- भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त | List of Chief Election Commissioner of India in Hindi (1950 – 2022)
- List of Chief Election Commissioner of India| Since 1950 to till now
- Election Commissioner of India list with photo | वर्तमान में चुनाव आयुक्त कौन है | अन्य चुनाव आयुक्त कौन है
- (1st) First Election Commissioner of India | प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (2nd) Second Election Commissioner of India | दूसरे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (3rd) Third Election Commissioner of India | तीसरे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (4th) Fourth Election Commissioner of India | चौथे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (5th) Fifth Election Commissioner of India | पांचवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (6th) Sixth Election Commissioner of India | छटे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (7th) Seventh Election Commissioner of India | सातवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (8th) Eighth Election Commissioner of India | आठवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (9th) Ninth Election Commissioner of India | नोवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (10th) Tenth Election Commissioner of India | दसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (11th) Eleventh Election Commissioner of India | ग्यारहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (12th) Twelfth Election Commissioner of India | बारहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (13th) Thirteenth Election Commissioner of India | तेरहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (14th) fourteenth Election Commissioner of India | चौदहवां चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (15th) fifteenth Election Commissioner of India | पंद्रहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (16th) sixteenth Election Commissioner of India | सोलहवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (17th) seventeenth Election Commissioner of India | सत्रहवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (18th) eighteenth Election Commissioner of India | अठारहवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (19th) ninteenth Election Commissioner of India | उन्नीस्वें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (20th) Twentieth Election Commissioner of India | बीसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (21st) Twenty-first Election Commissioner of India | इक्किसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (22nd) Twenty-second Election Commissioner of India | बाइसवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (23rd) Twenty-third Election Commissioner of India | तेइसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
- (24th) Twenty-fourth Election Commissioner of India | चौबीसवें चुनाव आयुक्त कौन थे? | Who is the Election Commissioner of India 2021 | Who is the current Chief Election Commissioner of India | वर्तमान में चुनाव आयुक्त कौन है 2021
- मुख्य चुनाव आयुक्त के कर्तव्य | duties of chief election commissioner
- मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी | Responsibility of CEC
- FAQ – Chief Election Commissioner of India in Hindi
- प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
- भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?
- भारतीय संविधान के कौनसे भाग में चुनाव की व्याख्या की है?
- भारत में निर्वाचन आयोग का प्रमुख दायित्व क्या है?
- वर्तमान समय में निर्वाचन में भाग लेने की न्यूनतम उम्र क्या है?
- भारत में लोकसभा के कितने निर्वाचन क्षेत्र हैं?
- देश में चुनाव कराने का दायित्व किसका है?
भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission Of India-ECI) के प्रमुख को मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम से जाना जाता है। इनकी जिम्मेदारी होती है कि वे भारत में स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से वे चुनाव करवाएं। इनका कार्यकाल 6 साल तक या फिर 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक रहता है। इनकी तनख्वाह और भत्ते भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समान होते हैं। इसके साथ ही उनके निष्कासन की प्रक्रिया भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की तरह ही होती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं जिनमें मतदाता सूचियों को बनाना एवं सभी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के मतदाताओं का पंजीकरण करना, राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह प्रदान करना व उन्हें मान्यता देना। इसके साथ ही यह विभिन्न राजनीतिक दलों तथा उनके उम्मीदवारों को चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता भी प्रदान करता है जिससे कि चुनाव में शक्तियों का दुरुपयोग तथा किसी भी तरह का अनुचित कार्य ना हो।
