वकालत की पढ़ाई के बाद जय ये भारत लौटे, तो उन्हें वकालत पेशे के प्रारम्भिक दौर में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 1893 ई. में एक व्यापारी दादा अब्दुल्ला का केस लड़ने के लिए गाँधीजी दक्षिण अफ्रीका गए और फिर वर्ष 1915 में भारत लौटे। दक्षिण अफ्रीका में ही गांधीजी ने अंग्रेजों की नस्लवादी नीतियों का विरोध प्रारम्भ किया था, जिसके बाद गाँधीजी की छवि काफी लोकप्रिय हो गई।

भारत लौटने के बाद गांधीजी ने अपने राजनीतिक गुरु गोपालकृष्ण गोखले की सलाह पर एक वर्ष पूरे भारत का दौरा किया। उसके बाद चम्पारण सत्याग्रह को सफल बनाया। चम्पारण सत्याग्रह ने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को नई दिशा दी और गाँधीजी को लोग आशा भरी नजरों से देखने लगे। फलत वर्ष 1919 से 1947 तक भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन गाँधीजी के नेतृत्व में चलाया गया, जिसकी अन्तिम परिणति आजादी के रूप में हुई। वर्ष 1919 से 1947 तक के युग को ‘गाँधी युग’ कहा जाता है।

Gandhi Jayanti Essay in Hindi
Gandhi Jayanti Essay in Hindi

यहाँ पढ़ें : 1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन
यहाँ पढ़ें : हिन्दी निबंध संग्रह
यहाँ पढ़ें : हिंदी में 10 वाक्य के विषय

गाँधीजी के विचार

गाँधीजी के विचारों का प्रसार करने हेतु आज हम उनकी 150वी जयन्ती मना रहे हैं। उनके विचार पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायी हैं। गाँधीजी ने एक बार स्वयं कहा था कि “गांधी मर सकता है, परन्तु गाँधीवाद हमेशा जिन्दा रहेगा।” वस्तुत उनके विचार का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत था। 

ये छोटे-से-छोटे बिन्दुओं पर भी व्यापक व गहन विचार करते थे। गाँधीजी ने सत्य और अहिंसा, सत्याग्रह, सर्वोदय, स्वदेशी, स्वराज, न्यासिता, अस्पृश्यता, बुनियादी शिक्षा, राजनीति और धर्म, साध्य और साधन आदि पर अपने विचार प्रकट किए। 

गांधीजी ने सत्य और अहिंसा को प्रमुख हथियार माना। इसी प्रकार सत्याग्रह आधुनिक विश्व को गाँधीजी की प्रमुख देन है। सत्याग्रह का अर्थ है- सत्य की विजय हेतु किए जाने वाले आध्यात्मिक व नैतिक संघर्ष करना। गांधीजी ने समाज के सभी वर्गों एवं व्यक्तियों के लिए सर्वोदय का विचार प्रस्तुत किया, साथ ही उन्होंने अस्पृश्यता को कलंक माना। गाँधीजी राजनीति को धार्मिक तथा आध्यात्मिक मानते थे। उन्होंने अपने जीवन में प्रत्येक जगह साध्य और साधन दोनों की पवित्रता पर बल दिया।

गाँधीजी की 150वीं जयन्ती पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रम

गांधीजी के विचारों का प्रचार-प्रसार करने के लिए भारत सरकार राष्ट्रीय और जयन्ती वर्षगाँठ मना रही है। इस उद्देश्य से राष्ट्रपति की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें उपराष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केन्द्रीय मन्त्रिगण, सभी राज्य / केन्द्रशासित प्रदेश के मुख्यमन्त्री/प्रशासक, राजनीतिक प्रतिनिधि, गाँधीवादी विचारक और सभी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं। इस समिति में 9 विदेशी सहित कुल 125 सदस्य हैं। 

 2 अक्टूबर, 2019 को गाँधीजी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने भारत सरकार के ‘स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण भारत को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। 

