- List of Chief Justice of India- Chief Justice of India- Supreme Court Chief Justice- Mukhya Nyayadhi
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- (1st) First chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश कौन थे?
- (2nd) Second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे न्यायाधीश कौन थे?
- (3rd) Third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश कौन थे?
- (4th) Fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौथे न्यायाधीश कौन थे?
- (5th) Fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पाचवें न्यायाधीश कौन थे?
- (6th) Sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छटे न्यायाधीश कौन थे?
- (7th) Seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सातवें न्यायाधीश कौन ?
- (8th) Eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के आठवें न्यायाधीश कौन थे?
- (9th) Ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के नोवें न्यायाधीश कौन थे?
- (10th) Tenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के दसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (11th) Eleventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के ग्यारवें न्यायाधीश कौन थे?
- (12th) Twelfth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बारहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (13th) Thirteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेरहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (14th) fourteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौदहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (15th) fifteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पंद्रहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (16th) sixteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सोलहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (17th) seventeenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सत्रहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (18th) eighteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अठारहवें न्यायाधीश कौन थे?
- (19th) nineteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उन्नीस्वे न्यायाधीश कौन थे?
- (20th) Twentieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (21st) Twenty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इक्किसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (22nd) Twenty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बाइसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (23rd) Twenty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेइसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (24th) Twenty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौबीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (25th) Twenty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पच्चीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (26th) Twenty-sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छबीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (27th) Twenty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सत्ताइसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (28th) Twenty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अठाइसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (29th) Twenty-ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उन्नतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (30th) Thirtieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (31st) Thirty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इक्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (32nd) Thirty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (33rd) Thirty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (34th) Thirty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (35th) Thirty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पेतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (36th) Thirty-sisth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (37th) Thirty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सैंतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (38th) Thirty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अड़तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (39th) Thirty-ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उनतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (40th) Fortieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (41st) forty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इकतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (42nd) forty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बयालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (43rd) forty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (44th) forty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (45th) forty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (46th) forty-sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छियालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (47th) forty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- (48th) forty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अड़तालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
- list of all the chief justice of India in hindi – FAQ
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- 2021 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है?
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- सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में कौन वृद्धि कर सकता है?
List of Chief Justice of India- Chief Justice of India- Supreme Court Chief Justice- Mukhya Nyayadhi
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भारत के मुख्य न्यायाधीशों के नाम लिस्ट सूची | list of all the chief justice of India in hindi (1950 – 2021) | the chief justice of supreme court | चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया List
नाम | कार्यकाल |
हरिलाल जे. कानिया | 26 जनवरी 1950 – 6 नवंबर 1951 |
एम. पतंजलि शास्त्री | 7 नवंबर 1951 – 3 जनवरी 1954 |
मेहर चंद महाजन | 4 जनवरी 1954 – 22 दिसंबर 1954 |
बी.के. मुखर्जी | 23 दिसंबर 1954 – 31 जनवरी 1956 |
एस.आर. दास | 01 फरवरी 1956 – 30 सितंबर 1959 |
भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा | 1 अक्टूबर 1959 – 31 जनवरी 1964 |
पी.बी. गजेंद्रगडकर | 1 फरवरी 1964 – 15 मार्च 1966 |
ए.के. सरकार | 16 मार्च 1966 – 29 जून 1966 |
के. सुब्बा राव | 30 जून 1966 – 11 अप्रैल 1967 |
के.एन. वांचू | 12 अप्रैल 1967 – 24 फरवरी 1968 |
एम. हिदायतुल्लाह | 25 फरवरी 1968 – 16 दिसंबर 1970 |
आई.सी. शाह | 17 दिसंबर 1970 – 21 जनवरी 1971 |
एस.एम. सीकरी | 22 जनवरी 1971 – 25 अप्रैल 1973 |
ए.एन. रे | 26 अप्रैल 1973 – 27 जनवरी 1977 |
एम.एच. बेग | 28 जनवरी 1977 – 21 फरवरी 1978 |
वाई.वी. चंद्रचूड़ | 22 फरवरी 1978 – 11 जुलाई 1985 |
पीएन भगवती | 12 जुलाई 1985 – 20 दिसंबर 1986 |
आर.एस. पाठक | 21 दिसंबर 1986 – 18 जून 1989 |
ई.एस. वेंकटरमैया | 19 जून 1989 – 17 दिसंबर 1989 |
एस. मुखर्जी | 18 दिसंबर 1989 – 25 सितंबर 1990 |
रंगनाथ मिश्र | 26 सितंबर 1990 – 24 नवंबर 1991 |
के.एन. सिंह | 25 नवंबर 1991 – 12 दिसंबर 1991 |
एम.एच. कानिया | 13 दिसंबर 1991 – 17 नवंबर 1992 |
आई.एम. शर्मा | 18 नवंबर 1992 – 11 फरवरी 1993 |
एम.एन. वेंकटचलैया | 12 फरवरी 1993 – 24 अक्टूबर 1994 |
ए.एम. अहमदी | 25 अक्टूबर 1994 – 24 मार्च 1997 |
जे. एस. वर्मा | 25 मार्च 1997 – 17 जनवरी 1998 |
एम.एम. पंछी | 18 जनवरी 1998 – 9 अक्टूबर 1998 |
ए.एस. आनंद | 10 अक्टूबर 1998 – 31 अक्टूबर 2001 |
एस. पी. भरूचा | 01 नवंबर 2001 – 5 मई 2002 |
बी.एन. कृपाल | 6 मई 2002 – 7 नवंबर 2002 |
जी. बी. पटनायक | 8 नवंबर 2002 – 18 दिसंबर 2002 |
वी. एन. खरे | 19 दिसंबर 2002 – 1 मई 2004 |
एस. राजेंद्र बाबू | 02 मई 2004 – 31 मई 2004 |
आर. सी. लाहोटी | 01 जून 2004 – 31 अक्टूबर 2005 |
वाई. के. सब्बरवाल | 01 नवंबर 2005 – 14 जनवरी 2007 |
के. जी. बालकृष्णन | 14 जनवरी 2007 – 12 मई 2010 |
एस. एच. कपाड़िया | 12 मई 2010 – 28 सितम्बर 2012 |
अल्तमस कबीर | 29 सितम्बर 2012 – 19 जुलाई 2013 |
पालानीसामी सदाशिवम | 19 जुलाई 2013 – 26 अप्रैल 2014 |
राजेन्द्र मल लोढ़ा | 27 अप्रैल 2014 – 27 सितम्बर 2014 |
एच.एल दत्तु | 28 सितम्बर 2014 – 2 दिसंबर 2015 |
तीरथ सिंह ठाकुर | 3 दिसंबर 2015 – 03 जनवरी 2017 |
जगदीश सिंह खेहर | 04 जनवरी 2017 – 27 अगस्त 2017 |
दीपक मिश्रा | 28 अगस्त 2017 – 02 अक्टूबर 2018 |
रंजन गोगोई | 02 अक्टूबर 2018 – 17 नवंबर 2019 |
शरद अरविंद बोबड़े | 18 नवंबर 2019 – 23 अप्रैल 2021 |
एन. वी. रमना | 24 अप्रैल 2021 – अब तक |
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(1st) First chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम न्यायाधीश कौन थे?
हरिलाल जेकिसुनदास कनिया (Harilal J. Kania)
नाम | हरिलाल जेकिसुनदास कनिया |
कार्यकाल | 26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951 |
कुल अवधि | 649 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
पेशा | भारत के प्रमुख न्यायधीश |
नियुक्ति | डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
जन्म तिथि | 03 नवम्बर 1890 |
जन्म स्थान | सूरत, ब्रिटिश भारत (अब गुजरात, भारत) |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
पिता का नाम | जेकिसुनदास |
पत्नी का नाम | कुसुम मेहता |
मृत्यु तिथि | 06 नवंबर 1951 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
हरिलाल जेकिसुनदास कनिया का कार्यकाल (26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951)
26 जनवरी 1950 को भारत एक गणराज्य बना था। तभी हरिलाल जेकिसुनदास कनिया देश के सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में काबिज हुए। इस दौरान उनका कार्यकाल 26 जनवरी 1950 से 6 नवंबर 1951 तक रहा। पूर्व मुख्य न्यायाधीश हरिलाल का जन्म 1890 में गुजरात के सूरत में हुआ। उनके पिता सुंदर श्याम लाल कॉलेज में संस्कृत के प्राध्यापक तथा आगे जाकर प्रधानाचार्य रहे।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद ग्रहण करने से पहले 1930 में वे बंबई उच्च न्यायालय के कार्यकारी न्यायाधीश थे। इस पद पर वे 1933 तक रहे जिसके बाद वे 14 अगस्त 1947 को संघीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज हुए। 26 जनवरी 1950 को जब भारत एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ तब वे देश के सबसे पहले सर्वोच्च न्यायाधीश बने। उन्होंने न्यायाधीश के रूप में शपथ भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सामने ली।
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(2nd) Second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे न्यायाधीश कौन थे?
