भारत के मुख्य न्यायाधीशों के नाम लिस्ट सूची | list of all the chief justice of India in hindi (1950 – 2021) | the chief justice of supreme court | सुप्रीम कोर्ट के सभी मुख्य न्यायधीश | सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश कौन थे?

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List of Chief Justice of India- Chief Justice of India- Supreme Court Chief Justice- Mukhya Nyayadhi

list of all the chief justice of India in hindi

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भारत के मुख्य न्यायाधीशों के नाम लिस्ट सूची | list of all the chief justice of India in hindi (1950 – 2021) | the chief justice of supreme court | चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया List

नामकार्यकाल
हरिलाल जे. कानिया26 जनवरी 1950 – 6 नवंबर 1951
एम. पतंजलि शास्त्री7 नवंबर 1951 – 3 जनवरी 1954
मेहर चंद महाजन4 जनवरी 1954 – 22 दिसंबर 1954
बी.के. मुखर्जी23 दिसंबर 1954 – 31 जनवरी 1956
एस.आर. दास01 फरवरी 1956 – 30 सितंबर 1959
भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा1 अक्टूबर 1959 – 31 जनवरी 1964
पी.बी. गजेंद्रगडकर1 फरवरी 1964 – 15 मार्च 1966
ए.के. सरकार16 मार्च 1966 – 29 जून 1966
के. सुब्बा राव30 जून 1966 – 11 अप्रैल 1967
के.एन. वांचू12 अप्रैल 1967 – 24 फरवरी 1968
एम. हिदायतुल्लाह25 फरवरी 1968 – 16 दिसंबर 1970
आई.सी. शाह17 दिसंबर 1970 – 21 जनवरी 1971
एस.एम. सीकरी22 जनवरी 1971 – 25 अप्रैल 1973
ए.एन. रे26 अप्रैल 1973 – 27 जनवरी 1977
एम.एच. बेग28 जनवरी 1977 – 21 फरवरी 1978
वाई.वी. चंद्रचूड़22 फरवरी 1978 – 11 जुलाई 1985
पीएन भगवती12 जुलाई 1985 – 20 दिसंबर 1986
आर.एस. पाठक21 दिसंबर 1986 – 18 जून 1989
ई.एस. वेंकटरमैया19 जून 1989 – 17 दिसंबर 1989
एस. मुखर्जी18 दिसंबर 1989 – 25 सितंबर 1990
रंगनाथ मिश्र26 सितंबर 1990 – 24 नवंबर 1991
के.एन. सिंह25 नवंबर 1991 – 12 दिसंबर 1991
एम.एच. कानिया13 दिसंबर 1991 – 17 नवंबर 1992
आई.एम. शर्मा18 नवंबर 1992 – 11 फरवरी 1993
एम.एन. वेंकटचलैया12 फरवरी 1993 – 24 अक्टूबर 1994
ए.एम. अहमदी25 अक्टूबर 1994 – 24 मार्च 1997
जे. एस. वर्मा25 मार्च 1997 – 17 जनवरी 1998
एम.एम. पंछी18 जनवरी 1998 – 9 अक्टूबर 1998
ए.एस. आनंद10 अक्टूबर 1998 – 31 अक्टूबर 2001
एस. पी. भरूचा01 नवंबर 2001 – 5 मई 2002
बी.एन. कृपाल6 मई 2002 – 7 नवंबर 2002
जी. बी. पटनायक8 नवंबर 2002 – 18 दिसंबर 2002
वी. एन. खरे19 दिसंबर 2002 – 1 मई 2004
एस. राजेंद्र बाबू02 मई 2004 – 31 मई 2004
आर. सी. लाहोटी01 जून 2004 – 31 अक्टूबर 2005
वाई. के. सब्बरवाल01 नवंबर 2005 – 14 जनवरी 2007
के. जी. बालकृष्णन14 जनवरी 2007 – 12 मई 2010
एस. एच. कपाड़िया12 मई 2010 – 28 सितम्बर 2012
अल्तमस कबीर29 सितम्बर 2012 – 19 जुलाई 2013
पालानीसामी सदाशिवम19 जुलाई 2013 – 26 अप्रैल 2014
राजेन्द्र मल लोढ़ा27 अप्रैल 2014 – 27 सितम्बर 2014
एच.एल दत्तु28 सितम्बर 2014 – 2 दिसंबर 2015
तीरथ सिंह ठाकुर3 दिसंबर 2015 – 03 जनवरी 2017
जगदीश सिंह खेहर04 जनवरी 2017 – 27 अगस्त 2017
दीपक मिश्रा28 अगस्त 2017 – 02 अक्टूबर 2018
रंजन गोगोई02 अक्टूबर 2018 – 17 नवंबर 2019
शरद अरविंद बोबड़े18 नवंबर 2019 – 23 अप्रैल 2021
एन. वी. रमना24 अप्रैल 2021 – अब तक
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सुप्रीम कोर्ट के सभी मुख्य न्यायधीश | भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है 2021

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(1st) First chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश कौन थे?

हरिलाल जेकिसुनदास कनिया (Harilal J. Kania)

नामहरिलाल जेकिसुनदास कनिया
कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951
कुल अवधि649
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
पेशाभारत के प्रमुख न्यायधीश
नियुक्तिडॉ. राजेंद्र प्रसाद
जन्म तिथि03 नवम्बर 1890
जन्म स्थानसूरत, ब्रिटिश भारत (अब गुजरात, भारत)
माता का नामज्ञात नहीं
पिता का नामजेकिसुनदास
पत्नी का नामकुसुम मेहता
मृत्यु तिथि06 नवंबर 1951
मृत्यु स्थाननई दिल्ली

हरिलाल जेकिसुनदास कनिया का कार्यकाल (26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951)

26 जनवरी 1950 को भारत एक गणराज्य बना था। तभी हरिलाल जेकिसुनदास कनिया देश के सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में काबिज हुए। इस दौरान उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951 तक रहा। पूर्व मुख्य न्यायाधीश हरिलाल का जन्म 1890 में गुजरात के सूरत में हुआ। उनके पिता सुंदर श्याम लाल कॉलेज में संस्कृत के प्राध्यापक तथा आगे जाकर प्रधानाचार्य रहे।

मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद ग्रहण करने से पहले 1930 में वे बंबई उच्च न्यायालय के कार्यकारी न्यायाधीश थे। इस पद पर वे 1933 तक रहे जिसके बाद वे 14 अगस्त 1947 को संघीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज हुए। 26 जनवरी 1950 को जब भारत एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ तब वे देश के सबसे पहले सर्वोच्च न्यायाधीश बने। उन्होंने न्यायाधीश के रूप में शपथ भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सामने ली।

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(2nd) Second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे न्यायाधीश कौन थे?

एम. पतंजलि शास्त्री (M. Patanjali Sastri)

नाममंडकोलतुर पतंजलि शास्त्री
कार्यकाल 7 नवंबर 1951 से 3 जनवरी 1954
कुल अवधि788
न्यायालयमद्रास उच्च न्यायालय
नियुक्तिडॉ. राजेंद्र प्रसाद
जन्म तिथि4 जनवरी 1889
जन्म स्थानतमिलनाडु
माता का नामज्ञात नहीं
पिता का नामपंडित कृष्ण शास्त्री
पत्नी का नामएम. कामाक्षी अम्माली
बच्चे7
मृत्यु तिथिनई दिल्ली
मृत्यु के समय आयु74
मृत्यु स्थानदिल्ली

एम. पतंजलि शास्त्री (M. Patanjali Sastri) का संक्षिप्त जीवन परिचय

एम. पतंजलि शास्त्री का पूरा नाम मंडकोलतुर पतंजलि शास्त्री है। 1910 में उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से पढ़ाई की 1912 में उन्होंने अपनी LL.B की डिग्री हासिल की और एक वकील के रूप में कार्य किया। वे भारत के दूसरे मुख्य न्यायधीश थे। इस पद पर वे 7 नवंबर 1951 से 3 जनवरी 1954 तक रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें संघीय न्यायालय का न्यायाधीश भी बनाया गया और आगे जाकर वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। शास्त्री इस पद अपनी सेवानिवृत्ति होने तक रहे।

(3rd) Third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश कौन थे?