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भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त | List of Chief Election Commissioner of India in Hindi (1950 – 2022)
नाम | कार्यकाल |
सुकुमार सेन | 21 मार्च, 1950 – 19 दिसंबर, 1958 |
के. वी. के. सुंदरम | 20 दिसंबर, 1958 – 30 सितंबर, 1967 |
एस. पी. सेन वर्मा | 01 अक्टूबर, 1967 – 30 सितंबर, 1972 |
डॉ. नागेंद्र सिंह | 01 अक्टूबर, 1972 – 6 फरवरी, 1973 |
टी. स्वामीनाथन | 07 फरवरी, 1973 – 17 जून, 1977 |
एस.एल. शकधर | 18 जून, 1977 – 17 जून, 1982 |
आर. के. त्रिवेदी | 18 जून, 1982 – 31 दिसंबर, 1985 |
आर. वी. एस. पेरिशास्त्री | 01 जनवरी, 1986 – 25 नवंबर, 1990 |
श्रीमती वी. एस. रमा देवी | 26 नवंबर, 1990 – 11 दिसंबर, 1990 |
टी. एन. शेषन | 12 दिसंबर, 1990 – 11 दिसंबर, 1996 |
एम. एस. गिल | 12 दिसंबर, 1996 – 13 जून, 2001 |
जे. एम. लिंगदोह | 14 जून, 2001 – 7 फरवरी, 2004 |
टी. एस. कृष्णमूर्ति | 08 फरवरी, 2004 – 15 मई, 2005 |
बी. बी. टंडन | 16 मई, 2005 – 29 जून, 2006 |
एन. गोपालस्वामी | 30 जून, 2006 – 20 अप्रैल, 2009 |
नवीन चावला | 21 अप्रैल, 2009 – 29 जुलाई, 2010 |
एस. वाई. कुरैशी | 30 जुलाई, 2010 – 10 जून, 2012 |
वी. एस संपत | 11 जून, 2012 – 15 जनवरी, 2015 |
एच. एस. ब्राह्मा | 16 जनवरी, 2015 – 18 अप्रैल, 2015 |
डॉ. नसीम जैदी | 19 अप्रैल, 2015 – 05 जुलाई, 2017 |
श्री ए.के. जोति | 06 जुलाई, 2017 – 22 जनवरी, 2018 |
श्री ओम प्रकाश रावत | 23 जनवरी, 2018 – 01 दिसंबर, 2018 |
श्री सुनील अरोड़ा | 02 दिसंबर, 2018 – 12 अप्रैल, 2021 |
श्री सुशील चंद्रा | 13 अप्रैल, 2021 – अब तक |
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List of Chief Election Commissioner of India| Since 1950 to till now
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Election Commissioner of India list with photo | वर्तमान में चुनाव आयुक्त कौन है | अन्य चुनाव आयुक्त कौन है
आइए जानते हैं भारत में अब तक नियुक्त किए गए चुनाव आयुक्तों के बारे में:-

(1st) First Election Commissioner of India | प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | सुकुमार सेन |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 21 मार्च 1950 से 19 दिसंबर 1958 तक |
जन्मतिथि | 2 जनवरी 1898 |
जन्म स्थान | बंगाल |
पिता का नाम | अक्षय कुमार सेन |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | गौरी सेन |
बच्चे | 4 |
धर्म | हिंदू |
मृत्यु तिथि | 13 मई 1963 |
मृत्यु के दौरान आयु | 65 वर्ष |
सम्मान | पद्मभूषण |
सुकुमार सेन का संक्षिप्त जीवन परिचय
सुकुमार सेन भारत के सबसे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे। 2 जनवरी हुई 1898 को बंगाल में जन्मे सुकुमार सेन गणित में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं। उन्होंने अपने ही शुरुआती पढ़ाई कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से की। वहीं आगे की पढ़ाई लंदन यूनिवर्सिटी से की। सुकुमार सेन ने सिविल सेवा काफी कम उम्र में कदम रखा, उस दौरान उनकी आयु 22 वर्ष रही होगी। इस दौरान उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों तथा जिलों में काम किया। 1947 में उन्हें पश्चिम बंगाल का शासन सचिव भी बनाया गया। आपको बता दें, उस दौरान शासन सचिव ब्रिटिश राज में IPS अधिकारी की सबसे बड़ी रैंक मानी जाती थी।
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ जिसके बाद स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी चुनौती थी, देश में स्वतंत्र तथा निष्पक्ष तरीके से चुनाव आयोजित करवाना। और यह सब हो पाया सुकुमार सेन की बदौलत जिन्हें भारत का पहला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। जिसके बाद उन्होंने 25 अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 में पहला आम चुनाव आयोजित किया।
उनके कार्यकाल के दौरान 2 आम चुनाव हुए जो कि 1951-52 तथा 1957 आयोजित किए गए। मुख्य चुनाव आयुक्त होने के अलावा वे 15 जून 1960 को शुरू किए गए बर्धमान विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बने। वहीं वे भारत के अलावा सूडान के भी मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी उपलब्धियों और कार्य क्षमता को देखते हुए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यानी कि पद्म भूषण से नवाजा गया। वह इस सम्मान के पहले प्राप्तकर्ताओं में से भी एक माने जाते हैं।
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(2nd) Second Election Commissioner of India | दूसरे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | कल्याण वैद्यनाथ कुट्टूर सुंदरम |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 20 दिसंबर 1958 से 30 सितंबर 1967 तक |
जन्मतिथि | 11 मई 1904 |
जन्म स्थान | कुटूर, मद्रास प्रेसिडेंसी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | लक्ष्मी, इंदिरा सुंदरम |
बच्चे | विवान सुंदरम |
मृत्यु तिथि | 23 सितंबर 1992 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
सम्मान | पद्मा विभूषण (1968) |
कल्याण सुंदरम का संक्षिप्त जीवन परिचय
कल्याण सुंदरम जिन्हें केवीके के नाम से भी जाना जाता है, भारत के दूसरे चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 20 दिसंबर 1958 से 30 सितंबर 1967 तक रहा। जब चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ तो उसके बाद उन्होंने 1968 से 1971 अवधि के दौरान भारत के पांच चुनाव आयोगों की भी अध्यक्षता की। उनके व्यक्ति का जीवन पर दृष्टिपात करें तो उनका दो बार विवाह हुआ। जिनमें से उनकी पहली पत्नी का नाम लक्ष्मी था जिनकी मृत्यु 1934 में हुई थी। इसके बाद उन्होंने इंदिरा शेरगिल से शादी की। उनसे उनका एक बेटा विवान हुआ जो कि स्वयं एक कलाकार है।