एम. पतंजलि शास्त्री (M. Patanjali Sastri)
नाम | मंडकोलतुर पतंजलि शास्त्री |
कार्यकाल | 7 नवंबर 1951 से 3 जनवरी 1954 |
कुल अवधि | 788 |
न्यायालय | मद्रास उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
जन्म तिथि | 4 जनवरी 1889 |
जन्म स्थान | तमिलनाडु |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
पिता का नाम | पंडित कृष्ण शास्त्री |
पत्नी का नाम | एम. कामाक्षी अम्माली |
बच्चे | 7 |
मृत्यु तिथि | नई दिल्ली |
मृत्यु के समय आयु | 74 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
एम. पतंजलि शास्त्री (M. Patanjali Sastri) का संक्षिप्त जीवन परिचय
एम. पतंजलि शास्त्री का पूरा नाम मंडकोलतुर पतंजलि शास्त्री है। 1910 में उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से पढ़ाई की 1912 में उन्होंने अपनी LL.B की डिग्री हासिल की और एक वकील के रूप में कार्य किया। वे भारत के दूसरे मुख्य न्यायधीश थे। इस पद पर वे 7 नवंबर 1951 से 3 जनवरी 1954 तक रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें संघीय न्यायालय का न्यायाधीश भी बनाया गया और आगे जाकर वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। शास्त्री इस पद अपनी सेवानिवृत्ति होने तक रहे।
(3rd) Third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश कौन थे?
मेहरचंद महाजन
नाम | मेहरचंद महाजन |
कार्यकाल | 4 जनवरी 1954 से 22 दिसंबर 1954 |
कुल अवधि | 352 दिन |
अदालत | पूर्वी पंजाब उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | डॉ राजेंद्र प्रसाद |
धर्म | हिंदू |
जन्म तिथि | 23 दिसंबर 1889 |
जन्म स्थान | पंजाब, ब्रिटिश भारत (वर्तमान हिमाचल प्रदेश) |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
पिता का नाम | लाला बृज लाल |
पत्नी का नाम | श्रीमती मधु महाजन |
मृत्यु तिथि | 5 अप्रैल 1967 |
मृत्यु के समय आयु | 77 |
मेहरचंद महाजन का संक्षिप्त जीवन परिचय
मेहरचंद महाजन भारत के तीसरे मुख्य न्यायाधीश थे। जब जम्मू कश्मीर में महाराजा हरिश्चंद्र का शासन था तब उस दौरान इस राज्य के विलय में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन जम्मू कश्मीर राज्य के विलय में मेहर चंद महाजन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दरअसल उस दौरान वे जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री थे। 4 जनवरी 1954 में वे भारत के तीसरे प्रमुख न्यायाधीश बने थे तथा 22 दिसंबर 1954 में वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए।
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(4th) Fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौथे न्यायाधीश कौन थे?
बी. के मुखरीजा
नाम | बी के मुखरीजा |
कार्यकाल | 23 दिसंबर 1954 से 31 जनवरी 1956 |
कुल अवधि | 404 दिन |
अदालत | कोलकाता उच्च न्यायालय |
पेशा | भारत के मुख्य न्यायाधीश |
नियुक्ति | डॉ राजेंद्र प्रसाद |
जन्म तिथि | 15 अगस्त 1891 |
माता का नाम | शरत कुमारी देवी |
पिता का नाम | आरडी मुखर्जी |
पत्नी का नाम | लबन्यालता |
मृत्यु तिथि | 1 फरवरी 1956 |
मृत्यु के समय | 64 |
बी. के मुखरीजा का संक्षिप्त जीवन परिचय
बी. के मुखरीजा भारत के मुख्य न्यायधीश के बतौर 22 दिसंबर 1954 को इस पद पर काबिज हुए और 31 जनवरी 1956 तक उन्होंने इस पद पर रहते हुए भारत की सेवा की। वे भारत के चौथे न्यायधीश बने। 404 दिन के कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय फैसले के लिए उनकी नियुक्ति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी।
(5th) Fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पाचवें न्यायाधीश कौन थे?
एस आर दास
नाम | एस आर दास |
कार्यकाल | 1 फरवरी 1956 से 30 सितंबर 1959 |
कुल अवधि | 1337 |
अदालत | कोलकाता उच्च न्यायालय |
पेशा | भारत के मुख्य न्यायाधीश |
नियुक्ति | डॉ राजेंद्र प्रसाद |
जन्म तिथि | 1 अक्टूबर 1894 |
जन्म स्थान | कोलकाता |
माता का नाम | बिनोदिनी दास |
पिता का नाम | राखल चंद्र दास |
पत्नी का नाम | स्वप्ना मजूमदार |
बच्चे | सुरंजन दास, अंजना सेन, सुरहीद रंजन दास |
मृत्यु तिथि | 18 सितंबर 1977 |
मृत्यु के समय आयु | 82 |
एस आर दास का संक्षिप्त जीवन परिचय
एस आर दास का पूरा नाम सुधीरंजन दास है। यह भारत के 5 वे मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज रहे। उन्होंने इस पद पर 1 फरवरी 1956 से 30 सितंबर 1959 तक देश की सेवा की। एक मुख्य न्यायधीश के अलावा वे स्टेट्समैन नामक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। कोलकाता में जन्मे ऐसा एस आर ने अपनी शुरुआती शिक्षा शांतिनिकेतन में की। जहां वे रविंद्र नाथ टैगोर के चार प्रमुख विद्यार्थियों में से एक थे। 18 सितंबर 1970 में एसआर दास की मृत्यु हो गई। उस दौरान उनकी आयु 82 वर्ष थी।
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(6th) Sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छटे न्यायाधीश कौन थे?
बी पी सिन्हा
नाम | बी पी सिन्हा |
कार्यकाल | 1 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964 तक |
कुल अवधि | 1583 |
अदालत | पटना उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | डॉ राजेंद्र प्रसाद |
जन्म तिथि | 1 फरवरी 1899 |
जन्म स्थान | बिहार |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
पिता का नाम | ज्ञात नहीं |
पत्नी का नाम | ज्ञात नहीं |
मृत्यु तिथि | 12 नवंबर 1986 |
बी पी सिन्हा का पूरा नाम भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा था। वे भारत के छठे प्रमुख न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 1 अक्टूबर 1959 से 31 जनवरी 1964 तक था। वे भारत के पहले न्यायाधीश थे जो कि बिहारी थे। उनका जन्म ग्राम गजापुर के हिंदू कायस्थ परिवार में हुआ। बीपी सिन्हा धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे जब वे भारतीय मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए तब वे ज्यादातर अध्यात्मिक गतिविधियों में ही संलिप्त रहे। उनकी मृत्यु 1986 में हुई।
(7th) Seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सातवें न्यायाधीश कौन थे?
पी बी गजेंद्रगडकर
नाम | पी बी गजेंद्रगडकर |
कार्यकाल | 1 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966 तक |
कुल अवधि | 773 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एस राधाकृष्णन |
जन्म तिथि | 16 मार्च 1901 |
जन्म स्थान | सतारा |
माता का नाम | |
पिता का नाम | बाल आचार्य |
पत्नी का नाम | |
मृत्यु तिथि | 12 जून 1981 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
पी बी गजेंद्रगड़कर का संक्षिप्त जीवन परिचय
पी बी गजेंद्रगड़कर का पूरा नाम प्रहलाद बाल आचार्य गजेंद्रगड़कर था। वह मूल रूप से दक्षिण भारत के कर्नाटक से संबंधित थे। वे भारत के सातवें न्यायधीश के तौर पर 1 फरवरी 1964 से 15 मार्च 1966 तक कार्यरत रहे। वे 1945 में मुंबई हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किए गए थे जिसके कुछ सालों बाद 1956 में वह सर्वोच्च न्यायालय के बेंच में पदोन्नत हुए और 1964 में जाकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काबिज हुए। अपने कार्यकाल के दौरान भारत सरकार के अनुरोध पर उन्होंने कई अहम पदों पर कार्य किया। उन्होंने केंद्रीय विधि आयोग, राष्ट्रीय श्रम आयोग तथा बैंक पुरस्कार आयोग जैसे कई प्रमुख लोगों का नेतृत्व भी किया। अपने सेवानिवृत्ति के बाद वे मुंबई विश्वविद्यालय के मानद कुलपति भी बने। उनकी मृत्यु 12 जून 1981 में मुंबई में हूई।
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(8th) Eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के आठवें न्यायाधीश कौन थे?