मेहरचंद महाजन

नाममेहरचंद महाजन
कार्यकाल 4 जनवरी 1954 से 22 दिसंबर 1954
कुल अवधि352 दिन
अदालतपूर्वी पंजाब उच्च न्यायालय
नियुक्तिडॉ राजेंद्र प्रसाद
धर्महिंदू
जन्म तिथि23 दिसंबर 1889
जन्म स्थानपंजाब, ब्रिटिश भारत (वर्तमान हिमाचल प्रदेश)
माता का नामज्ञात नहीं
पिता का नामलाला बृज लाल
पत्नी का नामश्रीमती मधु महाजन
मृत्यु तिथि5 अप्रैल 1967
मृत्यु के समय आयु77

मेहरचंद महाजन का संक्षिप्त जीवन परिचय

मेहरचंद महाजन भारत के तीसरे मुख्य न्यायाधीश थे। जब जम्मू कश्मीर में महाराजा हरिश्चंद्र का शासन था तब उस दौरान इस राज्य के विलय में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन जम्मू कश्मीर राज्य के विलय में मेहर चंद महाजन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दरअसल उस दौरान वे जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री थे। 4 जनवरी 1954 में वे भारत के तीसरे प्रमुख न्यायाधीश बने थे तथा 22 दिसंबर 1954 में वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए।

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(4th) Fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौथे न्यायाधीश कौन थे?

बी. के मुखरीजा

नामबी के मुखरीजा
कार्यकाल 23 दिसंबर 1954 से 31 जनवरी 1956
कुल अवधि404 दिन
अदालतकोलकाता उच्च न्यायालय
पेशाभारत के मुख्य न्यायाधीश
नियुक्तिडॉ राजेंद्र प्रसाद
जन्म तिथि15 अगस्त 1891
माता का नामशर कुमारी देवी
पिता का नामआरडी मुखर्जी
पत्नी का नामलबन्यालता
मृत्यु तिथि1 फरवरी 1956
मृत्यु के समय64

बी. के मुखरीजा का संक्षिप्त जीवन परिचय

बी. के मुखरीजा भारत के मुख्य न्यायधीश के बतौर 22 दिसंबर 1954 को इस पद पर काबिज हुए और 31 जनवरी 1956 तक उन्होंने इस पद पर रहते हुए भारत की सेवा की। वे भारत के चौथे न्यायधीश बने। 404 दिन के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय फैसले के लिए उनकी नियुक्ति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी।

(5th) Fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पाचवें न्यायाधीश कौन थे?

एस आर दास

नामएस आर दास
कार्यकाल 1 फरवरी 1956 से 30 सितंबर 1959
कुल अवधि1337
अदालतकोलकाता उच्च न्यायालय
पेशाभारत के मुख्य न्यायाधीश
नियुक्तिडॉ राजेंद्र प्रसाद
जन्म तिथि1 अक्टूबर 1894
जन्म स्थानकोलकाता
माता का नामबिनोदिनी दास
पिता का नामराखल चंद्र दास
पत्नी का नामस्वप्ना मजूमदार
बच्चेसुरंजन दास, अंजना सेन, सुरहीद रंजन दास
मृत्यु तिथि18 सितंबर 1977
मृत्यु के समय आयु82

एस आर दास का संक्षिप्त जीवन परिचय

एस आर दास का पूरा नाम सुधीरंजन दास है। यह भारत के 5 वे मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज रहे। उन्होंने इस पद पर 1 फरवरी 1956 से 30 सितंबर 1959 तक देश की सेवा की। एक मुख्य न्यायधीश के अलावा वे स्टेट्समैन नामक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। कोलकाता में जन्मे ऐसा एस आर ने अपनी शुरुआती शिक्षा शांतिनिकेतन में की। जहां वे रविंद्र नाथ टैगोर के चार प्रमुख विद्यार्थियों में से एक थे। 18 सितंबर 1970 में एसआर दास की मृत्यु हो गई। उस दौरान उनकी आयु 82 वर्ष थी।

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(6th) Sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छटे न्यायाधीश कौन थे?

बी पी सिन्हा

नामबी पी सिन्हा
कार्यकाल 1 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964 तक
कुल अवधि1583
अदालतपटना उच्च न्यायालय
नियुक्तिडॉ राजेंद्र प्रसाद
जन्म तिथि1 फरवरी 1899
जन्म स्थानबिहार
माता का नामज्ञात नहीं
पिता का नामज्ञात नहीं
पत्नी का नामज्ञात नहीं
मृत्यु तिथि12 नवंबर 1986

बी पी सिन्हा का पूरा नाम भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा था। वे भारत के छठे प्रमुख न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 1 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964 तक था। वे भारत के पहले न्यायाधीश थे जो कि बिहारी थे। उनका जन्म ग्राम  गजापुर के हिंदू कायस्थ परिवार में हुआ। बीपी सिन्हा धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे जब वे भारतीय मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए तब वे ज्यादातर अध्यात्मिक गतिविधियों में ही संलिप्त रहे। उनकी मृत्यु 1986 में हुई।

(7th) Seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सातवें न्यायाधीश कौन थे?

पी बी गजेंद्रगडकर

नामपी बी गजेंद्रगडकर  
कार्यकाल 1 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966 तक
कुल अवधि773
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिएस राधाकृष्णन
जन्म तिथि16 मार्च 1901
जन्म स्थानसतारा
माता का नाम 
पिता का नामबाल आचार्य
पत्नी का नाम 
मृत्यु तिथि12 जून 1981
मृत्यु स्थानमुंबई

पी बी गजेंद्रगड़कर का संक्षिप्त जीवन परिचय

पी बी गजेंद्रगड़कर का पूरा नाम प्रहलाद बाल आचार्य गजेंद्रगड़कर था। वह मूल रूप से दक्षिण भारत के कर्नाटक से संबंधित थे। वे भारत के सातवें न्यायधीश के तौर पर 1 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966 तक कार्यरत रहे। वे 1945 में मुंबई हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किए गए थे जिसके कुछ सालों बाद 1956 में वह सर्वोच्च न्यायालय के बेंच में पदोन्नत हुए और 1964 में जाकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काबिज हुए। अपने कार्यकाल के दौरान भारत सरकार के अनुरोध पर उन्होंने कई अहम पदों पर कार्य किया। उन्होंने केंद्रीय विधि आयोग, राष्ट्रीय श्रम आयोग तथा बैंक पुरस्कार आयोग जैसे कई प्रमुख लोगों का नेतृत्व भी किया। अपने सेवानिवृत्ति के बाद वे मुंबई विश्वविद्यालय के मानद कुलपति भी बने। उनकी मृत्यु 12 जून 1981 में मुंबई में हूई।

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(8th) Eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के आठवें न्यायाधीश कौन थे?

के सरकार

नाम के सरकार
कार्यकाल 16 मार्च 1966 से 29 जून 1966 तक
कुल अवधि105
अदालतकोलकाता उच्च न्यायालय
नियुक्तिएस राधाकृष्ण
जन्म तिथि29 जून 1901

के सरकार संक्षिप्त जीवन परिचय

ए के सरकार का पूरा नाम अमन कुमार सरकार है। वे भारत के आठवें सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल 16 मार्च 1966 से 29 जून 1966 तक रहा। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने कोलकाता उच्च न्यायालय में वकालत के अभ्यास से की और 1949 में वे कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद पर काबिज हुए।

(9th) Ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के नोवें न्यायाधीश कौन थे?

के एस राव

नामके एस राव
कार्यकाल 30 जून 1966 से 11 अप्रैल 1967 तक
कुल अवधि285
अदालतमद्रास उच्च न्यायालय
नियुक्तिएस राधाकृष्णन
जन्म तिथि15 जुलाई 1902
जन्म स्थानराजमाहेंदरी
मृत्यु तिथि6 मई 1976
मृत्यु स्थानबेंगलुरु

कोका सुब्बा राव भारत के नौवें मुख्य न्यायधीश है। इसके अलावा वे आंध्र प्रदेश के भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा की गई थी उनके कार्यकाल के दौरान गोलकनाथ केस जैसे मुख्य निर्णय सुनाए गए थे। उनके कार्य को देखते हैं उन्हें बेंगलुरु विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। एक न्यायधीश के अलावा 1967 में वे भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में भी खड़े हुए। हालांकि वे जाकिर हुसैन से चुनाव हार गए। 6 मई 1976 में उनका निधन हो गया।

(10th) Tenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के दसवें न्यायाधीश कौन थे?