कल्याण सुंदरम संस्कृत के भी विद्वान थे। वे संस्कृत लेखक कालिदास की रचनाओं का अनुवाद किया करते थे। उनकी उपलब्धियों व प्रत्येक क्षेत्र में दिए गए उनके योगदानो को देखते हुए साल 1968 में उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार यानी कि पद्मा विभूषण से सम्मानित किया गया।
(3rd) Third Election Commissioner of India | तीसरे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | एसपी सेन वर्मा |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 1 अक्टूबर 1967 से 30 सितंबर 1972 |
एसपी सेन वर्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय
एसपी सिंह वर्मा भारत के तीसरे मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके है। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 1 अक्टूबर 1967 को शुरू हुआ तथा वे इस पद पर 30 सितंबर 1972 तक बने रहे। एसपी वर्मा से पहले कल्याण सुंदरम भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त थे।
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(4th) Fourth Election Commissioner of India | चौथे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | महाराज श्री नागेंद्र सिंह |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 1 अक्टूबर 1972 से 6 फरवरी 1973 तक |
जन्मतिथि | 18 मार्च 1914 |
जन्म स्थान | डूंगरपुर, राजस्थान |
माता का नाम | देवेंद्र कुंवर साहिबा |
पिता का नाम | विजय सिंह |
मृत्यु तिथि | 11 दिसंबर 1988 |
मृत्यु स्थान | नीदरलैंड्स |
सम्मान | पद्मा विभूषण |
नागेंद्र सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय
महाराज श्री नागेंद्र सिंह का जन्म 18 मार्च 1914 में राजस्थान के डूंगरपुर में हुआ। वे भारत के चौथे मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ वे एक भारतीय वकील तथा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा कैंब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज से हासिल की। बाद में वे सिविल सेवा में शामिल हुए और पूर्वी राज्यों के क्षेत्रीय आयुक्त नियुक्त किए गए। इसके साथ ही वे भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रह चुके हैं। इन प्रमुख पदों के अलावा वे रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, भारतीय राष्ट्रपति के सचिव, संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के विशेष सचिव तथा परिवहन महानिदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उनके द्वारा दी गई महत्वपूर्ण सेवाओं तथा उनकी योग्यताओं की वजह से उन्हें पद्म विभूषण से भी नवाजा गया। इसके साथ ही उन्हें 1938 में काम पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। 11 दिसंबर 1988 को नागेंद्र सिंह ने अपनी अंतिम सांसे ली।
(5th) Fifth Election Commissioner of India | पांचवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | तिरुमलराय स्वामीनाथन |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 7 फरवरी 1973 से 17 जून 1977 तक |
टी स्वामीनाथन का संक्षिप्त जीवन परिचय
पी स्वामीनाथन भारत के पांचवें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। वे इस पद पर 7 फरवरी 1973 से 17 जून 1977 तक का बीच अपना कार्यभार संभालते रहें। इसके साथ ही वे भारत के कैबिनेट सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 1 दिसंबर 1970 से 2 नवंबर 1972 तक वे भारत के कैबिनेट सचिव रहे। इसके साथ ही वे भारतीय सिविल सेवा ( ICS) के अंतर्गत आने वाले एक ICS अधिकारी भी रह चुके हैं।
(6th) Sixth Election Commissioner of India | छटे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | एसएल शकधर |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 18 जून 1977 से 17 जून 1982 तक |
जन्मतिथि | 1918 |
पेशा | सिविल सेवक |
मृत्यु तिथि | 2002 |
एस एल शकधर
एसएल शकधर भारत के छठे मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। एक मुख्य चुनाव आयुक्त से पहले वे तीसरी लोकसभा, चौथी लोकसभा तथा पांचवी लोकसभा में पूर्व महासचिव भी रह चुके थे। इतने वर्षों से संसद में कार्य करने की वजह से उनके पास संसदीय मामलों के बारे में व्यापक ज्ञान और अनुभव था। इसके साथ ही उन्होंने भारत के संविधान और संसदीय कार्यवाही के विशेषज्ञ के तौर पर कार्य भी किया। जब वे लोकसभा के महासचिव थे उस दौरान उन्होंने लोकसभा में कुशल कामकाज तथा संसदीय प्रक्रियाओं में उचित बदलाव जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं। वे 1964 से 1973 तक लोकसभा के सचिव रहे आगे जाकर 1973 से 1977 तक उन्होंने लोकसभा के महासचिव के तौर पर कार्यभार संभाला। वहीं वे संसदीय समूह के भी महासचिव बने।
(7th) Seventh Election Commissioner of India | सातवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | रामकृष्ण त्रिवेदी |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 18 जून 1982 से 31 दिसंबर 1985 तक |
जन्मतिथि | 1 जनवरी 1921 |
मृत्यु तिथि | 19 नवंबर 2015 |
मृत्यु स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
आरके त्रिवेदी का संक्षिप्त जीवन परिचय