ए के सरकार
नाम | ए के सरकार |
कार्यकाल | 16 मार्च 1966 से 29 जून 1966 तक |
कुल अवधि | 105 |
अदालत | कोलकाता उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एस राधाकृष्णन |
जन्म तिथि | 29 जून 1901 |
ए के सरकार संक्षिप्त जीवन परिचय
ए के सरकार का पूरा नाम अमन कुमार सरकार है। वे भारत के आठवें सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल 16 मार्च 1966 से 29 जून 1966 तक रहा। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने कोलकाता उच्च न्यायालय में वकालत के अभ्यास से की और 1949 में वे कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद पर काबिज हुए।
(9th) Ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के नोवें न्यायाधीश कौन थे?
के एस राव
नाम | के एस राव |
कार्यकाल | 30 जून 1966 से 11 अप्रैल 1967 तक |
कुल अवधि | 285 |
अदालत | मद्रास उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एस राधाकृष्णन |
जन्म तिथि | 15 जुलाई 1902 |
जन्म स्थान | राजमाहेंदरी |
मृत्यु तिथि | 6 मई 1976 |
मृत्यु स्थान | बेंगलुरु |
कोका सुब्बा राव भारत के नौवें मुख्य न्यायधीश है। इसके अलावा वे आंध्र प्रदेश के भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा की गई थी उनके कार्यकाल के दौरान गोलकनाथ केस जैसे मुख्य निर्णय सुनाए गए थे। उनके कार्य को देखते हैं उन्हें बेंगलुरु विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। एक न्यायधीश के अलावा 1967 में वे भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में भी खड़े हुए। हालांकि वे जाकिर हुसैन से चुनाव हार गए। 6 मई 1976 में उनका निधन हो गया।
(10th) Tenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के दसवें न्यायाधीश कौन थे?
के एन वांचू
नाम | के एस वांचू |
कार्यकाल | 12 अप्रैल 1967 24 फरवरी 1968 |
कुल अवधि | 318 |
अदालत | इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एस राधाकृष्णन |
जन्म तिथि | 25 फरवरी 1903 |
जन्म स्थान | इलाहाबाद |
मृत्यु तिथि | 1988 |
इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में जन्मे कैलाश नाथ वांचू भारत के दसवें मुख्य न्यायधीश थे। इलाहाबाद का होने की वजह से उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के पद पर काम किया। उनके करियर की शुरुआत 1 दिसंबर 1926 को हुई जब वे उत्तर प्रदेश के संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में भारतीय सिविल सेवा में नियुक्त किए गए। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के साथ ही कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वे राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। इसके अलावा वे उत्तर प्रदेश की न्यायिक सुधार समिति के अध्यक्ष, इंदौर फायरिंग जांच आयोग के सदस्य, धौलपुर उत्तराधिकार मामला आयोग के अध्यक्ष, विधि आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं। 24 फरवरी 1968 में वे सेवानिवृत्त हुए।
(11th) Eleventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के ग्यारवें न्यायाधीश कौन थे?
एम हिदायतुल्ला
नाम | एस हिदायतुल्ला |
कार्यकाल | 25 फरवरी 1968 से 16 दिसंबर 1970 |
कुल अवधि | 1025 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | जाकिर हुसैन |
जन्म तिथि | 17 दिसंबर 1905 |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
माता का नाम | |
पिता का नाम | |
पत्नी का नाम | पुष्पा शाह |
मृत्यु तिथि | 18 सितंबर 1992 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
मोहम्मद हिदायतुल्लाह भारत के प्रथम मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका जन्म 17 दिसंबर 1905 को हुआ। मोहम्मद हिदायतुल्लाह के नाम पर कई प्रमुख पद और उपलब्धियां शामिल हैं। दरअसल, वे मध्यप्रदेश के पहले न्यायाधीश भी रह चुके हैं। इसके अलावा उनके समक्ष ऐसे तो अवसर आए जब उन्होंने भारत में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। इसके साथ ही भारत के छठे उपराष्ट्रपति पद पर भी उन्होंने काम किया। मोहम्मद हिदायतुल्लाह के सम्मान में नया रायपुर में हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय स्थापित किया गया था।
(12th) Twelfth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बारहवें न्यायाधीश कौन थे?
जे सी शाह
नाम | जे सी शाह |
कार्यकाल | 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक |
कुल अवधि | 35 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | वी वी गिरी |
जन्म तिथि | 22 जनवरी 1906 |
जन्म स्थान | अहमदाबाद |
मृत्यु तिथि | 4 जनवरी 1991 |
जयंतीलाल छोटेलाल शाह भारत के 12वे मुख्य न्यायाधीश हैं जिनका कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक रहा। अहमदाबाद में जन्मे छोटेलाल शाह, शाह आयोग के प्रमुख रह चुके हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें, जब भारत में आपातकाल की घोषणा की गई थी तब आपातकाल की जांच के लिए आपातकाल जांच अधिनियम 1952 के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा एक शाह आयोग का गठन किया गया था। उस दौरान न्यायमूर्ति जे सी शाह को नियुक्त किया गया ईसाइयों के अंतर्गत उन्होंने अपनी जांच में पाया कि आपातकाल के दौरान कई अधिनियमों की जहां अंदेखी हुई वहीं कई लोगों के अधिकारों का हनन भी हुआ।
(13th) Thirteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेरहवें न्यायाधीश कौन थे?
एस एम सिकरी
नाम | एस. एम सिकरी |
कार्यकाल | 22 जनवरी 1971 से 25 अप्रैल 1973 |
कुल अवधि | 824 |
अदालत | लाहौर उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | वी वी गिरी |
जन्म तिथि | 26 अप्रैल 1908 |
जन्म स्थान | लाहौर, पाकिस्तान |
मृत्यु तिथि | 24 सितंबर 1992 |
सर्व मित्र सिकरी जिन्हें एसएम सीकरी के नाम से भी जाना जाता है भारत के 13 वे मुख्य न्यायाधीश थे 22 जनवरी 1971 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने और 25 अप्रैल 1973 तक इस पद पर सेवाएं देते रहे साल 1930 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी शुरुआती तौर पर वे लाहौर उच्च न्यायालय के एक वकील थे भारत के आजादी के बाद 1949 में वे पंजाब के सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किए गए। इस पद पर उन्होंने 1964 तक कार्य किया और 1964 में जाकर वे भारत के सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीश बन गए। वे ऐसे पहले न्यायधीश थे जो बार से सीधे नियुक्त हो गए थे।
उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मुकदमे में महत्वपूर्ण भूमिका यही वजह है कि उन्हें भारत की संविधान की मूल संरचना सिद्धांत को रेखांकित करने का श्रेय दिया जाता है।
(14th) fourteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौदहवें न्यायाधीश कौन थे?
ए एन रे
नाम | ए एन रे |
कार्यकाल | 26 अप्रैल 1973 से 27 जनवरी 1977 |
कुल अवधि | 1372 |
अदालत | कोलकाता उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | वी वी गिरी |
जन्म तिथि | 29 जनवरी 1912 |
मृत्यु तिथि | 25 दिसंबर 2010 |
मृत्यु स्थान | कोलकाता |
अजीत नाथ रे भारत के 14वे मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका कार्यकाल 26 अप्रैल 1973 से 27 जनवरी 1977 तक रहा। हालांकि ए एन रे की नियुक्ति CJI के रूप में काफी विवादास्पद रही। जब उनकी नियुक्ति की गई थी तब सुप्रीम कोर्ट के तीन वरिष्ठ न्यायधीश जयशंकर मणिलाल शेलत, एएन ग्रोवर तथा केएस हेगड़े को हटा दिया गया था जिसे न्यायपालिका पर हमले के रूप में देखा गया। इसे भारतीय लोकतंत्र में सबसे काला दिन की भी संज्ञा दी गई। उनकी नियुक्ति का विरोध लंबे समय तक जारी रहा और 3 मई 1976 भारत के कानूनी समूह ने मिलकर ‘बार एकजुटता दिवस’ मनाया।
(15th) fifteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पंद्रहवें न्यायाधीश कौन थे?