के एन वांचू

नामके एस वांचू
कार्यकाल 12 अप्रैल 1967 24 फरवरी 1968
कुल अवधि318
अदालतइलाहाबाद उच्च न्यायालय
नियुक्तिएस राधाकृष्णन
जन्म तिथि25 फरवरी 1903
जन्म स्थानइलाहाबाद
मृत्यु तिथि1988

इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में जन्मे कैलाश नाथ वांचू भारत के दसवें मुख्य न्यायधीश थे। इलाहाबाद का होने की वजह से उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के पद पर काम किया। उनके करियर की शुरुआत 1 दिसंबर 1926 को हुई जब वे उत्तर प्रदेश के संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में भारतीय सिविल सेवा में नियुक्त किए गए। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के साथ ही कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वे राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। इसके अलावा वे उत्तर प्रदेश की न्यायिक सुधार समिति के अध्यक्ष, इंदौर फायरिंग जांच आयोग के सदस्य, धौलपुर उत्तराधिकार मामला आयोग के अध्यक्ष, विधि आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं। 24 फरवरी 1968 में वे सेवानिवृत्त हुए।

(11th) Eleventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के ग्यारवें न्यायाधीश कौन थे?

एम हिदायतुल्ला

नामएस हिदायतुल्ला
कार्यकाल 25 फरवरी 1968 से 16 दिसंबर 1970
कुल अवधि1025
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिजाकिर हुसैन
जन्म तिथि17 दिसंबर 1905
जन्म स्थानलखनऊ, उत्तर प्रदेश
माता का नाम 
पिता का नाम 
पत्नी का नामपुष्पा शाह
मृत्यु तिथि18 सितंबर 1992
मृत्यु स्थानमुंबई

मोहम्मद हिदायतुल्लाह भारत के प्रथम मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका जन्म 17 दिसंबर 1905 को हुआ। मोहम्मद हिदायतुल्लाह के नाम पर कई प्रमुख पद और उपलब्धियां शामिल हैं। दरअसल, वे मध्यप्रदेश के पहले न्यायाधीश भी रह चुके हैं। इसके अलावा उनके समक्ष ऐसे तो अवसर आए जब उन्होंने भारत में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। इसके साथ ही भारत के छठे उपराष्ट्रपति पद पर भी उन्होंने काम किया। मोहम्मद हिदायतुल्लाह के सम्मान में नया रायपुर में हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था।

(12th) Twelfth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बारहवें न्यायाधीश कौन थे?

जे सी शाह

नामजे सी शाह
कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक
कुल अवधि35
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिवी वी गिरी
जन्म तिथि22 जनवरी 1906
जन्म स्थानअहमदाबाद
मृत्यु तिथि4 जनवरी 1991

जयंतीलाल छोटेलाल शाह भारत के 12वे मुख्य न्यायाधीश हैं जिनका कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक रहा। अहमदाबाद में जन्मे छोटेलाल शाह, शाह आयोग के प्रमुख रह चुके हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें, जब भारत में आपातकाल की घोषणा की गई थी तब आपातकाल की जांच के लिए आपातकाल जांच अधिनियम 1952 के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा एक शाह आयोग का गठन किया गया था। उस दौरान न्यायमूर्ति जे सी शाह को नियुक्त किया गया ईसाइयों के अंतर्गत उन्होंने अपनी जांच में पाया कि आपातकाल के दौरान कई अधिनियमों की जहां अंदेखी हुई वहीं कई लोगों के अधिकारों का हनन भी हुआ।

(13th) Thirteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेरहवें न्यायाधीश कौन थे?

एस एम सिकरी

नामएस. एम सिकरी
कार्यकाल 22 जनवरी 1971 से 25 अप्रैल 1973
कुल अवधि824
अदालतलाहौर उच्च न्यायालय
नियुक्तिवी वी गिरी
जन्म तिथि26 अप्रैल 1908
जन्म स्थानलाहौर, पाकिस्तान
मृत्यु तिथि24 सितंबर 1992

सर्व मित्र सिकरी जिन्हें एसएम सीकरी के नाम से भी जाना जाता है भारत के 13 वे मुख्य न्यायाधीश थे 22 जनवरी 1971 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने और 25 अप्रैल 1973 तक इस पद पर सेवाएं देते रहे साल 1930 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी शुरुआती तौर पर वे लाहौर उच्च न्यायालय के एक वकील थे भारत के आजादी के बाद 1949 में वे पंजाब के सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किए गए। इस पद पर उन्होंने 1964 तक कार्य किया और 1964 में जाकर वे भारत के सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीश बन गए। वे ऐसे पहले न्यायधीश थे जो बार से सीधे नियुक्त हो गए थे।

उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मुकदमे में महत्वपूर्ण भूमिका यही वजह है कि उन्हें भारत की संविधान की मूल संरचना सिद्धांत को रेखांकित करने का श्रेय दिया जाता है।

(14th) fourteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौदहवें न्यायाधीश कौन थे?

ए एन रे

नामए एन रे
कार्यकाल 26 अप्रैल 1973 से 27 जनवरी 1977
कुल अवधि1372
अदालतकोलकाता उच्च न्यायालय
नियुक्तिवी वी गिरी
जन्म तिथि29 जनवरी 1912
मृत्यु तिथि25 दिसंबर 2010
मृत्यु स्थानकोलकाता

अजीत नाथ रे भारत के 14वे मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका कार्यकाल 26 अप्रैल 1973 से 27 जनवरी 1977 तक रहा। हालांकि ए एन रे की नियुक्ति CJI के रूप में काफी विवादास्पद रही। जब उनकी नियुक्ति की गई थी तब सुप्रीम कोर्ट के तीन वरिष्ठ न्यायधीश जयशंकर मणिलाल शेलत, एएन ग्रोवर तथा केएस हेगड़े को हटा दिया गया था जिसे न्यायपालिका पर हमले के रूप में देखा गया। इसे भारतीय लोकतंत्र में सबसे काला दिन की भी संज्ञा दी गई। उनकी नियुक्ति का विरोध लंबे समय तक जारी रहा और 3 मई 1976 भारत के कानूनी समूह ने मिलकर ‘बार एकजुटता दिवस’ मनाया।

(15th) fifteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पंद्रहवें न्यायाधीश कौन थे?

मिर्जा हमीदुल्ला बेग

नाममिर्जा हमिल्ला बेग
कार्यकाल 28 जनवरी 1977 से 21 फरवरी 1978 तक
कुल अवधि389
अदालतइलाहाबाद उच्च न्यायालय
नियुक्तिफखरुद्दीन अली अहमद
जन्म तिथि22 फरवरी 1913
जन्म स्थानलखनऊ, ब्रिटिश भारत
पिता का नाममिर्जा समीउल्लाह बेग
मृत्यु तिथि19 नवंबर 1988
उपाधिपद्मा विभूषण

मिर्जा हमीदुल्लाह बेग का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ। उनके पिता मिर्जा समीउल्लाह बेग भी हैदराबाद के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और भारत लौटकर एक वकील के रूप में अभ्यास किया। 1949 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किए गए। आगे जाकर वे यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील भी बने। जनवरी 1971 को उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया और 12 दिसंबर 1971 को वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। 28 जनवरी 1977 में वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए।

(16th) sixteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सोलहवें न्यायाधीश कौन थे?