आरके त्रिवेदी एक भारतीय राजनीतिक तथा भारत के सातवें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वह 18 जून 1982 में मुख्य चुनाव आयुक्त बने तथा वे इस पद पर 31 दिसंबर 1985 तक रहे। जब मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए, तब उन्होंने 26 फरवरी 1986 को गुजरात के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं देनी शुरू कि वे इस पद पर 2 मई 1990 तक रहे।
आरके त्रिवेदी भारत के चुनाव में मतदाता पहचान पत्र की पेशकश करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके साथ ही उन्हें पद्मभूषण से भी नवाजा गया। 19 नवंबर 2015 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उन्होंने अंतिम सांसे ली।
(8th) Eighth Election Commissioner of India | आठवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | आरवीएस पेरी शास्त्री |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 1 जनवरी 1986 से 25 नवंबर 1990 तक |
जन्मतिथि | 11 फरवरी 1929 |
जन्म स्थान | भीमिलिपटनम, आंध्र प्रदेश |
शिक्षा | एम. ए |
मृत्यु तिथि | 25 नवंबर 1990 |
आरवीएस पेरी शास्त्री का संक्षिप्त जीवन परिचय
आरवीएस पेरी शास्त्री भारत के आठवें मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। उन्होंने 1 जनवरी 1986 में मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। वे इस पद पर अपने जीवन की अंतिम घड़ी तक यानी कि 25 नवंबर 1990 तक का काबिज रहे। आरवीएस पैरी शास्त्री ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मद्रास विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पूरी की। उन्होंने इस कॉलेज से अंग्रेजी में मास्टर की डिग्री हासिल की इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का भी कार्य करवाया।
उन्हीं के कार्यकाल के दौरान 1989 के आम चुनाव करवाए। इसके साथ ही उन्हीं के कार्यकाल के दौरान मतदान की आयु को घटाकर 18 वर्ष किया गया था और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जरिए वोटिंग का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था।
(9th) Ninth Election Commissioner of India | नोवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | वी एस रामदेवी |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 26 नवंबर 1990 से 11 दिसंबर 1990 तक |
जन्मतिथि | 15 जनवरी 1934 |
जन्म स्थान | मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु तिथि | 17 अप्रैल 2013 |
मृत्यु स्थान | बेंगलुरू, कर्नाटक |
मृत्यु का कारण | दिल का दौरा |
वी.एस रामदेवी का संक्षिप्त जीवन परिचय
वीएस रामदेवी भारत की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त है। उन्होंने 26 नवंबर 1990 को 9वे मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत की। वे इस पद पर 11 दिसंबर 1990 तक रहीं। मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त होने पर उन्होंने 1 जुलाई 1993 को राज्यसभा के महासचिव के रूप में अपनी सेवाएं देनी शुरू की। वे इस पद पर 25 सितंबर 1997 तक रही। इसके साथ ही वे कर्नाटक की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी है। वे 2 दिसंबर 1999 को कर्नाटक की पहली राज्यपाल बनी थी तथा इस पद पर 20 अगस्त 2002 तक काबिज रहीं। कर्नाटक के अलावा वे हिमाचल प्रदेश की भी राज्यपाल रह चुकी थी।
यदि बात करेंगे शैक्षणिक योग्यता कि तो उन्होंने एमए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद अधिवक्ता के रूप में अपने नाम को दर्ज करवाया था। लेकिन दुर्भाग्यवश 17 अप्रैल 2013 को बेंगलुरु के उनके आवास में उनका हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया।
(10th) Tenth Election Commissioner of India | दसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | टी एन शेषन |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक |
जन्मतिथि | 15 दिसंबर 1932 |
जन्म स्थान | मद्रास प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत (वर्तमान केरल) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | जयलक्ष्मी शेषन |
मृत्यु तिथि | 10 नवंबर 2019 |
मृत्यु स्थान | चेन्नई, तमिलनाडु |
सम्मान | रमन मैग्सेसे पुरस्कार |
टी एन शेषन का संक्षिप्त जीवन परिचय
टी एन शेषन का पूरा नाम तिरुनिलाई नारायण अय्यर शेषन है। वे भारत के दसवें मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। वे इस पद पर 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक अपनी सेवाएं देते रहे। मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा उन्होंने प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वे केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में भी काम कर चुके हैं और आगे जाकर 1989 में वे भारत के 18वे कैबिनेट सचिव भी बने। सरकारी क्षेत्र में किए गए उनकी सेवाओं की वजह से उन्हें 1996 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजा गया।
टीएन शेषन को मुख्यतः उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण चुनावी सुधारों के लिए जाना जाता है। उनके चुनावी सुधारों में मतदाताओं को पैसे देकर वोट खरीदना, चुनाव के दौरान शराब आबांट कर मतदाताओं को लुभाना, चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए सरकारी धन तथा मशीनरी का इस्तेमाल करना, मतदाताओं के बीच जातीय तथा सांप्रदायिक भावनाओं को भुनाना और चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए पूजा स्थलों का इस्तेमाल करना, लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना जैसे कई तरह के कदाचारों के ऊपर पाबंदी लगाई।