मिर्जा हमीदुल्ला बेग
नाम | मिर्जा हमिल्ला बेग |
कार्यकाल | 28 जनवरी 1977 से 21 फरवरी 1978 तक |
कुल अवधि | 389 |
अदालत | इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | फखरुद्दीन अली अहमद |
जन्म तिथि | 22 फरवरी 1913 |
जन्म स्थान | लखनऊ, ब्रिटिश भारत |
पिता का नाम | मिर्जा समीउल्लाह बेग |
मृत्यु तिथि | 19 नवंबर 1988 |
उपाधि | पद्मा विभूषण |
मिर्जा हमीदुल्लाह बेग का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ। उनके पिता मिर्जा समीउल्लाह बेग भी हैदराबाद के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और भारत लौटकर एक वकील के रूप में अभ्यास किया। 1949 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किए गए। आगे जाकर वे यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील भी बने। जनवरी 1971 को उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया और 12 दिसंबर 1971 को वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। 28 जनवरी 1977 में वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए।
(16th) sixteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सोलहवें न्यायाधीश कौन थे?
वाई वी चंद्रचूड़
नाम | वाई वी चंद्रचुड़ |
कार्यकाल | 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक |
कुल अवधि | 2696 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | नीलम संजीव रेड्डी |
जन्म तिथि | 12 जुलाई 1920 |
जन्म स्थान | बॉम्बे प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत |
माता का नाम | |
पिता का नाम | |
पत्नी का नाम | प्रभा |
मृत्यु तिथि | 14 जुलाई 2008 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
यशवंत विष्णु चंद्रचुड़ भारत के 16वे मुख्य न्यायाधीश थे वे 22 फरवरी 1978 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने। 11 जुलाई 1985 को जाकर उनका कार्यकाल खत्म हुआ। यदि उनके करियर के शुरुआती दौर की बात करें तो सबसे पहले उन्हें 1972 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। वे 7 साल 4 महीने तक इस पद पर काबिज रहे और भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश भी बने। इसके अलावा उन्हें आयरन हैंड्स के नाम से भी जाना जाता था। उनके कार्यकाल के दौरान भारत के सबसे उल्लेखनीय मामलों में से एक बंदी प्रत्यक्षीकरण के मामले की भी सुनवाई की गई थी।
(17th) seventeenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सत्रहवें न्यायाधीश कौन थे?
पी एन भगवती
नाम | पी एन भगवती |
कार्यकाल | 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक |
कुल अवधि | 526 |
अदालत | गुजरात उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | ज़ैल सिंह |
जन्म तिथि | 21 दिसंबर 1921 |
जन्म स्थान | गुजरात |
मृत्यु तिथि | 15 जून 2017 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
उपाधि | पद्मा विभूषण |
पीएन भगवती यानी कि प्रफुल्लचंद नटवरलाल भगवती, भारत के 17वे मुख्य न्यायाधीश थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक रहा एक मुख्य न्यायधीश के अलावा वे गुजरात उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं उन्हें 1973 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
(18th) eighteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अठारहवें न्यायाधीश कौन थे?
आर एस पाठक
नाम | आर एस पाठक |
कार्यकाल | 21 दिसंबर 1986 से 18 जून 1989 तक |
कुल अवधि | 940 |
अदालत | इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | ज़ैल सिंह |
जन्म तिथि | 25 नवंबर 1924 |
जन्म स्थान | बरेली |
माता का नाम | |
पिता का नाम | गोपाल स्वरूप पाठक |
पत्नी का नाम | |
मृत्यु तिथि | 17 नवंबर 2007 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
मृत्यु के समय आयु | 82 |
रघुनन्दन स्वरूप पाठक भारत के 18वे न्यायाधीश हैं। उनके पिता गोपाल स्वरूप पाठक है जो कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति रह चुके हैं। वे 1978 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उसके कुछ सालों बाद ही 30 दिसंबर 1986 को वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। उन्होंने इस पद में करीब ढाई साल तक काम किया। इस दौरान उन्होंने न्यायालय में कई न्यायाधीशों की नियुक्ति भी की। उनके कार्यकाल के दौरान भोपाल गैस त्रासदी हुई जिसके लिए उन्होंने फैसला लिया था। इसके अलावा वे भारत के उन तीन न्यायाधीशों में शामिल है जो कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में चुने गए थे। 17 नवंबर 2007 को 82 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
(19th) nineteenth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उन्नीस्वे न्यायाधीश कौन थे?
ई इस वेंकटरमैय्या
नाम | ई एस वेंकटरमैय्या |
कार्यकाल | 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989 |
कुल अवधि | 181 |
अदालत | कर्नाटक उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामास्वामी वेंकटरमण |
जन्म तिथि | 18 दिसंबर 1924 |
मृत्यु तिथि | 24 सितंबर 1997 |
मृत्यु के समय आयु | 72 |
एंगलगुप्पे सीतारामय्या वेंकटरमैया ने 19 जून 1989 से 17 दिसंबर 1989 तक भारत के 19वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1946 में हुई थी लेकिन सफलता उन्हें 1970 में मिली जब कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। मार्च महीने में 1989 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और इसी के कुछ महीनों बाद जून महीने में उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 24 सितंबर 1947 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
(20th) Twentieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एस मुखर्जी
नाम | एस मुखर्जी |
कार्यकाल | 18 दिसंबर 1989 से 25 सितंबर 1990 |
कुल अवधि | 281 |
अदालत | कोलकाता उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामास्वामी वेंकटरमण |
जन्म तिथि | 1 जून 1927 |
जन्म स्थान | कोलकाता |
पिता का नाम | रायबहादुर बिजॉय बिहारी मुखर्जी |
मृत्यु तिथि | 25 सितंबर 1990 |
मृत्यु स्थान | लंदन |
मृत्यु के समय आयु | 63 |
सब्यसाची मुखर्जी भारत के बीच में मुख्य न्यायाधीश थे। कोलकाता में जन्में मुखर्जी कोलकाता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1949 में कोलकाता उच्च न्यायालय के वकील के रूप में की। उन्हें जुलाई 1968 में कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। 1989 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज हुए और इस पद पर 25 सितंबर 1990 तक बने रहे। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान ही 25 सितंबर 1990 को मधुमेह और दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। मुखर्जी भारत के दूसरे ऐसे मुख्य न्यायाधीश हैं जिनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई थी इससे भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश एसजे कनिया की कार्यकाल के दौरान मृत्यु हुई थी।
(21st) Twenty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इक्किसवें न्यायाधीश कौन थे?
रंगनाथ मिश्र
नाम | रंगनाथ मिश्र |
कार्यकाल | 26 सितंबर 1990 से 24 नवंबर 1991 |
कुल अवधि | 424 |
अदालत | उड़ीसा उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामास्वामी वेंकटरमण |
जन्म तिथि | 25 नवंबर 1926 |
जन्म स्थान | बानपुर, उड़ीसा |
पिता का नाम | गोदावरीश मिश्रा |
मृत्यु तिथि | 13 सितंबर 2012 |
मृत्यु स्थान | भुवनेश्वर |
रंगनाथ मिश्रा का संक्षिप्त जीवन परिचय
रंग नाथ मिश्रा का जन्म 25 नवंबर 1926 को हुआ। वे भारत के 21वें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 26 सितंबर 1990 से 24 नवंबर 1991 तक रहा। वे ओडिशा के एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए। उनके पिता एक साहित्यकार तथा कांग्रेस के राजनेता रह चुके थे। रंगनाथ मिश्रा का कानूनी करियर 18 सितंबर 1950 में शुरू हुआ, जब वे उड़ीसा उच्च न्यायालय, कटक के वकील बने। उन्होंने यहां 1969 तक प्रैक्टिस किया। उसके बाद उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में उड़ीसा उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया। वे 6 नवंबर 1980 से लेकर 16 जनवरी 1981 तक उड़ीसा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने रहे। इसके बाद 16 जनवरी 1981 को ही उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 1983 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
आखिर 25 सितंबर 1990 को जाकर वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज हुए। उनका कार्यकाल 24 नवंबर 1991 में खत्म हुआ जिसके बाद भी वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 1992 में ऑल इंडिया ब्वॉय स्काउट्स एसोसिएशन के मुख्य स्काउट रहे। 1993 में भारत के राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पहले अध्यक्ष तथा कांग्रेस पार्टी और राज्यसभा के सदस्य भी रहे। लंबी बीमारी के चलते 13 सितंबर 2012 को भुवनेश्वर के अस्पताल में उनका निधन हुआ।
(22nd) Twenty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बाइसवें न्यायाधीश कौन थे?
के. एन सिंह
नाम | कमल नारायण सिंह |
कार्यकाल | 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक |
कुल अवधि | 17 |
अदालत | इलाहाबाद उच्च न्यायालय |
पेशा | न्यायाधीश |
नियुक्ति | रामास्वामी वेंकटरमण |
जन्म तिथि | 13 दिसंबर 1926 |
कमल नारायण सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय
कमल नारायण सिंह भारत के 22वें मुख्य न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक रहा। यह कार्यकाल सिर्फ 17 दिनों था। कमल नारायण सिंह ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1957 में दीवानी, संवैधानिक और कराधान कानून के प्रैक्टिस के रूप में की। 1970 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया 1972 में जाकर वे स्थाई न्यायाधीश बने और 1986 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। इस पद पर वे 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक रहे।
(23rd) Twenty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेइसवें न्यायाधीश कौन थे?