वाई वी चंद्रचूड़

नामवाई वी चंद्रचुड़
कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक
कुल अवधि2696
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिनीलम संजीव रेड्डी
जन्म तिथि12 जुलाई 1920
जन्म स्थानबॉम्बे प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत
माता का नाम 
पिता का नाम 
पत्नी का नामप्रभा
मृत्यु तिथि14 जुलाई 2008
मृत्यु स्थानमुंबई, महाराष्ट्र

यशवंत विष्णु चंद्रचुड़ भारत के 16वे मुख्य न्यायाधीश थे वे 22 फरवरी 1978 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने। 11 जुलाई 1985 को जाकर उनका कार्यकाल खत्म हुआ। यदि उनके करियर के शुरुआती दौर की बात करें तो सबसे पहले उन्हें 1972 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया वे 7 साल 4 महीने तक इस पद पर काबिज रहे और भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश भी बने। इसके अलावा उन्हें आयरन हैंड्स के नाम से भी जाना जाता था। उनके कार्यकाल के दौरान भारत के सबसे उल्लेखनीय मामलों में से एक बंदी प्रत्यक्षीकरण के मामले की भी सुनवाई की गई थी।

(17th) seventeenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सत्रहवें न्यायाधीश कौन थे?

पी एन भगवती

नामपी एन भगवती
कार्यकाल 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक
कुल अवधि526
अदालतगुजरात उच्च न्यायालय
नियुक्तिज़ैल सिंह
जन्म तिथि21 दिसंबर 1921
जन्म स्थानगुजरात
मृत्यु तिथि15 जून 2017
मृत्यु स्थाननई दिल्ली
उपाधिपद्मा विभूषण

पीएन भगवती यानी कि प्रफुल्लचंद नटवरलाल भगवती, भारत के 17वे मुख्य न्यायाधीश थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक रहा एक मुख्य न्यायधीश के अलावा वे गुजरात उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं उन्हें 1973 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।

(18th) eighteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अठारहवें न्यायाधीश कौन थे?

आर एस पाठक

नामआर एस पाठक
कार्यकाल 21 दिसंबर 1986 से 18 जून 1989 तक
कुल अवधि940
अदालतइलाहाबाद उच्च न्यायालय
नियुक्तिज़ैल सिंह
जन्म तिथि25 नवंबर 1924
जन्म स्थानबरेली
माता का नाम 
पिता का नामगोपाल स्वरूप पाठक
पत्नी का नाम 
मृत्यु तिथि17 नवंबर 2007
मृत्यु स्थान दिल्ली
मृत्यु के समय आयु82

रघुनन्दन स्वरूप पाठक भारत के 18वे न्यायाधीश हैं। उनके पिता गोपाल स्वरूप पाठक है जो कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति रह चुके हैं। वे 1978 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उसके कुछ सालों बाद ही 30 दिसंबर 1986 को वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। उन्होंने इस पद में करीब ढाई साल तक काम किया। इस दौरान उन्होंने न्यायालय में कई न्यायाधीशों की नियुक्ति भी की। उनके कार्यकाल के दौरान भोपाल गैस त्रासदी हुई जिसके लिए उन्होंने फैसला लिया था। इसके अलावा वे भारत के उन तीन न्यायाधीशों में शामिल है जो कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में चुने गए थे। 17 नवंबर 2007 को 82 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।

(19th) nineteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उन्नीस्वे न्यायाधीश कौन थे?

इस वेंकटरमैय्या                                   

नामई एस वेंकटरमैय्या
कार्यकाल 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989
कुल अवधि181
अदालतकर्नाटक उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामास्वामी वेंकटरमण
जन्म तिथि18 दिसंबर 1924
मृत्यु तिथि24 सितंबर 1997
मृत्यु के समय आयु72

एंगलगुप्पे सीतारामय्या वेंकटरमैया ने 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989 तक भारत के 19वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1946 में हुई थी लेकिन सफलता उन्हें 1970 में मिली जब कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। मार्च महीने में 1989 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और इसी के कुछ महीनों बाद जून महीने में उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 24 सितंबर 1947 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई।

(20th) Twentieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एस मुखर्जी

नामएस मुखर्जी
कार्यकाल 18 दिसंबर 1989 से 25 सितंबर 1990
कुल अवधि281
अदालतकोलकाता उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामास्वामी वेंकटरमण
जन्म तिथि1 जून 1927
जन्म स्थानकोलकाता
पिता का नामरायबहादुर बिजॉय बिहारी मुखर्जी
मृत्यु तिथि25 सितंबर 1990
मृत्यु स्थानलंदन
मृत्यु के समय आयु63

सब्यसाची मुखर्जी भारत के बीच में मुख्य न्यायाधीश थे। कोलकाता में जन्में मुखर्जी कोलकाता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1949 में कोलकाता उच्च न्यायालय के वकील के रूप में की। उन्हें जुलाई 1968 में कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 1989 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज हुए और इस पद पर 25 सितंबर 1990 तक बने रहे। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान ही 25 सितंबर 1990 को मधुमेह और दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। मुखर्जी भारत के दूसरे ऐसे मुख्य न्यायाधीश हैं जिनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई थी इससे भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश एसजे कनिया की कार्यकाल के दौरान मृत्यु हुई थी।

(21st) Twenty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इक्किसवें न्यायाधीश कौन थे?

 रंगनाथ मिश्र

ामरंगनाथ मिश्र
कार्यकाल 26 सितंबर 1990 से 24 नवंबर 1991
कुल अवधि424
अदालतउड़ीसा उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामास्वामी वेंकटरमण
जन्म तिथि25 नवंबर 1926
जन्म स्थानबानपुर, उड़ीसा
पिता का नामगोदावरी मिश्रा
मृत्यु तिथि13 सितंबर 2012
मृत्यु स्थानभुवनेश्वर

रंगनाथ मिश्रा का संक्षिप्त जीवन परिचय

रंग नाथ मिश्रा का जन्म 25 नवंबर 1926 को हुआ। वे भारत के 21वें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 26 सितंबर 1990 से 24 नवंबर 1991 तक रहा। वे ओडिशा के एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए। उनके पिता एक साहित्यकार तथा कांग्रेस के राजनेता रह चुके थे। रंगनाथ मिश्रा का कानूनी करियर 18 सितंबर 1950 में शुरू हुआ, जब वे उड़ीसा उच्च न्यायालय, कटक के वकील बने। उन्होंने यहां 1969 तक प्रैक्टिस किया। उसके बाद उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में उड़ीसा उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया। वे 6 नवंबर 1980 से लेकर 16 जनवरी 1981 तक उड़ीसा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने रहे। इसके बाद 16 जनवरी 1981 को ही उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 1983 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।

आखिर 25 सितंबर 1990 को जाकर वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज हुए। उनका कार्यकाल 24 नवंबर 1991 में खत्म हुआ जिसके बाद भी वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 1992 में ऑल इंडिया ब्वॉय स्काउट्स एसोसिएशन के मुख्य स्काउट रहे। 1993 में भारत के राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पहले अध्यक्ष तथा कांग्रेस पार्टी और राज्यसभा के सदस्य भी रहे। लंबी बीमारी के चलते 13 सितंबर 2012 को भुवनेश्वर के अस्पताल में उनका निधन हुआ।

(22nd) Twenty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बाइसवें न्यायाधीश कौन थे?

के. एन सिंह

ामकमल नारायण सिंह
कार्यकाल 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक
कुल अवधि17
अदालतइलाहाबाद उच्च न्यायालय
पेशान्यायाधीश
नियुक्तिरामास्वामी वेंकटरमण
जन्म तिथि13 दिसंबर 1926

कमल नारायण सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय

कमल नारायण सिंह भारत के 22वें मुख्य न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक रहा। यह कार्यकाल सिर्फ 17 दिनों था। कमल नारायण सिंह ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1957 में दीवानी, संवैधानिक और कराधान कानून के प्रैक्टिस के रूप में की। 1970 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया 1972 में जाकर वे स्थाई न्यायाधीश बने और 1986 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। इस पद पर वे 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक रहे।

(23rd) Twenty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेइसवें न्यायाधीश कौन थे?

