सही फैसला – जातक कथाएँ | Jatak Story In Hindi | Sahi Faisla jatak katha in hindi

सही फैसला – जातक कथाएँ | Jatak Story In Hindi | Sahi Faisla jatak katha in hindi

गाँव के रास्ते पर जहरीले फलों का एक वृक्ष लगा था। मुसाफिर उस पेड़ की छाँव में विश्राम करते और जहरीले फलों की ओर लालच भरी नजर से देखते। फल रसाल और सुस्वादु थे, मगर जहरीले थे।

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यदा कदा कोई मुसाफिर अज्ञानतावश उन जहरीले फलों को खाकर मर जाता था तो कुछ लुटेरे, जो यहाँ घात लगाकर इंतजार करते रहते थे, उसका माल असबाब ले उड़ते थे।

Sahi Faisla jatak katha
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एक दिन मुसाफिरों का एक काफिला उस पेड़ के नीचे विश्राम के लिए रुका। कुछ लोग उस पेड़ के रसीले फलों को तोड़ने लगे। इतने में काफिले के सरदार की नजर उन पर पड़ी। सरदार ने उन्हें रोका और कहा, इन फलों को मत खाओ। ये जहरीले हैं। लोगों ने उससे पूछा कि कैसे ?

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सरदार ने कहा, ‘यह पेड़ गाँव के किनारे है, परंतु फिर भी फलों से लदा है। इसका अर्थ है कि यह जरूर अनुपयोगी और जहरीला होगा। इसे मुसाफिर अज्ञानतावश खाकर मर भी जाते होंगे।’

ऐसा कहकर उसने उस पेड़ को काटने का आदेश दे दिया, ताकि भूल वश कोई अन्य मुसाफिर उन फलों को खाकर मुसीबत में न आ जाए।

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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