एम. एच कनिया
नाम | एम.एच कनिया |
कार्यकाल | 13 दिसंबर 1991 से 17 नवंबर 1992 |
कुल अवधि | 340 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामास्वामी वेंकटरमण |
जन्म तिथि | 18 नवंबर 1927 |
जन्म स्थान | मुंबई |
पिता का नाम | हरिलाल जेकिसुन्दास कनिया |
मधुकर हरिलाल कानिया का संक्षिप्त जीवन परिचय
एम. एच कनिया भारत के 23वे मुख्य न्यायाधीश थे जिनका जन्म 18 नवंबर 1927 को मुंबई में हुआ। उनके पिता हरिलाल जेकिसुन्दास कनिया थे जो कि भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश रह चुके है। एम.एच कनिया के कानूनी करियर की शुरुआत 1 नवंबर 1949 में हुई जब में हाईकोर्ट में एक वकील के रूप में दाखिल हुए। 14 नवंबर 1969 को वे बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए। 2 नवंबर 1971 में वे यहां के स्थाई न्यायाधीश बने।
1986 में जाकर वे बॉम्बे हाईकोर्ट के ही मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। और अन्तः दिसंबर 1991 में बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए।
(24th) Twenty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौबीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एल.एम शर्मा
नाम | ललित मोहन शर्मा |
कार्यकाल | 18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993 |
कुल अवधि | 85 |
अदालत | पटना उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | शंकर दयाल शर्मा |
जन्म तिथि | 12 फरवरी 1928 |
जन्म स्थान | गया, बिहार |
पिता का नाम | लाल नारायण सिन्हा |
मृत्यु तिथि | 3 नवंबर 2008 |
मृत्यु स्थान | पटना |
मृत्यु के समय आयु | 80 |
एल.एम. शर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय
ललित मोहन शर्मा का जन्म 12 फरवरी 1928 को हुआ वह बिहार के गया में पैदा हुए। उनके पिता का नाम लाल नारायण सिन्हा था जो कि 17 जुलाई 1972 से 5 अप्रैल 1977 तक भारत के सॉलिसिटर और अटॉर्नी जनरल थे। ललित मोहन शर्मा ने 18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक 24वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला। 3 नवंबर 2008 को पटना में लंबी बीमारी के चलते उनका निधन हो गया।
(25th) Twenty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पच्चीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एम एन वेंकटचेलैय्या
नाम | मानेपल्ली नारायण राव वेंकटचलैया |
कार्यकाल | 12 फरवरी 1993 से 24 अक्टूबर 1994 |
कुल अवधि | 619 |
अदालत | कर्नाटक उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | शंकर दयाल शर्मा |
जन्म तिथि | 25 अक्टूबर 1929 |
पत्नी का नाम | पार्वती वेंकटचलैया |
एमएन वेंकटचेलैय्या का संक्षिप्त जीवन परिचय
एम.एन वेंकटचेलैय्या भारत के 25वे मुख्य न्यायाधीश है। वे मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 12 फरवरी 1993 में नियुक्त किए गए और 14 अक्टूबर 1994 में वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान समय में वे श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग डीम्ड यूनिवर्सिटी में एक शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं। यदि बात की जाए एमएन वेंकटचेलैय्या के कानूनी करियर की तो उन्होंने कानूनी अभ्यास 1991 में प्रारंभ किया। 6 नवंबर 1975 में उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया और आगे जाकर 5 अक्टूबर 1987 में वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने।
एमएन वेंकटचेलैय्या जब मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, तब उन्होंने मानव अधिकार मुद्दों तथा भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों पर काम करना शुरू किया। वे 1996 से 1998 तक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में अध्यक्ष पद पर काबिज रहे।
(26th) Twenty-sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छबीसवें न्यायाधीश कौन थे?
ए एम अहमदी
नाम | अजीज मुशब्बर अहमदी |
कार्यकाल | 25 अक्टूबर 1994 से 24 मार्च 1947 |
कुल अवधि | 881 |
अदालत | गुजरात उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | शंकर दयाल शर्मा |
जन्म तिथि | 25 मार्च 1932 |
जन्म स्थान | सूरत |
पत्नी का नाम | आमेना अहमदी |
ए एम अहमदी का संक्षिप्त जीवन परिचय
अजीज मुशब्बर अहमदी का जन्म 25 मार्च 1932 में गुजरात के सूरत में हुआ। वे भारत के 26वे मुख्य न्यायाधीश है। ए एम अहमदी के कानूनी कार्यकाल की बात करें, तो उन्हें कानून से स्नातक करने के बाद 1964 में अहमदाबाद की सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। आखिरकार 1976 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम किया। इसमें कालाबाजारी की रोकथाम, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का रखरखाव, विदेशी मुद्रा का संरक्षण तथा तस्करी गतिविधियों की रोकथाम आदि सम्मिलित थे। 24 अक्टूबर 1994 में उन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 1997 में वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए।
(27th) Twenty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सत्ताइसवें न्यायाधीश कौन थे?
जे एस वर्मा
नाम | जगदीश शरण वर्मा |
कार्यकाल | 24 मार्च 1997 से 17 जनवरी 1998 |
कुल अवधि | 298 |
अदालत | मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय |
पेशा | मुख्य न्यायाधीश |
नियुक्ति | शंकर दयाल शर्मा |
जन्म तिथि | 18 जनवरी 1933 |
जन्म स्थान | मध्य प्रांत और बरार, ब्रिटिश भारत |
पत्नी का नाम | पुष्पा |
बच्चे | दो |
मृत्यु तिथि | 22 अप्रैल 2013 |
मृत्यु स्थान | गुड़गांव, हरियाणा |
जे. एस वर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय
जे.एस वर्मा भारत के 27वें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका जन्म 18 जनवरी 1933 को मध्य प्रदेश के एक कायस्थ परिवार में हुआ। वे 24 मार्च 1997 से 17 जनवरी 1998 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज रहे। भारत के मुख्य न्यायाधीश होने के साथ ही वे 1999 से 2003 तक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष भी रहे। जेएस वर्मा के विषय में कहा जाता है कि वह भारत के सबसे उच्च सम्मानित मुख्य न्यायाधीशों में से एक हैं।
यदि बात करें उनके कानूनी कैरियर की, तो उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1955 में हुई। सबसे पहले 1959 में वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वकील बने और 1972 में जाकर वे न्यायाधीश नियुक्त किए गए। 1985 में जेएस शर्मा को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। उन्होंने 1986 में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के बतौर अपनी सेवाएं दी और 1989 में वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए।
(28th) Twenty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अठाइसवें न्यायाधीश कौन थे?