एम. एच कनिया

ामएम.एच कनिया
कार्यकाल 13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992
कुल अवधि340
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामास्वामी वेंकटरमण
जन्म तिथि18 नवंबर 1927
जन्म स्थानमुंबई
पिता का नामहरिलाल जेकिसुन्दास कनिया

मधुकर हरिलाल कानिया का संक्षिप्त जीवन परिचय

एम. एच कनिया भारत के 23वे मुख्य न्यायाधीश थे जिनका जन्म 18 नवंबर 1927 को मुंबई में हुआ। उनके पिता हरिलाल जेकिसुन्दास कनिया थे जो कि भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश रह चुके है। एम.एच कनिया के कानूनी करियर की शुरुआत 1 नवंबर 1949 में हुई जब में हाईकोर्ट में एक वकील के रूप में दाखिल हुए। 14 नवंबर 1969 को वे बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए। 2 नवंबर 1971 में वे यहां के स्थाई न्यायाधीश बने।

1986 में जाकर वे बॉम्बे हाईकोर्ट के ही मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। और अन्तः दिसंबर 1991 में बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए।

(24th) Twenty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौबीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एल. शर्मा

ामललित मोहन शर्मा
कार्यकाल 18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993
कुल अवधि85
अदालतपटना उच्च न्यायालय
नियुक्तिशंकर दयाल शर्मा
जन्म तिथि12 फरवरी 1928
जन्म स्थानगया, बिहार
पिता का नामलाल नारायण सिन्हा
मृत्यु तिथि3 नवंबर 2008
मृत्यु स्थानपटना
मृत्यु के समय आयु80

एल.एम. शर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय

ललित मोहन शर्मा का जन्म 12 फरवरी 1928 को हुआ वह बिहार के गया में पैदा हुए। उनके पिता का नाम लाल नारायण सिन्हा था जो कि 17 जुलाई 1972 से 5 अप्रैल 1977 तक भारत के सॉलिसिटर और अटॉर्नी जनरल थे। ललित मोहन शर्मा ने 18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक 24वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। 3 नवंबर 2008 को पटना में लंबी बीमारी के चलते उनका निधन हो गया।

(25th) Twenty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पच्चीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एम ए वेंकटचेलैय्या

ाममानेपल्ली नारायण राव वेंकटलैया
कार्यकाल 12 फरवरी 1993 से 24 अक्टूबर 1994
कुल अवधि619
अदालतकर्नाटक उच्च न्यायालय
नियुक्तिशंकर दयाल शर्मा
जन्म तिथि25 अक्टूबर 1929
पत्नी का नामपार्वती वेंकटचलैया

एमएन वेंकटचेलैय्या का संक्षिप्त जीवन परिचय

एम.एन वेंकटचेलैय्या भारत के 25वे मुख्य न्यायाधीश है। वे मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 12 फरवरी 1993 में नियुक्त किए गए और 14 अक्टूबर 1994 में वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान समय में वे श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग डीम्ड यूनिवर्सिटी में एक शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। यदि बात की जाए एमएन वेंकटचेलैय्या के कानूनी करियर की तो उन्होंने कानूनी अभ्यास 1991 में प्रारंभ किया। 6 नवंबर 1975 में उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया और आगे जाकर 5 अक्टूबर 1987 में वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।

एमएन वेंकटचेलैय्या जब मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, तब उन्होंने मानव अधिकार मुद्दों तथा भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों पर काम करना शुरू किया। वे 1996 से 1998 तक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में अध्यक्ष पद पर काबिज रहे।

(26th) Twenty-sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छबीसवें न्यायाधीश कौन थे?

ए एम अहमदी

ामअजीज मुब्बर अहमदी
कार्यकाल 25 अक्टूबर 1994 से 24 मार्च 1947
कुल अवधि881
अदालतगुजरात उच्च न्यायालय
नियुक्तिशंकर दयाल शर्मा
जन्म तिथि25 मार्च 1932
जन्म स्थानसूरत
पत्नी का नामआमेना अहमदी

ए एम अहमदी का संक्षिप्त जीवन परिचय

अजीज मुशब्बर अहमदी का जन्म 25 मार्च 1932 में गुजरात के सूरत में हुआ। वे भारत के 26वे मुख्य न्यायाधीश है। ए एम अहमदी के कानूनी कार्यकाल की बात करें, तो उन्हें कानून से स्नातक करने के बाद 1964 में अहमदाबाद की सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। आखिरकार 1976 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम किया। इसमें कालाबाजारी की रोकथाम, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का रखरखाव, विदेशी मुद्रा का संरक्षण तथा तस्करी गतिविधियों की रोकथाम आदि सम्मिलित थे। 24 अक्टूबर 1994 में उन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 1997 में वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए।

(27th) Twenty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सत्ताइसवें न्यायाधीश कौन थे?

जे एस वर्मा

ामजगदीश शरण वर्मा
कार्यकाल 24 मार्च 1997 से 17 जनवरी 1998
कुल अवधि298
अदालतमध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
पेशामुख्य न्यायाधीश
नियुक्तिशंकर दयाल शर्मा
जन्म तिथि18 जनवरी 1933
जन्म स्थानमध्य प्रांत और बरार, ब्रिटिश भारत
पत्नी का नामपुष्पा
बच्चेदो
मृत्यु तिथि22 अप्रैल 2013
मृत्यु स्थानगुड़गांव, हरियाणा

जे. एस वर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय

जे.एस वर्मा भारत के 27वें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका जन्म 18 जनवरी 1933 को मध्य प्रदेश के एक कायस्थ परिवार में हुआ। वे 24 मार्च 1997 से 17 जनवरी 1998 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज रहे। भारत के मुख्य न्यायाधीश होने के साथ ही वे 1999 से 2003 तक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष भी रहे। जेएस वर्मा के विषय में कहा जाता है कि वह भारत के सबसे उच्च सम्मानित मुख्य न्यायाधीशों में से एक हैं।

यदि बात करें उनके कानूनी कैरियर की, तो उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1955 में हुई। सबसे पहले 1959 में वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वकील बने और 1972 में जाकर वे न्यायाधीश नियुक्त किए गए। 1985 में जेएस शर्मा को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। उन्होंने 1986 में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के बतौर अपनी सेवाएं दी और 1989 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए।

(28th) Twenty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अठाइसवें न्यायाधीश कौन थे?

एम एम पूंछी

ाममदन मोहन पुंछी
कार्यकाल 18 जनवरी 1998 से 9 अक्टूबर 1998
कुल अवधि264
अदालतपंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय
नियुक्तिकेआर नारायणन
जन्म तिथि10 अक्टूबर 1933
जन्म स्थानपंजाब
मृत्यु तिथि17 जून 2015

मदन मोहन पुंछी का संक्षिप्त जीवन परिचय

मदन मोहन पुंछी भारत के 28वे मुख्य न्यायाधीश है। वे 18 जनवरी 1998 से 9 अक्टूबर 1998 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज रहे। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1955 में की जिसके बाद 1979 में वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए।

1989 में जाकर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 1998 में वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काबिज हुए। जब 9 अक्टूबर 1998 में वे सेवानिवृत्त हुए तब वे केंद्र राज्य संबंध आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। इस आयोग को पुंछी आयोग के नाम से भी जाना जाता है जिसका काम होता है, केंद्र राज्य के बीच मामलों का निपटारा करना।

(29th) Twenty-ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उन्नतीसवें न्यायाधीश कौन थे?

ए एस आनंद

ामआदर्श सेन आनन्द
कार्यकाल 10 अक्टूबर 1998 से 11 जनवरी 2001
कुल अवधि824
अदालतजम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय
नियुक्तिके आर नारायणन
जन्म तिथि1 नवंबर 1936
मृत्यु तिथि1 दिसंबर 2017

. एस आनंद का संक्षिप्त जीवन परिचय

ए.एस. आंनद भारत के 29वे मुख्य न्यायाधीश है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 10 अक्टूबर 1998 से 11 जनवरी 2001 तक देश की सेवा की। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 9 नवंबर 1964 में की। इस दौरान वे बार काउंसिल में एक वकील के रूप में दाखिल हुए। आगे जाकर वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 26 मई 1975 को वे जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के अलावा वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष रहे।

(30th) Thirtieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एस पी भरूचा

ामसैम पिरोज भरुचा
कार्यकाल 11 जनवरी 2001 से 6 मई 2002
कुल अवधि480
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिके आर नारायणन
जन्म तिथि1 नवंबर 1960
जन्म स्थानगंगतोक, सिक्किम

एस. पी भरुचा का संक्षिप्त जीवन परिचय

एस.पी भरुचा भारत के 30वे मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 11 जनवरी 2001 से 6 मई 2002 तक रहा। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1960 में की। उस दौरान वे हाई कोर्ट के एडवोकेट के रूप में नियुक्त किए गए थे। वे 1977 में अतिरिक्त न्यायाधीश बने जो कि 1978 में जाकर स्थाई हुए। 1991 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। साल 2001 में जाकर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।

(31st) Thirty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इक्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?