जनभागीदारी के महत्व पर बल देते हुए इस अवसर पर जल जीवन मिशन’ प्रारम्भ किया गया। इस मिशन के अंतर्गत “नल से जल” कार्यक्रम के माध्यम से वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को नल का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसी अवसर पर वर्ष 2022 तक प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया गया।

महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती पर रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय द्वारा ‘स्टेशन स्वच्छता सर्वे रिपोर्ट’ जारी की गई। इसमें उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन को सबसे स्वच्छ जोन का दर्जा दिया गया, जबकि सबसे स्वच्छ गैर-उपनगरीय स्टेशन का दर्जा जयपुर को मिला। 

भारत को सबसे कुशल राष्ट्रों में से एक के रूप में स्थापित करने के लिए एशिया हेरिटेज फाउण्डेशन द्वारा ‘नई तालीम’ उत्सव का आयोजन किया गया। नई तालीम, शरीर, मन और आत्मा की सम्पूर्ण शिक्षा को कुशल श्रम के माध्यम से प्रसारित करने का सिद्धान्त है। वर्ष 1987 में गाँधीजी ने नई तालीम के नाम से एक जीवन दर्शन तथा शिक्षा पद्धति देश के सामने रखी थी, जो अहिंसक, समतामूलक व न्यायपूर्ण समाज निर्माण का उद्देश्य रखती थी।

भारत सरकार ने न्यूयॉर्क टाइम्स में ‘भारत और विश्व को क्यों है गांधी की जरूरत’ शीर्षक से एक आलेख प्रकाशित करवाया। इस आलेख के अनुसार भावी पीढ़ियाँ महात्मा गांधी के विचारों, उद्देश्यों को कैसे याद रख सकेंगी, इसके लिए ‘आइन्स्टीन चुनौती’ प्रस्तुत की गई। 

इसका मुख्य उद्देश्य महात्मा गाँधी के विचारों को अमर बनाना है। इसके लिए विचारकों, तकनीक विशेषज्ञों, उद्यमियों आदि से अपील की गई है कि वे आगे आएं और नवाचार के माध्यम से गांधीजी के विचारों को प्रसारित करें।

भारत के विदेश मन्त्रालय द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में गाँधीजी पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 2 अक्टूबर, 2019 को किया गया। इससे पूर्व सितम्बर, 2019 में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में 50 किलोबाट के गाँधी सोलर पार्क का उद्घाटन भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इसी अवसर पर हुए विश्व में गाँधी की प्रासंगिकता कार्यक्रम में    संयुक्त राष्ट्र ने महात्मा गांधी पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया। गांधीजी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर देशभर में जगह-जगह पर स्वच्छ भारत यात्रा’ निकाली गई।

महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती की स्मृति तथा सड़क सुरक्षा के सन्देश को प्रसारित करने के लिए ‘ड्राइव फॉर पीस’ का शुभारम्भ 3 फरवरी, 2019 को किया गया। महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती को चिह्नित करने हेतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा वर्धा में ‘स्वच्छ भारत वर्ल्ड यूनिवर्सिटी’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस विश्वविद्यालय में स्वच्छता, सफाई और पर्यावरण पर शोध अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित किया जाना है। 

महात्मा गाँधी से सम्बन्धित साहित्य, उनके जीवन घटनाक्रम और उनके सामाजिक कार्यों को एक पोर्टल पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गाँधीनगर के साथ ‘गांधीपीडिया’ के विकास के लिए साझेदारी की है।

महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती के सन्दर्भ में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने बॉलीवुड के कलाकारों को एक समारोह में सम्बोधित किया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने हेतु बॉलीवुड को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर प्रधानमन्त्री मोदी के अनुसार अगर कहीं एक विचार, एक व्यक्ति है, जो दुनियाभर के लोगों के बीच सम्पर्क स्थापित कर सकता है, तो वह महात्मा गाँधी है।