(11th) Eleventh Election Commissioner of India | ग्यारहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | मनोहर सिंह गिल |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 12 दिसंबर 1996 से 13 जून 2001 तक |
जन्मतिथि | 14 जून 1936 |
आयु (2021) | 85 |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | विनी गिल |
बच्चे | 3 |
धर्म | सिख |
मनोहर सिंह गिल का संक्षिप्त जीवन परिचय
मनोहर सिंह गिल भारत के 11वे मुख्य चुनाव आयुक्त है। उन्होंने इस पद पर अपना कार्यकाल 12 दिसंबर 1996 को शुरू किया। वे इस पद पर 13 जून 2001 तक बने रहे। यदि बात करें उनके शैक्षणिक योग्यता की तो उन्होंने मसूरी स्थित सेंट जॉर्ज कॉलेज से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और साल 1958 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। 1966 तक में अविभाजित पंजाब के विभिन्न पदों पर कार्य करते रहे जब पंजाब हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में विभाजित हुआ तो उनकी पोस्टिंग महेंद्रगढ़ में उपमंडल मजिस्ट्रेट के रूप में हुई। आगे जाकर 1985 में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के अधीन किसी सचिव के रूप में सेवाएं दी उस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के कृषि मंत्री थे।
वे 1996 में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त बने। उनके कार्यकाल के दौरान उनकी प्रमुख उपलब्धियों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की शुरुआत शामिल थी। जैसा कि आप जानते हैं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की शुरुआत ने, राजनीति के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए। यही वजह थी कि मनोहर सिंह के कार्यों को देखते हुए उन्हें पद्म विभूषण से नवाजा गया।
(12th) Twelfth Election Commissioner of India | बारहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | जेम्स माइकल लिंगदोह |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 14 जून 2001 से 7 फरवरी 2004 |
जन्मतिथि | 8 फरवरी 1939 |
आयु (2021) | 82 |
सम्मान | रमन मैग्सेसे पुरस्कार |
जेम्स माइकल लिंगदोह का संक्षिप्त जीवन परिचय
जेम्स माइकल लिंगदोह 14 जून 2001 से 7 फरवरी 2004 तक भारत के 12वे मुख्य चुनाव आयुक्त रहे। लिंगदोह भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई शिलांग के सेंट एडमंड स्कूल से पूरी की। लिंगदोह के कार्यकाल के दौरान ही गुजरात दंगे हुए। उस दौरान गुजरात में चुनाव करवाए जाने थे लेकिन लिंगदोह तत्काल चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं थे। लिंगदोह ने हमेशा से ही राजनीतिक तथा राजनेताओं का विरोध किया है। उनका कहना था कि वर्तमान की राजनीति गंदी दूषित हो चुकी है तथा ऐसी राजनीति करने वाले राजनेता एक कैंसर की तरह है जिसका कोई इलाज नहीं है।
लिंगदोह के उपलब्धियों तथा उनके द्वारा दी गई महत्वपूर्ण सेवाओं को देखते हुए उन्हें साल 2003 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
(13th) Thirteenth Election Commissioner of India | तेरहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | श्री तरुवई सुबय्या कृष्णमूर्ति |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 8 फरवरी 2004 से 15 मई 2005 तक |
जन्मतिथि | 1941 |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | गीता कृष्णमूर्ति |
बच्चे | कार्तिक, नंदीथा |
टीएस कृष्णमूर्ति का संक्षिप्त जीवन परिचय
टिएस कृष्णमूर्ति भारत के 13वे मुख्य चुनाव आयुक्त है। 8 फरवरी 2004 को वे इस पद पर काबिज हुए तथा 15 मई 2005 तक अपनी सेवाएं देते रहे। उन्हीं के कार्यकाल के दौरान साल 2004 के लोकसभा चुनाव करवाए गए। मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले वह जनवरी 2000 से चुनाव आयोग के आयुक्त के रूप में कार्य करते थे। अपने करियर के शुरुआती दौर में वे भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी थे। साथ ही उन्होंने मद्रास में आयकर अधिकारी के रूप में कार्य किया। आगे जाकर वे भारत सरकार के सचिव बने।
वे मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से सेवानिवृत्ति के बाद अलग-अलग कंपनियों तथा गैर सरकारी संगठनों के बोर्ड के सदस्य के तौर पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने साल 2008 में अपनी पुस्तक मिरेकल्स ऑफ डेमोक्रेसी भी प्रकाशित की है।
(14th) fourteenth Election Commissioner of India | चौदहवां चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | बृज बिहारी टंडन |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 16 मई 2005 से 29 जून 2006 तक |
बीबी टंडन का संक्षिप्त जीवन परिचय
बीबी टंडन भारत के 14वे मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 16 मई 2005 को शुरू हुआ। 29 जून 2006 को उनका कार्यकाल खत्म हुआ। बीबी टंडन मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले आईएएस अफसर भी रह चुके थे। वे 1965 बैच के आईएएस अफसर थे तथा उनका कैडर हिमाचल प्रदेश था।
(15th) fifteenth Election Commissioner of India | पंद्रहवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | एन गोपालस्वामी |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 30 जून 2006 से 20 अप्रैल 2009 तक |
जन्मतिथि | 21 अप्रैल 1944 |
आयु (2021) | 77 |
एन गोपालस्वामी का संक्षिप्त जीवन परिचय