बी एन कृपाल

ामभूपिंदर नाथ कृपाल
कार्यकाल 6 मई 2002 से 8 नवंबर 2002
कुल अवधि186
अदालतदिल्ली उच्च न्यायालय
नियुक्तिके आर नारायणन
जन्म तिथि8 नवंबर 1937
पत्नी का नामअरुणा कृपाल
बच्चे3

भूपिंदर नाथ कृपाल का संक्षिप्त जीवन परिचय

भूपेंद्र नाथ कृपाल भारत के तीसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 6 मई 2002 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना कार्यभार संभाला। 8 नवंबर 2002 को जाकर वे सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1962 में एक वकील के रूप में की। 1979 में वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 1993 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 1995 में वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 2002 में जाकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाला। जब वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए तब वे भारतीय वन आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए गए।

(32nd) Thirty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?

जी बी पटनायक

ामगोपाल बल्लव पटनायक
कार्यकाल 8 नवंबर 2002 से 19 दिसंबर 2002
कुल अवधि41
अदालतउड़ीसा उच्च न्यायालय
नियुक्तिएपीजे अब्दुल कलाम
जन्म तिथि19 दिसंबर 1937
जन्म स्थानकटक, ओडिशा
माता का नामबिदुलता देई
पिता का नामराशबिहारी पटनायक
पत्नी का नाममीरा पटनायक
बच्चेअमर, रिंकू, अंजन

गोपाल बल्लव पटनायक का संक्षिप्त जीवन परिचय

गौरव बल्लव पटनायक भारत के 32वे मुख्य न्यायाधीश है। उनका जन्म 19 दिसंबर 1937 में ओडिशा में हुआ। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 8 नवंबर 2002 से 19 दिसंबर 2002 तक रहा। मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले 1962 में उड़ीसा उच्च न्यायालय के वकील के रूप में नामांकित हुए। इसके बाद 1971 में वे उड़ीसा राज्य सरकार के स्थाई वकील बने 1974 में जाकर वे एक अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता बने। इसके अलावा 1983 में उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में उड़ीसा उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया। 1995 में उन्हें पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 8 फरवरी 2002 को जाकर वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन हुए।

(33rd) Thirty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?

वी एन खरे

ामविश्वेश्वर नाथ खरे
कार्यकाल 19 दिसंबर 2002 से 2 मई 2004
कुल अवधि30
अदालतकर्नाटक उच्च न्यायालय
नियुक्तिएपीजे अब्दुल कलाम
जन्म तिथि2 मई 1939
जन्म स्थानइलाहाबाद, उत्तर प्रदेश

विश्वेश्वर नाथ खरे का संक्षिप्त जीवन परिचय

विश्वेश्वर नाथ खरे का जन्म 2 मई 1939 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे भारत के 33वे मुख्य न्यायाधीश थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 19 दिसंबर 2002 से 2 मई 2004 को रहा। यदि बात करें उनके कानूनी करियर की तो, उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1961 में हुई। इस दौरान वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील नियुक्त किए गए। आगे जाकर वे उत्तर प्रदेश सरकार के स्थाई वकील नियुक्त हुए और 25 जून 1983 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। 1996 में वे कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने।

कोलकाता उच्च न्यायालय में उनका कार्यकाल 1 साल का रहा जिसके बाद उन्हें पदोन्नत किया गया और वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। मुख्य न्यायाधीश से सेवानिवृत्ति के बाद वे समय-समय पर टेलीविजन कार्यक्रमों में टिप्पणी देते तथा न्याय शास्त्र से जुड़े मुद्दों पर प्रेस के बीच नजर आए। उन्होंने जेसिका लाल हत्याकांड, गुजरात दंगों में भी टिप्पणियां की। आगे जाकर उन्हें झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाया गया।

साल 2002 में जब विश्वेश्वर नाथ खरे के कार्यकाल के दौरान गुजरात हिंसा हुई थी तब उन्होंने राज्य सरकार और दंगाइयों के बीच मिलीभगत के बारे में टिप्पणी। उनकी इस टिप्पणी की आलोचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करते हुए कहा कि जजों को राजनीति से दूर रहना चाहिए।

वी एन खरे जी को उनके कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजा गया।

(34th) Thirty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौतीसवें न्यायाधीश कौन थे?

. राजेंद्र बाबू

ामएस राजेंद्र बाबू
कार्यकाल 2 मई 2004 से लेकर 1 जून 2004 तक
कुल अवधि30
अदालतकर्नाटक उच्च न्यायालय
नियुक्तिएपीजे अब्दुल कलाम
जन्म तिथि1 जून 1939
जन्म स्थानबैंगलोर

एस राजेंद्र बाबू का संक्षिप्त जीवन परिचय

एस राजेंद्र बाबू भारत के 34वे मुख्य न्यायाधीश है। उनका जन्म बैंगलोर में हुआ। उनका कार्यकाल 2 मई 2004 से लेकर 1 जून 2004 तक रहा। उनका कानूनी करियर 1988 में शुरू हुआ जब वे कर्नाटक उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किए गए। उनका उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय का सफर 25 सितंबर 1997 को पूरा हुआ। जब वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। 1 जून 2004 को वे भारत के मुख्य न्यायाधीश बने और अपने 65वें जन्मदिन पर वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय सुनाए। उन्होंने इंदिरा गांधी हत्याकांड में सिख विरोधी दंगों से संबंधित केस का विश्लेषण किया। उन्होंने मुस्लिम महिला तलाक संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों की व्याख्या की।

मुख्य न्यायाधीश के रूप में जब वे अपने पद से सेवानिवृत्त हुए। तब उसके बाद 2 अप्रैल 2007 में वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष बने। अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल 31 मई 2009 तक रहा। जानकारी के लिए आपको बता दे, वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पांचवें अध्यक्ष है।

(35th) Thirty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पेतीसवें न्यायाधीश कौन थे?

आर सी लहोटी

ामरमेश चंद्र लहोटी
कार्यकाल 1 जून 2004 से लेकर 1 नवंबर 2005 तक
कुल अवधि518
अदालतमध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
नियुक्तिएपीजे अब्दुल कलाम
जन्म तिथि1 नवंबर 1940
जन्म स्थानमध्य प्रदेश
पत्नी का नामकौशल्या लहोटी

रमेश चंद्र लहोटी का संक्षिप्त जीवन परिचय

रमेश चंद्र लहोटी भारत के 35वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका जन्म 1 नवंबर 1940 को हुआ। 1962 में वे एक वकील के रूप में नियुक्त हुए। वे 1 वर्ष तक जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्य करते रहे। इसके बाद 1978 में उन्होंने इस्तीफा दिया और उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस के लिए बार वापस आ गए। उन्हें 3 मई 1988 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। वे 4 अगस्त 1989 को स्थाई जज बने। लेकिन 7 फरवरी 1994 को उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया। वह 9 दिसंबर 1998 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। वह अपने 65 वें जन्मदिन पर सेवानिवृत्त हुए।

(36th) Thirty-sisth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?

ाई के सभरवाल

ामयोगेंद्र कुमार सभरवाल
कार्यकाल 1 नवंबर 2005 से लेकर 13 जनवरी 2007 तक
कुल अवधि438
अदालतदिल्ली उच्च न्यायालय
नियुक्तिएपीजे अब्दुल कलाम
जन्म तिथि14 जनवरी 1942
मृत्यु तिथि3 जुलाई 2015
मृत्यु स्थाननई दिल्ली
मृत्यु के समय आयु73

योगेंद्र कुमार सभरवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय

योगेंद्र कुमार सभरवाल भारत के 36वे मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 1 नवंबर 2005 से लेकर 13 जनवरी 2007 तक रहा। अपने करियर के शुरुआती समय में वे भारतीय रेल के वकील के रूप में कार्यरत रहे। 1980 से लेकर 1986 तक वे केंद्र सरकार के वकील रहे। उन्होंने 1969 से 1973 तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। 17 नवंबर 1986 को वे दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज बने। उन्हें 3 फरवरी 1999 में बॉम्बे हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

इसके कुछ समय बाद ही उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वे 13 जनवरी 2007 को सेवानिवृत्त हुए।

(37th) Thirty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सैंतीसवें न्यायाधीश कौन थे?