एम एम पूंछी
नाम | मदन मोहन पुंछी |
कार्यकाल | 18 जनवरी 1998 से 9 अक्टूबर 1998 |
कुल अवधि | 264 |
अदालत | पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | केआर नारायणन |
जन्म तिथि | 10 अक्टूबर 1933 |
जन्म स्थान | पंजाब |
मृत्यु तिथि | 17 जून 2015 |
मदन मोहन पुंछी का संक्षिप्त जीवन परिचय
मदन मोहन पुंछी भारत के 28वे मुख्य न्यायाधीश है। वे 18 जनवरी 1998 से 9 अक्टूबर 1998 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज रहे। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1955 में की जिसके बाद 1979 में वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए।
1989 में जाकर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 1998 में वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काबिज हुए। जब 9 अक्टूबर 1998 में वे सेवानिवृत्त हुए तब वे केंद्र राज्य संबंध आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। इस आयोग को पुंछी आयोग के नाम से भी जाना जाता है जिसका काम होता है, केंद्र राज्य के बीच मामलों का निपटारा करना।
(29th) Twenty-ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उन्नतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
ए एस आनंद
नाम | आदर्श सेन आनन्द |
कार्यकाल | 10 अक्टूबर 1998 से 11 जनवरी 2001 |
कुल अवधि | 824 |
अदालत | जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | के आर नारायणन |
जन्म तिथि | 1 नवंबर 1936 |
मृत्यु तिथि | 1 दिसंबर 2017 |
ए. एस आनंद का संक्षिप्त जीवन परिचय
ए.एस. आंनद भारत के 29वे मुख्य न्यायाधीश है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 10 अक्टूबर 1998 से 11 जनवरी 2001 तक देश की सेवा की। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 9 नवंबर 1964 में की। इस दौरान वे बार काउंसिल में एक वकील के रूप में दाखिल हुए। आगे जाकर वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 26 मई 1975 को वे जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के अलावा वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष रहे।
(30th) Thirtieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एस पी भरूचा
नाम | सैम पिरोज भरुचा |
कार्यकाल | 11 जनवरी 2001 से 6 मई 2002 |
कुल अवधि | 480 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | के आर नारायणन |
जन्म तिथि | 1 नवंबर 1960 |
जन्म स्थान | गंगतोक, सिक्किम |
एस. पी भरुचा का संक्षिप्त जीवन परिचय
एस.पी भरुचा भारत के 30वे मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 11 जनवरी 2001 से 6 मई 2002 तक रहा। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1960 में की। उस दौरान वे हाई कोर्ट के एडवोकेट के रूप में नियुक्त किए गए थे। वे 1977 में अतिरिक्त न्यायाधीश बने जो कि 1978 में जाकर स्थाई हुए। 1991 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। साल 2001 में जाकर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।
(31st) Thirty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इक्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
बी एन कृपाल
नाम | भूपिंदर नाथ कृपाल |
कार्यकाल | 6 मई 2002 से 8 नवंबर 2002 |
कुल अवधि | 186 |
अदालत | दिल्ली उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | के आर नारायणन |
जन्म तिथि | 8 नवंबर 1937 |
पत्नी का नाम | अरुणा कृपाल |
बच्चे | 3 |
भूपिंदर नाथ कृपाल का संक्षिप्त जीवन परिचय
भूपेंद्र नाथ कृपाल भारत के तीसरे मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 6 मई 2002 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना कार्यभार संभाला। 8 नवंबर 2002 को जाकर वे सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1962 में एक वकील के रूप में की। 1979 में वे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 1993 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 1995 में वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने और 2002 में जाकर भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाला। जब वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए तब वे भारतीय वन आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए गए।
(32nd) Thirty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
जी बी पटनायक
नाम | गोपाल बल्लव पटनायक |
कार्यकाल | 8 नवंबर 2002 से 19 दिसंबर 2002 |
कुल अवधि | 41 |
अदालत | उड़ीसा उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एपीजे अब्दुल कलाम |
जन्म तिथि | 19 दिसंबर 1937 |
जन्म स्थान | कटक, ओडिशा |
माता का नाम | बिदुलता देई |
पिता का नाम | राशबिहारी पटनायक |
पत्नी का नाम | मीरा पटनायक |
बच्चे | अमर, रिंकू, अंजन |
गोपाल बल्लव पटनायक का संक्षिप्त जीवन परिचय
गौरव बल्लव पटनायक भारत के 32वे मुख्य न्यायाधीश है। उनका जन्म 19 दिसंबर 1937 में ओडिशा में हुआ। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 8 नवंबर 2002 से 19 दिसंबर 2002 तक रहा। मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले 1962 में उड़ीसा उच्च न्यायालय के वकील के रूप में नामांकित हुए। इसके बाद 1971 में वे उड़ीसा राज्य सरकार के स्थाई वकील बने 1974 में जाकर वे एक अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता बने। इसके अलावा 1983 में उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में उड़ीसा उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया। 1995 में उन्हें पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 8 फरवरी 2002 को जाकर वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन हुए।
(33rd) Thirty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तेत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
वी एन खरे
नाम | विश्वेश्वर नाथ खरे |
कार्यकाल | 19 दिसंबर 2002 से 2 मई 2004 |
कुल अवधि | 30 |
अदालत | कर्नाटक उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एपीजे अब्दुल कलाम |
जन्म तिथि | 2 मई 1939 |
जन्म स्थान | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
विश्वेश्वर नाथ खरे का संक्षिप्त जीवन परिचय
विश्वेश्वर नाथ खरे का जन्म 2 मई 1939 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। वे भारत के 33वे मुख्य न्यायाधीश थे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 19 दिसंबर 2002 से 2 मई 2004 को रहा। यदि बात करें उनके कानूनी करियर की तो, उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1961 में हुई। इस दौरान वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील नियुक्त किए गए। आगे जाकर वे उत्तर प्रदेश सरकार के स्थाई वकील नियुक्त हुए और 25 जून 1983 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। 1996 में वे कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने।
कोलकाता उच्च न्यायालय में उनका कार्यकाल 1 साल का रहा जिसके बाद उन्हें पदोन्नत किया गया और वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। मुख्य न्यायाधीश से सेवानिवृत्ति के बाद वे समय-समय पर टेलीविजन कार्यक्रमों में टिप्पणी देते तथा न्याय शास्त्र से जुड़े मुद्दों पर प्रेस के बीच नजर आए। उन्होंने जेसिका लाल हत्याकांड, गुजरात दंगों में भी टिप्पणियां की। आगे जाकर उन्हें झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाया गया।
साल 2002 में जब विश्वेश्वर नाथ खरे के कार्यकाल के दौरान गुजरात हिंसा हुई थी तब उन्होंने राज्य सरकार और दंगाइयों के बीच मिलीभगत के बारे में टिप्पणी। उनकी इस टिप्पणी की आलोचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करते हुए कहा कि जजों को राजनीति से दूर रहना चाहिए।
वी एन खरे जी को उनके कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजा गया।
(34th) Thirty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एस. राजेंद्र बाबू
नाम | एस राजेंद्र बाबू |
कार्यकाल | 2 मई 2004 से लेकर 1 जून 2004 तक |
कुल अवधि | 30 |
अदालत | कर्नाटक उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एपीजे अब्दुल कलाम |
जन्म तिथि | 1 जून 1939 |
जन्म स्थान | बैंगलोर |
एस राजेंद्र बाबू का संक्षिप्त जीवन परिचय
एस राजेंद्र बाबू भारत के 34वे मुख्य न्यायाधीश है। उनका जन्म बैंगलोर में हुआ। उनका कार्यकाल 2 मई 2004 से लेकर 1 जून 2004 तक रहा। उनका कानूनी करियर 1988 में शुरू हुआ जब वे कर्नाटक उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किए गए। उनका उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय का सफर 25 सितंबर 1997 को पूरा हुआ। जब वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। 1 जून 2004 को वे भारत के मुख्य न्यायाधीश बने और अपने 65वें जन्मदिन पर वे इस पद से सेवानिवृत्त हुए। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय सुनाए। उन्होंने इंदिरा गांधी हत्याकांड में सिख विरोधी दंगों से संबंधित केस का विश्लेषण किया। उन्होंने मुस्लिम महिला तलाक संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों की व्याख्या की।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में जब वे अपने पद से सेवानिवृत्त हुए। तब उसके बाद 2 अप्रैल 2007 में वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष बने। अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल 31 मई 2009 तक रहा। जानकारी के लिए आपको बता दे, वे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पांचवें अध्यक्ष है।
(35th) Thirty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पेतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
आर सी लहोटी
नाम | रमेश चंद्र लहोटी |
कार्यकाल | 1 जून 2004 से लेकर 1 नवंबर 2005 तक |
कुल अवधि | 518 |
अदालत | मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एपीजे अब्दुल कलाम |
जन्म तिथि | 1 नवंबर 1940 |
जन्म स्थान | मध्य प्रदेश |
पत्नी का नाम | कौशल्या लहोटी |
रमेश चंद्र लहोटी का संक्षिप्त जीवन परिचय
रमेश चंद्र लहोटी भारत के 35वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका जन्म 1 नवंबर 1940 को हुआ। 1962 में वे एक वकील के रूप में नियुक्त हुए। वे 1 वर्ष तक जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्य करते रहे। इसके बाद 1978 में उन्होंने इस्तीफा दिया और उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस के लिए बार वापस आ गए। उन्हें 3 मई 1988 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। वे 4 अगस्त 1989 को स्थाई जज बने। लेकिन 7 फरवरी 1994 को उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया। वह 9 दिसंबर 1998 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। वह अपने 65 वें जन्मदिन पर सेवानिवृत्त हुए।
(36th) Thirty-sisth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छत्तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
वाई के सभरवाल
नाम | योगेंद्र कुमार सभरवाल |
कार्यकाल | 1 नवंबर 2005 से लेकर 13 जनवरी 2007 तक |
कुल अवधि | 438 |
अदालत | दिल्ली उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एपीजे अब्दुल कलाम |
जन्म तिथि | 14 जनवरी 1942 |
मृत्यु तिथि | 3 जुलाई 2015 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
मृत्यु के समय आयु | 73 |
योगेंद्र कुमार सभरवाल का संक्षिप्त जीवन परिचय
योगेंद्र कुमार सभरवाल भारत के 36वे मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 1 नवंबर 2005 से लेकर 13 जनवरी 2007 तक रहा। अपने करियर के शुरुआती समय में वे भारतीय रेल के वकील के रूप में कार्यरत रहे। 1980 से लेकर 1986 तक वे केंद्र सरकार के वकील रहे। उन्होंने 1969 से 1973 तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। 17 नवंबर 1986 को वे दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज बने। उन्हें 3 फरवरी 1999 में बॉम्बे हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
इसके कुछ समय बाद ही उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वे 13 जनवरी 2007 को सेवानिवृत्त हुए।
(37th) Thirty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सैंतीसवें न्यायाधीश कौन थे?