एन गोपालस्वामी भारत के 15वे मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। वे इस पद से साल 2009 में सेवानिवृत्त हुए। चुनाव आयोग में कार्य करने से पहले भी केंद्रीय गृह सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने मानव अधिकार आयोग में संस्कृति विभाग के सचिव तथा राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया। इसके साथ ही उन्होंने योजना आयोग में सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त होने के अलावा उन्हें कलाशेत्र फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में 5 साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था। उनकी उपलब्धियों की वजह से उन्हें साल 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
(16th) sixteenth Election Commissioner of India | सोलहवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | नवीन चावला |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 21 अप्रैल 2009 से 29 जुलाई 2010 तक |
जन्मतिथि | 30 जुलाई 1945 |
आयु (2021) | 76 वर्ष |
शिक्षा | बीए ऑनर्स |
नवीन चावला का संक्षिप्त जीवन परिचय
नवीन चावला भारत के 16वे मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। वे 21 अप्रैल 2009 को मुख्य चुनाव आयुक्त बने थे तथा इस पद से 29 जुलाई 2010 में सेवानिवृत्त हुए। एक मुख्य चुनाव आयुक्त होने के अलावा वे एक सिविल सेवक तथा लेखक भी रह चुके हैं। नवीन चावला एक उम्दा लेखक थे, उन्हें उनके द्वारा लिखी गई मदर टेरेसा की जीवनी के लिए भी जाना जाता है। उनके द्वारा लिखी गई यह जीवनी काफी ज्यादा प्रसिद्ध हुई। चावला के परिजनों का कहना है कि वे मदर टेरेसा से काफी ज्यादा प्रभावित रहे।
चावला मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले एक मजिस्ट्रेट और दिल्ली के आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल चुके थे। इसके साथ ही वे दिल्ली विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके थे। साल 2005 में उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया और साल 2009 में वे मुख्य चुनाव आयुक्त बने।
(17th) seventeenth Election Commissioner of India | सत्रहवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | शहाबुद्दीन याकूब कुरैशी |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 30 जुलाई 2010 से 10 जून 2012 तक |
जन्मतिथि | 11 जून 1947 |
आयु (2021) | 74 |
जन्म स्थान | दिल्ली, ब्रिटिश भारत |
शिक्षा | सेंट स्टीफंस कॉलेज |
शहाबुद्दीन याकूब कुरैशी का संक्षिप्त जीवन परिचय
शहाबुद्दीन याकूब कुरैशी भारत में पहले मुस्लिम चुनाव आयुक्त थे। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 30 जुलाई 2010 को शुरू हुआ तथा वे इस पद पर 10 जून 2012 तक रहे। इसके साथ ही पर खेल मंत्रालय में सचिव के बतौर अपनी सेवाएं दे चुके है। इसके साथ ही शहाबुद्दीन कुरैशी को नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स यूनियन, यूके ने साल 2016 में मानद फेलोशिप से सम्मानित किया। इस सम्मान को उनके साथ शबाना आज़मी और जावेद अख्तर ने हासिल किया।
शहाबुद्दीन को साल 2011 और 12 में द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 100 शक्तिशाली भारतीयों में शामिल किया गया। वर्तमान में वह अंतरराष्ट्रीय चुनाव सलाहकार परिषद के सदस्य हैं।
(18th) eighteenth Election Commissioner of India | अठारहवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | वीरवल्ली सुंदरम संपत |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 11 जून 2012 से 15 जनवरी 2015 तक |
जन्मतिथि | 16 जनवरी 1950 |
जन्म स्थान | वेल्लोर, तमिलनाडु |
आयु (2021) | 71 |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
बच्चे | दो |
वी एस संपत का जीवन परिचय
वीएस संपत साल 2012 से 2015 तक भारत के 18वे मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले उन्होंने 1975 से 1986 तक भारतीय जिलों के जिला कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दी जिला कलेक्टर के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि चक्रवात से राहत का प्रबंधन करना आदि 1990 से 2004 के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देने लगे और कृषि विभाग में सचिव तथा ऊर्जा विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं जब ए ऊर्जा विभाग में प्रमुख सचिव थे उस दौरान आंध्र प्रदेश राज्य में बड़े पैमाने में बिजली सुधार हुए।
बीते कुछ वर्षों में देखा जाए तो उन्होंने केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण पदों में अपनी सेवाएं दी हैं। वे 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्था के महानिदेशक नियुक्त किए गए। बाद में उन्होंने रसायन और पेट्रो केमिकल्स में सचिव पद पर काम किया। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव के प्रचार प्रसार के द्वारा अभद्र भाषा के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया तथा राजनीतिक दलों के भाषणों में होने वाले ध्रुवीकरण को रोकने के भी प्रयास किए। वी एस संपत का मानना है कि संसद में राइट टू रिजेक्ट का अधिकार भी होना चाहिए। उनका कहना है कि लोकतंत्र में अस्वीकार करने के अधिकार का निष्पादन किया जाना जरूरी है।
(19th) ninteenth Election Commissioner of India | उन्नीस्वें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | हरिशंकर ब्रह्मा |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 16 जनवरी 2015 से 18 अप्रैल 2015 तक |