.जी. बालकृष्ण

ामकोनकुप्पकतिल गोपीनाथन बालाकृष्णन
कार्यकाल 13 जनवरी 2007 से लेकर 11 मई 2010 तक
कुल अवधि1214
अदालतकेरल उच्च न्यायालय
नियुक्तिएपीजे अब्दुल कलाम
जन्म तिथि12 मई 1945
जन्म स्थानत्रावणकोर, ब्रिटिश भारत

के.जी. बालकृष्णन का संक्षिप्त जीवन परिचय

केजी बालकृष्णन भारत के 37वें मुख्य न्यायाधीश हैं। वे त्रावणकोर के एक दरिद्र परिवार में पैदा हुए। आपको बता दे, त्रावणकोर वर्तमान में केरल राज्य का कोट्टयम जिला है। उनका कार्यकाल 13 जनवरी 2007 से 11 मई 2010 तक रहा। के.जी. बालकृष्णन भारत के पहले मलयाली मुख्य न्यायाधीश थे।

(38th) Thirty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अड़तीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एस. एच कपाड़िया

ामसरोश होमी कपाड़िया
कार्यकाल 12 मई 2010 से लेकर 28 सितंबर 2012 तक
कुल अवधि870
अदालतमुंबई उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रतिभा पाटिल
जन्म तिथि29 सितंबर 1947
जन्म स्थानमुंबई, महाराष्ट्र
पत्नी का नामशहनाज कपाड़िया
मृत्यु तिथि4 जनवरी 2016
मृत्यु स्थानमुंबई
मृत्यु के समय आयु68

एस एच कपाड़िया का संक्षिप्त जीवन परिचय

एस एच कपाड़िया भारत के 38वे मुख्य न्यायाधीश रहे। इस दौरान उनका कार्यकाल 12 मई 2010 से 28 सितंबर 2012 तक रहा। कपाड़िया ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में कि आगे जाकर 1974 में वे बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील बने। उन्हें 1991 में बॉम्बे हाई कोर्ट का ही अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 23 मार्च 1993 को उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में कार्यभार सौपा गया और 5 अगस्त 2003 को वे उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बन गए। 29 सितंबर 2012 में वे सेवानिवृत्त हुए।

(39th) Thirty-ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उनतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

अल्तस कबीर

ामअल्तमास कबीर
कार्यकाल 29 सितंबर 2012 से लेकर 18 जुलाई 2013 तक
कुल अवधि292
अदालतकोलकाता उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रणब मुखर्जी
जन्म तिथि19 जुलाई 1948
जन्म स्थानकोलकाता, पश्चिम बंगाल
पिता का नामजहांगीर कबीर
पत्नी का नाममीना कबीर
मृत्यु तिथि19 फरवरी 2017

अल्तमास कबीर का संक्षिप्त जीवन परिचय

अल्तमस कबीर का जन्म 1948 में कोलकाता में हुआ। वे एक बंगाली मुस्लिम परिवार में जन्मे। उन्होंने अपनी शिक्षा कोलकाता विश्वविद्यालय से पूरी की। उन्होंने यहां कानून का अध्ययन किया। अल्तमस कबीर के पिता का जुड़ाव कांग्रेस से था। उनके पिता कांग्रेस के एक प्रमुख नेता होने के साथ ही ट्रेड यूनियन के सदस्य भी थे। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अल्तमस कबीर कोलकाता उच्च न्यायालय में स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। उन्हें 11 जनवरी 2005 को कोलकाता हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 9 सितंबर 2005 को वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। हालांकि 29 सितंबर 2012 को उन्हें 39वां मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।

उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए इन में मुख्यतः मानव अधिकार और चुनाव कानून से संबंधित निर्णय शामिल थे।

(40th) Fortieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

पी सतशिवम

ामश्री पलानीसामी सतशिवम
कार्यकाल 19 जुलाई 2013 से 27 अप्रैल 2014 तक
कुल अवधि281
अदालतमद्रास उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रणब मुखर्जी
जन्म तिथि27 अप्रैल 1949
जन्म स्थानइरोड जिला, तमिलनाडु
पत्नी का नामसरस्वती सतशिवम

पी सतशिवम का संक्षिप्त जीवन परिचय

पी सतशिवम भारत के 40वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं। वे 19 जुलाई 2013 से 27 अप्रैल 2014 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे। अपने न्यायिक करियर से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 5 सितंबर 2014 से 4 सितंबर 2019 तक केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। पी सतशिवम ऐसे पहले न्यायाधीश भी हैं जो कि पहली बार किसी राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किए गए थे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नियुक्त किया गया था।

यदि बात करें उनकी शुरुआती करियर की तो 25 जुलाई 1973 को उनके करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में हुई। आगे जाकर उन्हें अतिरिक्त सरकारी वकील का पद हासिल हुआ और वे मद्रास उच्च न्यायालय में विशेष सरकारी वकील बने जनवरी 1996 को उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

वे 27 अप्रैल 2014 को मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

(41st) forty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इकतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

राजेंद्र मल लोढ़ा

ामराजेंद्र मल लोढ़ा
कार्यकाल 27 अप्रैल 2014 से 27 सितंबर 2014 तक
कुल अवधि154
अदालतराजस्थान उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रणब मुखर्जी
जन्म तिथि28 सितंबर 1949
जन्म स्थानजोधपुर राजस्थान

राजेंद्र मल लोढ़ा का संक्षिप्त जीवन परिचय

राजेंद्र मल लोढ़ा भारत के 41वे मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। राजेंद्र लोढ़ा के पिता एस.के मल लोढ़ा राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय से पदोन्नत होकर उन्हें पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। आगे जाकर वे राजस्थान उच्च न्यायालय तथा मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के बतौर काम भी कर चुके हैं।

जस्टिस आरएम लोढ़ा ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट को 2 साल तक निलंबित करना शामिल रहा।

(42nd) forty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बयालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एच एल दत्तू

ामहंडयाला लक्ष्मीनारायण स्वामी दत्तु
कार्यकाल 18 सितंबर 2014 से 2 दिसंबर 2015 तक
कुल अवधि430
अदालतकेरल उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रणब मुखर्जी
जन्म तिथि3 दिसंबर 1950
जन्म स्थानकर्नाटक
पिता का नामएच एल नारायणस्वामी

एच एल दत्तु का जीवन परिचय

एच.एल. दत्तू भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश है। उनका जन्म 3 दिसंबर 1950 को हुआ। एक मुख्य न्यायाधीश के बतौर उनका कार्यकाल 18 सितंबर 2014 से लेकर 2 दिसंबर 2015 तक रहा। वे पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे और आगे जाकर वे केरल उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। एच.एल दत्त पूर्व CJI एस राजेंद्र बाबू को अपना गुरु बताते हैं। इसके अलावा उन्होंने कई सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान दिया है।

CJI दत्तु पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके थे। यह आरोप तब लगे जब वे मुख्य न्यायाधीश नहीं थे। उस दौरान न्यायमूर्ति काटजू ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन पर महाभियोग चलाने की मांग की थी।

(43rd) forty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

.एस. ठाकुर

ामतीरथ सिंह ठाकुर
कार्यकाल 3 दिसंबर 2015 से 3 जनवरी 2017 तक
कुल अवधि397
अदालतपंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तथा दिल्ली उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रणब मुखर्जी
जन्म तिथि4 जनवरी 1952
जन्म स्थानरामबन, जम्मू और कश्मीर