के.जी. बालकृष्णन
नाम | कोनकुप्पकतिल गोपीनाथन बालाकृष्णन |
कार्यकाल | 13 जनवरी 2007 से लेकर 11 मई 2010 तक |
कुल अवधि | 1214 |
अदालत | केरल उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | एपीजे अब्दुल कलाम |
जन्म तिथि | 12 मई 1945 |
जन्म स्थान | त्रावणकोर, ब्रिटिश भारत |
के.जी. बालकृष्णन का संक्षिप्त जीवन परिचय
केजी बालकृष्णन भारत के 37वें मुख्य न्यायाधीश हैं। वे त्रावणकोर के एक दरिद्र परिवार में पैदा हुए। आपको बता दे, त्रावणकोर वर्तमान में केरल राज्य का कोट्टयम जिला है। उनका कार्यकाल 13 जनवरी 2007 से 11 मई 2010 तक रहा। के.जी. बालकृष्णन भारत के पहले मलयाली मुख्य न्यायाधीश थे।
(38th) Thirty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अड़तीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एस. एच कपाड़िया
नाम | सरोश होमी कपाड़िया |
कार्यकाल | 12 मई 2010 से लेकर 28 सितंबर 2012 तक |
कुल अवधि | 870 |
अदालत | मुंबई उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रतिभा पाटिल |
जन्म तिथि | 29 सितंबर 1947 |
जन्म स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
पत्नी का नाम | शहनाज कपाड़िया |
मृत्यु तिथि | 4 जनवरी 2016 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
मृत्यु के समय आयु | 68 |
एस एच कपाड़िया का संक्षिप्त जीवन परिचय
एस एच कपाड़िया भारत के 38वे मुख्य न्यायाधीश रहे। इस दौरान उनका कार्यकाल 12 मई 2010 से 28 सितंबर 2012 तक रहा। कपाड़िया ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में कि आगे जाकर 1974 में वे बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील बने। उन्हें 1991 में बॉम्बे हाई कोर्ट का ही अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 23 मार्च 1993 को उन्हें स्थाई न्यायाधीश के रूप में कार्यभार सौपा गया और 5 अगस्त 2003 को वे उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बन गए। 29 सितंबर 2012 में वे सेवानिवृत्त हुए।
(39th) Thirty-ninth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के उनतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
अल्तमास कबीर
नाम | अल्तमास कबीर |
कार्यकाल | 29 सितंबर 2012 से लेकर 18 जुलाई 2013 तक |
कुल अवधि | 292 |
अदालत | कोलकाता उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रणब मुखर्जी |
जन्म तिथि | 19 जुलाई 1948 |
जन्म स्थान | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
पिता का नाम | जहांगीर कबीर |
पत्नी का नाम | मीना कबीर |
मृत्यु तिथि | 19 फरवरी 2017 |
अल्तमास कबीर का संक्षिप्त जीवन परिचय
अल्तमस कबीर का जन्म 1948 में कोलकाता में हुआ। वे एक बंगाली मुस्लिम परिवार में जन्मे। उन्होंने अपनी शिक्षा कोलकाता विश्वविद्यालय से पूरी की। उन्होंने यहां कानून का अध्ययन किया। अल्तमस कबीर के पिता का जुड़ाव कांग्रेस से था। उनके पिता कांग्रेस के एक प्रमुख नेता होने के साथ ही ट्रेड यूनियन के सदस्य भी थे। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अल्तमस कबीर कोलकाता उच्च न्यायालय में स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। उन्हें 11 जनवरी 2005 को कोलकाता हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 9 सितंबर 2005 को वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। हालांकि 29 सितंबर 2012 को उन्हें 39वां मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।
उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए इन में मुख्यतः मानव अधिकार और चुनाव कानून से संबंधित निर्णय शामिल थे।
(40th) Fortieth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
पी सतशिवम
नाम | श्री पलानीसामी सतशिवम |
कार्यकाल | 19 जुलाई 2013 से 27 अप्रैल 2014 तक |
कुल अवधि | 281 |
अदालत | मद्रास उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रणब मुखर्जी |
जन्म तिथि | 27 अप्रैल 1949 |
जन्म स्थान | इरोड जिला, तमिलनाडु |
पत्नी का नाम | सरस्वती सतशिवम |
पी सतशिवम का संक्षिप्त जीवन परिचय
पी सतशिवम भारत के 40वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं। वे 19 जुलाई 2013 से 27 अप्रैल 2014 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे। अपने न्यायिक करियर से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 5 सितंबर 2014 से 4 सितंबर 2019 तक केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। पी सतशिवम ऐसे पहले न्यायाधीश भी हैं जो कि पहली बार किसी राज्य के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किए गए थे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नियुक्त किया गया था।
यदि बात करें उनकी शुरुआती करियर की तो 25 जुलाई 1973 को उनके करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में हुई। आगे जाकर उन्हें अतिरिक्त सरकारी वकील का पद हासिल हुआ और वे मद्रास उच्च न्यायालय में विशेष सरकारी वकील बने जनवरी 1996 को उन्हें मद्रास उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
वे 27 अप्रैल 2014 को मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
(41st) forty-first chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के इकतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
राजेंद्र मल लोढ़ा
नाम | राजेंद्र मल लोढ़ा |
कार्यकाल | 27 अप्रैल 2014 से 27 सितंबर 2014 तक |
कुल अवधि | 154 |
अदालत | राजस्थान उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रणब मुखर्जी |
जन्म तिथि | 28 सितंबर 1949 |
जन्म स्थान | जोधपुर राजस्थान |
राजेंद्र मल लोढ़ा का संक्षिप्त जीवन परिचय
राजेंद्र मल लोढ़ा भारत के 41वे मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। राजेंद्र लोढ़ा के पिता एस.के मल लोढ़ा राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रह चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय से पदोन्नत होकर उन्हें पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। आगे जाकर वे राजस्थान उच्च न्यायालय तथा मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के बतौर काम भी कर चुके हैं।
जस्टिस आरएम लोढ़ा ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट को 2 साल तक निलंबित करना शामिल रहा।
(42nd) forty-second chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के बयालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एच एल दत्तू
नाम | हंडयाला लक्ष्मीनारायण स्वामी दत्तु |
कार्यकाल | 18 सितंबर 2014 से 2 दिसंबर 2015 तक |
कुल अवधि | 430 |
अदालत | केरल उच्च न्यायालय और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रणब मुखर्जी |
जन्म तिथि | 3 दिसंबर 1950 |
जन्म स्थान | कर्नाटक |
पिता का नाम | एच एल नारायणस्वामी |
एच एल दत्तु का जीवन परिचय
एच.एल. दत्तू भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश है। उनका जन्म 3 दिसंबर 1950 को हुआ। एक मुख्य न्यायाधीश के बतौर उनका कार्यकाल 18 सितंबर 2014 से लेकर 2 दिसंबर 2015 तक रहा। वे पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे और आगे जाकर वे केरल उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। एच.एल दत्त पूर्व CJI एस राजेंद्र बाबू को अपना गुरु बताते हैं। इसके अलावा उन्होंने कई सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान दिया है।
CJI दत्तु पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग चुके थे। यह आरोप तब लगे जब वे मुख्य न्यायाधीश नहीं थे। उस दौरान न्यायमूर्ति काटजू ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन पर महाभियोग चलाने की मांग की थी।
(43rd) forty-third chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के तैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
टी.एस. ठाकुर
नाम | तीरथ सिंह ठाकुर |
कार्यकाल | 3 दिसंबर 2015 से 3 जनवरी 2017 तक |
कुल अवधि | 397 |
अदालत | पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय तथा दिल्ली उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रणब मुखर्जी |
जन्म तिथि | 4 जनवरी 1952 |
जन्म स्थान | रामबन, जम्मू और कश्मीर |
तीरथ सिंह ठाकुर का संक्षिप्त जीवन परिचय
तीरथ सिंह ठाकुर भारत के 43वे मुख्य न्यायाधीश रहे। उनके कार्यकाल की शुरुआत 3 दिसंबर 2015 में हुई और वे 4 जनवरी 2017 को सेवानिवृत्त हुए। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा नियुक्त किया गया था। उनके कानूनी करियर की शुरुआत 1972 में हुई जब उन्होंने वकील के रूप में अपना नामांकन किया। आगे जाकर 1990 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया और 16 फरवरी 1994 को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने।