जन्मतिथि | 19 अप्रैल 1950 |
जन्म स्थान | गोसाईगांव, असम |
पिता का नाम | 71 |
शिक्षा | सेंट एंडमंड कॉलेज, शिलांग (B.A.) गुवाहाटी विश्वविद्यालय (M.A.) |
हरिशंकर ब्रह्मा का संक्षिप्त जीवन परिचय
हरिशंकर ब्रह्मा का जन्म असम के गोसाईगांव में हुआ। उन्होंने सेंट एंडमंड कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल की। वहीं गुवाहाटी विश्वविद्यालय से उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में M.A. किया। आगे जाकर वे प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार तथा राज्य सरकार के विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वे विद्युत मंत्रालय में सचिव के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने सीमा प्रबंधन में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया है। इस दौरान उन्होंने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं के बीच बाड़ लगाने तथा सीमा से जुड़ी अन्य ढांचागत कार्यों का निष्पादन किया है। उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत 16 जनवरी 2015 को की तथा वे 18 अप्रैल 2015 तक इस पद पर रहे।
(20th) Twentieth Election Commissioner of India | बीसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | सैयद नसीम अहमद जैदी |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 19 अप्रैल 2015 से 5 जुलाई 2017 तक |
जन्मतिथि | 6 जुलाई 1952 |
आयु (2021) | 69 |
नसीम जैदी का संक्षिप्त जीवन परिचय
नसीम जैदी भारत के 20वे मुख्य चुनाव आयुक्त है। इसके साथ ही वे 1976 बैच उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं। उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी के कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से लोक प्रशासन में मास्टर की डिग्री हासिल की थी। वे साल 2005 से 2008 तक आईसीएसओ परिषद में भारत के स्थाई प्रतिनिधि रह चुके हैं। इसके साथ ही वे नागरिक उड्डयन में महानिदेशक तथा नागरिक उड्डयन में भारत सरकार के सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे 19 अप्रैल 2015 को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त बने उनके कार्यकाल के दौरान ही 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव हुए थे। वे मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से 5 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त हुए।
(21st) Twenty-first Election Commissioner of India | इक्किसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | अचल कुमार ज्योति |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 6 जुलाई 2017 से 22 जनवरी 2018 तक |
जन्मतिथि | 23 जनवरी 1953 |
जन्म स्थान | पंजाब |
अचल कुमार ज्योति का संक्षिप्त जीवन परिचय
अचल कुमार ज्योति 1975 कैडर के एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। इसके साथ ही वे भारत के 21 वे मुख्य चुनाव आयुक्त भी हैं। यह पद उन्होंने 6 जुलाई 2017 को संभाला तथा 23 जनवरी 2018 तक इसी पद पर कार्य करते रहें। यदि बात करें उनकी शिक्षा की तो उन्होंने रसायन विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल की है। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले वे चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने गुजरात सरकार के विभिन्न पदों पर भी कार्य किया। वे गुजरात के मुख्य सचिव, सरदार सरोवर, नर्मदा निगम के प्रबंध निदेशक, जल आपूर्ति विभाग के सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।
अपने कार्यकाल के दौरान वे विवादों में भी रहे। 2017 में जब गुजरात विधानसभा के चुनाव हुए तो उस दौरान उन्होंने आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर राहुल गांधी की एक नोटिस जारी किया जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उन पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए आचार संहिता के उल्लंघन की अनदेखी की।
(22nd) Twenty-second Election Commissioner of India | बाइसवे चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | ओम प्रकाश रावत |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 23 जनवरी 2018 से 1 दिसंबर 2018 तक |
जन्मतिथि | 2 दिसंबर 1953 |
जन्म स्थान | उत्तर प्रदेश |
पद | भारत के 22वें मुख्य चुनाव आयुक्त |
ओम प्रकाश रावत का संक्षिप्त जीवन परिचय
ओम प्रकाश रावत मध्य प्रदेश के 1977 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। इसके साथ ही वे भारत के 22वे मुख्य चुनाव आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी कार्य कर चुके हैं। यदि बात करें, उनकी शैक्षणिक योग्यता की तो उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीएससी तथा एमएससी की है। उन्होंने 14 अगस्त 2015 को दो चुनाव आयुक्तों में से एक के रूप में अपना पद ग्रहण किया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव जिनमें केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश आदि के विधानसभा चुनावों को आयोजित किया। उनके कार्यकाल के दौरान ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव भी कराए गए।
अचल कुमार ज्योति के कार्यकाल के बाद वे 23 जनवरी 2018 को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त बने और 65 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद में 1 दिसंबर 2018 को इस पद से सेवानिवृत्त हुए।
(23rd) Twenty-third Election Commissioner of India | तेइसवें चुनाव आयुक्त कौन थे?