तीरथ सिंह ठाकुर का संक्षिप्त जीवन परिचय

तीरथ सिंह ठाकुर भारत के 43वे मुख्य न्यायाधीश रहे। उनके कार्यकाल की शुरुआत 3 दिसंबर 2015 में हुई और वे 4 जनवरी 2017 को सेवानिवृत्त हुए। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा नियुक्त किया गया था। उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1972 में हुई जब उन्होंने वकील के रूप में अपना नामांकन किया। आगे जाकर 1990 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया और 16 फरवरी 1994 को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने।

आगे जाकर 1994 में उन्हें कर्नाटक के उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया और वे सितंबर 1995 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। जुलाई 2004 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। लेकिन असल रूप में उनके मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल की शुरुआत 3 दिसंबर 2015 को हुई वे 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हुए।

(44th) forty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

जगदीश सिंह खेहर

ामजगदीश सिंह खेहर
कार्यकाल 4 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017 तक
कुल अवधि235
पेशान्यायाधीश
अदालतपंजाब हरियाणा उत्तराखंड कर्नाटक उच्च न्यायालय
नियुक्तिप्रणब मुखर्जी
जन्म तिथि28 अगस्त 1952
जन्म स्थाननैरोबी, केन्या
राष्ट्रीयताभारती (1965-वर्तमान)केन्याई (1963 से 1965) ब्रिटिश (1952 से 1963)

जगदीश सिंह खेहर का संक्षिप्त जीवन परिचय

जगदीश सिंह खेहर भारत के पहले सिख समुदाय के मुख्य न्यायाधीश है। उनके वकालत करियर की शुरुआत 1989 से हुई तब से लेकर वे कानूनी क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें।उनके कार्यकाल की शुरुआत 4 जनवरी 2017 को हुई तथा वे 27 अगस्त 2017 को सेवानिवृत्त हुए। भले ही इस दौरान जगदीश सिंह खेहर का कार्यकाल बहुत छोटा रहा, लेकिन अपने छोटे कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें निजता का अधिकार और तीन तलाक सबसे ऐतिहासिक निर्णय माने जाते हैं।

(45th) forty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

दीपक मिश्रा

ामदीपक मिश्रा
कार्यकाल 28 अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर 2018 तक
कुल अवधि400
अदालतदिल्ली, पटना, उड़ीसा उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामनाथ कोविंद
जन्म तिथि3 अक्टूबर 1953
राष्ट्रीयताभारती

दीपक मिश्रा का संक्षिप्त जीवन परिचय

दीपक मिश्रा भारत के 45वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके कार्यकाल की शुरुआत 28 अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर 2018 तक मानी जाती है। इस दौरान वे दिल्ली उच्च न्यायालय, पटना उच्च न्यायालय, उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनके करियर की शुरुआत 14 फरवरी 1977 को हुई जब उन्होंने उड़ीसा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। 1996 में उन्हें उड़ीसा उच्च न्यायालय का ही अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। इसी के अगले साल वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए गए और वहां उन्होंने 19 दिसंबर 1997 तक एक स्थाई न्यायाधीश के बतौर कार्य किया। 2009 को उन्हें प्रमुख नियुक्त करते हुए पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया। आगे जाकर वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 2 अक्टूबर 2018 को 65 साल की आयु में वे सेवानिवृत्त हुए।

(46th) forty-sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छियालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

रंजन गोगोई

ामरंजन गोगोई
कार्यकाल 3 अक्टूबर 2018 से लेकर 17 नवंबर 2019 तक
कुल अवधि410
अदालतपंजाब हरियाणा गुवाहाटी उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामनाथ कोविंद
जन्म तिथि18 नवंबर 1954
जन्म स्थानडिब्रूगढ़, असम
माता का नामशांति गोगोई
पिता का नामकसाब चंद्र गोगोई
पत्नी का नामरूपांजलि गोगोई
बच्चेदो

रंजन गोगोई का संक्षिप्त जीवन परिचय

रंजन गोगोई भारत के पहले असमी न्यायाधीश थे। वे 3 अक्टूबर 2018 से लेकर 17 नवंबर 2019 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश पद पर काबिज रहे। उनके करियर की शुरुआत 1978 में हुई जब वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय में अभ्यास करने लगे। इसके बाद 28 फरवरी 2001 को उन्हें स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके कुछ सालों बाद 9 सितंबर 2010 को वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए गए और 12 फरवरी 2011 में वे यहां के मुख्य न्यायाधीश बने। उन्हें 23 अप्रैल 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 3 अक्टूबर 2018 को जब मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा सेवानिवृत्त हुए तब जाकर रंजन गोगोई को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज किया गया। रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को समाप्त हुआ और वे मुख्य न्यायाधीश का पद छोड़कर 19 मार्च 2020 को राज्यसभा के सांसद बने।

(47th) forty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

एस. ए. बोबडे | सुप्रीम कोर्ट जज लिस्ट 2020

ामशरद अरविंद बोबडे
कार्यकाल 18 नवंबर 2019 से लेकर 23 अप्रैल 2021 तक
कुल अवधि522
अदालतमुंबई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामनाथ कोविंद
जन्म तिथि24 अप्रैल 1956
जन्म स्थाननागपुर, महाराष्ट्र
पिता का नामअरविंद श्रीनिवास बोबडे
पत्नी का नामकामिनी बोबडे
बच्चे3

एस.. बोबडे का संक्षिप्त जीवन परिचय

शरद अरविंद बोबडे भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र में हुआ। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 18 नवंबर 2019 से 23 अप्रैल 2021 तक रहा। बोबडे के परिवार के कई लोगों ने भी देश को अपनी सेवाएं दी। दरअसल, उनके दादा श्रीनिवास रामचंद्र बोबडे एक वकील रह चुके थे। वही उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे, महाराष्ट्र के अधिवक्ता थे। उनके स्वर्गीय बड़े भाई विनोद अरविंद बोबडे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रह चुके थे। पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने अपने कार्यकाल के दौरान कई उल्लेखनीय निर्णय लिए। उनके कार्यकाल के दौरान सबसे महत्वपूर्ण फैसला राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का था। यह फैसला उन्होंने 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया था।

(48th) forty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अड़तालीसवें न्यायाधीश कौन थे?

all the chief justice of India
all the chief justice of India

एन वी रमण

ामनुटलपाटि वेंकटरमण
कार्यकाल 24 अप्रैल 2021
कुल अवधि
अदालतआंध्र प्रदेश दिल्ली उच्च न्यायालय
नियुक्तिरामनाथ कोविंद
जन्म तिथि24 अगस्त 1957
जन्म स्थानपोन्नावरम, आंध्र प्रदेश
पत्नी का नामशिवमाला
बच्चे2 बेटियां

एन वी रम का संक्षिप्त जीवन परिचय

एन. वी. रमण का जन्म 27 अगस्त 1947 को हुआ। वे आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले एक किसान परिवार में पैदा हुए। उनके करियर की शुरुआत 10 फरवरी 1983 में हुई। जब उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। 27 जून साल 2000 को वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश बने। और आगे जाकर 2 सितंबर 2013 को उन्हें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। आगे जाकर 17 फरवरी 2014 को वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद पर काबिज हुए। जब पूर्व न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे सेवानिवृत्त हुए तब जाकर 23 अप्रैल 2021 को एन वी रमण को भारत का 48वां न्यायाधीश बनाया गया।

list of all the chief justice of India in hindi – FAQ


भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति | सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति कौन करता है?

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।

2021 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है?

2021 में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना हैं।

भारत में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना कब हुई? | सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना दिल्ली में कब हुई?

भारत में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 26 जनवरी 1950, को नई दिल्ली मे हुई थी

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में क्या अंतर है?

उच्च न्यायालय सर्वोच्च निकाय है जो राज्य के कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करता है, सुप्रीम कोर्ट देश में न्याय का प्रमुख न्यायालय है जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को उनके पद से कौन हटा सकता है?

सुप्रीम कोर्ट या किसी जज को हटाने का अधिकार सिर्फ़ राष्ट्रपति के पास है।

सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में कौन वृद्धि कर सकता है?

अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय को अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करने तथा सुधारने की शक्ति देता है।

reference-
all the chief justice of India

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