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नाग पंचमी स्पेशल : नाग पंचमी की इस चमत्कारी कथा को सुनने से सभी कष्ट, रोग और संकट दूर होते है
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नाग पंचमी | Nag Panchami | नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी त्यौहार के दिन नागदेव की पूजा तथा दूध से स्नान कराया जाता है। नागदेव को अपने क्षेत्र के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है, कुछ जगहों पर इन्हें क्षेत्रपाल भी कहा गया है।
जन्मकुन्डली में सर्प दोष के निवारण हेतु यह श्रेष्ठ दिन है। नाग पंचमी के दिन नागदेव के दर्शन अवश्य करना चाहिए। नागदेव की निवास स्थली, बांबी की पूजा की जाती है। चूँकि नागदेव को सुगंध प्रिय है, अतः नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से पूजा की जाती है।
ज्योतिष् के अनुसार काल सर्प दोष के 12 मुख्य प्रकार बताए गये हैं, जो इस प्रकार हैं-
१) अनंत २) कुलिक ३) वासुकि ४) शंखपाल ५) पद्म ६) महापद्म ७) तक्षक ८) कर्कोटक ९) शंखनाद १०) घातक ११) विषाक्त और १२) शेषनाग।

नाग पंचमी के पावन पर्व पर वाराणसी/काशी में नाग कुआँ नामक स्थान पर बहुत बड़ा मेले का आयोजन होता है। आम तौर पर यह त्यौहार हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाया जाता है। नागपंचमी के ही दिन अनेकों गांव व कस्बों में कुश्ती/दंगल का आयोजन होता है जिसमें आसपास के पहलवान भाग लेते हैं।
FAQ – Nag Panchami
नाग पंचमी कब से और क्यों मनाई जाती है?
यह घटना सावन शुक्ल पंचमी तिथि को हुई थी, इसमें नागों के योगदान को याद करने के लिए नाग पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाने लगा।
नाग पंचमी के दिन क्या करना चाहिए?
नाग पंचमी के दिन व्यक्ति को प्रात:काल स्नान-ध्यान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर किसी नाग देवता के मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए जाना चाहिए।
नाग पूजा करने से पहले अपने पास पूजन सामग्री के साथ एक तांबे के लोटे जल और एक स्टील के या चांदी के लोटे में दूध लेकर रख लें
नाग पंचमी के दिन क्या बनाते हैं?
नाग पंचमी के दिन चावल की खीर और आटे की पूडी बनाई जाती है।
त्योहारों की सूची
Reference
Nag Panchami