नाम | सुनील अरोड़ा |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 2 दिसंबर 2018 से 12 अप्रैल 2021 तक |
जन्मतिथि | 13 अप्रैल 1956 |
जन्म स्थान | होशियारपुर, पंजाब |
शिक्षा | अंग्रेजी में स्नातकोत्तर, पंजाब विश्वविद्यालय |
सुनील अरोड़ा का संक्षिप्त जीवन परिचय
सुनील अरोड़ा भारत के 23वे मुख्य चुनाव आयुक्त हैं तथा वे इस पद पर 2 दिसंबर 2018 को नियुक्त किए गए थे। वे 12 अप्रैल 2021 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे। इसके अलावा वे 1980 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी रह चुके हैं। सुनील अरोड़ा के दो भाई हैं जिनमें से एक आईएएस अधिकारी है जबकि दूसरे भारतीय विदेश सेवा में राजनीतिज्ञ के पद पर कार्यरत हैं। सुनील अरोड़ा ने एक मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा भारत सरकार तथा राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। इसके अलावा वे भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं।
(24th) Twenty-fourth Election Commissioner of India | चौबीसवें चुनाव आयुक्त कौन थे? | Who is the Election Commissioner of India 2021 | Who is the current Chief Election Commissioner of India | वर्तमान में चुनाव आयुक्त कौन है 2021
नाम | सुशील चंद्र |
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल | 13 अप्रैल 2021 से अब तक |
जन्मतिथि | 15 मई 1957 |
आयु | 64 |
सुशील चंद्र का संक्षिप्त जीवन परिचय
सुशील चंद्र भारत के वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। इसके साथ ही वे 1980 बैच के भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी के पद पर भी कार्यरत है। सुशील चंद्र ने रुड़की विश्वविद्यालय तथा डीएवी कॉलेज देहरादून से बीटेक और एलएलबी की पढ़ाई की है। इसके बाद वे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, बैंगलोर में मैनेजमेंट का प्रशिक्षण भी हासिल कर चुके हैं। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में कार्य करना शुरू किया। आगे जाकर 1980 में वह भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हुए।
उन्हें 15 फरवरी 2019 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया तथा वे 13 अप्रैल 2021 को मुख्य चुनाव आयुक्त बने।
मुख्य चुनाव आयुक्त के कर्तव्य | duties of chief election commissioner
मुख्य चुनाव आयुक्त के कर्तव्य निम्न प्रकार हैं-
- वोट देने का हकदार कौन है यह तय करना
- उम्मीदवारों के नामांकन की निगरानी करता है
- राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है
- चुनाव प्रचार को संपन्न करता है
- उम्मीदवारों द्वारा वित्त पोषण की जाँच
- मीडिया द्वारा चुनाव के कवरेज की सुविधा
- मतदान केंद्रों का निर्धारण और चुनाव का आयोजन
- मतों की गिनती में जाँच
- परिणामों की घोषणा
मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी | Responsibility of CEC
- कोई पक्षपात न हो
- पारदर्शिता की कमी नहीं होनी चाहिए
- पक्ष्पात नही होता चाहिए
- हेरफेर और पक्षपात करने की अनुमति न दें
FAQ – Chief Election Commissioner of India in Hindi
प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
भारत के प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुकुमार सेन थे
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है।
भारतीय संविधान के कौनसे भाग में चुनाव की व्याख्या की है?
भारत के संविधान के अनुच्छेकद 324(1) के अन्तर्गत, भारत निर्वाचन आयोग के पास निर्वाचन आयोजित करने के संचालन, निदेशन और नियन्त्रण की शक्ति निहित है।
भारत में निर्वाचन आयोग का प्रमुख दायित्व क्या है?
भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ एवं राज्य निर्वाचन प्रक्रियाओं का संचालन करने के लिए उत्तरदायी है।
वर्तमान समय में निर्वाचन में भाग लेने की न्यूनतम उम्र क्या है?
राज्य सभा के लिए यह आयु 30 वर्ष है।
भारत में लोकसभा के कितने निर्वाचन क्षेत्र हैं?
भारत में 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र हैं
देश में चुनाव कराने का दायित्व किसका है?
संविधान ने अनुच्छेद 324 में ही निर्वाचन आयोग को चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी है।