2 अक्टूबर, 2019 को पर्यटन मन्त्रालय द्वारा पर्यटन पर्व 2019 का आयोजन नई दिल्ली में राष्ट्रव्यापी पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। यह आयोजन महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती को सगांधियन चैलेंज महात्मा गाँधी की 150वी जयन्ती के अवसर पर अटल नवाचार मिशन, अटल टिंकरिंग लैस और मनिसेक इण्डिया के तत्त्वावधान में जनरेशन अनलिमिटेड द्वारा सम्मिलित रूप से प्रारम्भ किया गया। 

यह नवाचार चुनौती भारत के प्रत्येक बच्चे को गाँधी के सिद्धान्तों का उपयोग करते हुए उनके सपनों के एक स्थापी भारत के लिए भनय समाधान तैयार करने हेतु एक मंच प्रदान करती है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में ₹150 का चाँदी का स्मारक सिक्का जारी किया। यह स्मारक सिक्का गाँधीजी पर जारी होने वाला 113वीं स्मारक सिक्का है।

गांधीजी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया। साथ ही पो रूम,

तुर्की, फिलीस्तीन, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका और संयुक्त राष्ट्र ने भी डाक टिकट जारी किया। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य देशों ने डाक टिकट जारी किया।

 महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती समारोह की संयोजन समिति की बैठक में भाग लेते हुए पुर्तगाल के प्रधानमन्त्री एण्टोनियो कोस्टा ने महात्मा गांधी के आदशों को शाश्वत बनाए रखने के लिए उनके विचारों और उद्धरणों से प्रेरित ‘गांधी नागरिकता शिक्षा पुरस्कार’ प्रारम्भ करने की घोषणा की। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जाएगा। 

गांधी जयंती निबंध | Gandhi Jayanti nibandh | गांधी जयंती पर निबंध | Gandhi Jayanti par Essay video

Gandhi Jayanti Essay in Hindi

निष्कर्ष

इस प्रकार गांधीजी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर कृता राष्ट्र उनको श्रद्धाजलि अर्पित कर रहा है। वस्तुतः विश्व आज भारत को एक अलग पहचान मिली हुई है, इसमें गाँधीजी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने सत्य और  अहिंसा आदि विचारों के माध्यम से जो महान् आदर्श स्थापित किया, उसकी जरूरत आज भी उतनी ही बनी हुई है।

विनोबा भावे ने कहा था कि “वह आदमी कोई पुरानी किताब नहीं था, जिसमें कुछ नया न जुड़े, जिसके बस नए प्रकरण निकलते रहें। गाँधीजी आज होते तो क्या करते, यह सही सवाल और तरीका नहीं है। उनसे विचार मिला है, ऐसा स्वतन्त्र चिन्तन करना चाहिए।” 

निःसन्देह आज पूरे विश्व को गाँधी के विचारों की जरूरत है और इस सन्दर्भ में भारत सरकार ने गाँधीजी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम एवं मिशन आयोजित कर एक महान् व्यक्ति (गांधीजी) को सच्ची श्रद्धांजलि प्रदान की है।

विविध

गांधीजी की 150 वीं जयंती पर निबंधसरदार सरोवर बांध परियोजना पर निबंध
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंधजीवन में श्रम का महत्त्व पर निबंध
समाचार पत्र पर निबंधविज्ञापन की दुनिया पर निबंध
मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंधस्वास्थ्य और व्यायाम पर निबंध
मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंधप्रवासी भारतीय दिवस पर निबंध
भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंधभारतीय कृषक पर निबंध
भारतीय रेलवे पर निबंधशिक्षक दिवस पर निबंध
जीवन में कला का महत्ता पर निबंधभारत के विश्व विरासत स्थल पर निबंध

reference
Gandhi Jayanti Essay in Hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

Leave a Comment