आगे जाकर 1994 में उन्हें कर्नाटक के उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया और वे सितंबर 1995 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। जुलाई 2004 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। लेकिन असल रूप में उनके मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल की शुरुआत 3 दिसंबर 2015 को हुई वे 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हुए।
(44th) forty-fourth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के चौंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
जगदीश सिंह खेहर
नाम | जगदीश सिंह खेहर |
कार्यकाल | 4 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017 तक |
कुल अवधि | 235 |
पेशा | न्यायाधीश |
अदालत | पंजाब हरियाणा उत्तराखंड कर्नाटक उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | प्रणब मुखर्जी |
जन्म तिथि | 28 अगस्त 1952 |
जन्म स्थान | नैरोबी, केन्या |
राष्ट्रीयता | भारतीय (1965-वर्तमान)केन्याई (1963 से 1965) ब्रिटिश (1952 से 1963) |
जगदीश सिंह खेहर का संक्षिप्त जीवन परिचय
जगदीश सिंह खेहर भारत के पहले सिख समुदाय के मुख्य न्यायाधीश है। उनके वकालत करियर की शुरुआत 1989 से हुई तब से लेकर वे कानूनी क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें।उनके कार्यकाल की शुरुआत 4 जनवरी 2017 को हुई तथा वे 27 अगस्त 2017 को सेवानिवृत्त हुए। भले ही इस दौरान जगदीश सिंह खेहर का कार्यकाल बहुत छोटा रहा, लेकिन अपने छोटे कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें निजता का अधिकार और तीन तलाक सबसे ऐतिहासिक निर्णय माने जाते हैं।
(45th) forty-fifth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के पैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
दीपक मिश्रा
नाम | दीपक मिश्रा |
कार्यकाल | 28 अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर 2018 तक |
कुल अवधि | 400 |
अदालत | दिल्ली, पटना, उड़ीसा उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामनाथ कोविंद |
जन्म तिथि | 3 अक्टूबर 1953 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
दीपक मिश्रा का संक्षिप्त जीवन परिचय
दीपक मिश्रा भारत के 45वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके कार्यकाल की शुरुआत 28 अगस्त 2017 से 2 अक्टूबर 2018 तक मानी जाती है। इस दौरान वे दिल्ली उच्च न्यायालय, पटना उच्च न्यायालय, उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उनके करियर की शुरुआत 14 फरवरी 1977 को हुई जब उन्होंने उड़ीसा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। 1996 में उन्हें उड़ीसा उच्च न्यायालय का ही अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। इसी के अगले साल वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए गए और वहां उन्होंने 19 दिसंबर 1997 तक एक स्थाई न्यायाधीश के बतौर कार्य किया। 2009 को उन्हें प्रमुख नियुक्त करते हुए पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया। आगे जाकर वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 2 अक्टूबर 2018 को 65 साल की आयु में वे सेवानिवृत्त हुए।
(46th) forty-sixth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के छियालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
रंजन गोगोई
नाम | रंजन गोगोई |
कार्यकाल | 3 अक्टूबर 2018 से लेकर 17 नवंबर 2019 तक |
कुल अवधि | 410 |
अदालत | पंजाब हरियाणा गुवाहाटी उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामनाथ कोविंद |
जन्म तिथि | 18 नवंबर 1954 |
जन्म स्थान | डिब्रूगढ़, असम |
माता का नाम | शांति गोगोई |
पिता का नाम | कसाब चंद्र गोगोई |
पत्नी का नाम | रूपांजलि गोगोई |
बच्चे | दो |
रंजन गोगोई का संक्षिप्त जीवन परिचय
रंजन गोगोई भारत के पहले असमी न्यायाधीश थे। वे 3 अक्टूबर 2018 से लेकर 17 नवंबर 2019 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश पद पर काबिज रहे। उनके करियर की शुरुआत 1978 में हुई जब वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय में अभ्यास करने लगे। इसके बाद 28 फरवरी 2001 को उन्हें स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके कुछ सालों बाद 9 सितंबर 2010 को वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किए गए और 12 फरवरी 2011 में वे यहां के मुख्य न्यायाधीश बने। उन्हें 23 अप्रैल 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 3 अक्टूबर 2018 को जब मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा सेवानिवृत्त हुए तब जाकर रंजन गोगोई को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर काबिज किया गया। रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को समाप्त हुआ और वे मुख्य न्यायाधीश का पद छोड़कर 19 मार्च 2020 को राज्यसभा के सांसद बने।
(47th) forty-seventh chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के सैंतालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एस. ए. बोबडे | सुप्रीम कोर्ट जज लिस्ट 2020
नाम | शरद अरविंद बोबडे |
कार्यकाल | 18 नवंबर 2019 से लेकर 23 अप्रैल 2021 तक |
कुल अवधि | 522 |
अदालत | मुंबई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामनाथ कोविंद |
जन्म तिथि | 24 अप्रैल 1956 |
जन्म स्थान | नागपुर, महाराष्ट्र |
पिता का नाम | अरविंद श्रीनिवास बोबडे |
पत्नी का नाम | कामिनी बोबडे |
बच्चे | 3 |
एस. ए. बोबडे का संक्षिप्त जीवन परिचय
शरद अरविंद बोबडे भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उनका जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र में हुआ। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 18 नवंबर 2019 से 23 अप्रैल 2021 तक रहा। बोबडे के परिवार के कई लोगों ने भी देश को अपनी सेवाएं दी। दरअसल, उनके दादा श्रीनिवास रामचंद्र बोबडे एक वकील रह चुके थे। वही उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे, महाराष्ट्र के अधिवक्ता थे। उनके स्वर्गीय बड़े भाई विनोद अरविंद बोबडे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रह चुके थे। पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने अपने कार्यकाल के दौरान कई उल्लेखनीय निर्णय लिए। उनके कार्यकाल के दौरान सबसे महत्वपूर्ण फैसला राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का था। यह फैसला उन्होंने 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया था।
(48th) forty-eighth chief justice of India | सर्वोच्च न्यायालय के अड़तालीसवें न्यायाधीश कौन थे?
एन वी रमण
नाम | नुटलपाटि वेंकटरमण |
कार्यकाल | 24 अप्रैल 2021 |
कुल अवधि | – |
अदालत | आंध्र प्रदेश दिल्ली उच्च न्यायालय |
नियुक्ति | रामनाथ कोविंद |
जन्म तिथि | 24 अगस्त 1957 |
जन्म स्थान | पोन्नावरम, आंध्र प्रदेश |
पत्नी का नाम | शिवमाला |
बच्चे | 2 बेटियां |
एन वी रमण का संक्षिप्त जीवन परिचय
एन. वी. रमण का जन्म 27 अगस्त 1947 को हुआ। वे आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले एक किसान परिवार में पैदा हुए। उनके करियर की शुरुआत 10 फरवरी 1983 में हुई। जब उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। 27 जून साल 2000 को वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश बने। और आगे जाकर 2 सितंबर 2013 को उन्हें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। आगे जाकर 17 फरवरी 2014 को वे सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद पर काबिज हुए। जब पूर्व न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे सेवानिवृत्त हुए तब जाकर 23 अप्रैल 2021 को एन वी रमण को भारत का 48वां न्यायाधीश बनाया गया।
list of all the chief justice of India in hindi – FAQ
भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति | सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति कौन करता है?
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
2021 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कौन है?
2021 में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना हैं।
भारत में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना कब हुई? | सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना दिल्ली में कब हुई?
भारत में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना 26 जनवरी 1950, को नई दिल्ली मे हुई थी
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में क्या अंतर है?
उच्च न्यायालय सर्वोच्च निकाय है जो राज्य के कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करता है, सुप्रीम कोर्ट देश में न्याय का प्रमुख न्यायालय है जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को उनके पद से कौन हटा सकता है?
सुप्रीम कोर्ट या किसी जज को हटाने का अधिकार सिर्फ़ राष्ट्रपति के पास है।
सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में कौन वृद्धि कर सकता है?
अनुच्छेद 137 सर्वोच्च न्यायालय को अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करने तथा सुधारने की शक्ति देता है।
reference-
all the chief justice of India